MP Board Class 12th Political Science (राजनीति शास्त्र) chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया [Contemporary South Asia] important Questions in Hindi Medium
अध्याय 5 समकालीन दक्षिण एशिया [Contemporary South Asia]
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
- निम्नांकित में दक्षिण एशियाई देश नहीं है
(i) भारत
(ii) थाइलैण्ड
(iii) मालदीव
(iv) पाकिस्तान
- निम्नांकित में किस दक्षिण एशियाई देश में सर्वप्रथम सैनिक शासन स्थापित हुआ था ?
(i) नेपाल
(ii) भुटान
(iii) पाकिस्तान
(iv) श्रीलंका ।
- निम्नांकित में किस दक्षिण एशियाई देश ने सबसे पहले अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया था ?
(i) श्रीलंका
(ii) भारत
(iii) बांग्लादेश
(iv) नेपाल ।
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) की स्थापना हुई थी
(i) 8 अगस्त 1990 को
(ii) 7 मई, 1989 को
(iii) 7-8 दिसम्बर, 1985 को
(iv) 8 जून, 1997 को।
- निम्नांकित में कौन-सा देश सार्क (दक्षेस) का सदस्य नहीं है ?
(i) चीन
(ii) भारत
(iii) पाकिस्तान
(iv) श्रीलंका ।
- ‘साफ्टा’ सम्बन्धित है
(i) आसियान से
(ii) दक्षेस (सार्क) से
(iii) ओपेक से
(iv) हिमवेक्ष से।
- ‘ऑपरेशन विजय’ सम्बन्धित है
(i) भारत-पाक युद्ध 1965 से
(ii) बांग्लादेश संकट 1971 से
(iii) कारगिल युद्ध 1999 से
(iv) भारत-चीन युद्ध 1962 से।
- ‘कच्छ टीवू’ विवाद सम्बन्धित था
(i) भारत श्रीलंका से
(ii) भारत-बांग्लादेश से
(iii) भारत नेपाल से
(iv) भारत-पाकिस्तान से।
- ऐतिहासिक राजीव-जयवर्धने समझौता कब सम्पन्न हुआ ?
(i) 29 जुलाई, 1987 को
(ii) 19 अगस्त, 1988 को
(iii) 13 नवम्बर, 1988 को
(iv) 29 जनवरी, 1989 को।
- भारत-बांग्लादेश के मध्य 30 वर्षीय गंगाजल बँटवारा समझौता कब हुआ ?
(i) जुलाई 1987 में
(ii) दिसम्बर 1996 में
(iii) फरवरी 2006 में
(iv) अगस्त 2008 में।
उत्तर- 1. (ii) 2. (iii), 3. (i), 4. (iii), 5. (i), 6. (ii) 7. (iii), 8. (i) 9. (i). 10. (ii).
- रिक्त स्थानों की पूर्ति
- ………………………..में भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ।
- बांग्लादेश एक स्वतन्त्र राष्ट्र………………………….में बना।
- फरक्का समस्या तथा तीन बीघा गलियारा का सम्बन्ध…………………..से है ।
- चकमा शरणार्थियों की समस्या……………………………..के बीच है।
- भारत तथा नेपाल के बीच महाकालि सन्धि…………………..में हुई।
- प्राचीन काल में………………………..का नाम गंधार था।
- सार्क का मुख्यालय …………………..में है।
- सार्क संगठन में सदस्य राष्ट्रों की संख्या…………………………….है।
- सार्क के प्रमुख सिद्धान्तों का उल्लेख इसके चार्टर के……………………..में किया गया है।
- सार्क का 19वाँ शिखर सम्मेलन जो रद्द हो गया……………………में होने वाला था।
उत्तर – 1. जुलाई, 1972, 2. 1971, 3. बांग्लादेश, 4. भारत एवं बांग्लादेश,5. 1996, 6. अफगानिस्तान, 7. काठमाण्डू (नेपाल), 8. आठ, 9. अनुच्छेद 2. 10. इस्लामाबाद (पाकिस्तान) ।
- जोड़ी मिलाइए
“क”
- सार्क का प्रथम शिखा सम्मेलन
- सार्क के प्रथम महासचिव
- तीस्ता जल समझौता
- एक हिन्दू राज्य
- ताशकन्द समझौता
‘ख’
(i) नेपाल
(ii) ढाका
(iii) 10 जनवरी, 1966
(iv) अब्दुल हसन (बांग्लादेश)
(v) भारत-बांग्लादेश
उत्तर – 1. (ii), 2. → (iv), 3. (v), 4. (i), 5. → (iii).
