अध्याय- 2
यूरोप में समाजवाद व रूसी क्रांति
अति लघुउत्तरीय प्रश्न ( 04 अंक)
प्रश्न 1. कुलक शब्द को परिभाषित कीजिए?
उत्तर:
कुलक : रुस में संपन्न किसानों को कुलक कहा जाता था। 1927-28 के आसापास रुस के शहरों में अनाज का भारी संकट पैदा हो गया था। स्टालिन का विश्वास था कि कुलक वर्ग अनाज इकट्ठा कर रहा है और यह वर्ग गरीब किसानों का वर्ग शत्रु है। अतः 1928 में स्टालिन की पार्टी के सदस्यों ने कुलको के ठिकानों पर छापे मारे एवं जबरन अनाज खरीदा। जब इसके बाद भी अनाज की कमी बनी रही तो स्टालिन ने कुलकों का सफाया करने के उद्देश्य से खेतों के सामूहिकीकरण करने का फैसला किया और सरकार द्वारा नियंत्रित बड़े खेतों की स्थापना की गई।
प्रश्न 2 रूसी क्रांति से प्रेरित होने वाले भारतीयें के बारे में लिखिए?
उत्तर. रुसी क्रांति से प्रेरित होने वालों में बहुत सारे भारतीय भी थे। कई भारतीयों ने रुस के कम्युनिष्ट विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की। कई महत्वपूर्ण भारतीय राजनयिक एवं सांस्कृतिक व्यक्तियों जैसे जवाहरलाल नेहरु, रविन्द्रनाथ टैगोर आदि ने सोवियत प्रयोग में दिलचस्पी ली और वहाँ का दौरा किया। उन्होंने सोवियत समाजवाद के बारे में लिखा भी। आर.आर. अवस्थी ने भी रुसी क्रांति से प्रभावित होकर 1920-21 में रशियन रेव स, लेनिन हिज लाइफ एण्ड हिज थॉट्स आदि किताबें लिखी। उनके अलावा एस.डी. विधालंकार, शौकत उस्मानी ने भी रुस के विषय में लिखा है।
प्रश्न 3. रूस में जार का शासन क्यों खत्म हुआ, कोई दो कारण दीजिए?
उत्तर.
1. प्रथम विश्व युद्ध के प्रारंभ में रुसी जनता जार के साथ थी परन्तु जार द्वारा ड्यूमा के प्रमुख दलों से सलाह लेने के इंकार के कारण उसने रुसी जनता का समर्थन खो दिया।
2. प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी व आस्ट्रिया से पराजित हो पीछे हटती रुसी सेनाओं ने फसलों व इमारतों को नष्ट कर दिया इससे ब्रेड रोटी और आटे की किल्लत हो गई ब्रेड रोटी की दुकानों पर दंगे होने लगे। इस कारण ने भी जार शासन को अलोकप्रिय बना दिया। जार द्वारा 25 फरवरी 1917 को ड्यूमा को बर्खास्त करने के फैसले से असंख्य लोग जार के खिलाफ खड़े हो गए तब 2 मार्च को जार गद्दी छोड़ने को मजबूर हो गया। और इससे निरंकुशता का अंत हो गया।
प्रश्न 4 बोल्सेविको द्वारा अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद किये गये कोई दो परिवर्तन लिखिए ?
उत्तर.
(i) बोल्शेविकों निजी संपत्ति की व्यवस्था के खिलाफ थे। इस कारण निजी संपत्ति को ख़त्म किया गया। राज्य ने उत्पादन के सभी साधनो को नियंत्रण में ले लिया।
(ii) उद्योगों और बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर उसे सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया।
(iii) ज़मीन को समाजिक संपत्ति घोषित किया गया। किसानों को सामंतो की ज़मीनों पर कब्जा करने की खुली छूट दे दी गई।
(iv) ट्रेड युनियनों को पार्टियों ने नियंत्रण में किया। चेका नामक पुलिस उनको दण्डित करती थी जो बोल्शेविकों की आलोचना करते थे।
(v) बोल्शेविकों ने शहरों में मकान मालिक के लिए पर्याप्त हिस्सा कर मकानों के छोटे-छोटे भाग कर दिए है। ताकि जरूरतमंद लोगों को रहने की जगह मिल सके।
(vi) उन्होंने अभिजात्य वर्ग द्वारा पुरानी पदवियों के उपयोग पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सेवा और सरकारी अफसरों की वर्दिया बदली गई।
प्रश्न 5 मताधिकारी आंदोलन से क्या तात्पर्य था?
