MP Board Class 9th Science Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 1.पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर , parisha adyan,navbdh,prbodh mix Hindi Medium
प्रश्न 1. पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: पदार्थ-“विश्व की प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है तथा जिसमें द्रव्यमान एवं आयतन होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।”
प्रश्न 2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर: समांगी मिश्रणों की बनावट समान होती है जबकि विषमांगी मिश्रणों के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं।
प्रश्न 3. उदाहरण सहित समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर: समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद
प्रश्न 4.विलयन, निलम्बन और कोलॉइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर: विलयन, निलम्बन एवं कोलॉइड में भिन्नताएँ
प्रश्न 5. एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इस तापमान पर इसकी सान्द्रता प्राप्त कीजिए।
हल: चूँकि सोडियम क्लोराइड (विलेय) का द्रव्यमान = 36 g (दिया है)
एवं जल (विलायक) का द्रव्यमान = 100 g (दिया है)
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 36g + 100 g = 136g
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अतः विलयन की 293 K पर अभीष्ट सान्द्रता = 26.47%
प्रश्न 6. पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे ? पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर: पेट्रोल और मिट्टी के तेल के मिश्रण को पृथक् करना
पेट्रोल एवं मिट्टी के तेल के मिश्रण को हम आसवन विधि से पृथक् करेंगे क्योंकि इनके क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
विधि – पेट्रोल एवं मिट्टी के तेल के मिश्रण को एक आसवन फ्लास्क में लेते हैं। इसमें एक थर्मामीटर (तापमापी) लगाते हैं।
दिए गए चित्र 2.1 के अनुसार उपकरण को व्यवस्थित करते हैं। मिश्रण को धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक गर्म करते हैं और थर्मामीटर के पाठ्यांक का अवलोकन करते हैं।
पेट्रोल वाष्पीकृत होता है तथा संघनन द्वारा संघनित होकर बाहर एक बर्तन में एकत्रित हो जाता है। थर्मामीटर का तापमान तब तक स्थिर रहता है जब तक कि सम्पूर्ण पेट्रोल पृथक् नहीं हो जाता।
ग्राहक बर्तन को अलग कर देते हैं और मिश्रण को गर्म करना बन्द कर देते हैं। शेष मिट्टी का तेल फ्लास्क में रह जाता है। इस प्रकार मिश्रण के घटक पृथक् हो जाते हैं।
प्रश्न 7. पृथक करने की सामान्य विधियों के नाम दीजिए
(i) दही से मक्खन,
(ii) समुद्री जल से नमक,
(iii) नमक से कपूर।
उत्तर:
(i) अपकेन्द्रण (मथना),
(ii) वाष्पन,
(iii) ऊर्ध्वपातन।
प्रश्न 8. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर: क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय पदार्थों के मिश्रण।
प्रश्न 9. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें
- पेड़ों का काटना
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना
- अलमारी में जंग लगना
- जल का उबलकर वाष्प बनना
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना
- जल में साधारण नमक का घुलना
- फलों से सलाद बनाना
- लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर: भौतिक परिवर्तन
- पेड़ों का काटना
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना
- जल का उबलकर वाष्प बनना
- जल में साधारण नमक का घुलना
- फलों से सलाद बनाना।
रासायनिक परिवर्तन-
- अलमारी में जंग लगना
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा इसका हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना
- लकड़ी और कागज का जलना।
प्रश्न 10. अपने आसपास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर:
(निर्देश- छात्र इस क्रिया-कलाप को स्वयं अपने घर पर करें।)
प्रश्न 11. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल से पृथक् करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कणों को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर: (a) वाष्पीकरण द्वारा अथवा क्रिस्टलीकरण द्वारा
(b) ऊर्ध्वपातन विधि
(c) छलनी से छानकर
(d) मंथन विधि या अपकेन्द्रण विधि
(e) पृथक्कारी कीप द्वारा
(f) छननी द्वारा छानकर
(g) चुम्बक द्वारा
(h) मिश्रण को हवा में ऊपर से गिराकर
(i) छानक द्वारा