- एक शब्द / वाक्य में उत्तर
- सियाचिन समस्या का सम्बन्ध किन देशों से है ?
- भारत-पाक सम्बन्ध शुरू से किससे ग्रस्त रहे हैं ?
- जवाहरलाल नेहरू कोटलेवाला समझौता किस वर्ष हुआ था ?
- भारत द्वारा शान्ति सेना किस देश में भेजी गई ?
- लिट्टे का पूरा नाम लिखिए।
- कच्छ तीवू कहाँ स्थित है ?
- दक्षेस (सार्क) का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर- 1. भारत तथा पाकिस्तान, 2. सन्देह की राजनीति, 3 1954 में, 4. श्रीलंका, 5. लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम, 6. भारत एवं श्रीलंका के समुद्री तटों के मध्य पाक जलडमरू मध्य में स्थित हैं, 7. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन) ।
सत्य/असत्य
- सभी दक्षिण एशियाई देशों में सदैव लोकतान्त्रिक व्यवस्था रही है।
- भारत दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा देश है।
- 1960 में नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना हुई।
- श्रीलंका के तमिल उग्रवादियों की अलग राज्य की मांग उचित थी।
- भारत एवं भूटान के लोगों को एक-दूसरे के यहाँ जाने हेतु वीजा लेना पड़ता है।
- सार्क के पाँच सदस्य राष्ट्र हैं।
- सार्क का प्रथम शिखर सम्मेलन 1985 में हुआ था।
उत्तर – 1. असत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. असत्य, 6. असत्य, 7. सत्य।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. शिमला समझौता किनके मध्य हुआ ? कोई दो शर्तें लिखिए।
उत्तर- भारत-पाक के मध्य श्रीमती इन्दिरा गाँधी तथा भुट्टो ने 2 जुलाई, 1972 को शिमला समझौता किया। समझौते की दो शर्तें थीं- (1) द्विपक्षीय विवाद में तीसरे का हस्तक्षेप नहीं होगा, (2) कश्मीर प्रकरण को क्षेत्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर नहीं उठाया जाएगा।
प्रश्न 2. ताशकन्द समझौता किनके मध्य हुआ ? कोई दो शर्तें लिखिए।
उत्तर – ताशकन्द समझौता लाल बहादुर शास्त्री तथा अयूब खाँ के बीच हुआ। समझौते की दो शर्तें थीं-(1) दोनों देश अच्छे पड़ौसी का सम्बन्ध विकसित करने का प्रयास करेंगे तथा (2) दोनों देश परस्पर एक-दूसरे के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
प्रश्न 3. आपरेशन विजय क्या था ?
उत्तर- कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ बाहर करने हेतु भारतीय सैन्य बलों द्वारा चलाए गए अभियान को ‘आपरेशन विजय’ का नाम दिया गया जिसमें ल पचास अरब रुपए व्यय हुए।
प्रश्न 4. कारगिल युद्ध के परिणाम लिखिए।
उत्तर-कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने द्रास तथा बटालिक पहाड़ियों पर आप कब्जा जमा लिया था लेकिन भारतीय सैन्य बलों ने ‘आपरेशन विजय’ द्वारा लगभग दो माह के सीमित संघर्ष में पाक घुसपैठियों को खदेड़ बाहर किया।
प्रश्न 5. भारत श्रीलंका में मतभेद के दो कारण लिखिए।
उत्तर- [लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या 6 का उत्तर देखें |
प्रश्न 6. भारत द्वारा बांग्लादेश को कब मान्यता दी गयी ?
उत्तर-7 दिसम्बर, 1971।
प्रश्न 7. नेपाल कहाँ स्थित है ? यहाँ पर लोकतन्त्र की स्थापना कब हुई ? लिखिए।
उत्तर- नेपाल हिमालय में बसा देश है। यहाँ लोकतन्त्र की स्थापना 1950 में हुई।
प्रश्न 8. कश्मीर की सीमा किन-किन देशों से लगी है ?
