6 पद्य साहित्य का विकास for class 10th mp board ncert hindi

6 पद्य साहित्य का विकास

प्रश्न 1. रीतिकाल के हिन्दी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-रीतिकाल हिन्दी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ इस प्रकार है-
(1) शृंगारिकता-रीतिकालीन कविता में श्रृंगार के संयोग तथा वियोग वर्णन की प्रधानता है। इनमें भी संयोग शृंगार के चित्रण में इस युग के कवियों का मन अधिक रमा है।
(2) चमत्कार प्रधानता-आश्रयदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस युग के कवियों ने चमत्कारपूर्ण काव्य की रचना को है।
(3) लक्ष्य ग्रन्थों की रचना-इस काल में नायक-नायिका भेद, अलंकार-छन्द आदि की परिभाषा, उदाहरण आदि प्रस्तुत करते हुए लक्ष्य-ग्रन्थों की रचना की गयी है।
(4) भक्ति-नीति प्रकृति का चित्रण-इस कविता में भक्ति भावना, नीतिपरक उपदेशों तथा प्रकृति के विविध रूपों का अंकन रीतिकालीन कविता में हुआ है।
(5) वीर रस-रीतिकाल में यद्यपि शृंगार की प्रधानता रही फिर भी भूषण, लाल आदि के काव्य में वीर रस का श्रेष्ठ अंकन हुआ है।
(6) कलात्मकता-रीतिकालीन काव्य में काव्य के कलापक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया। शब्द चयन, अलंकरण, उक्ति वैचित्र्य आदि के द्वारा कविता कामिनी को आकर्षक बनाया गया। प्रबन्ध की अपेक्षा मुक्तक शैली अधिक अपनायी गयी।

प्रश्न 2. रीतिकाल के चार कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर-रीतिकाल के चार कवि एवं उनकी कृतियाँ इस प्रकार हैं- कवि रचना
(1) केशवदास रामचन्द्रिका, कविप्रिया
(2) बिहारी बिहारी सतसई
(3) पद्माकर गंगा लहरी, जगत विनोद
(4) भूषण शिवा बावनी, छत्रसाल दशक।

प्रश्न 3. रीतिकाल की देन पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
उत्तर-रीतिकालीन कवियों ने शृंगार का हृदयस्पर्शी अंकन किया है। अनुभूति की गहनता, भाव प्रबलता, विषम विरह वेदना की जितनी सरस अभिव्यक्ति रीतिकाल में हुई है, उतनी अन्य किसी काल में नहीं हुई है। काव्य का कलापक्ष तो इस काल में धन्य हो उठा है। भाषा की लाक्षणिकता, अलंकारों का चमत्कार, छन्द की लयात्मकता, शैली का सौन्दर्य इस काल में अपने उत्कर्ष पर दिखाई देता है।

प्रश्न 4. आधुनिक काल को कितने युगों में विभाजित किया गया है ? उनके नाम तथा समय बताइए।
उत्तर-आधुनिक काल में हिन्दी गद्य साहित्य का विकास जिन सोपानों में हुआ उनका विभाजन इस प्रकार किया गया है-
(1) भारतेन्दु युग-सन् 1843 से 1900 ई. तक।
(2) द्विवेदी युग-सन् 1900 से 1920 ई. तक।
(3) छायावाद-सन् 1920 से 1936 ई. तक।
(4) प्रगतिवाद-सन् 1936 से 1942 ई. तक।
(5) प्रयोगवाद एवं नई कविता-सन् 1942 से अब तक।

प्रश्न 5. आधुनिक काल की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-स्वतन्त्रता आन्दोलन तथा राष्ट्र की प्रगति से प्रेरित आधुनिक काल की कविता में-
(1) राष्ट्रीय चेतना,
(2) जन कल्याण की भावना,
(3) प्रेम एवं सौन्दर्य,
(4) नारी के प्रति सहानुभूति,
(5) बौद्धिकता,
(6) खड़ी बोली प्रतिष्ठा,
(7) प्रकृति प्रेम आदि अनेक विशेषताएँ विद्यमान हैं।

