अध्याय 7 समकालीन विश्व में सुरक्षा [Security in Contemporary World]
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
- निम्नांकित में सुरक्षा का मूल (बुनियादी) अर्थ है
(i) आत्मसमर्पण
(ii) खतरे से आजादी
(iii) गठबन्धन
(iv) निःशस्त्रीकरण।
- निम्नांकित में पारम्परिक सुरक्षा नीति का तत्व है
(i) सामूहिक सुरक्षा
(ii) गठबन्धन बनाना
(iii) शक्ति सन्तुलन
(iv) उक्त सभी ।
- सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा के अन्तर्गत खतरे का नया स्रोत है
(i) आतंकवाद
(ii) मानवाधिकार
(iii) महामारियाँ
(iv) उक्त सभी ।
- कोविड- 19 (कोरोना) की शुरुआत निम्नांकित में से किस देश से हुई ?
(i) चीन
(ii) इटली
(iii) अमेरिका
(iv) दक्षिण अफ्रीका ।
- 1972 की जैविक हथियार संधि (BWC) कितने देशों द्वारा हस्ताक्षरित की गयी थी ?
(i) 200
(ii) 192
(iii) 155
(iv) 181.
- 1990 दशक के उत्तरार्द्ध में निम्नांकित (महामारी फैली थी ? किस देश में मैड काऊ बीमारी
(i) जापान
(ii) ब्रिटेन
(iii) अमेरिका
(iv) आस्ट्रेलिया ।
- एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सन्धि (ABM) किस वर्ष हुई थी ?
(i) 1972
(ii) 1975
(iii) 1976
(iv) 1978.
- किस सन्धि ने सोवियत संघ को बैलेस्टिक मिसाइलों के रक्षा कवच के रूप में प्रयोग करने से रोका था ?.
(i) परमाणु अप्रसार सन्धि
(ii) जैविक हथियार सन्धि
(iii) एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सन्धि
(iv) रासायनिक हथियार सन्धि
उत्तर – 1. (ii), 2. (iv), 3. (iv), 4. (i), 5. (ii), 6. (ii), 7. (i), 8. (ii).
- रिक्त स्थानों की पूर्ति
- गरीबी एवं भुखमरी भी राज्य की…………………. का कारण बन सकते हैं।
- रासायनिक हथियार सन्धि (CWC) 1992 पर …………….द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
- ………………….भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, अफगानिसतान तथा बांग्लादेश इत्यादि विश्व के अनेक देश त्रस्त हैं।
4…………………. में प्रत्येक तीन में से एक व्यक्ति एच.आई.वी. एड्स से पीड़ित है।
- वैश्विक ताप वृद्धि से ………………..को सबसे अधिक खतरा है।
उत्तर- 1. असुरक्षा, 2. 181 देशों, 3. अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, 4. वोत्सवाना, 5. मालदीव ।
- जोड़ी मिलाइए
“क’
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि
- ददाब शरणार्थी शिविर
- एड्स का कारण
- विश्व की कुल जनसंख्या
- व्यापक परमाणु परीक्षण निषेध सन्धि
(i) विषाणु
(ii) 1996
(iii) 10 सितम्बर, 1996
(iv) केन्या
(v) 777 करोड़।(सी.टी.बी.टी.)
उत्तर – 1. → (ii), 2. → (iv), 3. → (i), 4. → (v), 5. → (iii).
एक शब्द / वाक्य में उत्तर
- नई अवधारणा के अनुसार सुरक्षा का क्या अर्थ है ?
- जो लोग अपना घरबार छोड़ देते हैं लेकिन अपने देश की सीमा में ही रहते हैं उन्हें क्या कहते हैं ?
- किन पुरानी बीमारियों ने औषधि प्रतिरोधक रूप धारण कर लिया है तथा उसका उपचार भी कठिन हो गया है ?
- किसका अभिप्राय: युद्ध की आशंका को रोकना है ?
5 अपनी इच्छा से स्वदेश छोड़ने वाले लोगों को क्या कहा जाता है ?
