MP Board Class 10th Sanskrit पूर्णवाक्येन उत्तरम् imp questions (संस्कृत)

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरम्

 

अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत-

(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखिए-)

 

प्रश्न १. कविः किमर्थ प्रकृतेः शरणम् इच्छति ?

(कवि किसलिए प्रकृति की शरण चाहता है ?)

उत्तर-अत्र धरातले जीवितं दुर्वहं जातम् अतः कविः प्रकृते: शरणम् इच्छति।

(यहाँ धरातल पर जीवन कठिन हो गया है इसलिए कवि प्रकृति की शरण चाहता है।)

 

प्रश्न २. कस्मात् कारणात् महानगरेषु संसरणं कठिनं वर्तते ?

(किस कारण से महानगरों में चलना कठिन है ?)

उत्तर-मार्गेषु यानानाम् अनन्ताः पङ्क्तयः सन्ति एतस्मात् कारणात् महानगरेषु संसरणं कठिनं वर्तते ।

(मार्ग में गाड़ियों की अनन्त पंक्तियाँ हैं। इस कारण से महानगरों में चलना कठिन है।)

 

प्रश्न ३. कविः कुत्र सञ्चरणं कर्तुम् इच्छति ?

(कवि कहाँ घूमना चाहता है?)

उत्तर-कविः क्षणम् एकान्ते कान्तारे सञ्चरणं कर्तुम् इच्छति।

( कवि क्षणभर के लिए एकान्त जंगल में भी घूमना चाहता है।)

 

प्रश्न ४. लोके महतो भयात् कः मुच्यते ?

(संसार में बड़े से बड़े भय से कौन छूट जाता है ?)

उत्तर-लोके महतो भयात् बुद्धिमान् मुच्यते।

(संसार में बड़े से बड़े भय से बुद्धिमान् छूट जाता है।)

 

प्रश्न ५. जम्बुकः किं वदन् व्याघ्रस्य उपहासं करोति ?

(सियार क्या कहता हुआ बाघ का उपहास करता है ?)

उत्तर-व्याघ्र ! त्वया महत्कौतुम् आवेदितं यन्मानुषादपि विभेषि ? इति वदन् जम्बुक: व्याघ्रस्य उपहास

करोति।

(हे बाघ ! तुमने बड़ी हँसी की बात बताई है कि मनुष्य से डरतो हो ? ऐसा बोलते हुए सियार बाघ का

उपहास करता है।)

 

प्रश्न ६. बुद्धिमती केन उपेता पितुर्गुहं प्रति चलिता ?

(बुद्धिमती किसके साथ पिता के घर की और चली?)

उत्तर-बुद्धिमती पुत्रद्वयोपेता पितुहं प्रति चलिता।

(बुद्धिमती दो पुत्रों के साथ पिता के घर की ओर चली।)

 

प्रश्न ७. कीदृशं कर्म व्यायामसंज्ञितम् कथ्यते ?

(कैसा कर्म व्यायाम नाम वाला कहा गया है ?)

उत्तर-शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम् कथ्यते।

(शरीर के परिश्रम से उत्पन्न कर्म व्यायाम नाम वाला कहा गया है।)

 

प्रश्न ८. व्यायामात् किं किमुपजायते ?

(व्यायाम से क्या-क्या उत्पन्न होता है ?)

उत्तर- श्रम क्लम-पिपासा-उष्ण-शीत आदीना सहिष्णुता परमं च आरोग्यम् अपि व्यायामात् उपजायते।

(परिश्रम की थकान, प्यास, गर्मी, सर्दी आदि को सहन करने की शक्ति और उत्तम निरोगता भी व्यायाम

से उत्पन्न होती है।

 

प्रश्न १. कियता बलेन व्यायामः कर्तव्यः ?

(कितनी ताकत से व्यायाम करना चाहिए?)

उत्तर-बलस्य अर्धेन व्यायामः कर्तव्यः।

(आधी ताकत से व्यायाम करना चाहिए।)

 

प्रश्न १०. रामाय कुशलवयोः कण्ठाश्लेषस्य स्पर्शः कीदृशः आसीत् ?

(राम के लिए कुश लव को गले लगाने का स्पर्श कैसा था ?)

उत्तर-रामाय कुशलवयोः कण्ठाश्लेषस्य स्पर्शः हृदयग्राही आसीत्।

(राम के लिए कुश लव को गले लगाने का स्पर्श हृदय को छूने वाला था।)

 

प्रश्न ११. रामः लवकुशौ कुत्र उपवेशयितुम् कथयति ?

(राम लव-कुश को कहाँ बैठने के लिए कहते हैं ?)

