चतुर्थ भाग आर्थिक विकास की समझ अध्याय 21 विकास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव विकास सूचकांक किस वर्ष में प्रकाशित किया गया ?
(i) 1985
(ii) 1990
(iii) 1995
(iv) 1999.
- भारत में सबसे कम साक्षरता दर कहाँ है ?
(i) ओडिशा
(ii) बिहार
(iii) झारखण्ड
(iv) छत्तीसगढ़।
- केरल में प्रति हजार व्यक्ति शिशु मृत्यु दर (2017) के अनुसार है-
(i) 35 प्रति हजार
(ii) 30 प्रति हजार
(iii) 20 प्रति हजार
(iv) 10 प्रति हजार।
- राष्ट्रीय विकास का अर्थ है-
(i) चहुंमुखी विकास
(ii) आर्थिक विकास
(iii) सामाजिक विकास
(iv) राजनीतिक विकास।
- राष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय का अर्थ है-
(i) किसी राष्ट्र में रह रहे सभी व्यक्तियों की औसत आय
(ii) एक व्यक्ति द्वारा एक वर्ष में अर्जित की गई अधिकतम आय
(iii) एक व्यक्ति द्वारा एक वर्ष में अर्जित की गई औसत आय
(iv) किसी व्यक्ति द्वारा एक वर्ष में अर्जित की गई निम्नतम आय।
- निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत से
बेहतर है?
(i) बांग्लादेश
(ii) श्रीलंका
(iii) नेपाल
(iv) पाकिस्तान।
- सामान्यत: किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है ?
(i) प्रति व्यक्ति आय
(ii) औसत साक्षरता स्तर
(iii) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(iv) उपर्युक्त सभी।
- मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं। इन परिवारों की प्रति व्यक्ति आय ₹ 5,000 है।
अगर तीन परिवारों की आय क्रमश: ₹ 4,000, 7,000 और ₹3,000 हैं, तो चौथे परिवार की
आय क्या है?
(i) 7,500
(ii) ₹3,000
(iii) ₹2,000
(iv) ₹6,000.
- भारत में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य है-
रिपोर्ट दे रहा है?
(1) पंजाब
(ii) हरियाणा
(iii) केरल
(iv) कर्नाटक।
- केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) किस वर्ष से राष्ट्रीय आय अनुपात पर आधारित वार्षिक
(i) 1970 से
(ii) 1965 से
(iii) 1960 से
(iv) 1955 से।
उत्तर-1. (iii), 2. (ii), 3. (iv), 4. (i), 5. (i), 6. (ii), 7. (iv), 8. (iv), 9. (iii), 10. (iv).
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- औसत आय को भी कहा जाता है।
- भारत में महिला साक्षरता प्रतिशत है।
- 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात कहलाती है।
- भूमिगत जल साधन का उदाहरण है।
- तमिलनाडु में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिशत लोग राशन की दुकानों का प्रयोग करते हैं।
उत्तर-1. प्रति व्यक्ति आय, 2. 64-6, 3. साक्षरता दर, 4. नवीकरणीय, 5. 90.
. सत्य/असत्य
- औसत आय को राष्ट्रीय आय भी कहा जाता है।
- यह निष्कर्ष निकालना सही होगा कि जिसे मापा नहीं जा सकता, वह महत्त्व नहीं रखता।
- यदि कच्चे तेल का प्रयोग वर्तमान दर पर चालू रहे तो यह भण्डार केवल 50 वर्षों में समाप्त हो जाएँगे।
- हम जमीन से जो कच्चा तेल निकालते हैं वह एक नवीकरणीय संसाधन है।
- संपोषणीय आर्थिक विकास का आशय है विकास अपना स्थान पर्यावरण को हानि पहुँचाए बिना प्राप्त करेगा।
उत्तर-1. असत्य, 2. सत्य, 3. सत्य, 4. असत्य, 5. सत्य।
. सही जोड़ी बनाइए
‘अ’
- हरियाणा में प्रति हजार शिशु मृत्यु दर
- बिहार में प्रति हजार शिशु मृत्यु दर
- केरल की साक्षरता दर 2011 में
- बिहार की साक्षरता दर 2011 में
- 2011 में भारत की साक्षरता दर
‘ब’
(क) 94 प्रतिशत
(ख) 62 प्रतिशत
(ग) 73 प्रतिशत
(घ) 30
(ङ) 35
उत्तर-1.→ (घ), 2.→ (ङ),3. → (क),4.→ (ख),5.→ (ग)।
. एक शब्द/वाक्य में उत्तर
- 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुष व महिला अनुपात क्या था ?
- जिस व्यक्ति को अल्पपोषित कहा जाएगा उसका शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बी.एम.आई.) कितना होगा?
