अध्याय 2
अम्ल, क्षारक एवं लवण
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH सम्भवतः क्या होगा ? (2019)
(a)1 (c)5
(b)4 (d) 10.
2.कोई विलयन अण्डे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया करके एक गैस उत्पन्न करता है, जो चूने
के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) Naci (b) HCI
(c) LiCl (d) KCl.
3.NaOH का 10 ml विलयन HCI के 8 ml विलयन से पूर्ण उदासीन हो जाता है। यदि हम
NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो उसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन
की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a)4ml (b) 8ml
(C) 12 ml (d) 16 ml.
4.अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है ?
(a) ऐप्टीबायोटिक (प्रतिजैविकी)(b) ऐनाल्जेसिक
(पीड़ाहारी)
(C)ऐन्टैसिड (d) ऐन्टीसेप्टिक (प्रतिरोधी)।
5.जल का pH मान होता है-
(a)7 से कम (b)7
(C)7 से अधिक (d) इनमें से कोई नहीं।
6.)अम्लों का pH मान होता है-
(a)7 से कम (b)7
(c)7 से अधिक (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-1. (d), 2. (b), 3. (d), 4. (c), 5. (b), 6. (a)
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1.धात्विक ऑक्साइड प्रायः……… होते हैं।
2.अधात्विक ऑक्साइड प्राय:………होते है।
3.जल एक…………ऑक्साइड है।
4.अम्ल नीले लिटमस पत्र को……….. कर देते हैं।
5.क्षारक लाल लिटमस पत्र को कर देते हैं।
उत्तर-1. क्षारकीय, 2. अम्लीय, 3. उदासीन, 4. लाल, 5. नीला।
सत्य/असत्य
1. CH OH एक क्षार है, चूंकि इसमें OH उपलब्ध है।
2. मेथिल ओरेन्ज एवं फीनॉल्पथैलिन संश्लेषित अम्ल-क्षार सूचक होते हैं।
3. NH, एक अम्ल है, क्योंकि इसमें H उपलब्ध है।
4. लिटमस एक प्राकृतिक अम्ल-क्षार सूचक है।
5. CO एक अम्लीय ऑक्साइड है।
उत्तर-1. असत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. सत्य, 5.असत्य।
जोड़ि बनाइए
स्तम्भ अ स्तम्भ ब
1.ब्लीचिंग पाउडर a काँच – निर्माण में
2. खाना सोडा (b) H, एवं CI बनाने में
3. धावन सोडा (e) विरंजन हेतु
4. सोडियम क्लोराइड (d) प्रतिअम्लीय
UT-1. (C), 2. (d). 3. (a), 4. (b)
II. स्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ’ब’
1. लैक्टिक अम्ल (a) टमाटर
2. ऐसीटिक अम्ल (b) नींबू
3.साइट्रिक अम्ल (c) सिरका
4. ऑक्जेलिक अम्ल (d) दही
उत्तर-1.→(d), 2. – (c), 3. -→(b), 4. → (a)।
III. स्तम्भ’अ’ स्तम्भ’ब’
1. प्लास्टर ऑफ पेरिस (a) Ca(OH)
2. जिप्सम (b) Caso-PHO
3. ब्लीचिंग पाउडर (c) Caso. 21,0
4. बुझा हुआ चूना (d) CaOCI
3T-1.-> (b), 2. (C). 3. (d), 4.-> (a)!
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
(1) शुद्ध जल का pH मान क्या है ?
2) आलों के pH मान की परिसर क्या है ?
3/क्षारों के pH मान को परिसर क्या है?
4. प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृतिकैसी होगी?
5/ प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षार से बने लवण की प्रकृतिकैसी होगी?
6.दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी ?
अम्ल एवं क्षार की अभिक्रिया से क्या बनता है?
7. अम्ल धात्विक कार्बोनेटों से अभिक्रिया करके कौन-सी गैस निकालते हैं ?
8. प्राय: तनु अम्ल कुछ धातुओं से अभिक्रिया करके कौन-सी रंगहीन गैस निकालते हैं ?