प्रश्न 6. भारतेन्दु युग का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-भारतेन्दु युग का समय सन् 1843 से 1900 तक माना गया है। यह प्राचीन कविता और नवीन कविता का सन्धि युग है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इस युग के महत्त्वपूर्ण एवं प्रतिभा सम्पन्न कवि थे, जिनमें युग-प्रवर्तन और नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। इसीलिए उनके नाम पर इस काल का नामकरण किया गया। इस काल के साहित्यकार कवि की अपेक्षा समाज-सुधारक, प्रचारक और पत्रकार अधिक थे। उन्होंने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भारतीय समाज की कुरीतियों, धार्मिक मिथ्याओं, भ्रष्टाचारों, छल-कपट, अंग्रेजी शासन के शोषण इत्यादि सम्बन्धी काव्य-रचना की और समाज को उचित मार्ग दिखाया।

प्रश्न 7. भारतेन्दु युग की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-भारतेन्दु युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) समाज में फैली कुरीतियों, आडम्बरों, अंग्रेजों के अत्याचारों आदि का चित्रण कर जन-जागरण करना।
(2) भारत के प्राचीन गौरव तथा नवीन आवश्यकताओं का चित्रण,
(3) देश-प्रेम तथा राष्ट्रीयता का उद्घोष,
(4) प्रेम, सौन्दर्य और प्रकृति के विविध रूपों का अंकन, सरल, सरस एवं सुबोध भाषा में भावों की सहज अभिव्यक्ति।

प्रश्न 8. द्विवेदी युग की प्रमुख
उत्तर-द्विवेदी युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) अशिक्षा, गरीबी, अनाचार, अत्याचार आदि से छुटकारा दिलाने की कामना,
(2) देश-प्रेम एवं राष्ट्रीयता का सन्देश,
(3) नारी के प्रति सहानुभूति की भावना,
(4) समाज सुधार के प्रयास,
(5) नैतिकता एवं आदर्शवाद की पुष्टि,
(6) सत्यं, शिवम्, सुन्दरम् का विधान,
(7) मनोरम प्रकृति चित्रण,
(8) सरल, सुबोध एवं सरस खड़ी बोली में काव्य रचना।

प्रश्न 9. छायावाद के प्रमुख कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए। विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-छायावाद के प्रमुख कवि तथा उनकी प्रकार हैं- कवि
(1) जयशंकर प्रसाद रचनाएँ प्रेम-पथिक, आदि। कानन कामायनी, आसू, लहर, करना,
(2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ अपरा, कविश्री, आदि। सरोज अनामिका, गाातका, परिपल युगवाणी, ग्राम्या, आदि।
(3) सुमित्रानन्दन पन्त’ वीणा, पल्लव, गुजन, युगान्त, लोकायतन नीरजा,
(4) महादेवी वर्मा नीहार, रश्मि, दीपशिखा, संधिनी आदि।

प्रश्न 10. प्रमुख प्रगतिवादी कवि तथा उनकी रचना का नाम लिखिए- एक-एक उत्तर-प्रमुख प्रगतिवादी कवि तथा उनकी एक-एक रचना इस प्रकार हैं-
(1) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(2) सोहनलाल द्विवेदी
(3) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(4) नागार्जुन
(5) केदारनाथ अग्रवाल
रचनाएँ
हुँकार जय भारत जय विन्ध्य हिमालय प्यासी पथराई आँखें पंख और पतवार

प्रश्न 11. प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख विशेषताएं बताइए।
उत्तर-प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित प्रगतिवादी काव्य में सामाजिक समता का उद्घोष हुआ है।
(2) दीन-हीन एवं किसानों के प्रति सहानुभूति का भाव ।
(3) अशिक्षा, शोषण, नारी संत्रास आदि के प्रति जागरूकता का सन्देश।
(4) शोषकों के प्रति घृण तथा शोषियों के प्रति संवेदनशीलता।
(5) सरल, सुबोध भाषा में यथार्थ का अंकन।