(i) क्रोमेटोग्राफी विधि।
प्रश्न 12. चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करोगे ? विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर: चाय तैयार करने के विभिन्न चरण
1.चाय बनाने वाले बर्तन (चायदान) में आवश्यक मात्रा में जल (विलायक) लेकर उसे चूल्हे पर रखकर गर्म करते हैं।
2.इसमें आवश्यकतानुसार चाय की पत्ती डालते हैं जो अघुलनशील होती है तथा गर्म करने पर इसका अर्क एवं रंग जल में मिल जाता है।
3.इसमें आवश्यकतानुसार दूध (विलेय) मिलाते हैं।
4.इसके बाद आवश्यकतानुसार शक्कर डालते हैं जो घुलनशील होने के कारण मिश्रण में घुल जाती
5.चाय के मिश्रण को अच्छी तरह खौलाते हैं।
6.चाय के मिश्रण को एक छननी द्वारा छान लेते हैं जिससे घुलेय (फिल्ट्रेट) बर्तन में छनकर आ जाता है तथा अवशेष चाय की पत्ती छननी के अन्दर रह जाती है।
7.इस प्रकार प्राप्त चाय जल में चीनी, दूध एवं चाय की पत्ती के अर्क का विलयन होता है।
प्रश्न 13. प्रज्ञा ने चार अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा आगे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, अग्रलिखित तालिका में दर्शाया गया है-
(a) 50g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी ?
(b) प्रज्ञा 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड का संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठण्डा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ? स्पष्ट करें।
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा ?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
हल:
(a) चूँकि तालिका के अनुसार 313 K पर 100 g को संतृप्त विलयन बनाने के लिए आवश्यक पोटैशियम नाइट्रेट की मात्रा = 62 g
इसलिए उक्त तापमान पर 50 g जल में संतृप्त विलयन बनाने के लिए पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यक मात्रा = 62100 x 50 = 31g
अतः पोटैशियम नाइट्रेट की अभीष्ट मात्रा = 31 g
(b) चूँकि 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड की विलेयता (घुलनशीलता) कमरे के ताप की अपेक्षा अधिक है अतः पोटैशियम क्लोराइड के 353 K पर बने संतृप्त विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा करने पर पोटैशियम क्लोराइड की अतिरिक्त मात्रा विलयन में नीचे बैठ जाएगी।
(c) 293 K पर पोटैशियम नाइट्रेट की घुलनशीलता
=32×100(100+32)=3200132=24⋅24%
293 K पर सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=36×100(100+36)=3600132=26⋅47%
293 K पर पोटैशियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=35×100(100+35)=3500132=25⋅92%
293 K पर अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=37×100(100+37)=3700132=27⋅01%
अत: 293 K तापमान पर अमोनियम क्लोराइड सबसे अधिक घुलनशील होगा।
(d) तापमान बढ़ाने पर प्रायः लवणों की घुलनशीलता बढ़ जाती है।
प्रश्न 14. निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें
(a) संतृप्त विलयन, (2019)
(b) शुद्ध पदार्थ,
(c) कोलॉइड, (2019)
(d) निलम्बन। (2019)
उत्तर: (a) संतप्त विलयन – “जब किसी तापमान पर किसी विलायक में किसी विलेय को घोला जाता है तो एक स्थिति ऐसी आती है कि उस विलायक में विलेय की और मात्रा नहीं घोली जा सकती है। इस प्रकार प्राप्त विलयन संतृप्त विलयन कहलाता है।”
(b) शुद्ध पदार्थ – “वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बने होते हैं,शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं।” उदाहरण-ताँबा, सोना, कार्बन, ऑक्सीजन, अमोनियम क्लोराइड, कॉपर सल्फेट आदि।
(c) कोलॉइड – “जब किसी विलयन में विलेय के कण निलम्बन की अपेक्षा इतने छोटे होते हैं कि साधारण आँखों से दिखाई नहीं देते लेकिन ये प्रकाश की किरणों को आसानी से फैला देते हैं, ऐसे विलयन को कोलॉइडी विलयन या कोलॉइड कहते हैं।”
उदाहरण – दूध, मक्खन, पनीर, जेली, धुआँ आदि।
(d) निलम्बन – “वह विषमांगी विलयन जिसमें विलेय के कण आसानी से आँखों से देखे जा सकते हैं तथा ये माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं, निलम्बन कहलाता है।”
उदाहरण – मिट्टी युक्त गंदा पानी, चॉक का घोल आदि।
प्रश्न 15. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें सोडा जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर: समांगी मिश्रण-सोडा जल, वायु, छनी हुई चाय, सिरका। विषमांगी मिश्रण-लकड़ी, मिट्टी।
प्रश्न 16. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है ?