उत्तर- कश्मीर की सीमाएँ पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन तथा तुर्किस्तान आदि देशों से लगी हुई हैं।
प्रश्न 9. सार्क (दक्षेस) आसियान जैसी प्रगति नहीं कर सका, आपके दृष्टिकोण में इसका क्या कारण है ?
उत्तर- सार्क (दक्षेस) आसियान जैसे संगठन के बराबर प्रगति न कर सका इस प्रमुख कारण इसके सदस्य राष्ट्रों के मध्य विद्यमान राजनीतिक मतभेद हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. “दक्षिण एशियाई देशों में एक ही राजनीतिक प्रणाली नहीं है।” संय में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों में एक ही राजनीतिक प्रणाली नहीं है, इस को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है (1) दक्षिण एशिया के दो देशों- भारत एवं श्रीलंका में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक स्थापित है।
(2) इसी प्रकार दो अन्य दक्षिण एशियाई देशों पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में लोकतान्त्रिक और सैनिक दोनों ही प्रकार की शासन व्यवस्थाएँ समय-समय पर बदलती रही हैं। वर्तमान में वहाँ लोकतान्त्रिक सरकारें स्थापित हैं।
(3) 2006 तक नेपाल में संवैधानिक राजतन्त्र था और अप्रैल 2006 में एक सफल जनविद्रोह से वहाँ लोकतन्त्र की स्थापना हुई है।
(4) भूटान में राजतन्त्र स्थापित था लेकिन यहाँ के राजा ने वहाँ बहुदलीय लोकन स्थापित करने की योजना को कार्य रूप दिया जिसके फलस्वरूप वहाँ राजशाही का अन्त होकर लोकतान्त्रिक शासन हो गया।
(5) 1968 तक मालदीव में सल्तनत शासन था तत्पश्चात् यह देश एक गणतन्त्र बना तथा यहाँ अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को स्वीकार किया गया।
प्रश्न 2. दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शान्ति एवं सहयोग को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है ?
उत्तर-दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शान्ति एवं सहयोग को निम्न उपायों द्वारा बढ़ाया जा (1) अनेक दक्षिण एशियाई देशों में राजनीतिक अस्थिरता है। अत: वहाँ राजनीतिक सकता है स्थिरता बनाए रखने की जरूरत है।
(2) दक्षिण एशियाई क्षेत्र आज आतंकवाद जैसी चुनौती का सामना कर रहा है। अतः आतंकवाद को समूल नष्ट किए जाने की आवश्यकता है।
( 3 ) इस क्षेत्र विशेष में गरीबी एवं बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अतः दक्षिण एशियाई क्षेत्र में गरीबी एवं बेरोजगारी को समाप्त करने हेतु कारगर कदम उठाए जाने चाहिए।
(4) दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों को अपनी समस्याएँ परस्पर मिल जुलकर हल करनी चाहिए। उन्हें दक्षेस अथवा सार्क के माध्यम से परस्पर सहयोग को और अधिक बढ़ाना चाहिए।
प्रश्न 3. दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत् हैं
(1) दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव तथा श्रीलंका सम्मिलित हैं। कभी-कभी अफगानिस्तान तथा म्यांमार को भी इसी क्षेत्र में शामिल किया जाता है। हालांकि चीन इस क्षेत्र का एक प्रमुख देश है तथापि इसको दक्षिण एशिया का हिस्सा नहीं माना जाता।
(2) दक्षिण एशिया एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ सद्भाव व शत्रुता, आशा एवं निराशा तथा पारस्परिक शंका एवं विश्वास साथ-साथ विद्यमान हैं।
(3) विविधताओं से परिपूर्ण इस क्षेत्र के उत्तर में विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखला, दक्षिण में हिन्द महासागर, पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी इसे एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र बनाते हैं।
(4) दक्षिण एशियाई क्षेत्र की भौगोलिक विशिष्टता ही इस उपमहाद्वीपीय क्षेत्र की भाषायी, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनूठेपन का परिचायक है।
प्रश्न 4. पाकिस्तान के लोकतन्त्रीकरण में कौन-कौन-सी कठिनाइयाँ हैं ?