9/ अम्ल एवं क्षारों की अभिक्रिया को क्या कहते हैं ?
10. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है ?
(11. CaoCl, का प्रचलित नाम क्या है ?
12. उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर-1.7, 2.7 से कम, 3.7 से अधिक, 4. उदासीन, 5. अम्लीय, 6. क्षारीय, 7. लवण एवं जल,
कार्बन डाइऑप (CO2), 9. हाइड्रोजन गैस (H), 10. उदासीनीकरण,
11. सोडियम कार्बोनेट, 12. विरंजक चूर्ण, 13. बुझा हुआ चूना।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न1 /. अम्ल किन्हें कहते हैं?
उत्तर-अम्ल-“वे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं, तथा नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं, अम्ल
कहलाते हैं।”
प्रश्न 2, क्षारक किन्हें कहते हैं?
उत्तर-क्षारक-“वे पदार्थ जो स्वाद में तीखे या कड़वे या कसैले होते हैं तथा लाल लिटमस पत्र को
नोला कर देते हैं, क्षारक कहलाते हैं।
प्रश्न 3.)क्षार किन्हें कहते हैं?
उत्तर-क्षार-“जल में विलेय क्षारक क्षार कहलाते हैं।”
प्रश्न 4 – अम्ल-क्षार सूचक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-अम्ल-क्षार सूचक-“वे प्राकृतिक या संश्लेषित रसायन जो अम्ल एवं क्षार को उपस्थिति को.
सूचित करते हैं, अम्ल-क्षार सूचक कहलाते हैं।”
प्रश्न 5-तनुकरण से क्या समझते हो?
उत्तर-तनुकरण-“जल में अम्ल या क्षारक मिलाने से विलयन में HO अथवा OH आयन की
सान्द्रता कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते हैं।”
प्रश्न 6) गधीय सूचक किन्हें कहते हैं ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-गंधीय सूचक-“कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदलने
पर बदल जाती हैं, ऐसे पदार्थ गंधीय सूचक कहलाते हैं।”
ये सूचक दृष्टिबाधित छात्रों को अम्ल-क्षारों की पहचान में सहायक होते हैं।
प्रश्न 7 – pH स्केल किसे कहते हैं? mp
उत्तर-pH स्केल-“किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक
स्केल विकसित किया गया जिसे pH स्केल कहते हैं।”
प्रश्न 8. अम्लीय वर्षा से क्या समझते हो? ma
उत्तर-अम्लीय वर्षा-“वर्षा के जल का pH मान जब 5-6 से कम हो जाता है, तो वह अम्लीय वर्षा
कहलाता है।”
(प्रश्न 9, क्लोर-क्षार अभिक्रिया से क्या समझते हो?
उत्तर-क्लोर-क्षार अभिक्रिया-“जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित
की जाती है तो यह वियोजित होकर क्लोरीन गैस एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) उत्पादित करते हैं। इस
प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया या क्लोर-क्षार अभिक्रिया कहते हैं।”
प्रश्न 10) क्रिस्टलीकरण से क्या समझते हो?
उत्तर-क्रिस्टलीकरण-“कुछ लवण शुद्ध अवस्था में विशिष्ट ज्यामितीय ठोस आकार के एक समान
एवं चमकदार कण के रूप में होते हैं, जिन्हें क्रिस्टल कहते हैं तथा क्रिस्टल बनाने की प्रक्रिया क्रिस्टलीकरण
कहलाती है।”
प्रश्न11 । क्रिस्टलन जल क्या होता है?
