अध्याय 15 लोकतन्त्र और विविधता
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
- निम्नलिखित में से किस देश को धार्मिक और जातीय पहचान के आधार पर विखण्डन का सामना करना पड़ा?
(i) बेल्जियम
(ii) भारत
(iii) युगोस्लाविया
(iv) नीदरलैण्ड।
- सामाजिक विभाजनों को सँभालने के सन्दर्भ में इनमें से कौन-सा बयान लोकतांत्रिक व्यवस्था
पर लागू नहीं होता?
(i) लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी
पड़ती है
(ii) लोकतंत्र में विभिन्न समुदायों के लिए शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतें जाहिर करना सम्भव
है
(ii) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
(iv) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखण्डन की ओर ले जाता है।
- टॉमी स्मिथ का किस खेल से सम्बन्ध था ?
(i) फुटबॉल
(ii) धावक
(iii) हॉकी
(iv) कुश्ती।
- ताकत के दम पर एकता बनाए रखने की कोशिश अक्सर किस और ले जाती है ?
(i) विभाजन
(ii) एकता
(iii) संगठन
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
- 1968 में ओलम्पिक खेलों का आयोजन किस शहर में हुआ ?
(i) फ्रांस
(ii) टोकियो
(ii) मैक्सिको
(iv) न्यूयार्क।
- आयरिश रिपब्लिकन आर्मी और ब्रिटेन की सरकार के बीच किस वर्ष में एक समझौता हुआ
था?
(i) 2007 में
(ii) 2005 में
(iii) 2002 में
(iv) 2000 में।
- अश्वेत शक्ति आन्दोलन किस वर्ष में उभरा ?
(i) 1966 में
(ii) 1970 में
(iii) 1975 में
(iv) 1980 में।
- सामाजिक विभाजनों का प्रमुख आधार क्या है ?
(i) नवीन व्यवसाय अपनाना
(ii) जगहों में प्रस्थान
(iii) धर्म परिवर्तन
(iv) जन्म।
- निम्न में से कौन-सा भारत में सामाजिक विभाजन का आधार नहीं है ?
(i) स्वास्थ्य
(ii) धर्म
(iii) भाषा
(iv) जाति।
- स्मिथ और कार्लोस का ओलंपिक पदक वापस क्यों लिया गया था ?
(i) संघ ने उन्हें राजनीतिक बयान देकर ओलंपिक भावना का उल्लंघन करने का दोषी माना था
(ii) उन्हें गलती से पदक दिया गया था
(iii) उन पर डोपिंग का आरोप था
(iv) उन्होंने संघ को वे पदक बेच दिए थे।
- कौन उत्तरी आयरलैण्ड में कैथोलिक लोगों का प्रतिनिधि राजनीतिक दल है ?
(i) डेमोक्रेटिक पार्टी
(ii) लेबर पार्टी
(iii) यूनियनिस्ट
(iv) नेशनलिस्ट पार्टी।
उत्तर-1.(iii), 2. (iv), 3. (ii), 4. (i), 5. (iii), 6. (ii), 7. (1), 8. (iv), 9.(1), 10. (i), 11. (iv).
. रिक्त स्थानों की पूर्ति
- उत्तरी आयरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच ………….है।
- आज विश्व के अधिकतर राष्ट्र…………….. हो गए हैं।
- ग्रेट ब्रिटेन………………प्रमुख पंथों में बुरी तरह बँटा है।
- ताकत के दम पर एकता बनाए रखने की कोशिश अक्सर ………………की ओर ले जाती है।
- ……………सामाजिक अन्तर गहरे सामाजिक विभाजन और तनावों की स्थिति पैदा करते हैं।
- ……………सामाजिक अन्तर सामान्य तौर पर टकराव की स्थिति तक नहीं जाते।
- अश्वेत शक्ति आन्दोलन 1966 में उभरा और………….. तक चलता रहा।
उत्तर-1. गहरी समानता, 2. बहु-सांस्कृतिक, 3. दो, 4. विभाजन, 5. अन्य अन्तरों से महत्वपूर्ण,
- सभी किस्म के,7. 1975.