उत्तर-रामः लवकुशौ सिंहासने उपवेशयितुम् कथयति।

(राम लव-कुश को सिंहासन पर बैठने के लिए कहते हैं।)

 

प्रश्न १२. बालभावात् हिमकरः कुत्र विराजते ?

(बालभाव के कारण चन्द्रमा कहाँ शोभित होता है ?)

उत्तर-बालभावात् हिमकर: पशुपति-मस्तक- केतकच्छदत्वम् विराजते।

(बालभाव के कारण चन्द्रमा शङ्कर जी के मस्तक का आभूषण बनकर केतकी के पुष्यों से निर्मित

आभूषण की भाँति सुशोभित होता है।)

 

प्रश्न १३. कृषकः किं करोति स्म?

(किसान क्या कर रहा था ?)

उत्तर-कृषक: वलीवाभ्यां क्षेत्रकर्षणं करोति स्म।

(किसान दो बैलों से खेत जोत रहा था।)

 

प्रश्न १४. माता सुरभिः किमर्थम् अश्रुणि मुञ्चति स्म ?

(सुरभि माता किसलिए आँसू बहा रही थी ?)

उत्तर-भूमौ पतिते स्वपुत्रं दृष्ट्वा माता सुरभिः अश्रूणि मुञ्चति स्म।(भूमि पर गिरे हुए अपने पुत्र को देखकर सुरभि माता आँसू बहा रही थी।)

 

प्रश्न १५. सुरभिः इन्द्रस्य प्रश्नस्य किमुसरं ददाति ?

(सुरभि इन्द्र के प्रश्न का क्या उत्तर देती है ?)

उत्तर-सुरभि इन्द्रस्य प्रश्नस्य उत्तरं ददाति यत “हे वासव ! अहं पुत्रस्य दैन्यं दृष्ट्वा रोदिमि” इति।

(सुरभि इन्द्र के प्रश्न का उत्तर देती है कि “हे इन्द्र ! मैं पुत्र की दीनता को देखकर रो रही हूँ।”)

 

प्रश्न १६. मातुः अधिका कृपा कस्मिन् भवति ?

(माता की अधिक कृपा किस पर होती है?)

उत्तर-मातुः अधिका कृपा दुर्बले सुते भवति ।

(माता की अधिक कृपा कमजोर पुत्र पर होती है।)

 

प्रश्न १७. इन्द्रः दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं किं कृतवान् ?

(इन्द्र ने कमजोर बैल के कष्टों को दूर करने के लिए क्या किया ?)

उत्तर-इन्द्रः दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं वृष्टिम् कृतवान्।

(इन्द्र ने दुर्बल बैल के कष्टों को दूर करने के लिए वर्षा की।)

 

प्रश्न १८. केन समः बन्धुः नास्ति ?

(किसके समान मित्र नहीं है ?)

उत्तर-उद्यमेन समः बन्धुः नास्ति ?

(परिश्रम के समान मित्र नहीं है।)

 

प्रश्न १९. वसन्तस्य गुणं कः जानाति।

(वसन्त के गुण को कौन जानता है ?)

उत्तर-वसन्तस्य गुणं पिक: जानाति।

(वसन्त के गुण को कोयल जानती है।)

 

प्रश्न २०. नराणां प्रथमः शत्रुः कः?

(मनुष्यों का पहला शत्रु कौन है ?)

उत्तर-नराणां प्रथमः शत्रुः क्रोधः।

(मनुष्यों का पहला शत्रु क्रोध है।)

 

प्रश्न २१. नि:संशयं कः कृतान्तः मन्यते ?

(निश्चित रूप से कौन यमराज माना गया है ?)

उत्तर-य: सदा परैः वित्रस्तान् पीड्यमानान् जन्तून् न रक्षति सः पार्थिवरूपेण नि:संशयं कृतान्त: मन्यते।

में निश्चित रूप से यमराज है।)

(जो सदा दूसरों के द्वारा विशेष रूप से डरे हुए पीड़ित प्राणियों की रक्षा नहीं करता है वह शरीर रूप

 

प्रश्न २२. अन्ते प्रकृतिमाता प्रविश्य सर्वप्रथमं किं वदति ?

(अन्त में प्रकृतिमाता प्रवेश करके सबसे पहले क्या कहती हैं ?)मिथः कलहं कुर्वन्ति।” इति।

उत्तर-अन्ते प्रकृतिमाता प्रविश्य सर्वप्रथमं वदति-“भो: भोः प्राणिनः। यूयम् सर्वे एव मे सन्ततिः। कथ

हो। क्यों आपस में कलह करते हो।”)

(अन्त में प्रकृतिमाता प्रवेश करके सबसे पहले कहती हैं- “अरे अरे प्राणियो! तुम सब ही मेरी सन्तान

 

प्रश्न २३. यदि राजा सम्यक् न भवति तदा प्रजा कथं विप्लवेत् ?