उत्तर – पाकिस्तान के लोकतन्त्रीकरण में मुख्यतया निम्न कठिनाइयाँ विद्यमान हैं
(1) पाक में हमेशा सेना का प्रभुत्व रहा और वहाँ जितने भी शासक हुए उन्होंने लोकतन्त्र के नाम पर सैन्य बलों के माध्यम से सत्ता हथियाई पाक जनसाधारण सैन्य शासन का समर्थन इस वजह से करता है, क्योंकि उनकी सोच है कि इससे पाकिस्तानी सुरक्षा पर कोई संकट नहीं आएगा।
(2) पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक शासन की स्थापना के लिए अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन भी नहीं मिल सका, अतः वहाँ सैन्य बलों को अपना प्रभुत्व कायम करने हेतु बढ़ावा मिला। (3) पाकिस्तानी समाज में धर्म गुरुओं, भू-स्वामी अभिजनों का अत्यधिक प्रभाव है जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तानी लोग सैन्य शासन को ही अपने लिए ठीक मानते हैं।
प्रश्न 5. भारत-पाकिस्तान सम्बन्धों में सुधार के लिए आप क्या सुझाव (परामर्श) देंगे ?
उत्तर – भारत-पाकिस्तान सम्बन्धों में सुधार के लिए दोनों देशों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पाकिस्तान में किसी भी बात पर सरलतापूर्वक विश्वास करना उचित न होगा। पाकिस्तानी शासकों की यह सोच है कि भारत के साथ तनावपूर्ण सम्बन्धों को बनाए रखने में उनका तथा देश का हित है। हालांकि पाकिस्तानी जनता भारत से युद्ध करना नहीं चाहती है। असल में पाक शासक अपनी बुनियादी शक्ति सेना द्वारा अपना दमखम बनाए रखना चाहते हैं। पाकिस्तान की फौजी ताकत यह भली भाँति जानती है कि यदि भारत के साथ उसके सम्बन्ध सामान्य हो गए, तो वह अप्रासंगिक हो जाएगी। दोनों देशों में सम्बन्धों को सुधारने हेतु पाक को अपनी इस मानसिकता का परित्याग करना पड़ेगा। विवादित विषयों पर परस्पर वार्ताओं द्वारा सम्बन्धों को सुधारा जा सकता है।
प्रश्न 6. भारत श्रीलंका मतभेद के कोई चार कारण लिखिए।
उत्तर
भारत-श्रीलंका मतभेद के कारण भारत तथा श्रीलंका के मध्य मतभेद के चार प्रमुख कारण निम्नवत् हैं
(1) नागरिकता सम्बन्धी मतभेद – भारतीय मूल के तमिलों का नागरिकता सम्बन्धी विवाद भारत तथा श्रीलंका के बीच मतभेद का प्रमुख कारण बना हुआ है।
(2) सीमा निर्धारण सम्बन्धी मतभेद – भारत-श्रीलंका के मध्य समुद्री सीमा निर्धारण की समस्या की वजह से भी दोनों देशों में समय-समय पर मतभेद उभरता रहा है।
(3) महासागरीय मतभेद – हिन्द महासागर के नियन्त्रण की समस्या को लेकर भी भारत श्रीलंका में प्रमुख मतभेद हैं।
(4) टापू सम्बन्धी मतभेद – भारत-श्रीलंका के मध्य कच्छटीबू टापू का मसला भी परस्पर मतभेद की प्रमुख वजह रही है।
प्रश्न 7. बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- 1971 में अपने निर्माण से पूर्व बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था। सर्वविदित है कि भारत की सहानुभूति तथा सहयोग से बांग्लादेश का निर्माण सम्भव हो पाया था। बांग्लादेश के निर्माण के बाद से ही उसकी सीमा से लगने वाले भारतीय राज्यों में पिछले 38 वर्षों से बांग्लादेशी अनधिकृत रूप में प्रवेश करते चले जा रहे हैं। इन घुसपैठियों का भारत आगमन अभी भी निरन्तर जारी है। चूँकि बांग्लादेश की सरकार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानती। अतः वह इन लोगों को अपने देश में आने की स्वीकृति नहीं दे रही थी। भारी संख्या में भारत आए इन शरणार्थियों से हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा। इस समस्या ने भारत-बांग्लादेश सम्बन्धों को भी प्रभावित किया। हालांकि बांग्लादेश की सरकार ने इन शरणार्थियों को वापस लेने का भारत से वायदा किया है लेकिन भय के कारण ये शरणार्थी बांग्लादेश नहीं जाना चाहते हैं।
प्रश्न 8. विभेदों के बावजूद भारत एवं बांग्लादेश किन-किन मुद्दों पर परस्पर सहयोग करते हैं ?