उत्तर-क्रिस्टलन जल-“लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को
क्रिस्टलन जल कहते हैं।”
प्रश्न 12. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक
में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता
है, तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर-हम दिए गए लाल लिटमस पत्र के तीन भाग कर देंगे और प्रत्येक परखनली में एक-एक भाग
डुबोयेंगे जो लिटमस नीला हो जाएगा उसमें क्षारीय विलयन होगा, उसे पृथक् कर लेंगे। शेष दोनों परखनलियों
में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरी में आसवित जल होगा। क्षारीय विलयन वालो परखनली से नीले
लिटमस को निकालकर दो भाग करके शेष दोनों परखनियों में एक-एक भाग डुबोयेंगे। जिस परखनली का
लिटमस पत्र पुनः लाल हो जाता है उसका विलयन अम्लीय होगा तथा दूसरी परखनली का आसुत जल। इस
प्रकार तीनों विलयनों का परीक्षण कर लेंगे।
प्रश्न 13)पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर-दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल होते हैं। ये पीतल से अभिक्रिया करके जिंक एवं कॉपर के तथा
ताँबे से क्रिया करके कॉपर के लवण बनाते हैं जो विषाक्त होते हैं। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही
एवं खट्टे पदार्थ नहीं रखने चाहिए।
प्रश्न 14.धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है ? एक
उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे ?
उत्तर-धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर प्रायः हाइड्रोजन (H.) गैस निकलती है।
Zn + H2S04 — ZnSO. + H.
धातु
लवण
हाइड्रोजन गैस
(जिंक) (गंधक का अम्ल) (जिंक
सल्फेट)
जब हम जलती हुई तीली इस गैस के पास लाते हैं तो यह फट-फट की ध्वनि के साथ जलती है।
प्रश्न 15. कोई धातु यौगिक ‘A’तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट
उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में से एक
कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए एक संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर CaCO3 + 2HCID CaCl + H20 + CO2
कैल्सियम तनु हाइड्रो- कैल्सियम
कार्बोनेट
क्लोरिक क्लोराइड
डाइऑक्साइड
(यौगिक)
गैस
प्रश्न 16. HCI, HNO, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं,
जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अमिलक्षण प्रदर्शित
नहीं होते हैं?
उत्तर-HCI एवं HNO, आदि जलीय विलयन में आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H’) अथवा
हाइड्रोनियम आयन (HTO’) बनाते हैं जिसके कारण विलयन में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित होते हैं,
जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनित नहीं होते। इसलिए उनके विलयन में अम्लीयता के
अभिलक्षण प्रदर्शित
प्रश्न 17 -अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालन करता है ?
उत्तर-अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H’) उत्पन्न होते हैं जो विद्युत् के वाहक होते हैं।
इस कारण वे विद्युत् का चालन करते हैं।
(प्रश्न 18. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती?
उत्तर-शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस के साथ हाइड्रोजन आयन (H’) नहीं बनाती। इस कारण
उसका रंग नहीं बदलती है।
प्रश्न 19. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना
चाहिए न कि जल को अम्ल में ?
उत्तर-अम्ल का तनुकरण एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है तथा इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा
उत्पन्न होती है। अम्ल को जल में मिलाने पर जो ऊष्मा उत्पन्न होती जाती है वह जल द्वारा शोषित कर ली जाती
है। इसलिए अम्ल को तनुकृत करने के लिए इसे जल में मिलाते हैं।
प्रश्न 20, अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (HO) की सान्दता कैसे
प्रभावित हो जाती है?
उत्तर-अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H,0) की सान्द्रता प्रति इकाई
आयतन कम हो जाती है।
प्रश्न 21. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड
आयन (OIL ) की सान्दता कैसे प्रभावित होती है ?
उत्तर-जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो विलयन में हाइड्रॉक्साइड
आयन (OH) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ जाती है।
प्रश्न 22. आपके पास दो विलयन ‘A’ और ‘B’ हैं। विलयन के pll का मान 6 है एवं विलयन
‘B’ के pll का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है ? इनमें से कौन
अम्लीय है और कौन क्षारकीय ?
उत्तर-विलयन · में हाइड्रोजन आयन (H) को साद्रता अधिक होगी।
विलयन ‘A’ अम्लीय विलयन है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय विलयन है।
प्रश्न 23. Ha) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-H (aq) आयन की सान्द्रता पड़ने पर विलयन की अम्लीय प्रकृति (अम्लीयता) बढ़ती जाती है।
जबकि । आयन की सान्द्रता कम होने पर क्षारकीय प्रकृति बढ़ती है।
प्रश्न 24. परखनली • एवं •B में समान लम्बाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’
में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCi) तथा परखनली -8 में ऐसीटिक अम्ल (CH COOH) डालिए। दोनों
अम्लों की मात्रा तथा सान्द्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से वुदबुदाहट होगी और क्यों ?