उत्तर: हम दिए हुए रंगहीन द्रव का क्वथनांक ज्ञात करेंगे यदि क्वथनांक 100°C (373K) आता है तो दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है, अन्यथा नहीं ।
प्रश्न 17. निम्न में से कौन-सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं ?
(a) बर्फ,
(b) दूध,
(c) लोहा,
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल,
(e) कैल्शियम ऑक्साइड,
(f) पारा,
(g) ईंट,
(h) लकड़ी,
(i) वायु।
उत्तर:
शुद्ध पदार्थ –
(a) बर्फ,
(c) लोहा,
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल,
(e) कैल्शियम ऑक्साइड,
(f) पारा।
प्रश्न 18. निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें
(a) मिट्टी,
(b) समुद्री जल,
(c) वायु,
(d) कोयला,
(e) सोडा जल।
उत्तर:
विलयन-
(c) वायु, एवं
(e) सोडा जल।
प्रश्न 19. निम्नलिखित में कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा?
(a) नमक का घोल,
(b) दूध,
(c) कॉपर सल्फेट का विलयन,
(d) स्टार्च विलयन।
उत्तर:
(b) दूध एवं
(d) स्टार्च विलयन।
प्रश्न 20. निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें
(a) सोडियम,
(b) मिट्टी,
(c) चीनी का घोल,
(d) चाँदी,
(e) कैल्शियम कार्बोनेट,
(f) टिन,
(g) सिलिकॉन,
(h) कोयला,
(i) वायु,
(j) साबुन,
(k) मीथेन,
(l) कार्बन डाइऑक्साइड,
(m) रक्त।
उत्तर:
तत्व-
(a) सोडियम,
(d) चाँदी,
(f) टिन,
(g) सिलिकॉन।
यौगिक –
(e) कैल्शियम कार्बोनेट,
(k) मीथेन,
(l) कार्बन डाइऑक्साइड।
मिश्रण –
(b) मिट्टी,
(c) चीनी का घोल,
(b) कोयला,
(i) वायु,
(j) साबुन,
(m) रक्त।
प्रश्न 21. निम्नलिखित में से कौन-कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं ?
