MP Board Class 12th Political Science (राजनीति शास्त्र) chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र [Alternative Centres of Power] important Questions in Hindi Medium

अध्याय 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र [Alternative Centres of Power]

 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

 

  1. वर्तमान में यूरोपीय संघ में कितने सदस्य हैं ?

(i) 25

(ii) 26

(iii) 27

(iv) 30.

 

  1. यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाला पहला देश कौन-सा है

(i) ब्रिटेन

(ii) फ्रांस

(iii) अमेरिका

(iv) रूस ।

 

  1. यूरोपीय संघ के प्रमुख अंगों की संख्या है

(i) तीन

(ii) पाँच

(iii) सात

(iv) नौ ।

 

  1. निम्नांकित में से किस देश ने जुलाई 2013 में यूरोपीय संघ की सदस्यता ली थी ?

(i) डेनमार्क

(ii) क्रोएशिया

(iii) पोलैण्ड

(iv) बेल्जियम ।

 

  1. निम्नांकित में से यूरोपीय मौद्रिक संघ की मुद्रा क्या है ?

(i) डालर

(ii) गिल्टर

(iii) मार्क

(iv) यूरो ।

 

  1. यूरोपीय संघ के झण्डे (फ्लेग) में कितने सितारे हैं ?

(i) 10

(ii) 12

(iii) 13

(iv) 15.

 

  1. निम्नांकित में कौन आसियान का सदस्य नहीं है ?

(i) इंडोनेशिया

(ii) सिंगापुर

(iii) श्रीलंका

(iv) फिलीपीन्स ।

 

  1. 8 अगस्त, 1967 को जब आसियान संगठन बना तब उसका उद्देश्य क्या था ?

(i) सदस्य राष्ट्रों के मध्य परस्पर आर्थिक सहयोग

(ii) आस्ट्रेलिया के प्रभाव को रोकना ?

(iii) चीन से लड़ने हेतु राजनीतिक मंच तैयार करना

(iv) पश्चिमी साम्राज्यवाद के बढ़ते प्रभाव को रोकना।

 

  1. आसियान का 35वाँ शिखर सम्मेलन 31 अक्टूबर से 4 नवम्बर, 2019 तक कहाँ हुआ था ?

(i) क्वालालम्पुर (मलेशिया)

(ii) बैंकाक (थाइलैण्ड)

(iii) नाय पी ताव (म्यांमार)

(iv) उक्त में कोई नहीं।

 

  1. 11 नवम्बर, 2020 को आसियान का 37वीं सम्मेलन कहाँ प्रस्तावित है

(i) हनोई ( वियतनाम)

(ii) बैंकाक (थाइलैण्ड)

(iii) नई दिल्ली (भारत)

(iv) वुहान (चीन) ।

 

  1. इनमें से किसने ‘खुलेद्वार’ की नीति अपनाई ?

(i) चीन

(ii) दक्षिण कोरिया

(iii) जापान

(iv) अमेरिका ।

 

उत्तर – 1. (iii), 2. (i), 3. (iii), 4. (ii), 5. (iv), 6. (ii), 7. (iii), 8. (i), 9. (ii), 10. (i). 11. (i) |

 

रिक्त स्थानों की पूर्ति

 

  1. यूरोपीय यूनियन का उदय …………………..के फलस्वरूप हुआ था।
  2. यूरोपीय यूनियन की सन्धि………………..को प्रभावी हुई।
  3. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से औपचारिक रूप से……………………. को अलग हुआ।
  4. यूरोपीय……………….. की स्थापना यूरोपीय आर्थिक एवं सामाजिक समिति के साथ ही हुई।
  5. पाँच देश …………………..के संस्थापक सदस्य हैं।
  6. 1978 में ……………………….’ने चीन में आर्थिक सुधारों तथा खुले द्वार नीति की घोषणा की थी।
  7. 2001 में………………………. विश्व व्यापार संगठन में सम्मिलित हुआ।
  8. चीन की अड़ंगेबाजी की वजह से भारत …………………………….का सदस्य नहीं बन पाया है।
  9. 1962 में भारत और चीन …………………और……………….. को लेकर सीमावर्ती के बीच लड़ाई हुई।
  10. चीन ने 1972 में …………………………के साथ दो तरफा सम्बन्ध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।
  11.  ………………………योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई।
  12. …………………………… आसियान का एक स्तम्भ है, इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले  देखता है।

 