उत्तर. राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार (फ्रैंचाइज) कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। जनतंत्र की नीवं मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिये आवश्यक है कि प्रत्येक व्ययस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार प्रदान किया जाय।
जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकारप्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।
प्रश्न 6 कॉमिटर्न शब्द से क्या तात्पर्य है?
उत्तर. कम्युनिष्ट पार्टियों की अतर्राष्ट्रीय संस्था ।
प्रश्न 7 रशियन सोशल डेमोक्रोटिक वर्कर्स पार्टी पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर. RSDLP पहला रूसी मार्क्सवादी समूह नहीं था; 1883 में श्रम समूह की मुक्ति का गठन किया गया था। आरएसडीएलपी को नरोदनिकों के क्रांतिकारी लोकलुभावनवाद का विरोध करने के लिए बनाया गया था , जिसे बाद में सोशलिस्ट रिवोल्यूशनरी पार्टी (एसआर) द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया था । मार्च 1898 में मिन्स्क में एक भूमिगत सम्मेलन में RSLDP का गठन किया गया था । नौ प्रतिनिधि थे: यहूदी लेबर बंड से, और कीव में रोबोचया गजेटा (“वर्कर्स न्यूजपेपर”) से , दोनों का गठन एक साल पहले 1897 में हुआ था; और सेंट पीटर्सबर्ग में मजदूर वर्ग की मुक्ति के लिए संघर्ष संघ. मॉस्को और येकातेरिनबर्ग के कुछ अतिरिक्त सामाजिक लोकतंत्रवादियों ने भी भाग लिया। आरएसडीएलपी कार्यक्रम सख्ती से कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के सिद्धांतों पर आधारित था । विशेष रूप से, उस समय रूस की कृषि प्रधान प्रकृति के बावजूद, वास्तविक क्रांतिकारी क्षमता औद्योगिक मजदूर वर्ग के पास थी। इस समय, तीन मिलियन रूसी औद्योगिक श्रमिक थे, जनसंख्या का केवल 3%। RSDLP अपने अधिकांश अस्तित्व के लिए अवैध था। कांग्रेस के एक महीने के भीतर, ओखराना (शाही गुप्त पुलिस) द्वारा नौ प्रतिनिधियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया ।
प्रश्न 8 निरंकुश राजशाही शब्द का रूस के संदर्भ में क्या तात्पर्य था?
उत्तर. असीमित, निरंकुश राजशाही – सरकार का यह रूप निरंकुशता के समान है। हालांकि रूस में इतिहास के विभिन्न अवधियों में “निरंकुश” शब्द की व्याख्या में अंतर था। नए युग के आगमन के साथ, यह शब्द असीमित, “रूसी राजशाही”, यानी पूर्णतावाद की राजशाही को दर्शाता है।
प्रश्न 9 रूसी शासन की केन्द्रीयकृत नियोजन व्यवस्था क्या थी?
उत्तर.
प्रश्न 10 स्टालिन के सामूहिक कार्यक्रम को समझाइए।
उत्तर. 1927-28 के आस-पास रुस के शहरों में अनाज का भारी संकट पैदा हो गया। अनाज की कमी को देखते हुए स्टालिन ने छोटे-छोटे खेतों के सामूहिकीकरण की प्रक्रिया शुरु की, क्योंकि उनका यह मानना था कि छोटे-छोटे टुकड़े आधुनिकीकरण में बाधा डालते हैं। इसलिए छोटे-छोटे किसानों से उनकी जमीन छीनकर राज्य के नियंत्रण में विशाल जमीन का टुकड़ा बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिये राज्य ने किसानों को मजबूर किया कि वे सामूहिक खेती करें। सामूहिक खेती के लिये बड़ी भूमि अर्जित करना ही स्टालिन का सामूहिकीकरण कार्यक्रम कहलाता है।
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