(a) पौधों की वृद्धि,
(b) लोहे में जंग लगना,
(c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना,
(d) खाना पकाना,
(e) भोजन का पाचन,
(f) जल से बर्फ बनना,
(g) मोमबत्ती का जलना।
उत्तर:
रासायनिक परिवर्तन-
(a) पौधों की वृद्धि,
(b) लोहे में जंग लगना,
(e) भोजन का पाचन,
(g) मोमबत्ती का जलना।
प्रश्न 22. पृथक्करण तकनीक सुझाइए, जिसकी/जिनकी किसी व्यक्ति को निम्नलिखित मिश्रणों को . पृथक् करने हेतु आवश्यकता होगी
(a) पारा तथा जल,
(b) पोटैशियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड,
(c) सामान्य नमक, जल तथा रेत,
(d) कैरोसीन तेल, जल का नमक।
उत्तर:
(a) इस मिश्रण को पृथक करने के लिए पृथक्कारी कीप विधि या वाष्पन विधि या आसवन विधि का प्रयोग कर सकते हैं।
(b) मिश्रण को पृथक् करने के लिए ऊर्ध्वपातन विधि का प्रयोग करते हैं।
(c) मिश्रण को पहले छानते हैं, रेत अवशेष के रूप में तथा नमक का विलयन छनित के रूप में प्राप्त होता है जिसके वाष्पन से नमक मिल जाता है।
(a) पृथक्कारी कीप द्वारा नमक के घोल एवं कैरोसीन तेल को अलग करते हैं फिर नमक के घोल से वाष्पन द्वारा नमक पृथक् कर लेते हैं।
प्रश्न 22. आप क्या प्रेक्षित करेंगे जब
(a) 60°C पर बने पोटैशियम क्लोराइड के एक संतृप्त विलयन को सामान्य ताप तक ठण्डा होने दिया जाता है।
(b) शक्कर के जलीय विलयन को शुष्कन तक गर्म किया जाता है।
(c) लोह छीलन तथा सल्फर के चूर्ण को तीव्र गर्म किया जाता है।
उत्तर:
(a) विलयन की तली में अतिरिक्त पोटैशियम क्लोराइड के कण एकत्रित हो जाते हैं।
(b) पात्र में ठोस शक्कर बच जाती है।
(c) काला पदार्थ लोह सल्फाइड बनता है।
प्रश्न 23. निम्नलिखित से सम्बन्धित प्रक्रम का नाम लिखिए
(a) शुष्क बर्फ को सामान्य तापमान तथा एक वायुमण्डलीय दाब पर रखा जाता है।
(b) एक गिलास में रखे जल की सतह पर स्याही की एक बूंद डालने पर वह जल में चारों ओर फैल जाती है।
(c) एक क्रिस्टल है, उसमें विलोडित करते हुए जल मिलाते हैं।
(d) ऐसीटोन की बोतल को खुला छोड़ने पर बोतल रिक्त हो जाती है।
(e) दूध से क्रीम निकालने के लिए इसका मंथन किया जाता है।
(f) रेत तथा जल के मिश्रण को कुछ समय के लिए अविक्षुब्ध अवस्था में छोड़ने पर रेत तली पर बैठ जाती है।
(g) अँधेरे कमरे में सूक्ष्म छिद्र से प्रवेश करती हुई महीन प्रकाश की किरण उसके पथ में उपस्थित कणों को प्रदीप्त कर देती है।
उत्तर:
(a) ऊर्ध्वपातन,
(b) विसरण,
(c) विसरण/विलयन,
(d) वाष्पन (वाष्पीकरण/विसरण),
(e) अपकेन्द्रण,
(f) तलछट या अवसादन,
(g) टिण्डल प्रभाव (प्रकाश का प्रकीर्णन)।
प्रश्न 24. mकैल्सियम कार्बोनेट गर्म किए जाने पर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड देता है।
(a) क्या यह एक भौतिक अथवा रासायनिक परिवर्तन है ?