उत्तर- 1. मैस्ट्रिच सन्धि, 21 नवम्बर, 1993, 3.1 फरवरी, 2020, 4. निवेश बैंक, 5. आसियान, 6 देंग श्याओपेंग, 7. चीन, 8. एन. एस.जी., 9. अरुणाचल प्रदेश व लद्दाख, 10. अमेरिका, 11. मार्शल, 12.ARF

 

  • जोड़ी मिलाइए

 

‘क’

 

  1. यूरोपीय यूनियन मुख्यालय
  2. आसियान की स्थापना
  3. आसियान का मुख्यालय
  4. पी. डब्ल्यू.जी.
  5. स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स

 

‘ख’

 

(i) जकार्ता (इण्डोनेशिया)

(ii) प्यूपल्स वार ग्रुप

(iii) ब्रूसेल्स (बेल्जियम)

(iv) चीनी सैन्य एवं वाणिज्यिक संरचना

(v) 8 अगस्त, 1967

 

उत्तर -1. (iii), 2. (v), 3. (i), 4. → (ii), 5. → (iv).

 

एक शब्द / वाक्य में उत्तर

  1. यूरोपीय यूनियन के प्रधान अंग कौन-कौन से हैं ?
  2. यूरोपीय यूनियन के आयोग के 17 सदस्यों को कितनी समयावधि हेतु चुना जाता है ?
  3. यूरोपीय यूनियन की संसद में कुल कितने सदस्य होते हैं ?
  4. ‘द कोर्ट ऑफ जस्टिस’ में कितने न्यायाधीश एवं महाधिवक्ता होते हैं ?
  5. ‘यूरोपीय संघ की परामर्शदात्री संस्था’ आर्थिक एवं सामाजिक समिति में कितने सदस्य होते हैं ?
  6. यूरोपीय यूनियन आयोग के वर्तमान अध्यक्ष का नाम लिखिए।
  7. यूरोपीय यूनियन परिषद् के अध्यक्ष कौन हैं ?
  8. यूरोपीय यूनियन की संसद के अध्यक्ष का नाम बताइए।
  9. आसियान में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मांग कब की थी ?
  10. आसियान के वर्तमान महासचिव का नाम बताइए।
  11. चीन ने भारत पर कब आक्रमण किया ?
  12. भारत-चीन के बीच वास्तविक नियन्त्रण रेखा पर शान्ति स्थापित करने हेतु समझौता कब हुआ ?

 

उत्तर- 1. आयोग, परिषद्, संसद तथा न्यायालय, 2. चार वर्ष, 3751, 4. 15 न्यायाधीश तथा 6 महाधिवक्ता, 5. 222, 6. उरसुला वोन डेन लेयन, 7. चार्ल्स मिशेल बये, 8. डेविड सासोली, 9. जनवरी 1992 में, 10. लिम जॉक होई (ब्रुनेई), 11. सन् 1962 में, 12.7 सितम्बर, 1993 को।

 

सत्य / असत्य

  1. यूरोपीय यूनियन का पूर्व नाम यूरोपीय आर्थिक समुदाय अथवा यूरोपीय साझा बाजार था।
  2. यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के पास अपनी प्रभुसत्ता नहीं है।
  3. यूरोपीय संघ का वास्तविक उद्देश्य सम्पूर्ण यूरोप का एकीकरण करना है।
  4. सन् 2000 तक आसियान के 10 सदस्य राष्ट्र थे।
  5. आसियान महासचिव का पद प्रति दो वर्ष के लिए प्रत्येक सदस्य देश को जाता है।
  6. आसियान का प्रथम शिखर सम्मेलन भारत में हुआ था।
  7. सन् 1965 तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध में चीनी दृष्टिकोण पूर्णतया भारत का समर्थन रहा था।
  8. सर्वप्रथम पंचशील का उल्लेख भारत एवं चीन के मध्य सन् 1956 में हुए समझौते में किया गया।
  9. हमारा देश भारत-चीन के मध्य मैकमोहन रेखा को मानता है।

उत्तर – 1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. सत्य, 6. असत्य, 7. असत्य, 8. असत्य, 9. सत्य।

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. यूरोपीय यूनियन (संघ) क्या है ?

उत्तर- यह यूरोप में स्थित 27 देशों का एक राजनीतिक एवं आर्थिक मंच है जिसमें परस्पर प्रशासनीय साझेदारी है। उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2020 से ब्रिटेन इससे अलग हो गया है।

 

प्रश्न 2. यूरोपीय यूनियन के महत्वपूर्ण संस्थापक कौन-से हैं ?