सत्य/असत्य
- आज अधिकतर समाजों में कई किस्म के विभाजन दिखाई देते हैं।
- उत्तरी आयरलैंड, सोवियत संघ का हिस्सा है।
- बेल्जियम में अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोग अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं।
- कार्लोस ने मारे गए अश्वेत लोगों की याद में लाल मनकों की माला पहनी थी।
- सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और
बड़े हो जाते हैं।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. असत्य, 5. सत्य।
. सही जोड़ी बनाइए
‘अ’
- जॉन कार्लोस
- पीटर नार्मन
- श्रीलंका
- बेल्जियम
‘ब’
(क) सिंहलियों
(ख) एफ्रो-अमरीकी
(ग) आस्ट्रेलियाई धावक
(घ) डच या जर्मन भाषा
उत्तर-1.→ (ख), 2. → (ग), 3. → (क), 4. →(घ)।
- एक शब्द / वाक्य में उत्तर
- पीटर नार्मन (आस्ट्रेलियाई धावक) की मृत्यु कब हुई ?
- सामाजिक विभाजनों का प्रमुख आधार क्या है ?
- अधिकतर देशों में मतदान के स्वरूप और सामाजिक विभाजनों के बीच किस प्रकार का सम्बन्ध दिखाई देता है ?
- कौन उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिक लोगों का प्रतिनिधि राजनीतिक दल है ?
- वह समाज जिसमें कोई खास जातीय अन्तर नहीं होता, कौन-सा समाज कहलाता है ?
उत्तर – 1. 2006 में, 2. जन्म, 3. प्रत्यक्ष 4. नेशनलिस्ट पार्टी, 5. समरूप समाज ।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. समरूप समाज से क्या आशय है ?
उत्तर- समरूप समाज एक ऐसा समाज होता है जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक या जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होतीं।
प्रश्न 2. भारत में सामाजिक विभाजन का क्या आधार है ?
उत्तर भारत में सामाजिक विभाजन का आधार सांस्कृतिक विभिन्नता तथा सामाजिक भिन्नता है।
प्रश्न 3. मतदान के स्वरूप और सामाजिक विभाजनों के बीच कैसा सम्बन्ध दिखाई देता है ?
उत्तर- अधिकतर देशों में मतदान के स्वरूप और सामाजिक विभाजनों के बीच एक प्रत्यक्ष सम्बन्ध दिखाई देता है।
प्रश्न 4. टॉमी स्मिथ तथा जॉन कार्लोस ने क्यों बिना जूते पहने पदक ग्रहण किया था ?
उत्तर- अमेरिका में अश्वेत लोगों की निर्धनता एवं नस्लवादी भेदभाव की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए।
प्रश्न 5. एफ्रो-अमरीकी कौन थे ?
उत्तर- एफ्रो- अमरीकन, अश्वेत अमरीकी या अश्वेत शब्द उन अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17वीं सदी से लेकर 19वीं सदी के प्रारम्भ तक अमरीका में गुलाम बनाकर लाया गया था।
प्रश्न 6. अश्वेत शक्ति आन्दोलन क्या था ?
उत्तर- यह आन्दोलन 1966 में उभरा और 1975 तक चलता रहा। नस्लवाद को लेकर इस आन्दोलन का रवैया ज्यादा उग्र था। इसका यह भी मानना था कि अमरीका से नस्लवाद मिटाने के लिए हिंसा का सहारा लेने में भी हर्ज नहीं है।
प्रश्न 7. अमेरिकी समाज के दो सामाजिक विभाजन कौन से हैं ?
उत्तर- (1) श्वेत अमेरिकी समाज, (2) अश्वेत अमेरिकी समाज
प्रश्न 8. टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस में दो समानताएँ बताइए।
उत्तर- (1) अमरीकी धावक स्मिथ और जॉन कार्लोस एफ्रो-अमरीकी थे। (2) दोनों ने मैक्सिको ओलम्पिक में स्वर्ण और कांस्य पदक जीते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में सामाजिक विभिन्नताओं के प्रमुख तीन कारण दीजिए।
उत्तर भारत में सामाजिक विभिन्नता के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं
(1) भारत में अनेक जातियों के लोग रहते हैं। वास्तव में भारतीय समाज जाति पर आधारित समाज है।
(2) भारत में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। इनमें हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, इस्लाम, सिक्ख, पारसी आदि धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं।
( 3 ) भारत में 500 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें से 22 भाषाओं को संविधान में मान्यता दी गई है।
प्रश्न 2. क्या आज दुनिया के अधिकतर देश बहु-सांस्कृतिक हो गए हैं ?