(b) उपर्युक्त विधि से प्राप्त उत्पादों से क्या आप एक अम्लीय तथा एक क्षारकीय विलयन बना सकते हैं ? यदि हाँ, तो सम्बन्धित रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
(a) हाँ, यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
(b) हाँ, हम प्राप्त उत्पादों से एक अम्लीय एवं एक क्षारकीय विलयन बना सकते हैं।
रासायनिक समीकरण-
CaO + H2O → Ca(OH)2 क्षारकीय
(कैल्शियम ऑक्साइड)
CO2 + H2O → H2CO3 अम्लीय
(कार्बन डाइ-ऑक्साइड)
प्रश्न 25. अधातुएँ सामान्यतः ऊष्मा तथा विद्युत की अल्पचालक होती हैं। ये चमकदार, ध्वानिक, आघातवर्धनीय नहीं होतीं परन्तु रंगीन होती हैं।
(a) एक चमकदार अधातु का नाम दीजिए।
(b) सामान्य ताप पर द्रव के रूप में उपस्थित एक अधातु का नाम दीजिए।
(c) एक अधातु का अपररूप विद्युत का सुचालक है। अपररूप का नाम दीजिए।
(d) एक अधातु का नाम दीजिए जिसको सर्वाधिक यौगिक बनाने के रूप में जाना जाता है।
(e) कार्बन के अतिरिक्त अपररूपता दर्शाने वाले एक अधातु का नाम दीजिए।
(f) दहन के लिए आवश्यक एक अधातु का नाम दीजिए।
उत्तर:
(a) आयोडीन,
(b) ब्रोमीन,
(c) ग्रेफाइट,
(d) कार्बन,
(e) सल्फर,
(f) ऑक्सीजन।
प्रश्न 26. निम्न पदार्थों को तत्वों, मिश्रणों तथा यौगिकों में वर्गीकृत कीजिए-
Cu, रेत, H2O, CaCO3, NaCltaan, Zn, O2, लकड़ी, F2, Hg, हीरा।
उत्तर:
तत्व – Cu, Zn, O2, F2, Hg, हीरा।
मिश्रण – रेत, NaCl(aq), लकड़ी।
यौगिक – H2O, CaCO3.
प्रश्न 27. निम्नलिखित में से कौन यौगिक नहीं है ?
(a) क्लोरीन गैस,
(b) पोटैशियम क्लोराइड,
(c) आयरन,
(d) आयरन सल्फाइड,
(e) ऐलुमीनियम,
(f) आयोडीन,
(g) कार्बन,
(h) कार्बन मोनोऑक्साइड,
(i) सल्फर चूर्ण।
उत्तर:
पदार्थ जो यौगिक नहीं हैं-
(a) क्लोरीन गैस,
(c) आयरन,
(e) ऐलुमीनियम,
(f) आयोडीन,
(g) कार्बन,
(i) सल्फर चूर्ण।
प्रश्न 28. निम्नलिखित में से प्रत्येक को भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत कीजिए
(a) धूप में शर्ट का सूखना,
(b) रेडियेटर के ऊपर गर्म वायु का उठना,
(c) लालटेन में कैरोसीन का जलना,
(d) नींबू रस मिलाने पर काली चाय का रंग परिवर्तित होना,
(e) मक्खन प्राप्त करने के लिए दूध, क्रीम का मंथन।
उत्तर:
भौतिक परिवर्तन – (a), (b) एवं (e)।
रासायनिक परिवर्तन – (c) एवं (d)।
प्रश्न 29. एक तत्व अत्यधिक ध्वनिक तथा अत्यधिक तन्य है। आप इस तत्व को किस श्रेणी में वर्गीकृत करेंगे? इस तत्व में आप अन्य किन अभिलक्षणों के पाये जाने की आशा करते हैं ?
उत्तर:
इस तत्व को धातु तत्व की श्रेणी में वर्गीकृत करेंगे।
इस तत्व के अन्य अभिलक्षण –
1.यह आघातवर्धनीय है अर्थात् इसको पीटकर महीन चादरों में दाला जा सकता है।
2.यह ऊष्मा एवं विद्युत का सुचालक है।
3.यह चमकीला है।
प्रश्न 30. आपके परिवेश में प्रेक्षित टिण्डल प्रभाव के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर: टिण्डल प्रभाव के उदाहरण
किसी छेद में या रोशनदान से जब सूर्य की किरणे कमरे में प्रवेश करती हैं तो एक प्रकाशपुंज दिखाई देता है।
अँधेरे में जब टॉर्च की रोशनी वायु में डाली जाती है तो वायु में टॉर्च की रोशनी का पथ चमकता दिखाई देता है।
रात्रि को वाहन की हेडलाइट की रोशनी से टिण्डल प्रभाव दिखाई देता है।
प्रश्न 31. (a) मिश्र धातु को आप किस वर्ग के अन्तर्गत वर्गीकृत करेंगे तथा क्यों ?