उत्तर- यूरोपीय यूनियन के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपीय कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद्, यूरोपीय न्यायालय तथा यूरोपीय सेण्ट्रल बैंक इत्यादि सम्मिलित हैं।

 

प्रश्न 3. यूरोपीय संघ के गठन के दो कारण लिखिए।

उत्तर – (1) यूरोप के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने हेतु तथा (2) अमेरिका की आर्थिक शक्ति से प्रतिस्पर्द्धा करने के लिए।

 

प्रश्न 4. यूरोपीय संघ के झण्डे पर बीच में स्वर्ण सितारों का क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- यूरोपीय संघ का झण्डा नीले रंग का आयताकार है जिसके मध्य में 12 स्वर्ण सितारों का घेरा है, जो यूरोपीय लोगों की एकता एवं परस्पर मिलाप का प्रतीक है। सितारों की संख्या वहाँ पारम्परिक दृष्टिकोण से पूर्णता, समग्रता तथा एकता का प्रतीक मानी जाती है।

 

प्रश्न 5. यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन क्या है ?

उत्तर- 1948 में स्थापित यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना अमेरिकी विदेश मन्त्री मार्शल द्वारा प्रस्तुत योजना के आधार पर की गयी थी, जिसका प्रमुख लक्ष्य पश्चिमी यूरोपीय देशों की आर्थिक सहायता करना था।

 

प्रश्न 6. यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय का गठन कब और किस प्रकार किया गया ?

उत्तर- अप्रैल, 1951 में पश्चिमी यूरोप के छः देशों- फ्रांस, इटली, बेल्जियम, नीदरलैण्ड, पश्चिमी जर्मनी तथा लक्जमबर्ग ने पेरिस सन्धि हस्ताक्षरित करके यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय का गठन किया।

 

प्रश्न 7. यूरोपीय संघ के कोई दो उद्देश्य लिखिए।

उत्तर- [लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 4 का उत्तर देखें |

 

प्रश्न 8. यूरोपीय संघ को 2012 में किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया ?

उत्तर- यूरोप में शान्ति एवं सुलह, लोकतन्त्र तथा मानवाधिकारों की प्रगति में अपने योगदान हेतु नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

प्रश्न 9. आसियान का पूरा नाम लिखिए एवं इसके सदस्य देशों की संख्या बताइए।

उत्तर- ऐसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (द. पू. एशियाई राष्ट्रों का समुदाय) । वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या दस है।

 

प्रश्न 10. आसियान की सदस्यता दक्षिण-पूर्वी एशिया के किन राष्ट्रों के लिए खुली हुई है ?

उत्तर- जो देश आसियान के उद्देश्य सिद्धान्त तथा प्रयोजनों में आस्था रखते हैं, उनके

लिए आसियान की सदस्यता के द्वार सदैव खुले हुए हैं।

 

प्रश्न 11. 8 अगस्त, 2020 को 53 वर्ष पूर्ण कर चुके आसियान की प्रमुख नीति निर्मात्री इकाई क्या है ?

उत्तर- राज्याध्यक्षों/राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक आसियान की प्रमुख नीति निर्मात्री इकाई है, जिसकी बैठक प्रत्येक तीन वर्ष के अन्तराल पर होती है।

 

प्रश्न 12. आसियान के प्रतीक चिह्न (झण्डे) के बारे में बताइए।

उत्तर- आसियान के प्रतीक चिह्न (झण्डे) में धान की दस बालियाँ हैं जो दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों की परस्पर मित्रता एवं एकता को दर्शाती हैं। झण्डे में दर्शाया गया वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।

 

प्रश्न 13. चीन ने 1978 में ‘खुले द्वार की नीति’ क्यों अपनायी ?

उत्तर- चीन ने विदेशी पूँजी तथा प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता हासिल करने हेतु तथा बाजार मूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए खुले द्वार की नीति अपनायी।

 

प्रश्न 14. 1978 से पहले तथा बाद में चीनी आर्थिक नीतियों के मध्य किन्हीं दो अन्तरों को लिखिए।

उत्तर- (1) जहाँ 1978 से पूर्व चीन ने राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में एकान्तवास (अकेले रहने) की नीति अपनाई, वहीं 1978 के पश्चात् उसने आर्थिक क्षेत्र में खुले द्वार की नीति का अनुसरण किया। (2) 1978 से पहले चीन में कृषि का निजीकरण नहीं हुआ जबकि 1978 के बाद देश में कृषि का निजीकरण कर दिया गया।

 