उत्तर – 1. मानव सुरक्षा, 2. आन्तरिक विस्थापित, 3. टी.बी., मलेरिया, डेंगू बुखार तथा हैजा इत्यादि, 4. अपरोध, 5. आप्रवासी ।
सत्य / असत्य
- प्रत्येक देश को अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है।
- सामूहिक सुरक्षा का अभिप्राय किसी एक देश की सुरक्षा को समाप्त करना है।
- 1990 से 1975 के बीच 70 देशों में 93 युद्ध हुए, जिनमें लगभग पचपन लाख लोग मारे गए।
- दक्षिण एशियाई देशों में बर्ड फ्लू के कारण मुर्गों की आपूर्ति बन्द करनी पड़ी।
- भारत को पारम्परिक एवं अपारम्परिक खतरों का सामना करना पड़ा।
- मानव अधिकारों की पहली कोटि राजनीतिक अधिकारों की है।
- पारम्परिक सुरक्षा की धारणा में यह स्वीकार किया जाता है कि हिंसा का प्रयोग जहाँ तक हो सके सीमित मात्रा में ही होना चाहिए।
उत्तर – 1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. असत्य, 6. सत्य, 7. सत्य।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सुरक्षा की विभिन्न धारणाओं को किन दो भागों में विभक्त किया जा सकता है ?
उत्तर- (1) सुरक्षा की पारम्परिक धारणा, तथा (2) सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा ।
प्रश्न 2. सुरक्षा की पारम्परिक धारणा के दो रूप लिखिए।
उत्तर- (1) बाह्य सुरक्षा तथा (2) आन्तरिक सुरक्षा
प्रश्न 3. सुरक्षा की परम्परागत तथा अपरम्परागत धारणा में प्रमुख अन्तर लिखिए।
उत्तर- सुरक्षा की परम्परागत धारणा का सम्बन्ध मुख्यतया बाह्य खतरों से होता है जबकि अपरम्परागत धारणा में केवल बाह्य खतरे ही नहीं अपितु अन्य खतरनाक खतरों एवं घटनाओं को भी शामिल किया जाता है।
प्रश्न 4. सुरक्षा की अपारम्परिक धारणा के दो पक्ष लिखिए।
उत्तर- (1) मानव की सुरक्षा, तथा (2) विश्व सुरक्षा।
प्रश्न 5. मूल रूप से किसी सरकार के पास युद्ध की परिस्थिति में कौन-से तीन विकल्प हैं ?
उत्तर – (I) आत्मसमर्पण करना, (2) हमलावर देश की बातें मानना, तथा (3) आक्रमणकारी देश को युद्ध में पराजित करना । में
प्रश्न 6. वैश्विक स्तर पर कौन-कौन सी नई महामारियाँ उभरी हैं ?
उत्तर- हेपेटाइटिस-सी, एबोला वायरस, हैन्टावायरस तथा कोविड-19 इत्यादि । प्रश्न 7. वर्तमान वैश्विक सुरक्षा को सर्वाधिक खतरे के दो कारण लिखिए। उत्तर – ( 1 ) विश्व के तापमान में लगातार हो रही वृद्धि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए एक गम्भीर खतरा है, तथा (2) विश्व सुरक्षा को कोविड- 19 (कोरोना) महामारी से गम्भीर खतरा पैदा हुआ जिससे विश्व के लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा तथा राष्ट्रों के सम्मुख आर्थिक संकट भी पैदा हुआ।
प्रश्न 8. भारतीय सुरक्षा नीति के दो घटक लिखिए।
उत्तर- (1) सैनिक क्षमता को मजबूत करना तथा (2) अपने सुरक्षा हितों को बचाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों तथा संस्थाओं को मजबूत करना।
प्रश्न 1. परम्परागत सुरक्षा के चार तत्वों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर- परम्परागत सुरक्षा के चार प्रमुख तत्व निम्न प्रकार हैं
(1) किसी भी देश के लिए सर्वाधिक घातक सैन्य खतरा है। इसका स्रोत कोई दूसरा अन्य राष्ट्र होता है जो सैनिक आक्रमण की धमकी देकर किसी देश की प्रभुसत्ता, आजादी तथा क्षेत्रीय अखण्डता पर प्रभाव डालता है।