- मानव विकास सूचकांक (2020) में भारत कौन-से स्थान पर था ?
- किसी वर्ष में पैदा हुए 1,000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों के अनुपात को क्या कहते हैं ?
- नवीकरणीय साधन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर – 1. 940, 2.18.5 से कम 3 131वाँ स्थान, 4. शिशु मृत्यु दर 5. भूमिगत जल।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. राष्ट्रीय आय का अर्थ बताइए।
उत्तर- एक देश की राष्ट्रीय आय से आशय साधारणतः एक वर्ष में उत्पादित समस्त वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य का योग होता है, जिनमें वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन हेतु प्रयोग की गयी मशीनों एवं पूँजी की घिसावट (या ह्यस) को घटा दिया जाता है तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को जोड़ दिया जाता है।
प्रश्न 2. मानव विकास सूचक (HDI) की अवधारणा किस मान्यता पर आधारित है ?
उत्तर- मानव विकास सूचक (HDI) की अवधारणा इस मान्यता पर आधारित है कि “किसी राष्ट्र में रहने वाले लोग ही उस राष्ट्र की वास्तविक सम्पत्ति हैं। आर्थिक विकास का मूल उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जिससे लोग लम्बे समय तक स्वस्थ तथा सृजनात्मक जीवन का आनन्द उठा सकें।”
प्रश्न 3. राष्ट्रीय विकास का क्या अर्थ है ?
उत्तर- राष्ट्रीय विकास का अर्थ है प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और अपनी स्वयं की सामर्थ्य से अर्थव्यवस्था को बढ़ाना।
प्रश्न 4. आर्थिक विकास से क्या आशय है ?
उत्तर- आर्थिक विकास एक सतत् प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक एवं औद्योगिक विकास के सभी सम्भव प्रयास किये जाते हैं तथा राष्ट्र के उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम सम्भव विदोहन किया जाता है।
प्रश्न 5. शिशु मृत्यु दर क्या है ?
उत्तर- किसी वर्ष में पैदा हुए 1,000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों का अनुपात शिशु मृत्यु दर कहलाती है।
प्रश्न 6. साक्षरता दर क्या है ?
उत्तर- 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात साक्षरता दर कहलाती है।
प्रश्न 7. निबल उपस्थिति अनुपात क्या होता है ?
उत्तर- 14 तथा 15 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के बच्चों के साथ प्रतिशत ।
प्रश्न 8. जन्म के समय सम्भावित आयु (या प्रत्याशित आयु) से क्या आशय है ?
उत्तर- प्रत्याशित आयु का अर्थ जीवित रहने की आयु से है जिसे देश के निवासी जन्म के समय आशा कर सकते हैं। इसी बात को इस प्रकार भी कह सकते हैं कि एक देश में एक बच्चा जब जन्म लेता है तो उसके कितने वर्ष जीवित रहने की आशा की जाती है ? इस जीवित रहने की आशा को ही प्रत्याशित आयु या औसत आयु कहते हैं। वर्ष 2017 में औसत आयु 69 वर्ष थी।
प्रश्न 9. विकास मापने का यू. एन. डी. पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग है ?
उत्तर- यू. एन. डी. पी. द्वारा देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है जबकि विश्व बैंक का मापदण्ड प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होता है।
प्रश्न 10. धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
उत्तर- धारणीय विकास का सार तत्व यह है कि विकास प्रक्रिया में जो संसाधन खर्च हो जाएँ उनकी पुनः पूर्ति होती रहे ताकि भविष्य में भी वे संसाधन विकास हेतु उसी प्रकार उपलब्ध होते रहें जिस प्रकार कि पहले उपलब्ध होते रहे हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिये किस प्रमुख मापदण्ड का प्रयोग करता है ? इस मापदण्ड की, अगर कोई है, तो सीमाएँ क्या हैं ?
उत्तर- विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिये प्रति व्यक्ति आय मापदण्ड का प्रयोग करता है। विश्व बैंक के अनुसार 2017 में प्रति व्यक्ति आय 12,056 यू. एस. डॉलर प्रतिवर्ष या उससे अधिक है, उसे समृद्ध देश और वे देश जिनकी प्रति व्यक्ति आय 995 यू. एस. डॉलर प्रतिवर्ष या उससे कम है, उन्हें निम्न आय वाला देश कहा गया है। इस मापदण्ड की सबसे बड़ी सीमा यह है कि यह हमें देश में लोगों के मध्य आय के सही वितरण को नहीं बताता है।
प्रश्न 2. भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन स्रोतों का प्रयोग किया जाता है ? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात् क्या सम्भावनाएँ हो सकती हैं ?