प्रश्न 15. चीनी विदेशी व्यापार में वृद्धि (बढ़ोत्तरी) के दो कारण लिखिए। उत्तर- (1) 1978 में चीन के आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति को अपनाया जिससे देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने लगी, तथा (2) चीन ने विदेशी व्यापार को आकर्षित करने हेतु व्यापार के नवीन कानून एवं विशेष आर्थिक पैकेज निर्मित किए, जिससे वह वैश्विक स्तर पर निवेश का सर्वाधिक आकर्षक देश बनकर उभरा।

 

प्रश्न 16. भारत-चीन के मध्य अच्छे सम्बन्ध बनाने हेतु कोई दो सुझाव दीजिए।

उत्तर – ( 1 ) दोनों देशों को विवादित मुद्दों पर परस्पर सहयोग स्थापित करना चाहिए। (2) भारत-चीन के प्रमुख नेताओं को परस्पर एक-दूसरे के देशों की यात्राएँ करके विचारों का आदान प्रदान करना चाहिए।

 

लघु उत्तरीय प्रश्न

 

प्रश्न 1. भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर क्या असर होता है ?

उत्तर- क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर भौगोलिक निकटता का निम्न असर (प्रभाव) होता है

(1) भौगोलिक निकटता के कारण क्षेत्र विशेष के अन्तर्गत आने वाले राष्ट्रों में संगठन की भावना विकसित होती है। (2) भौगोलिक निकटता के कारण सामूहिक सुरक्षा पर अल्पव्यय होता है, जिससे शेष बचने वाली धनराशि का प्रयोग सम्बन्धित देश के विकास पर किया जा सकता है। (3) भौगोलिक निकटता के फलस्वरूप ही परस्पर आपसी मेल-मिलाप एवं आर्थिक सहयोग तथा अन्र्देशीय व्यापार फलता-फूलता है।

 

प्रश्न 2. यूरोपीय संघ के गठन के कोई तीन कारण संक्षेप में लिखिए।

उत्तर- फरवरी, 1992 की मास्ट्रिस्ट सन्धि द्वारा गठित यूरोपीय संघ के गठन के अनेक कारण थे, जिनमें से तीन प्रमुख निम्न प्रकार हैं

(1) दूसरे महायुद्ध की विभीषिका (मार) से त्रस्त एवं पस्त यूरोप के देशों की अर्थव्यवस्था को पुनः गतिशील बनाना जरूरी हो गया था। मसूस की थी,

(2) यूरोप के इन देशों ने सबसे पहले कोयले एवं इस्पात की कमी जिसके फलस्वरूप उनके उद्योग-धन्धे तथा कारखाने बन्दी के कगार पर पहुँच गए। अतः सर्वप्रथम अप्रैल 1951 में यूरोपीय कोयला तथा इस्पात समुदाय गठित किया गया।

( 3 ) इसी प्रकार परमाणु ऊर्जा एवं व्यापार में वृद्धि हेतु यूरोपीय आर्थिक समुदाय तथा यूरोपीय ऊर्जा समुदाय का प्रादुर्भाव हुआ।

 

प्रश्न 3. यूरोपीय संघ की कोई चार विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।

उत्तर- यूरोपीय संघ की चार विशेषताएँ (लक्षण) निम्न प्रकार हैं

(1) दीर्घ समयावधि में निर्मित यूरोपीय संघ ने आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था से परिवर्तित होकर राजनीतिक स्वरूप धारण कर लिया। अब यूरोपीय संघ एक विशाल राष्ट्र की ही भाँति कार्य करने लगा है। हालांकि इसके अलग संविधान बनाए जाने के प्रयास सफल नहीं हो पाए लेकिन इसके बावजूद यूरोपीय संघ का स्वयं का झण्डा, गीत, स्थापना दिवस तथा मुद्रा (यूरो) है।

(2) यूरोपीय संघ द्वारा संयुक्त विदेश एवं सुरक्षा नीति बना ली है। इसने सोवियत गुट से अलग हुए नए देशों को स्वयं के साथ मिलाने का भरसक प्रयास किया है।

(3) जहाँ इसका सदस्य देश फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है, वहीं यूरोपीय संघ के अनेक सदस्य सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों में भी सम्मिलित हैं। इस तथ्य के कारण यह अमेरिका सहित सभी देशों की नीतियों को प्रभावित करने में समर्थ (सक्षम) है।

(4) यूरोपीय संघ का कूटनीतिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा सैनिक प्रभाव अत्यधिक है। 2005 में तो यह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जिसका सकल घरेलू उत्पादन बारह हजार अरब डालर से भी ज्यादा थी। इसकी मुद्रा यूरो ने तो अमेरिकी डालर को पीछे छोड़ दिया था ।

 