उतर-परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी क्योंकि इसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है जो
ऐसोटिक अम्ल से राहत अधिक प्रबल है।
प्रश्न 25 ताजे दूध का pH मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन
होगा ? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर-दही बन जाने पर दूध का ।।। मान घट जाएगा, क्योंकि दही में अम्ल होता है जिससे दूध में
हाइड्रोजन आयनों (1)का सान्द्रण बढ़ जाएगा।
प्रश्न 26. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है-
Sa) ताजा दूध के pll के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है
उत्तर-(a) बेकिंग सोडा क्षारीय (क्षारकीय) होता है जिसका pH मान 7 से अधिक होता है। इसको
दूध (pH मान 6) में मिलाने से दूध का pH मान बढ़कर 7 से अधिक हो जाता है। इससे दूध क्षारीय हो जाताहै।
(b) बेकिंग सोडा मिले दूध का pH मान साधारण दूध के pH मान से अधिक होता है। इसलिए दही बनने
के लिए दूध को अधिक समय लगता है।
प्रश्न 27. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए ? समीकरण सहित
लिखिए।
(2020)
उत्तर-प्लास्टर ऑफ पेरिस आदताग्राही होता है और आर्द्रता (नमी या जलबाष्प) से क्रिया करके कठोर
ठोस पदार्थ का निर्माण करता है। इसलिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को आई रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।
समीकरण के लिए पृष्ठ 42 पर प्रश्न 35 का उत्तर देखिए।
प्रश्न 28. उदासीनीकरण अभिक्रिया को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए। (2019)
उत्तर-उदासीनीकरण-”अम्ल और क्षारक परस्पर अभिक्रिया करके एक-दूसरे को उदासीन कर देते
हैं और लवण एवं जल का निर्माण करते हैं। यह प्रक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है।”
उदाहरण-
NIOH →NaCl + HCI
HO
(1)
(अम्ल) (क्षारक) (लवण) (जल)
HSO, + Ca(OH),→ Caso, +2H,O
(अम्ल)
(क्षारक) (लवण) (जल
प्रश्न 29 धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए। (2019)
उत्तर-धोने के सोडा के उपयोग-(1) इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
(2) इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
बेकिंग सोडा के उपयोग-(1) इसका प्रमुख उपयोग बेकरी में उपयोग आने वाले बेकिंग पाउडर बनाने
में होता है।
(2) इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
प्रश्न 30. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया
के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट का विलयन बनता
है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण
ऊष्मा
2NaHCO3(aq)
NapCO(aq)
CO2(g)
(सोडियम हाइड्रोजन
(सोडियम कार्बोनेट (जल) (कार्बन डाइऑक्साइड)
कार्बोनेट विलयन)
विलयन)
प्रश्न 31. क्या क्षारकीय विलयन में H(aq) आयन होते हैं ? अगर हाँ तो ये क्षारकीय क्यों
होते हैं?
उत्तर-हाँ, क्षारकीय विलयनों में भी H(aq) आयन होते हैं, लेकिन उनमें H (ag) आयनों की अपेक्षा
OH (aq) आयनों को सान्द्रता अधिक होती है। इसलिए वे क्षारकीय होते हैं।
प्रश्न 32. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम
ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर-जब खेत की मृदा अधिक अम्लीय होगी तो उस स्थिति में किसान बुझा या बिना बुझा चूना या
चाक का उपयोग करेगा।
प्रश्न 33. आसवित जल विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा का जल होता है ?
उत्तर-आसवित जल में हाइड्रोजन आयन (H’) अथवा हाइड्रॉक्साइड आयन (OH ) नहीं होते जो विद्युत्
के वाहक होते हैं। इसलिए आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता। वहीं दूसरी ओर वर्षा जल में कुछ
अम्ल की मात्रा मिली होती है जो हाइड्रोजन आयन (H+) देती है, इसलिए वर्षा जल विद्युत् का चालक होता है।
प्रश्न 34. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता?