उत्तर- आज अधिकतर समाजों में कई किस्म के विभाजन दिखाई देते हैं। देश बड़ा हो या छोटा इससे फर्क नहीं पड़ता। भारत काफी बड़ा राष्ट्र है और इसमें अनेक समुदायों के लोग रहते हैं। बेल्जियम छोटा राष्ट्र है वहाँ भी अनेक समुदायों के लोग हैं। जर्मनी और स्वीडन जैसे समरूप समाज में भी, जहाँ पर अधिकतर लोग एक ही नस्ल और संस्कृति के हैं, विश्व के दूसरे क्षेत्रों में पहुँचने वाले लोगों के कारण तेजी से परिवर्तन हो रहा है। ऐसे लोग अपने साथ अपनी संस्कृति लेकर पहुँचते हैं। उनमें अपना अलग समुदाय बनाने की प्रवृत्ति होती है। इस हिसाब से आज दुनिया के अधिकांश देश बहु-सांस्कृतिक हो गए हैं।
प्रश्न 3. सामाजिक विभाजन कब होता है ?
अथवा
सामाजिक विभाजन की स्थिति कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर- सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमरीका में श्वेत और अश्वेत का अन्तर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर निर्धन हैं, बेघर हैं, भेदभाव का शिकार हैं। हमारे राष्ट्र में भी दलित आमतौर पर निर्धन और भूमिहीन हैं। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। जब एक तरह का सामाजिक अन्तर अन्य अन्तरों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
प्रश्न 4. सामाजिक अन्तर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं ?
उत्तर- सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आधारित होता है। जन्म पर आधारित सामाजिक विभाजन का अनुभव हम अपने दैनिक जीवन में रोज करते हैं। हम अपने आस-पास देखते हैं कि चाहे कोई स्त्री हो या पुरुष, लम्बा हो या छोटा-सबकी चमड़ी का रंग अलग-अलग है, उनकी शारीरिक क्षमताएँ या अक्षमताएँ अलग-अलग हैं। सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमरीका में श्वेत और अश्वेत का अन्तर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है। क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं, भेदभाव का शिकार हैं। जब एक तरह का सामाजिक अन्तर अन्य अन्तरों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाता है और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति उत्पन्न होती है।
दीर्घ उत्तरीय / विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. 1968 में मैक्सिको ओलम्पिक ने अमरीका में बढ़ते नागरिक अधिकार आन्दोलन के प्रति विश्व का ध्यान खींचने में सफलता पाई। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- 1968 में मैक्सिको सिटी में हुए ओलम्पिक मुकाबलों की 200 मीटर दौड़ में एफ्रो-अमरीकी धावक टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीता था। उन्होंने जूते नहीं पहने थे। सिर्फ मोजे चढ़ाए पुरस्कार लेकर दोनों ने यह प्रदर्शित करने की कोशिश की कि अमरीकी अश्वेत लोग निर्धन हैं। स्मिथ ने अपने गले में एक काला मफलर जैसा परिधान भी पहना था जो अश्वेत लोगों के आत्मगौरव का प्रतीक था। कार्लोस ने मारे गए अश्वेत लोगों की याद में काले मनकों की एक माला पहनी थी। अपने इन प्रतीकों और तौर-तरीकों से उन्होंने अमरीका में होने वाले रंगभेद के प्रति अन्तर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींचने की कोशिश की। काले दस्ताने और बँधी हुई मुट्ठियाँ अश्वेत शक्ति का प्रतीक थीं। रजत पदक जीतने वाले आस्ट्रेलियाई धावक पीटर नार्मन ने पुरस्कार समारोह में अपनी जर्सी पर मानवाधिकार का बिल्ला लगाकर इन दोनों अमरीकी खिलाड़ियों के प्रति अपना समर्थन जताया। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ ने कार्लोस और स्मिथ द्वारा राजनीतिक बयान देने की इस युक्ति को ओलम्पिक भावना के विरुद्ध बताते हुए उन्हें दोषी करार दिया और उनके पदक वापस ले लिए गए। नार्मन को