प्रश्न 4. यूरोपीय यूनियन के प्रमुख उद्देश्यों को संक्षेप में लिखिए। उत्तर- पच्चीस सदस्यीय यूरोपीय यूनियन के प्रमुख रूप से निम्नलिखित उद्देश्य हैं (1) यूरोपीय राष्ट्रों में एक समान विदेशी तथा सुरक्षा नीति शुरू करना । (2) यूनियन की एक समान नागरिकता की शुरुआत करना । (3) यूरोपीय राष्ट्रों में सामाजिक तथा आर्थिक निकटता में बढ़ोत्तरी करना । (4) न्यायिक एवं आन्तरिक नीतियों में सदस्य राष्ट्रों के बीच उचित तालमेल विकसित करना।

(5) एक आर्थिक तथा मौद्रिक संघ का निर्माण करना, जिससे सदस्य राष्ट्रों में एक मुद्रा का परिचालन किया जा सके। यूरोपीय यूनियन के 15 सदस्य देशों में यूरो साझा मुद्रा के रूप में चल रही है।

 

प्रश्न 5. आसियान संगठन के सम्बन्ध में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर-दक्षिणी पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ जिसे एसियान अथवा आसियान कहा जाता है। 8 अगस्त, 1967 को दक्षिण-पूर्वी एशिया के पाँच देशों- इण्डोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर तथा थाइलैण्ड ने क्षेत्रीय सहयोग के उद्देश्य से आसियान नामक असैनिक संगठन का निर्माण बैंकाक में एक सन्धि पत्र पर हस्ताक्षरित करके किया। इसके बाद ब्रुनेई (1984), वियतनाम (1995). लाओस एवं म्यांमार (1997) तथा कम्बोडिया (1999) को भी इसका सदस्य बनाया गया। इस प्रकार वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 10 है। आसियान का केन्द्रीय सचिवालय जकार्ता (इण्डोनेशिया) में है तथा उसका अध्यक्ष ही महासचिव होता है। महासचिव का पद प्रति दो वर्ष के लिए प्रत्येक देश को जाता है तथा देश के चुनाव का आधार अकारादि क्रम है। सचिवालय के ब्यूरों निदेशकों तथा अन्य पदों की भर्ती 3 वर्ष बाद होती है। अभी तक आसियान के 35 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। आसियान का 35वाँ सम्मेलन बैंकाक (थाइलैण्ड) में 31 अक्टूबर-4 नवम्बर, 2019 को हुआ। वर्तमान में लिम जॉक होई (ब्रुनेई ) आसियान के महासचिव पद पर आसीन हैं।

 

प्रश्न 6. आसियान के स्वरूप एवं उद्देश्य को संक्षेप में समझाकर लिखिए।

उत्तर – आसियान के सभी सदस्य दस राष्ट्रों में विभिन्न भाषा, धर्म, जाति, संस्कृति, खान-पान तथा सहन-सहन इत्यादि वाले देश सम्मिलित हैं। हालांकि आसियान के सदस्य देशों की औपनिवेशिक विरासत, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन मूल्यों में भिन्नता है, लेकिन उनमें कतिपय चुनौतियों का सामना करके बिन्दु पर एकजुटता है। इन देशों के सम्मुख जनसंख्या विस्फोट, निर्धनता, आर्थिक शोषण तथा असुरक्षा इत्यादि की एक जैसी चुनौतियाँ हैं, जिन्होंने इन्हें क्षेत्रीय सहयोग के मार्ग पर चलने हेतु विवश कर

दिया है। आसियान का उद्देश्य इस क्षेत्र में एक साझा बाजार तैयार करना तथा सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है। मुख्य रूप से इसका उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों में राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक इत्यादि क्षेत्रों में परस्पर सहायता करना तथा सामूहिक सहयोग द्वारा विभिन्न सामान्य समस्याओं का समाधान करना है।

 

प्रश्न 7. आसियान विजन 2020 के तत्वों (किन्हीं चार) को संक्षेप में लिखिए।

उत्तर- आसियान विजन 2020 के तत्वों को संक्षेप में निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

(1) वैश्विक समुदायों में आसियान ने अपनी विशिष्ट क्षेत्रीय पहचान बनाई है।

(2) संयुक्त राष्ट्र संघ के एक वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में इसने सुरक्षा, आर्थिक तथा सामाजिक व सांस्कृतिक समुदाय माध्यमों से क्षेत्रीय हितों की सुरक्षा की है।

(3) आसियान आर्थिक शक्ति के दृष्टिकोण से यूरोपीय संघ से काफी आगे निकल गया है।

(4) आसियान शैली ने दक्षिण-पूर्व एशिया के सभी देशों के आपसी विवादों का सर्वमान समाधान किया। वहीं आर्थिक मदद, निवेश, श्रम इत्यादि में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाते हुए क्षेत्रीय राष्ट्रों में अमेरिकी वर्चस्व को भी प्रभावी रूप से कम किया ।

 

प्रश्न 8. चीन द्वारा अपनाई गई नवीन आर्थिक नीतियों के क्या दुष्परिणाम हुए ?