उत्तर-जल की अनुपस्थिति में अम्ल हाइड्रोजन आयन (H’) नहीं देते जो अम्लीय व्यवहार के कारक है।
इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है
प्रश्न 35 प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण-
CasO, 2 H.0 + 12 H,0
CaSO4.2H20
(प्लास्टर ऑफ पेरिस) (जल)
(जिप्सम)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. पाँच विलयनों A, B, C, D एवं E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है, तो pH
के मान क्रमशः 4,1, 11,7 एवं 9 प्राप्त होते हैं, कौन-सा विलयन ?
(a) उदासीन है
(b) प्रबल क्षारीय है
(c) प्रबल अम्लीय है
(d) दुर्बल अम्लीय है
(e) दुर्बल क्षारीय है।
उत्तर-(a) विलयन ‘D’ उदासीन है। (pH = 7)
(b) विलयन ‘C’प्रबल क्षारीय है। (pH = 11)
(c) विलयन ‘B’ प्रबल अम्लीय है। (pH = 1)
(d) विलयन ‘A’दुर्वल अम्लीय है। (pH = 4) एवं
(e) विलयन ‘E’ दुर्बल क्षारीय है। (pH = 9)
इन pH मानों को हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
प्रश्न 2 ‘प्रबल अम्ल’ एवं ‘दुर्बल अम्लों’ से आप क्या समझते हो ? निम्न में से प्रबल अम्ल एवं
दुर्बल अम्ल छाँटिए-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल, एवं
सल्फ्यूरिक अम्ल।
उत्तर-प्रबल अम्ल-“विलयन में अधिक संख्या में H+ आयन या HO’ आयन उत्पन्न करने वाले
अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।”
दुर्बल अम्ल-“विलयन में कम संख्या में H+ आयन या HO* आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल
अम्ल कहलाते हैं।
प्रबल अम्ल-हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल।
दुर्बल अम्ल-साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल एवं फॉर्मिक अम्ल।
प्रश्न 3. निम्न पदार्थों की लिटमस पत्र पर क्या क्रिया होगी?
शुष्क HCI गैस, आई NH, गैस, लैमन जूस, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक, दही, साबुन का विलयन।
उत्तर-दिए हुए पदार्थों का लिटमस पत्र पर प्रभाव-
पदार्थ लिटमस पत्र पर प्रभाव
प्रश्न.4. प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस बनाते समय एक परखनली में दानेदार जिंक लेकर उसमें तनु
सल्फ्यूरिक अम्ल डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस बुलबुलों के साथ निकलती है। निम्न परिवर्तन करने
पर क्या होगा?
(a) दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाउडर लिया जाए।
(b) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की जगह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लिया जाए।(c) जिंक के स्थान पर ताँबे की छीलन ली जाए।
(D) तनु सलम्यूरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉबाइड लेकर परखनली को गर्म किया
उत्तर-(a) दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाठहर लेने से पाठहर दार्ती की अपेक्षा अधिक तेजी।
अभिक्रिया करेगा इससे अधिक तेजी से हाइड्रोजन गैस निकलेगा
Zn + 2NaOH – NazZnO₂ + H₂
(सोडियम जिंकेट)
प्रश्न 5 केक बनाने के लिए बेकिंग पाउडर का प्रयोग किया जाता है। यदि घर पर आपकी माता
जी केक बनाने के लिए बेकिंग सोडा का प्रयोग करें, तो-
(a) यह केक के स्वाद को किस प्रकार प्रभावित करेगा और क्यों ?
(b) बेकिंग सोडा को किस प्रकार बेकिंग पाउडर में परिवर्तित किया जा सकता है?
(e) टार्टरिक अम्ल का बेकिंग सोडा में मिलाने का क्या महत्व है ?