( 2 ) युद्ध से जनसाधारण भी प्रभावित होता है किसी युद्ध के दौरान केवल सैन्यकर्मी ही घायल अथवा शहीद नहीं होते बल्कि राज्य में लोगों को भी इससे अपार क्षति पहुँचती है।
(3) परम्परागत सुरक्षा नीति का एक तत्व शक्ति सन्तुलन भी है। कोई भी राष्ट्र अपने पड़ौसी राष्ट्र की शक्ति का उचित आकलन करके ही भविष्य की रूपरेखा बनाता है। विश्व के प्रत्येक राष्ट्र की सरकार दूसरे देशों से अपने शक्ति सन्तुलन को लेकर काफी संवेदनशील रहती है।
(4) परम्परागत सुरक्षा नीति का एक अन्य तत्व गठबन्धन करना भी है। गठबन्धन में विभिन्न देश शामिल होकर सैन्य आक्रमणों को रोकने अथवा उनसे स्वयं की रक्षा करने हेतु परस्पर मिलकर कारगर कदम उठाते हैं।
प्रश्न 2. कोविड- 19 (कोरोना वायरस) ने विश्व को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर- वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोविड- 19 अर्थात् कोरोना वायरस की वजह से संसार में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। दिन-प्रतिदिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। स्कूल, कालेज, कार्यालय, स्टेडियम तथा यातायात के साधन इत्यादि को बन्द कराना पड़ा है।कोविड- 19 का संक्रमण दुनिया भर में इतना तेजी से फैला है कि यात्रा प्रतिबन्धों तथा समारोह स्थागित किए जाने अहित अनेक कदम उठाए जाने के बावजूद यह काबू में नहीं आ पा रहा। विभिन्न नेताओं सहित अनेक हस्तियाँ भी इसकी चपेट में आई तथा विश्व के लगभग 120 देशों एवं क्षेत्रों में इस वायरस से लाखों लोगों की मौतें हुई। कारोना से आटो मोबाइल, पर्यटन, शेयर बाजार तथा दवा कम्पनियों को भारी आर्थिक घाटा उठाना पड़ा तथा विश्व की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी।
प्रश्न 3. एशिया तथा अफ्रीका के नव स्वतन्त्र देशों के समक्ष सुरक्षा की चुनौतियाँ यूरोप की चुनौतियों की तुलना में किस प्रकार अलग थीं ?
उत्तर- एशिया तथा अफ्रीका के नव स्वतन्त्र देशों के समक्ष सुरक्षा की चुनौतियाँ, यूरोप की चुनौतियों की अपेक्षाकृत अग्र प्रकार अलग थीं
(1) एशिया तथा अफ्रीका के नव स्वतन्त्र देशों का संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद् में कोई प्रतिनिधित्व नहीं था जबकि इसके ठीक विपरीत दो यूरोपीय देशों को सुरक्षा परिषद् में विषेधाधिकार अर्थात् वीटो की शक्ति प्राप्त है। इस प्रकार ये देश अधिक सुरक्षित हैं। (2) एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में प्रति व्यक्ति आय कम है तथा जनसंख्या में तीव्रता में वृद्धि होती चली जा रही है जबकि यूरोपीय राज्यों की स्थिति इसके ठीक विपरीत है।
(3) एशियाई एवं अफ्रीकी राज्यों में औद्योगिकरण अपनी बाल अवस्था में है जबकि • यूरोपीय देशों में उद्योग अत्यधिक विकसित अवस्था में हैं। वे कच्चे माल एवं अन्य उपयोगी सामग्री हेतु एशिया व अफ्रीका के देशों का शोषण करने के लिए तत्पर रहते हैं। (4) जहाँ एशिया तथा अफ्रीका में राष्ट्रों को अपने पड़ौसी देशों से हमले का भय तथा देश के भीतर सैन्य संघर्ष एवं साम्प्रदायिक हिंसा बढ़ने का खतरा है वहीं यूरोपीय देशों में ऐसी परिस्थिति नहीं है।
प्रश्न 4. वैश्विक निर्धनता खतरे का प्रमुख स्रोत क्यों मानी जा रही है ?