(b) एक विलयन हमेशा द्रव होता है। टिप्पणी कीजिए।
(c) क्या एक विलयन विषमांगी हो सकता है ?
उत्तर: (a) मिश्र धातु को हम विलयन (समांगी मिश्रण) वर्ग के अन्तर्गत वर्गीकृत करेंगे क्योंकि इसका संघटन सर्वत्र समान है।
(b) नहीं, क्योंकि ठोस विलयन (मिश्र धातुएँ) तथा गैसीय विलयन (वायु) सम्भव हैं।
(c) नहीं, क्योंकि विलयन दो या अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है।
प्रश्न 32. लोह छीलन तथा सल्फर को आपस में मिश्रित कर ‘A’ तथा ‘B’ दो भागों में बाँटा गया। भाग ‘A’ को तेज गर्म किया गया जबकि भाग ‘B’ को गर्म नहीं किया गया। दोनों भागों में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाया गया। दोनों परिस्थितियों में गैस निकली। इन उत्सर्जित गैसों को आप कैसे पहचानेंगे ?
उत्तर: भाग ‘A’ को तीव्र गर्म करने पर आयरन सल्फाइड बनता है जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके रंगहीन सड़े हुए अण्डों की गन्ध वाली हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालता है जबकि ‘B’ में लोह छीलन होती है जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके रंगहीन, गंधहीन हाइड्रोजन गैस निकालती है।
इस प्रकार गंध के आधार पर दोनों गैसों की पहचान करेंगे।
प्रश्न 33. स्याही को निर्मित करने वाले रंजकों के एक मिश्रण को एक बालक पृथक् करना चाहता है। उसने छन्ना पत्र पर स्याही से एक पंक्ति चिह्नित की तथा जल युक्त काँच के जार में छन्ना पत्र को चित्रानुसार रखा। छन्ना पत्र के शीर्ष के निकट जल पहुँचने पर छन्न पत्रक छन्ना पत्र को बाहर निकालना।
(i) आप क्या देखने की आशा करते हैं, यदि स्याही तीन भिन्न रंगीन यौगिक रखती है।
(ii) बालक द्वारा प्रयोग में ली गयी तकनीक का नाम दीजिए।
(iii) इस तकनीक का एक अन्य अनुप्रयोग दीजिए।
उत्तर: (i) हम छन्ना पत्र पर हम विभिन्न तीन रंगों के धब्बे देखते हैं।
(ii) बालक द्वारा प्रयोग की गई तकनीक क्रोमेटोग्राफी है।
(iii) रक्त से नशीले पदार्थों (Drugs) को पृथक् करने में इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 34. विद्यार्थियों के एक समूह ने जूते का एक पुराना डिब्बा लिया तथा इसके सभी पार्श्व काले कागज से ढक दिए। इस बॉक्स में एक छिद्र बनाकर एक प्रकाश स्रोत (टॉर्च) लगा दिया तथा दूसरे पार्श्व पर प्रकाश को देखने के लिए एक अन्य छिद्र किया। उन्होंने चित्रानुसार दूध के नमूने को एक बीकर (काँच के पात्र) में लेकर बक्से में रखा। उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बीकर में लिया गया दूध प्रदीप्त करता है। उन्होंने इसी क्रिया-कलाप को नमक का विलयन लेकर करने का प्रयास किया परन्तु पाया कि प्रकाश इसमें से सामान्य रूप से निकल गया।
(a) समझाइए दूध क्यों प्रदीप्त हुआ ? इस परिघटना का नाम दीजिए।
(b) नमक के विलयन से समान परिणाम प्रेक्षित नहीं हुए, समझाइए।
(c) क्या आप दूध के विलयन द्वारा दर्शाए गए प्रभाव के समान प्रदर्शित करने वाले दो अन्य विलयनों के नाम सुझा सकते हैं ?