उत्तर- चीन द्वारा अपनाई गई नवीन आर्थिक नीतियों के निम्न दुष्परिणाम हुए (1) देश में हुए नए आर्थिक सुधारों का प्रत्येक चीनी नागरिक को फायदा नहीं मिल पाया। चीन में नई आर्थिक नीति के फलस्वरूप बेरोजगारी में वृद्धि हुई। आँकड़े गवाह हैं कि देश में लगभग दस करोड़ से अधिक लोग रोजगार की तलाश में हैं।

(2) पाश्चात्य देशों अथवा जापान की अपेक्षाकृत करोड़ों चीनी निम्न स्तरीय जीवन जी रहे हैं। देश की उपभोग संस्कृति रूस, अमेरिका, यूरोप तथा जापान इत्यादि से प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर सकती।

(3) चीनी की बदली हुई आर्थिक व्यवस्था ने पर्यावरण को अत्यधिक क्षति ( नुकसान) पहुँचाया है। चीन में जंगल, वन सम्पदा तथा वन्य प्राणियों को काफी हानि पहुँची है तथा देश में जलवायु एवं ध्वनि प्रदूषण निरन्तर बढ़ता ही चला जा रहा है।

(4) चीन में नवीन आर्थिक व्यवस्था के फलस्वरूप भ्रष्टाचार भी बढ़ा है। जैसे-जैसे चीनी शासन उदारीकरण एवं वैश्वीकरण को गति प्रदान करेगा, आर्थिक दोष अर्थात् भ्रष्टाचार बढ़ता ही जाएगा।

 

प्रश्न 9. भारत-चीन मित्रता के रास्ते में कौन-कौन सी रुकावटें हैं ? संक्षेप में लिखिए।

अथवा

भारत-चीन सम्बन्धों में मतभेद के कारण लिखिए।

उत्तर- हालांकि भारत-चीन मित्रता के रास्ते में अनेक रुकावटें हैं, लेकिन उनमें सर्वप्रमुख बाधा पाक-चीन सम्बन्धों को लेकर है। चीन ने जहाँ पाकिस्तान को मिसाइल तकनीक प्रदत्त की, वहीं भारत में दलाई लामा की मौजूदगी एवं उसके कार्यों को चीन ने हमेशा ही सन्देह की दृष्टि से देखा है। चीन ने पाकिस्तान को सिर्फ प्रक्षेपास्त्र ही नहीं दिए, बल्कि गौरी जैसी प्रक्षेपास्त्र को निर्मित करने में प्रत्येक प्रकार की मदद भी दी। मई, 1998 में पाकिस्तान द्वारा जो परमाणु परीक्षण किए गए थे, वे भी चीन की देन कहे जा सकते हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि स्वयं अणु अस्त्रों का विपुल भण्डार रखने वाला चीन, भारत को अणु शक्ति वाला देश बन जाने पर ईर्ष्या करता है। यह उसी का प्रतिफल है कि वह कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन देकर भारत पर दबाव बनाए रखना चाहता है।

 

प्रश्न 10. चीन-भारत के बीच सन् 2013 में सीमा सुरक्षा सहयोग समझौते की चार शर्तें लिखिए।

उत्तर- चीन-भारत सीमा सुरक्षा सहयोग समझौता 2013 की प्रमुख शर्ते निम्न प्रकार (1) 23 अक्टूबर, 2013 को भारत-चीन के मध्य सीमा सुरक्षा सहयोग समझौता की

 

प्रमुख शर्त दोनों देशों की परस्पर विश्वास बहाली के उपायों को लागू करना था।

(2) भारत-चीन अपने-अपने कानूनों तथा प्रासांगिक द्विपक्षीय समझौते के आधार पर सीमा रक्षा सहयोग करेंगे।

(3) भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियन्त्रण रेखा के साथ फ्लैग मीटिंग अथवा बैठकें आयोजित की जाएँगी।

(4) भारत-चीन सीमा पर परामर्श तथा समन्वय हेतु कार्य तन्त्र की वार्षिक बैठकें आयोजित की जाएँगी ।

 