भी अपने फैसले की कीमत चुकानी पड़ी और अगले ओलम्पिक में उन्हें आस्ट्रेलिया की टीम में जगह नहीं दी गई पर इनके फैसलों ने अमरीका में बढ़ते नागरिक अधिकार आन्दोलन के प्रति दुनिया का ध्यान खींचने में सफलता पाई। करें।
प्रश्न 2. सामाजिक विभाजनों को राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा
उत्तर- सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम तीन बातों पर निर्भर करता है
(1) पहली बात है लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना। अगर लोग खुद को सबसे विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत कठिन हो जाता है। उदाहरण के लिए, जब तक उत्तरी आयरलैंड के लोग खुद को सिर्फ प्रोटेस्टेंट या कैथोलिक के तौर पर देखते रहेंगे तब तक उनका शांत हो जाना सम्भव नहीं है। अगर लोग अपनी बहु-स्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और उन्हें राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती। दूसरे, बेल्जियम के अधिकतर लोग खुद को बेल्जियाई ही मानते हैं भले ही वे डच या जर्मन बोलते हों। इस नजरिए से उन्हें साथ-साथ रहने में मदद मिलती है। हमारे राष्ट्र में भी ज्यादातर लोग अपनी पहचान को लेकर ऐसा ही नजरिया रखते हैं। वे अपने को पहले भारतीय मानते हैं फिर किसी प्रदेश क्षेत्र, भाषा समूह या धार्मिक और सामाजिक समुदाय का सदस्य।
(2) दूसरी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं। संविधान के अन्तर्गत आने वाली और दूसरे समुदाय को हानि न पहुँचाने वाली माँगों को मान लेना सरल है। जैसे श्रीलंका में श्रीलंका केवल सिंहलियों के लिए’ की माँग तमिल समुदाय की पहचान और हितों के खिलाफ थी। युगोस्लाविया में विभिन्न समुदायों के नेताओं ने अपने जातीय समूहों की तरफ से ऐसी माँगें रख दीं जिन्हें एक देश की सीमा के भीतर पूरा करना असम्भव था।
(3) तीसरी बात है, सरकार का रुख। सरकार इन माँगों पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करती है, यह भी महत्त्वपूर्ण है। अगर शासन सत्ता में साझेदारी करने को तैयार हो और अल्पसंख्यक समुदाय की उचित माँगों को पूरा करने का प्रयास ईमानदारी से किया जाए तो सामाजिक विभाजन मुल्क के लिए खतरा नहीं बनते। अगर शासन राष्ट्रीय एकता के नाम पर किसी इस प्रकार की माँग को दबाना शुरू कर देता है तो अक्सर उल्टे और नुकसानदेह परिणाम ही निकलते हैं। ताकत के दम पर एकता बनाए रखने की कोशिश विभाजन की ओर ले जाती है।इस प्रकार किसी राष्ट्र में सामाजिक विभिन्नताओं पर जोर देने की बात को हमेशा खतरा मानकर नहीं चलना चाहिए। लोकतंत्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है और यह एक स्वस्थ राजनीति का लक्षण भी हो सकता है।
प्रश्न 3. “जब सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुँथ जाती हैं तो एक गहरे सामाजिक विभाजन की जमीन तैयार होने लगती है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- यदि एक-सी सामाजिक विभिन्नताएँ कई समूहों में मौजूद हों तो फिर एक समूह के लोगों के लिए दूसरे समूहों से अलग पहचान बनाना कठिन हो जाता है। इसका आशय यह है कि किसी एक मुद्दे पर कई समूह के हित एक जैसे हो जाते हैं जबकि किसी दूसरे मुद्दे पर उनके नजरिए में अन्तर हो सकता है। उदाहरण के लिए, आयरलैंड और नीदरलैंड दोनों ही ईसाई बहुल राष्ट्र हैं लेकिन यहाँ के लोग प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक खेमे में बँटे हैं। उत्तरी आयरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच गहरी समानता है। वहाँ का कैथोलिक समुदाय निर्धन है। लम्बे समय से उसके साथ भेदभाव होता आया है। नीदरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच ऐसा मेल दिखाई नहीं देता। वहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टेंटों, दोनों में अमीर और निर्धन हैं। परिणाम यह है कि उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिकों और प्रोटेस्टेंटों के बीच भारी मारकाट चलती रही है पर नीदरलैंड में ऐसा नहीं होता। जब सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुँथ जाती हैं तो एक गहरे सामाजिक विभाजन की जमीन तैयार हो जाती है। जहाँ ये सामाजिक विभिन्नताएँ एक साथ कई समूहों में विद्यमान होती हैं वहाँ उन्हें सँभालना अपेक्षाकृत सरल होता है।
प्रश्न 4. सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं ? दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर – राजनीति और सामाजिक विभाजनों का मेल बहुत खतरनाक और विस्फोटक है। प्रजातन्त्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के मध्य प्रतिद्वंद्विता का माहौल होता है। इस प्रतिद्वंद्विता के कारण भी समाज फूट का शिकार बन सकता है। यदि राजनीतिक पार्टियाँ समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीतिक होड़ करने लगें तो इससे सामाजिक विभाजन राजनीतिक विभाजन में परिवर्तित हो सकता है और ऐसे में राष्ट्र विखण्डन की ओर जा सकता है। उत्तरी आयरलैंड-ग्रेट ब्रिटेन का यह हिस्सा, काफी लम्बे समय से हिंसा, जातीय कटुता और राजनीतिक टकराव की गिरफ्त में रहा है। यहाँ की आबादी मुख्यतः ईसाई ही है पर वह इस धर्म के दो प्रमुख पंथों में बुरी तरह बँटी है। 53 फीसदी जनसंख्या प्रोटेस्टेंट है जबकि 44 फीसदी रोमन कैथोलिक। कैथोलिकों का प्रतिनिधित्व •नेशनलिस्ट पार्टियाँ करती हैं। उनकी माँग है कि उत्तरी आयरलैंड को आयरलैंड गणराज्य के साथ मिलाया जाए जोकि मुख्यत: कैथोलिक बहुल है। प्रोटेस्टेंट लोगों का प्रतिनिधित्व यूनियनिस्ट पार्टियाँ करती हैं जो ग्रेट ब्रिटेन के साथ ही रहने के पक्ष में हैं क्योंकि ब्रिटेन मुख्यत: प्रोटेस्टेंट देश है। यूनियनिस्टों और नेशनलिस्टों के मध्य चलने वाले हिंसक टकराव में ब्रिटेन के सुरक्षा बलों सहित सैकड़ों लोग और सेना के जवान मारे जा चुके हैं। 1998 में ब्रिटेन की सरकार और नेशनलिस्टों के मध्य शांति समझौता हुआ जिसमें दोनों पक्षों ने हिंसक आन्दोलन बन्द करने की बात स्वीकार की। युगोस्लाविया में कहानी का ऐसा सुखद अन्त नहीं हुआ। वहाँ धार्मिक और जातीय विभाजन के आधार पर शुरू हुई राजनीतिक होड़ में युगोस्लाविया कई टुकड़ों में बँट गया। इस प्रकार के उदाहरणों के आधार पर कुछ लोग यह निष्कर्ष निकालते हैं कि राजनीति और सामाजिक विभाजन का मेल नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि सर्वश्रेष्ठ स्थिति तो यह है कि समाज में किसी किस्म का विभाजन ही न हो। अगर किसी राष्ट्र में सामाजिक विभाजन है तो उसे राजनीति में अभिव्यक्त ही नहीं होने देना चाहिए। अधिकतर राष्ट्रों में मतदान के स्वरूप और सामाजिक विभाजनों के मध्य एक प्रत्यक्ष सम्बन्ध दिखाई देता है। इसके तहत एक समुदाय के लोग आमतौर पर किसी एक दल को दूसरों के मुकाबले ज्यादा पसन्द करते हैं और उसी को वोट देते हैं। कई राष्ट्रों में ऐसी पार्टियाँ हैं जो सिर्फ एक ही समुदाय पर ध्यान देती हैं और उसी के हित में राजनीति करती हैं। किन्तु इस सबकी परिणति राष्ट्र के विखण्डन में नहीं होती।
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