उत्तर- वैश्विक निर्धनता खतरे का प्रमुख स्रोत है क्योंकि सम्भावना है कि विश्व के सबसे गरीब देशों में आगामी 50 वर्षों में जनसंख्या में तीन गुना तक बढ़ोतरी हो जाएगी जबकि इसी समयावधि में विभिन्न पूँजीपति (धनवान) देशों में जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आएगी। प्रति व्यक्ति उच्च आय तथा जनसंख्या में कम बढ़ोत्तरी होने के फलस्वरूप धनिक राष्ट्रों के सामाजिक समूहों को और अधिक वान बनाने में मदद मिलेगी। इसके ठीक विपरीत प्रति व्यक्ति कम आय तथा तेजी से जनसंख्या में बढ़ोत्तरी एक साथ मिलकर गरीब देशों के सामाजिक समूहों को और भी अधिक निर्धन बनाएगी। इससे वैश्विक निर्धनता में अभिवृद्धि होगी जो खतरे के एक नवीन और महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभरेगी।
प्रश्न 5. भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किस किस्म की सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए-पारम्परिक या अपारम्परिक ? अपने तर्क की पुष्टि में आप कौन-सा उदाहरण देंगे ?
उत्तर- भारतीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपारम्परिक सुरक्षा को वरीयता दी जानी चाहिए। इस सम्बन्ध में निम्न तर्क प्रस्तुत किए जा सकते हैं (1) वर्तमान परिस्थितियों में भारत को सैन्य हमले का लगभग किसी भी तरह का डर
नहीं है।
(2) भारत आतंकवादियों की गतिविधियों से ग्रसित है।
(3) भारत के पड़ौसी देशों के पास परमाणु हथियार हैं।
(4) कुछ भारतीय राज्यों (प्रदेशों) में असामाजिक तत्वों द्वारा लोगों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।
प्रश्न 6. पर्यावरण के तेजी से हो रहे नुकसान से देशों में सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? उदाहरण देते हुए अपने तर्कों की पुष्टि करें।
उत्तर- आज संसार का पर्यावरण बड़ी तेजी से प्रदूषित हो रहा है जिससे सम्पूर्ण मानव जाति को खतरा पैदा हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग (विश्व तापवृद्धि) से हिमखण्ड पिघल रहे हैं जिससे विश्व के विभिन्न देश प्रभावित हो रहे हैं। उदाहरणार्थ, भारत के मुम्बई महानगर के डूबने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पर्यावरण प्रदूषण के फलस्वरूप वातावरण में अनेक रोग पैदा होकर लोगों के स्वास्थ्य को गम्भीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
प्रश्न 7. देशों के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियारों का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए बड़ा सीमिति उपयोग रह गया है। इस कथन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर- संसार में जिन देशों के परमाणु हथियार हैं उनका तर्क है कि उन्होंने अपने शत्रु देशों के हमलों से बचने तथा शक्ति सन्तुलन स्थापित करने हेतु इन्हें निर्मित किया है लेकिन • वर्तमान परिस्थितियों में इन हथियारों के होने के बावजूद भी किसी देश की सुरक्षा की पूर्णरूपेण गारण्टी नहीं है। उदाहरणार्थ, आतंकवाद के विस्तार एवं पर्यावरण में खराब होने से फैलने वाले रोगों पर इन परमाणु हथियारों को प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है। अत: यह कहा गया है वर्तमान में जो खतरे पैदा हुए हैं उनमें परमाण्विक हथियारों का सुरक्षा अथवा अपरोध के लिए अत्यधिक सीमित उपयोग रह गया है।
दीर्घ उत्तरीय / विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. सहयोग मूलक सुरक्षा पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर सहयोग मूलक सुरक्षा