दीर्घ उत्तरीय / विश्लेषणात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. यूरोपीय संघ के राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- यूरोपीय संघ का राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रभाव- यूरोपीय संघ के राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रभाव को संक्षेप में निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता हैं

(1) 2005 में यूरोपीय संघ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। विश्व व्यापार में इसकी सहभागिता संयुक्त राज्य अमेरिका से लगभग तीन गुनी अधिक थी। अपनी इसी मजबूत स्थिति की वजह से यह अमेरिका तथा चीन से व्यापारिक विवादों में पूरी तरह से दादागिरी के साथ वार्ताएँ करता था।

(2) चूँकि यूरोपीय यूनियन (संघ) का सदस्य राष्ट्र फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य तथा अनेक सदस्य सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों में सम्मिलित थे। अत: इस कारण से वह अमेरिका सहित सभी देशों की नीतियों पर किसी न किसी रूप में प्रभाव डालता है। उदाहरणार्थ, ईरान के परमाणु कार्यक्रम से सम्बन्धित अमेरिकी नीति को प्रभावित करना ।

( 3 ) जहाँ तक सैनिक शक्ति का प्रश्न है, तो यूरोपीय संघ के पास संसार की दूसरी सबसे विशाल सेना है जिसका कुल रक्षा बजट अमेरिका के पश्चात् सबसे ज्यादा है। इसी प्रकार अन्तरिक्ष विज्ञान तथा संचार प्रौद्योगिकी में भी यूरोपीय संघ का विश्व में द्वितीय स्थान है।

(4) हालांकि अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में यूरोपीय संघ राजनीतिक एवं सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है लेकिन अनेक मामलों में इसके सदस्य राष्ट्रों की

अपनी-अपनी विदेश एवं रक्षा नीतियाँ हैं जो विभिन्न अवसरों पर परस्पर एक-दूसरे के खिलाफ भी हो सकती हैं। उदाहरणार्थ, इराक पर अमेरिकी हमले में इसके तत्कालीन सदस्य ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री तो उसके साथ थे लेकिन जर्मन तथा फ्रांस इस आक्रमण के विरुद्ध थे।

(5) हालांकि यूरोपीय संघ का एक संविधान निर्मित करने का प्रयास तो सफल नहीं हुआ लेकिन उसका अपना स्वयं का झण्डा, गीत, स्थापना दिवस तथा अपनी मुद्रा ‘यूरो’ है । संघ को 2012 का नोबेल शान्ति पुरस्कार भी मिल चुका है।

 

प्रश्न 2. आसियान का गठन लिखते हुए उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।

उत्तर

आसियान का गठन 8 अगस्त, 1967 को बैंकाक में स्थापित ‘दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का समुदाय’ (आसियान) संगठन को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

(1) सदस्य राष्ट्रों के अध्यक्षकों की शिखर बैठक- यह आसियान की प्रमुख नीति निर्मात्री इकाई है, जिसकी बैठक प्रत्येक 3 वर्ष पर होती है।

(2) आसियान के सदस्य राष्ट्रों की बैठक- यह इस समुदाय की महत्वपूर्ण संस्था है जो निर्धारित नीतिगत मुद्दों को शिखर बैठक में स्वीकृति प्रदान करती है। इसकी बैठक प्रत्येक वर्ष क्रमानुसार सदस्य राष्ट्रों के यहाँ आयोजित होती है।

(3) आर्थिक बैठक- आसियान की इस महत्वपूर्ण इकाई में सदस्य राष्ट्रों के वित्तमन्त्री सम्मिलित होते हैं, जो बैठकों के दौरान सदस्य राष्ट्रों के मध्य आर्थिक सहयोग की दशाओं निर्धारित करते हैं।

(4) स्थायी समिति – आसियान के इस अंग में सदस्य राष्ट्रों के विदेश मन्त्री आते हैं जो विशिष्ट उद्देश्यों हेतु गठित क्षेत्रीय समितियों के कार्यों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन करते हैं। (5) सचिवालय – आसियान के प्रत्येक सदस्य राष्ट्र में इसका स्थानीय सचिवालय है। में आसियान का सचिवालय जकार्ता (इण्डोनेशिया) में है और इसके प्रधान को महासचिव नाम से जाना जाता है। वर्तमान में लिम जॉक होई (ब्रुनेई) इसके महासचिव हैं। आसियान के उद्देश्य-आसियान के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं

(1) क्षेत्र की आर्थिक संवृद्धि, सामाजिक प्रगति तथा सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा प्रदान करना।

(2) क्षेत्रीय शान्ति एवं स्थिरता को प्रोत्साहन देना।

(3) सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक क्षेत्र में एक समान हित के मुद्दों पर सक्रिय सहयोग को बढ़ाना।