उत्तर- भारत तथा बांग्लादेश निम्नलिखित मुद्दों पर परस्पर सहयोग करते हैं (1) पिछले कुछ वर्षों से भारत तथा बांग्लादेश के बीच आर्थिक सम्बन्धों में मजबूती आई है।
(2) भारत की ‘पूरब चलो’ नीति का बांग्लादेश एक हिस्सा है। इस नीति के अन्तर्गत म्यांमार के माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशिया में सम्पर्क स्थापित करना है।
(3) आपदा प्रबन्धन एवं पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों पर भी भारत-बांग्लादेश परस्पर मिल-जुल कर लगातार सहयोग कर रहे हैं।
(4) दोनों ही देश संयुक्त खतरों की पहचान करके परस्पर एक-दूसरे की आवश्यकताओं के प्रति पहले की अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील होकर असहयोग कर रहे हैं।
प्रश्न 9. महाकाली सन्धि क्या थी ?
उत्तर- महाकाली सन्धि 6 फरवरी, 1996 को तत्कालीन भारत एवं नेपाल के प्रधानमन्त्रियों के मध्य हुई। इस समझौते द्वारा दो हजार मेगावाट शक्ति के पंचमेश्वर हाइड्रोइलैक्ट्रिक प्रोजेक्ट को आठ वर्षों की समयावधि में बनाने और सहारा एवं तनकपुर जल भण्डारों को विकसित करने पर सहमति हुई। पंचमेश्वर प्रोजेक्ट पर भारत एवं नेपाल द्वारा संयुक्त तथा एकसमान ₹20 हजार करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया। सन्धि के अनुसार नेपाल को मानसून में एक हजार क्यूसेक जल तथा शेष मौसम में तीन सौ क्यूसेक जल तनकपुर से देना तथा निरन्तर 70 मिलियन किलोवाट विद्युत् आपूर्ति निःशुल्क देना सम्मिलित थी। उक्त सन्धि में भारत-नेपाल द्वारा ‘महाकाली नदी आयोग’ की स्थापना करने का भी फैसला दिया गया।
प्रश्न 10. भारत के लिए नेपाल का क्या राजनीतिक महत्व है ?
उत्तर भारत के पड़ोसी देश नेपाल की संस्कृति लगभग हमारे ही समान है। नेपाल भारत तथा तिब्बत के बीच स्थित है। अतः तिब्बत पर चीन के आधिपत्य के पश्चात् यह देश भारत एवं चीन के बीच अवरोधक राज्य अर्थात् बफर स्टेट का कार्य करता है। चीन द्वारा तिब्बत पर अधिकार के पश्चात् नेपाल का राजनीतिक महत्त्व भारत के लिए काफी बढ़ गया है। उत्तर में भारत की सुरक्षा पर्याप्त सीमा तक नेपाल की सुरक्षा पर ही निर्भर करती है। अक्टूबर 1956 में तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा था, “नेपाल की शान्ति एवं सुरक्षा हेतु कोई भी खतरा भारतीय शान्ति तथा सुरक्षा के लिए खतरा है। नेपाल के मित्र हमारे मित्र तथा उसके शत्रु हमारे भी दुश्मन हैं।”
दीर्घ उत्तरीय / विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. ताशकंद समझौते के मुख्य प्रावधान क्या थे ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- ताशकंद समझौते के मुख्य प्रावधान ताशकंद समझौते के मुख्य प्रावधानों को संक्षेप में निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
(1) दोनों पक्ष इस बात का प्रयास करेंगे कि उनके बीच अच्छे पड़ोसियों के सम्बन्ध विकसित हों। वे अपने आपसी विवादों को शान्तिपूर्ण तरीके से हल करेंगे तथा बल प्रयोग की मदद नहीं लेंगे।
(2) दोनों पक्ष युद्ध विराम की शर्तों का परिपालन करेंगे तथा उनके सभी हथियारबन्द सैनिक 5 अगस्त, 1965 के पूर्व के स्थान पर वापस चले जाएँगे।
(3) दोनों पक्ष परस्पर एक-दूसरे के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप न करते हुए मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ाने वाले प्रचार को प्रोत्साहित करेंगे।
(4) दोनों देशों के बीच राजनीतिक सम्बन्धों को पुनः बहाल करते हुए आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्धों को समान्य रूप से फिर से स्थापित किया जाएगा।