उत्तर:
(a) दूध एक कोलॉइडली विलयन है जिसके कण प्रकाश को फैलाने की प्रवृत्ति रखते हैं इसलिए दूध प्रदीप्त हुआ। इस परिघटना का नाम टिण्डल प्रभाव है।
(b) नमक का विलयन शुद्ध विलयन है जो टिण्डल प्रभाव का गुण नहीं रखता इसलिए समान परिणाम प्रेक्षित नहीं हुए।
(c) कोहरा, धुआँ।
प्रश्न 35. एक प्रयोग के दौरान विद्यार्थियों को जल में शक्कर का विलयन 10% (द्रव्यमान प्रतिशत) बनाने के लिए कहा गया। रमेश ने 10g शक्कर को 100 g जल में घोला जबकि सारिका ने 10g शक्कर को जल में घोलकर 100 g विलयन बनाया।
(a) क्या दोनों विलयन समान सान्द्रता के हैं ?
(b) दोनों विलयनों के भार प्रतिशत की तुलना कीजिए।
उत्तर:
(a) दोनों के विलयनों की सान्द्रता समान नहीं है।
(b) रमेश के विलयन की सान्द्रता = 9.09% है जबकि सारिका के विलयन की सान्द्रता = 10% है। इस प्रकार सारिका के विलयन की सान्द्रता अभीष्ट है।
प्रश्न 36. 100g जल में 20% (द्रव्यमान प्रतिशत) विलयन बनाने के लिए आवश्यक सोडियम सल्फेट के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
हल: मान लीजिए आवश्यक सोडियम सल्फेट का द्रव्यमान = x g
⇒ 100x = 20x + 2,000
⇒ 80x = 2,000
⇒ x = 25g
अत: सोडियम सल्फेट का अभीष्ट द्रव्यमान = 25g
प्रश्न 37. मिश्रण एवं यौगिक में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2019)
उत्तर: मिश्रण एवं यौगिक में अन्तर
प्रश्न 38. एक अध्यापक ने तीन A, B तथा C विद्यार्थियों को 50% (द्रव्यमान-आयतन द्वारा) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) विलयन बनाने के लिए निर्देशित किया। A में 50g NaOH को 100 ml जल में घोला, B ने 50 g NaOH को 100 g जल में घोला जबकि ‘C’ ने 50 g NaOH को जल में घोलकर 100 ml विलयन बनाया। उनमें से किसने वांछित विलयन बनाया और क्यों ?
उत्तर: किसी विलयन की सान्द्रता द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत में निकालने के लिए विलेय का द्रव्यमान एवं विलयन का आयतन चाहिए लेकिन ‘A’ के विलयन में विलायक का आयतन 100 ml तथा ‘B’ के विलयन में विलायक का द्रव्यमान 100 g दिया है तथा दोनों के विलयनों में विलेय का द्रव्यमान 50g है। अतः इनके विलयन वांछित सान्द्रता के विलयन नहीं हैं।
C ने अपने विलयन बनाने में विलेय का द्रव्यमान 50g तथा तैयार विलयन का आयतन 100 ml लिया है अत: C ने वांछित सान्द्रता 50% (द्रव्यमान-आयतन प्रतिशत) का विलयन बनाया।
प्रश्न 39. समांगी मिश्रण एवं विषमांगी मिश्रण को उदाहरण सहित समझाइए। (2019)
उत्तर: समांगी मिश्रण – समांगी मिश्रण की बनावट प्रत्येक स्थान पर समान होती है।
उदाहरण – नमक या चीनी का जल में विलयन, मिश्र धातु, हवा।
विषमांगी मिश्रण – विषमांगी मिश्रण के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं।
उदाहरण – नमक और लोहे की छीलन का मिश्रण, जल एवं तेल का मिश्रण।
प्रश्न 40. निम्नलिखित अभिलक्षणों वाले प्रत्येक मिश्रण का एक उदाहरण दीजिए। इन मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने की एक उपयुक्त विधि सुझाइए।