प्रश्न 12. प्रयोगवाद और नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-प्रयोगवाद और नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) प्रारम्भ में प्रयोगवादी कवियों में प्रयोग के प्रति आग्रह रहा और प्रयोगों के फलस्वरूप नई कविता का जन्म हुआ।
(2) अतिवैयक्तिकता, अतिबौद्धिकता एव अतियथार्थवाद ।
(3) प्राचीन को नकार कर नवीनता का ग्रहण
(4) कुण्ठाओं निराशाओं, यौन-भावनाओं आदि का खुला चित्रण
(5) असमानताओं, विकृतियों, विसंगतियों का चित्रण।
(6) अंग्रेजी, उर्दू आदि के शब्दों से युक्त मिश्रित भाषा तथा नवीन प्रतीक एवं उपमानों का प्रयोग।

प्रश्न 13. ‘नयी कविता’ के प्रमुख कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-‘नयी कविता’ के प्रमुख कवि एवं उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- कवि रचनाएँ हरी घास पर क्षण भर, आँगन के द्वार पर (1) ‘अज्ञेय’ (2) भवानी प्रसाद मिश्र गीत फरोश, खुशबू के शिलालेख (3) गिरिजाकुमार ‘माथुर’ धूप के धान (4) धर्मवीर भारती कनुप्रिया, ठण्डा लोहा, सात गीत, वर्ष (5) जगदीश गुप्त शम्बूक, शबरी।

 

महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनिए
1. रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्ति है-
(क) रीति निरूपण
(ग) नीति निरूपण
(घ) आदर्शवाद
2. भारतेन्दु युग के कवि हैं-
(क) मैथिलीशरण गुप्त
(ख) घनानन्द
(ग) चौधरी बद्रीनारायण ‘प्रेमघन’
(घ) श्रीधर पाठक
3. भारतेन्दु युग की रचना है-
(क) उद्धव शतक
(ख) उर्वशी
(ग) साकेत
(घ) प्रेम-माधुरी।
4. द्विवेदी युग का महाकाव्य है-
(क) प्रिय-प्रवास (ख) रामचन्द्रिका
(ग) कामायनी (घ) कवितावली।
5, छायावाद का समय माना गया है-
(क) सन् 1900 से सन् 1920 तक
(ख) सन् 1920 से सन् 1936 तक
(ग) सन् 1843 से सन् 1900 तक
(घ) सन् 1915 से सन् 1930 तक।
उत्तर-1(क), 2. (ग), 3.(घ),4.(क), 5.(ख)।
सही जोड़ी मिलाइए
‘अ’
‘ब’
(i) छायावाद की प्रतिनिधि
(क) द्विवेदी युग में
कवयित्री हैं
(ii) आधुनिक काल का
(ख) महादेवी वर्मा
सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है
(iii) समाज सुधार का सराहनीय (ग) कामायनी
कार्य किया गया
(iv) भवानी प्रसाद मिश्र कवि हैं (घ) सन् 1954 में
(v) ‘नयी कविता’ का प्रथम
सग्रह आया था
उत्तर-(i) → (ख), (ii)→ (ग), (iii) → (क),
(iv)→(1), (४), (घ)।
(1) प्रयोगवाद के
सत्य/असत्य
1. बिहारी रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि हैं।
2. घनानन्द के काव्य का मुख्य रस शृंगार है।
3. द्विवेदी युग का नामकरण महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम
पर हुआ है।
4. छायावाद के जनक जयशंकर प्रसाद माने जाते हैं।
5. प्रगतिवादी कवियों ने अनेक नवीन प्रयोग किये हैं।
उत्तर-1. असत्य, 2. सत्य, 3. सत्य, 4. सत्य,
5. असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. रीतिकालीन पद्य का प्रधान रस कौन-
उत्तर-शृंगार।
2. हिन्दी साहित्य में जागरण काल किसे कहा गया है?
-सा है?
उत्तर- -भारतेन्दु युग।
3. खड़ी बोली में रचित प्रथम महाकाव्य का नाम बताइए।
उत्तर-प्रिय-प्रवास।
4. ‘प्रिय-प्रवास’ के कवि का क्या नाम है ?
उत्तर-
-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।
5. केदारनाथ अग्रवाल किस काव्यधारा के कवि हैं?
उत्तर-प्रगतिवादी।

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