(5) दोनों देश युद्ध बन्दियों को प्रत्यावर्तित करते हुए एक-दूसरे की हस्तगत की गई सम्पत्ति की वापसी पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
प्रश्न 2. भारत-पाक सम्बन्धों की समस्याओं की विवेचना कीजिए। अथवा भारत-पाक सम्बन्धों में मतभेद के कारण लिखिए।
उत्तर- भारत-पाक सम्बन्धों की समस्याएँ भारत तथा पाकिस्तान के सम्बन्धों को मधुरता प्रदान करने के रास्ते में निम्नलिखित समस्याएँ विद्यमान हैं हुआ
(1) कश्मीर समस्या – भारत-पाक सम्बन्धों में कश्मीर प्रकरण को लेकर मतभेद बना है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन पाकिस्तान ने कश्मीर के कुछ भाग पर अपना अधिकार जमा रखा है तथा शेष कश्मीर को भी वह हड़पना चाहता है।
(2) आतंकवाद को प्रोत्साहन-पाकिस्तान ने भारत में आतंकवाद को प्रोत्साहन दिया है। वह प्रतिशक्षित आतंकवादियों को भारत भेजकर हमारे देश में अशान्ति फैलाने का प्रत्येक सम्भव एवं असम्भव प्रयास करता है।
(3) बांग्लादेश – बांग्लादेश पूर्व में पाकिस्तान का हिस्सा था, लेकिन वहाँ पर पाकिस्तान से अलग होने हेतु संघर्ष हुआ, जिसमें भारत द्वारा उसकी मदद की गयी तथा उसके फलस्वरूप बांग्लादेश नाम के नए राष्ट्र का उदय हुआ। पाकिस्तान की सोच है कि भारत ने पाकिस्तान को खण्डित कराने का कार्य किया है।
(4) स्वयं को मुस्लिमों का एकमात्र प्रतिनिधि मानना- पाकिस्तान स्वयं को कश्मीर सहित सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों का एकमात्र प्रतिनिधि मानता है। उसकी यह
सोच भारत में घटित सामान्य सी घटना को भी साम्प्रदायिक स्वरूप दे देती है। इससे दोनों देशों के सम्बन्धों में कटुता आती है।
(5) पाक की दोहरी कूटनीति-पाकिस्तान दिखावे के तौर पर तो भारत से सम्बन्ध सुधारना चाहता है, लेकिन वास्तव में वह भारत से दौत्य सम्बन्ध नहीं चाहता। उसकी यह दोहरी कूटनीति दोनों देशों के सम्बन्धों में जहर घोलती रहती है।
प्रश्न 3. भारत एवं बांग्लादेश के बीच तनाव के कारणों को लिखिए।
उत्तर
भारत-बांग्लादेश तनाव के कारण हालांकि बांग्लादेश के निर्माण में भारत की निर्णायक भूमिका थी लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों में विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव है। संक्षेप में, दोनों देशों में तनाव के कारणों को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
( 1 ) बांग्लादेश के हिन्दू एवं बिहारी मुसलमान अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अवैध रूप से भारत के सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ करते रहते हैं जिसमें दोनों देशों के सम्बन्ध में तनाव व्याप्त होता है।
(2) भारत-बांग्लादेश के मध्य मुहरी नदी विवाद ने भी परस्पर दोनों राष्ट्रों के सम्बन्धों में खटास पैदा की थी।
(3) नवमूर द्वीप विवाद भी भारत बांग्लादेश सम्बन्धों में तनाव का एक कारक रहा है।
(4) हालांकि चकमा शरणार्थियों को वापस बांग्लादेश भेजने के लिए दोनों देशों के बीच 9 मार्च, 1997 को एक समझौता किया जा चुका है, लेकिन अभी भी यह दोनों देशों के बीच तनाव पैदा करने वाला कारण बना हुआ है।
(5) इस्लामिक होने के कारण बांग्लादेश का पाकिस्तान की ओर झुकाव है। उसके द्वारा आतंकवाद को गुप्त तरीके से समर्थन देने के कारण दोनों देशों के सम्बन्ध तनावपूर्ण हुए हैं।
प्रश्न 4. दक्षिण एशिया की शान्ति एवं सहयोग में सार्क का क्या योगदान है ?