उत्तर भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के परम्परागत एवं गैर-परम्परागत स्रोतों का प्रयोग किया जाता है। जैसे- ऊर्जा के परम्परागत साधन- कोयला, पेट्रोलियम, परमाणु ऊर्जा, जलशक्ति ऊर्जा ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधन-सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा, कूड़े-कचरे या गोबर या मल-मूत्र से तैयार ऊर्जा। अब से 50 वर्ष पश्चात् निम्नलिखित सम्भावनाएँ हो सकती हैं पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, कूड़े से तैयार ऊर्जा का उपयोग, थर्मल, न्यूक्लियर ऊर्जा का प्रयोग।
प्रश्न 3. धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर- उपर्युक्त कथन से स्पष्ट है कि हमारे पास अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। किन्तु हम अपनी अनन्त आवश्यकताओं के कारण सन्तुष्ट नहीं हैं। हम सीमित साधनों से सन्तुष्ट नहीं हैं। इसी कारण यह कहा जाता है कि धरती के पास एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। वस्तुओं तथा सेवाओं का अधिक-से-अधिक उत्पादन विकास का सूचक है। जिस राष्ट्र में वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन जितनी तेजी से किया जाएगा, उस राष्ट्र का विकास उतनी ही तेजी से होगा।
प्रश्न 4. पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आसपास देखे हों।
उत्तर- पर्यावरण में गिरावट के उदाहरण निम्न हैं वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, प्लास्टिक का प्रयोग, जंगलों का कटाव आदि पर्यावरण में गिरावट के उदाहरण हैं।
प्रश्न 5. संपोषणीय विकास क्या है ? इसके उद्देश्य बताइए।
अथवा
सतत् विकास का अर्थ एवं तीन उद्देश्य समझाइए।
उत्तर- सतत् विकास सतत् विकास से आशय ऐसे विकास से है जिसमें वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं एवं हितों पर समुचित ध्यान दिया जाता है। सतत् विकास के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं
(1) सतत् विकास का प्रमुख उद्देश्य आर्थिक क्रियाकलापों के विशुद्ध लाभों को अधिकतम करना होता है।
(2) इसके लिए अनिवार्य है कि उत्पादक परिसम्पत्तियों (भौतिक, मानवीय, पर्यावर्णिक) के स्टॉक को संरक्षित रखा जाय।
(3) निर्धनों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा तन्त्र प्रदान किया जाय।
प्रश्न 6. एच. डी. आई. के किन सूचकों के आधार पर 2017 में श्रीलंका का स्थान भारत से बेहतर था ?
उत्तर- (1) सकल राष्ट्रीय आय प्रति व्यक्ति अमेरिकी डॉलर
श्रीलंका=11,326
भारत=6,353
( 2 ) जन्म के समय सम्भावित आयु (या प्रत्याशित आयु) 2017 में
श्रीलंका=75.5
भारत=68.8
(3) कुल नामांकन अनुपात (2017) –
श्रीलंका=10.9
भारत = 6.4
(4) विश्व में मानव विकास सूचकांक (HDI) का क्रमांक
श्रीलंका=76
भारत=130
प्रश्न 7. विकास की धारणीयता के सन्दर्भ में नवीकरणीय साधन व गैर-नवीकरणीय साधन पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- नवीकरणीय साधन– भूमिगत जल नवीकरणीय साधन का उदाहरण है। फसल और पौधों की तरह इन साधनों की पुन: पूर्ति प्रकृति करती है, लेकिन हम इन साधनों का अति उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, भूमिगत जल का यदि बरसात द्वारा हो रही पुनः पूर्ति से अधिक प्रयोग करते हैं, तो हम इस साधन का अति-उपयोग कर रहे हैं।
गैर-नवीकरणीय साधन-गैर-नवीकरणीय साधन वे साधन हैं, जो वर्षों से प्रयोग के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं। इस प्रकार के संसाधनों का धरती पर एक निश्चित भण्डार है और इनकी पुन: पूर्ति नहीं हो सकती। कभी-कभी हमें ऐसे नए साधन मिल जाते हैं, जिनके बारे में हमें पहले कोई जानकारी नहीं थी। नये स्रोत, भण्डार में वृद्धि करते हैं, लेकिन समय के साथ यह भी समाप्त हो जाएँगे।
दीर्घ उत्तरीय / विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं ? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाएँ हैं ? बिकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय इतना उपयुक्त माप नहीं है। क्योंकि देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती है, कुल आय की तुलना करने से हमें यह ज्ञात नहीं होगा कि औसत व्यक्ति क्या कमा सकता है ? क्या एक राष्ट्र के लोग दूसरे देश के लोगों से बेहतर हैं ? इसलिए औसत आय की तुलना करते हैं जो देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाली जाती है। उदाहरण के लिए, दो राष्ट्र A और B पर विचार करते हैं। सरलता के लिए हम मानते हैं कि प्रत्येक राष्ट्र में 5 निवासी हैं। तालिका में दिए गए आँकड़ों के अनुसार, दोनों राष्ट्रों की औसत आय ज्ञात की गई है।