सुरक्षा पर मँडराते अनेक अपारम्परिक खतरों- आतंकवाद, वैश्विक ताप वृद्धि, महामारियाँ, वैश्विक निर्धनता, असमानता, शरणार्थी समस्या तथा मानवाधिकार हनन इत्यादि से कारगर ढंग से निपटने हेतु सैनिक संघर्ष के स्थान पर परस्पर सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। आतंकवाद का सामना करने अथवा मानवाधिकारों की बहाली में तो सैनिक बलों की भूमिका हो सकती है लेकिन गरीबी मिटाने, आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के आवागमन के प्रावधान करने, महामारियों को नियन्त्रित करने तथा खनिज तेल की आपूर्ति बढ़ाने में सैन्य बलों को प्रयुक्त करने से मामला गम्भीर स्वरूप धारण कर सकता है। इन खतरों के समाधान हेतु अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की रणनीतियाँ बनाना जरूरी होता है।
अन्तर्राष्ट्रीय सहयोगी की रणनीतियाँ- अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की प्रमुख रणनीतियाँ निम्न प्रकार हैं
(1) विभिन्न राज्यों के बीच सहयोग- अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, मानवाधिकर हनन, महामारियों तथा निर्धनता इत्यादि अपारम्परिक खतरों के समाधान हेतु विभिन्न देश द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, मध्य क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्तर पर परस्पर सहयोग की रणनीति बनाते हैं। यह सहयोग इस तथ्य पर आश्रित है कि खतरे की प्रकृति क्या है और विभिन्न राज्य इसके समाधान के लिए कितने सक्षम एवं इच्छुक हैं।
( 2 ) संस्थागत सहयोग सहयोग मूलक सुरक्षा में विभिन्न राज्यों के अलावा अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएँ- संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, रेडक्रास, ऐमनेस्टी इंटरनेशनल इत्यादि शामिल हो सकते हैं।
( 3 ) बल प्रयोग – सहयोग मूलक सुरक्षा में अन्तिम उपाय के रूप में बल प्रयुक्त किया जा सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय उन सरकारों से निपटने हेतु बल प्रयुक्त किए जाने की अनुमति प्रदान कर सकता है जो स्वयं अपने ही लोगों का कत्लेआम करा रही है अथवा गरीबी, बेरोजगारी, महामारी एवं प्राकृतिक आपदाओं की मार सह रही जनसाधारण के दुखों की उपेक्षा कर रही है। बल का प्रयोग सामूहिक स्वीकृति तथा सामूहिक रूप से ही किया जाना चाहिए और समझौते के सभी प्रयासों के विफल हो जाने पर अन्तिम उपाय के रूप में ही बल प्रयुक्त किया जाना चाहिए।
प्रश्न 2. सैन्य गठबन्धन के क्या उद्देश्य होते हैं ? किसी ऐसे गठबन्धन का नाम बताइए जो अभी भी मौजूद है तथा इस गठबन्धन के उद्देश्य भी बताइए।
उत्तर- पारम्परिक सुरक्षा नीति एक महत्वपूर्ण तत्व सैन्य गठबन्धन बनाना है। सैन्य गठबन्धन में अनेक देश सम्मिलित होते हैं। सैन्य गठबन्ध का प्रमुख उद्देश्य विपक्षी शत्रु राष्ट्र के हमले (आक्रमण) को रोकना अथवा उससे सुरक्षा हेतु सामूहिक सैन्य कार्यवाही करना होता है।
नाटो- अमेरिका के नेतृत्व वाले पूँजीवादी गुट का प्रमुख सैन्य संगठन ‘नाटो’ अर्थात् ‘उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन है जिसकी स्थापना 4 अप्रैल, 1949 की हुई। नाटो अभी अस्तित्व में है तथा इसके सदस्यों की संख्या तीस है। नाटो का तीसवाँ सदस्य मैसिडोनिया है जो कि 6 फरवरी, 2019 को नाटो का सदस्य बना। नाटो के सभी सदस्यों का संयुक्त सैन्य व्यय विश्व के रक्षा बजट का 70 प्रतिशत से अधिक है। नाटो का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग हैं। नाटो के उद्देश्य-नाटो के उद्देश्यों को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है ( 1 ) यूरोप पर आक्रमण के समय अवरोधक की भूमिका का निवर्हन करना । (2) सोवियत संघ के पश्चिमी यूरोप में तथाकथित विस्तार को रोकना तथा युद्ध की परिस्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना । (3) सैन्य तथा आर्थिक विकास के लिए अपने कार्यक्रमों द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों के लिए सुरक्षा चक्र प्रदान करना।
(4) पश्चिमी यूरोप के देशों को एक सूत्र में बाँधकर संगठित करना। (5) नाटो सदस्यों में आर्थिक सहयोग को बढ़ाना तथा उनके विवादों को शान्तिपूर्ण तरीके से हल करना।
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