उत्तर-दक्षिण एशिया शान्ति एवं सहयोग में सार्क का योगदान सार्क (दक्षेस) की स्थापना के साथ ही दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग की प्रक्रिया की शुरुआत हुई तथा सदस्य राष्ट्रों ने परस्पर सहयोग का संकल्प लिया। दक्षिण एशिया की शान्ति एवं सहयोग में सार्क (दक्षेस) के योगदान को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है
(1) सार्क ने अपने आठों सदस्यों को परस्पर पास लाने का कार्य किया जिससे उनमें आपसी तनाव घटा। सार्क के सहयोग से ही भारत पाकिस्तान के बीच कटुता कम हुई तथा दोनों ही देश युद्ध के जोखिम कम करने हेतु परस्पर विश्वास करने पर सहमत हुए।
(2) सार्क की वजह से क्षेत्र के देशों की कुछ ही अन्तराल पर परस्पर बैठकें आयोजित की जाती हैं जिससे उनके मध्य उत्पन्न होने वाले छोटे छोटे मतभेद सरलतापूर्वक सुलझ जाते हैं। (3) सार्क के माध्यम से दक्षिण एशियाई देशों ने अपने आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु सामूहिक आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जिसके फलस्वरूप क्षेत्र में विदेशी शक्तियों का प्रभाव कम हुआ।
(4) सार्क ने एक संरक्षित अन्न भण्डार की स्थापना की, जो दक्षिण एशियाई देशों में आत्म निर्भरता की भावना के प्रबल होने का परिचायक है।
(5) 2004 में सार्क सदस्यों ने ‘दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौता’ (साफ्ट) हस्ताक्षरित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया। यदि समस्त दक्षिण एशियाई देश अपनी सीम रेखा से बाहर मुक्त व्यापार करेंगे तो क्षेत्र में शान्ति एवं सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। उल्लेखनीय है कि यह समझौता । जनवरी, 2006 से प्रभावी हो चुका है। इससे भारत सहित सभी दक्षिण एशियाई देशों को लाभ हुआ तथा क्षेत्र में मुक्त व्यापार बढ़ने से राजनीतिक मामलों पर सहयोग में भी बढ़ोत्तरी हुई।
प्रश्न 5. दक्षिण एशिया के देश भारत को एक बाहुबली समझते हैं, जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना दबदबा जमाना चाहता है और उसके अन्दरूनी मामलों में दखल देता है। इन देशों की ऐसी सोच के लिए कौन-कौन सी बातें जिम्मेदार हैं ?
उत्तर-दक्षिण एशियाई देशों का यह सोचना कि भारत उन पर अपना दबदबा स्थापित करना चाहता है, यह मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित प्रतीत होता है। उनकी मान्यता है कि भारत उनके आन्तरिक मामलों में दखल देता है। उदाहरणार्थ, नेपाल को प्रतीत होता है कि भारत उनको अपने भू-क्षेत्र से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है। इसी प्रकार बांग्लादेश की मान्यता है कि भारत सरकार नदी जल में भागीदारी के प्रश्न पर क्षेत्रीय बाहुबली की तरह व्यवहार करती है। दक्षिण एशिया के छोटे देशों की ऐसी सोच के लिए मुख्यतया निम्न बातें अथवा घट जिम्मेदार हैं
(1) भारत का आकार अन्य दक्षिण एशियाई देशों की अपेक्षाकृत अत्यधिक विशाल है
(2) दक्षिण एशियाई छोटे देशों की तुलना में भारत अत्यधिक शक्ति सम्पन्न तथा प्रभाव पूर्ण है।
(3) भारत यह नहीं चाहता कि इन छोटे देशों में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो। इ यह डर है कि ऐसी परिस्थिति में बाह्य शक्तियाँ इस क्षेत्र पर अपना प्रभाव जमा लेंगी जबर छोटे देश सोचते हैं कि भारत दक्षिण एशिया में अपना एकाधिकार एवं दबदबा स्थापित चाहता है।
(4) छोटे देशों का यह भी मानना है कि भारत ‘साफ्टा’ की मदद से उनके बाजार में सेंधमारी करना चाहता है जबकि भारत ‘साफ्टा’ का लाभ प्रत्येक देश को पहुँचाना चाहता है।
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