उत्तर-(a) गर्म करने पर बेकिंग सोडा धावन सोडा में परिवर्तित हो जाता है जिसका स्वाद कड़वा होता
है। इसलिए केक में कड़वापन आ जाता है।
हो जाता है।
(b) बेकिंग सोडा में उपयुक्त मात्रा में टार्टरिक अम्ल मिलाने से बेकिंग सोडा बेकिंग पाउडर में परिवर्तित
(c) टार्टरिक एसिड बेकिंग के समय बेकिंग सोडा के गर्म होने पर बने धावन सोडा से अभिक्रिया करके
उसे उदासीन कर देता है। इस कारण केक का स्वाद कड़वा नहीं होता।
प्रश्न 6. एक धातु का कार्बोनेट X एक अम्ल से अभिक्रिया करके एक गैस निकालता है जिसे एक
विलयन Y में प्रवाहित करने पर पुनः धातु कार्बोनेट बनाता है। दूसरी तरफ एक गैस G जो नमक के
विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त होती है, को यदि शुष्क Y पर प्रवाहित करते हैं,
तो एक यौगिक Z बनता है जिसका उपयोग पीने के पानी को कीटाणु रहित बनाने के काम आता है।
X.Y,G एवंz की पहचान कीजिए।
उत्तर-नमक के विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त गैस क्लोरीन होती है अत:G
क्लोरीन गैस (CI) है। जब क्लोरीन गैस को शुष्क Ca(OH), अर्थात् (Y) में प्रवाहित करने पर ब्लीचिंग
पाउडर (CaOCI) बनता है अत: Y बुझा चूना [Ca(OH)2] है तथा 2 ब्लीचिंग पाउडर (CaOCI) है।
Ca(OH)2 + Cl,→ CaOCI2 HO
(बुझा चूना)
(ब्लीचिंग पाउडर)
चूंकि Y एवं Z कैल्सियम लवण हैं इसलिए X भी कैल्सियम लवण होगा। अत: X कैल्सियम कार्बोनेट
Caco, + 2HC→ CaCl + CO. + Hyo
Ca(OH +CO + CaCO,+HẠO
प्रश्न 7. निम्न अभिक्रियाओं के आधार पर यौगिक N की पहचान कीजिए। साथ ही A, B एवं C
के नाम एव रासायनिक सूत्र भी लिखिए
उत्तर-x- सोडियम हाइड्रॉक्साइड [NaOH]
A = सोडियम जिंकेट [NagZno.]
B- सोडियम क्लोराइड [NaCl]
C- सोडियम ऐसीटेट [CH COONa]
प्रश्न 8. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
–
उत्तर
प्रश्न 9. निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए-
(2019)
(1) विरंजक चूर्ण (प्लास्टर ऑफ पेरिस।
उत्तर-(1) CaOCI2, (2) CasO, H.O.
प्रश्न 10. विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम, सूत्र एवं दो उपयोग लिखिए।
उत्तर – विरंजक चूर्ण का नाम-कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड
-विरंजक चूर्ण का सूत्र-CaOCl2
• विरंजक चूर्ण के उपयोग-(1) कागज एवं कपड़ों के विरंजन में।
(2) कीटाणुनाशक के रूप में।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित
समीकरण लिखिए-
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
K) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लोह के चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर-शब्द समीकरण-
(a)
जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल
जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन
(दानेदार)
(गैस)
(b) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल + मैग्नीशियम- → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
(तनु) (पट्टी)
(c) ऐलुमिनियम चूर्ण + सल्फ्यूरिक अम्ल → (ऐलुमिनियम सल्फेट) + हाइड्रोजन
(तनु)
(d)
लोह रेतन + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन
(तनु)
संतुलित समीकरण-
(a) Zn(s) + Dil. H.SOA(dil.) ZnSO4 (aq) +H2T
(b)Mg(s) + 2HCl(dil.)-• MgCl(aq) + H21
(c)2Als) + 3H2SO4(dil.)- Ali(SO4)3(aq) +3H2t
(d)Fe(s) + 2HCl (dil.)→ FeCl(aq) + H21
Leave a Reply