तालिका से स्पष्ट है कि कुछ लोग देश ‘B’ में रहना पसन्द करेंगे अगर हमें यह आश्वासन हो कि हम उस देश के पाँचवें नागरिक होंगे। लेकिन अगर हमारी नागरिकता संख्या लॉटरी के द्वारा निश्चित होगी तो हममें से ज्यादातर लोग देश ‘A’ में रहना पसन्द करेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि यद्यपि दोनों देशों की औसत आय एक समान है, देश ‘A’ के लोग न तो बहुत अमीर हैं न बहुत गरीब, जबकि देश ‘B’ के ज्यादातर नागरिक निर्धन हैं और एक व्यक्ति बहुत अमीर है। इसलिए यद्यपि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है, किन्तु इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस प्रकार वितरित है।
प्रश्न 2. प्रति व्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है। इसलिए प्रति व्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं ? चर्चा कीजिए।
उत्तर- (1) वर्ष 2016-17 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय ₹1,80,174 व केरल में ₹1,63,475 थी।
(2) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा की साक्षरता दर 82 प्रतिशत व केरल की साक्षरता दर 94 प्रतिशत है। इस प्रकार केरल की साक्षरता दर अधिक है।
(3) वर्ष 2017 में हरियाणा में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार व्यक्ति 30 थी जबकि केरल में 10 थी।
(4) 14 तथा 15 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत हरियाणा में 61 था व केरल में यह अनुपात 83 था। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि केरल की प्रति व्यक्ति आय कम होने पर भी उसका मानव विकास हरियाणा से अच्छा है क्योंकि केरल के पास हरियाणा की तुलना में मानव विकास की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसलिए प्रति व्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड नहीं है और राज्यों के विकास के सन्दर्भ में तुलनात्मक अध्ययन के लिए मानव विकास क्रमांक उपयोगी है।
प्रश्न 3. आर्थिक विकास की आवश्यकता एवं महत्त्व लिखिए।
अथवा
देश के हित में आर्थिक विकास का महत्त्व किन्हीं पाँच बिन्दुओं के आधार पर समझाइए ।
उत्तर आर्थिक विकास की आवश्यकता एवं महत्त्व किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास का महत्त्व निम्नलिखित बातों में निहित है
(1) आर्थिक उपलब्धियाँ- आर्थिक विकास की प्रक्रिया के फलस्वरूप अर्थव्यवस्था को अनेक आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं; जैसे- राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि, पूँजी निर्माण, व्यापार चक्रों से मुक्ति अर्थात् आर्थिक स्थायित्व, उत्पत्ति के साधनों का न्यायपूर्ण एवं सर्वोपयुक्त वितरण, प्रतिस्पर्द्धा सम्बन्धी अपव्ययों पर रोक, राष्ट्रीय आय का उचित वितरण और प्राकृतिक साधनों का पूर्ण विदोहन आदि।
(2) आर्थिक विषमता में कमी- सामाजिक न्याय की दृष्टि से आर्थिक विषमता की उपस्थिति अनुचित मानी जाती है। नियोजित आर्थिक विकास का मुख्य लक्ष्य ही होता है, आर्थिक विषमता को समाप्त करना। इस प्रकार, आर्थिक विकास से धन का वितरण समान व न्यायपूर्ण ढंग से सम्भव हो पाता है।
(3) रोजगार के अवसरों में वृद्धि – आर्थिक विकास की प्रक्रिया में राष्ट्र में संरचनात्मक उद्योगों का व्यापक विस्तार एवं विकास होता है जिससे जनता को रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होने लगते हैं व बेरोजगारी की समस्या का समाधान होने लगता है।
(4) प्राकृतिक आपदाओं पर नियन्त्रण-प्राचीन काल में मानव को प्राकृतिक आपदाओं; जैसे-बाढ़,
सूखा, महामारी, भूकम्प आदि का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप
मनुष्य ने अनेक आपदाओं पर विजय प्राप्त की है।
(5) जीवन-स्तर में सुधार एवं निर्धनता उन्मूलन में सहायता-आर्थिक विकास की प्रक्रिया में राष्ट्रीय
आय में वृद्धि के साथ-साथ लोगों की मौद्रिक आय में वृद्धि हो जाती है जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ती है और
रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है, लोग अधिक आरामदायक जीवन-यापन करते हैं।
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