( यदि राजा अच्छा नहीं होता तब प्रजा कैसे डूब सकती है ?)

उत्तर-यदि राजा सम्यक् न भवति तदा प्रजा जलधौ अकर्णधारा नौ इव विप्लवेत्।

(यदि राजा अच्छा नहीं होता तब प्रजा समुद्र में बिना नाविक की नाव के समान डूब सकती है।)

 

प्रश्न २४. अन्ते सर्वे मिलित्वा कस्य राज्याभिषेकाय तत्पराः भवन्ति।

(अन्त में सभी मिलकर किसके राज्याभिषेक के लिए तैयार होते हैं ?)

उत्तर-अन्ते सर्वे मिलित्वा उलूकस्य राज्याभिषेकाय तत्पराः भवन्ति ।

(अन्त में सभी मिलकर उल्लू के राज्याभिषेक के लिए तैयार होते हैं।)

 

प्रश्न २५. निर्धनः जनः कथं वित्तम् उपार्जितवान् ?

(निर्धन व्यक्ति ने कैसे धन कमाया ?)

उत्तर-निर्धन: जनः भूरि परिश्रम्य वित्तम उपार्जितवान्।

(निर्धन व्यक्ति ने अत्यधिक परिश्रम करके धन कमाया।)

 

प्रश्न २६. जन: किमर्थं पदाति: गच्छति ?

(व्यक्ति किसलिए पैदल जाता है ?)

उत्तर-जन: अर्थकार्येन पीडित: वसयानम् विहाय पदाति: गच्छति।

(व्यक्ति धन के अभाव से परेशान बस को छोड़कर पैदल जाता है।)

 

प्रश्न २७. प्रसृते निशान्धकारे स किम् अचिन्तयत् ?

(फैले हुए अंधेरे में उसने क्या सोचा ?)

उत्तर-प्रसृते निशान्धकारे विजे प्रदेशे पदयात्रा न शुभावहा इति स: अचिन्तयत्।

(फैले हुए अंधेरे में सुनसान क्षेत्र में पैदल यात्रा ठीक नहीं है ऐसा उसने सोचा।)

 

प्रश्न २८. वस्तुत: चौरः कः आसीत् ?

(वास्तव में चोर कौन था?)

उत्तर-वस्तुत: चौर : आरक्षी आसीत्।

(वास्तव में चोर कोतवाल था।)

 

प्रश्न २९. भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः कः जनपदः आसीत् ?

(भूकम्प का केन्द्र-बिन्दु कौन-सा जनपद था ?)

उत्तर-भूकम्पस्य केन्द्रबिन्दुः कच्छजनपदः आसीत्।

(भूकम्प का केन्द्र-बिन्दु कच्छ जनपद था।)

 

प्रश्न ३०. पृथिव्याः स्खलनात् किं जायते ?

(पृथ्वी के स्खलन से क्या होता है ?)

उत्तर-पृथिव्याः स्खलनात् कम्पनं जायते।

(पृथ्वी के स्खलन से कम्पन होता है।)

 

प्रश्न ३१. समग्रं विश्वं कैः आतङ्कित: दृश्यते ?

(समग्र विश्व किसके द्वारा आतंकित दिखाई देता है ?)

उत्तर-समग्रं विश्वं भूकम्प: आतङ्कितः दृश्यते।

(समग्र विश्व भूकम्प के द्वारा आतंकित दिखाई देता है।)

 

प्रश्न ३२, केषां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते ?

(किनके विस्फोटों से भी भूकम्प पैदा होता है ?)

उत्तर-ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायते।

(ज्वालामुखी पर्वतों के विस्फोटों से भी भूकम्प पैदा होता है।)

 

प्रश्न ३३, सरसः शोभा केन भवति?

(तालाब की शोभा किससे होती है ?)

उत्तर-सरसः शोभा एकेन राजहंसेन भवति ।

(तालाब की शोभा एक राजहंस से होती है।)

 

प्रश्न ३४. चातक: किमर्थं मानी कथ्यते ?

(चातक किसलिए स्वाभिमानी कहा जाता है ?)

उत्तर-चातक: विपासितः म्रियते पुरन्दरं वा याचते एतेन मानी कथ्यते।

(चातक प्यासा मर जाता है अथवा इन्द्र से याचना करता है इसलिए स्वाभिमानी कहा जाता है।)

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