(4) कृषि एवं उद्योग के विकास हेतु अधिक सक्रिय सहयोग प्रदान करना । (5) सदस्य राष्ट्रों के नागरिकों को प्रशिक्षण देकर सहयोग देते हुए अन्य क्षेत्रीय सहयोगी संगठनों से परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध विकसित करना ।

 

प्रश्न 3. चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने तर्कों से अपने विचारों को पुष्ट करें।

उत्तर- निःसन्देह चीन और भारत ऐसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएँ हैं, जो मौजूदा एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता रखती हैं। हम इस बात को निम्न तर्कों द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं

(1) चीन एवं भारत की विकसित होती अर्थव्यवस्था उदारीकरण, वैश्वीकरण तथा मुक्त व्यापार नीति की समर्थक है, जो बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को आकर्षित करके तथा उनको विविध सुविधाएँ देकर अपने देश की ओर मोड़ने की क्षमता रखती हैं। इस कृत्य से आर्थिक विकास की गति को पंख लग सकते हैं।

( 2 ) चीन और भारत वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति कर चुके हैं तथा ये अमेरिका को अपने शक्ति प्रदर्शन से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

(3) चीन एवं भारत के दौत्य सम्बन्ध एवं परस्पर सहयोग अमेरिका को चुनौती देते हुए एक ध्रुवीय व्यवस्था के समक्ष कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।

(4) चीन एवं भारत दोनों ही शिव की विशाल जनसंख्या वाले देश हैं, जो पश्चात्य जगत को भारी संख्या में श्रमिक तथा उनकी प्रतिभा उपलब्ध कराकर बाजार के सहायक हैं।

(5) चीन तथा भारत आतंक को उखाड़ फेंकने के लिए परस्पर सहयोग देकर, तस्करी रोकने तथा नशीली दवाओं के उत्पादन पर रोक आदि में अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करके विश्व व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं।

 

प्रश्न 4. भारत-चीन सम्बन्धों को अधिक मधुर बनाने हेतु आप क्या परामर्श देंगे ? उत्तर – भारत-चीन सम्बन्धों की मधुरता हेतु सुझाव चीन के साथ भारत के सम्बन्धों को मधुर अथवा बेहतर बनाने के लिए निम्न सुझाव अमल में लाए जाने चाहिए

(1) सांस्कृतिक सम्बन्धों का निर्माण- भारत तथा चीन के बीच सांस्कृतिक सम्बन्धों को और अधिक सुदृढ़ किया जाना चाहिए। इसके लिए दोनों देशों की भाषा एवं साहित्य का परस्पर आदान-प्रदान किया जाए।

(2) व्यापारिक सम्बन्ध- भारत तथा चीन दोनों को ही अपनी प्रौद्योगिकी का परस्पर हस्तान्तरण करना चाहिए। विभिन्न वस्तुओं तथा कम्प्यूटर इत्यादि के आदान प्रदान से दोनों ही राष्ट्रों के आन्तरिक व्यापार को बढ़ाया जा सकता है।

(3) पर्यावरण सुरक्षा समस्या का समाधान-भारत एवं चीन परस्पर पर्यावरण सुरक्षा की समस्या का संयुक्त रूप से हल ढूंढ़े सकते हैं तथा एक-दूसरे के देश में प्रदूषण फैलाने वाली समस्या को दूर करने में भी सहयोगी बन सकते हैं।

(4) नेतृत्वकर्त्ताओं की परस्पर देशों की यात्राएँ – भारत चीन के नेतृत्वकर्त्ताओं की एक-दूसरे के देशों की यात्राएँ होती रहनी चाहिए जिससे वे परस्पर अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें। इन यात्राओं के फलस्वरूप सद्भावना एवं सहयोग की भावना उत्पन्न होंगी।

(5) विविध क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण वातावरण- भारत तथा चीन तिब्बत शरणार्थियों तथा वहाँ से जुड़ी समस्याओं, ताइवान समस्या तथा संचार साधनों के सहयोग इत्यादि से एक मैत्रीपूर्ण वातावरण निर्मित कर सम्बन्धों को और अधिक ऊँचाई पर ले जा सकते हैं।

(6) आतंकवाद पर प्रभावी अंकुश- भारत तथा चीन आतंकवाद को समाप्त करने में परस्पर एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। यदि चीन आतंकवादियों को शरण देने वाले देशों पर दबाव डालने लगेगा तो भारत में प्रायोजित आतंकवाद पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।

 

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