(a) एक वाष्पशील एवं एक अवाष्पशील अवयव।
(b) क्वथनांकों में पर्याप्त अन्तर रखने वाले दो वाष्पशील अवयव।
(c) दो अमिश्रणीय द्रव।
(d) अवयवों में से एक जो ठोस से सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो।
(e) किसी विलायक में घुले दो या दो से अधिक रंगीन अवयव।
उत्तर:
वांछित मिश्रणों के उदाहरण एवं उनके पृथक्करण की विधियाँ
प्रश्न 41. क्वथनांक में 25 K अथवा उससे कम अन्तर वाले मिश्रणीय द्रवों को पृथक् करने के लिए प्रयुक्त विधि प्रभाजी आसवन है। प्रभाजी आसवन के उपकरण का कौन-सा भाग इसे दक्ष बनाता है तथा सामान्य आसवन से अधिक प्रभावशाली है। चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर: प्रभाजी आसवन के उपकरण का प्रभाजी कॉलम इसे दक्ष बनाता है क्योंकि इसके अन्दर शीशे के गुटके भरे होते हैं जो वाष्प को ठण्डा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं।
प्रश्न 42. आपको रेत, लोह छीलन, अमोनियम क्लोराइड तथा सोडियम क्लोराइड युक्त मिश्रण दिया गया है। इस मिश्रण से इन अवयवों को पृथक् करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: दिए मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने की प्रक्रिया
सर्वप्रथम मिश्रण को एक पात्र में रखकर उसमें चुम्बक घुमाते हैं इससे लोह छीलन पृथक् हो जाती है। उसे चुम्बक से पृथक् करके अलग रख लेते हैं।
मिश्रण में से ऊर्ध्वपातन की प्रक्रिया द्वारा ऊर्ध्वपाती अमोनियम क्लोराइड को पृथक कर लेते हैं।
शेष मिश्रण को जल में घोलते हैं जिससे सोडियम क्लोराइड जल में घुलनशील होने के कारण घुल जाता है तथा रेत नीचे बैठ जाता है।
इस विलयन को फिल्टर पेपर से छानते हैं तो रेत फिल्टर पेपर पर ऊपर अवशेष के रूप में बचता है। नमक (सोडियम क्लोराइड) का विलयन फिल्ट्रेट के रूप में बीकर में एकत्रित हो जाता है।
सोडियम क्लोराइड के विलयन को गर्म करते हैं जिससे जल वाष्पीकृत होकर उड़ जाता है तथा सोडियम क्लोराइड शेष रह जाता है।
प्रश्न 43. आपके अध्यापक द्वारा आपको नैफ्थलीन तथा अमोनियम क्लोराइड का मिश्रण दिया गया है। इसको पृथक करने की प्रक्रिया को नामांकित चित्र सहित सुझाइए।
अथवा
नैफ्थलीन और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को पृथक करने की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए। (2019)
उत्तर:
नैफ्थलीन एवं अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को पृथक् करना-अमोनियम क्लोराइड जल में विलेय होता है तथा नैफ्थलीन अविलेय (अघुलनशील) मिश्रण को एक बीकर में पानी में घोल लेते हैं जिससे अमोनियम क्लोराइड तो घुल जाता है लेकिन नैफ्थलीन नहीं घुलता। मिश्रण को छन्नक पत्र (फिल्टर पेपर) से चित्रानुसार उपकरण तैयार करके छान लेते हैं। इससे अमोनियम क्लोराइड का विलयन नीचे बीकर में एकत्रित हो जाता है तथा नैफ्थलीन अवशेष के रूप में फिल्टर पेपर पर एकत्रित हो जाता है।
अमोनियम क्लोराइड के विलयन का वाष्पन करके ठोस अमोनियम क्लोराइड प्राप्त कर लेते हैं।
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