pariksha adhyayan class 11th इतिहास – HISTORY अध्याय 9 संघवाद MP BOARD SOLUTION

अध्याय 9
संघवाद

अध्याय 9
संघवाद
वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. भारतीय संविधान में संघवाद के लिए जिस शब्द का प्रयोग किया गया वह है,
(i) यूनियन (ii) भारत
(iii) इण्डिया (iv) इनमें से कोई नहीं।

2. “भारतीय संविधान रूप में तो संघात्मक लेकिन भावना में एकात्मक है।” यह कथन निम्नांकित में किस विद्वान का है ?
(i) के. सी. ह्वीयर (ii) डॉ. बी. आर. आम्बेदकर
(iii) डी. एन. बनर्जी (iv) दुर्गादास बसु।

3. भारतीय प्रदेशों (राज्यों) की सीमाओं में परिवर्तन करने का अधिकार हासिल
(i) प्रदेश की सरकार को (ii) संसद को
(iii) राष्ट्रपति को (iv) प्रधानमन्त्री को।

4. भारतीय संविधान के अन्तर्गत संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन निम्नांकित में किसकी प्रेरणा पर आधारित है ?
(i)अमेरिकाक (ii) संसद को
(iii) स्विट्जरलैण्ड (iv) कनाडा।

5. केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में विवाद का एक कारण रहता है-
(i) प्रधानमन्त्री का पद (ii) राज्यपाल का पद
(iii) मुख्यमन्त्री का पद (iv) इनमें से कोई नहीं।

6. सरकारिया आयोग किस वर्ष गठित किया गया था ?
(i) 1947 (ii)1983
(iii) 1985 (iv) 2005.

7. राज्य पुनगर्छन आयोग का गठन किस वर्ष हुआ था ?
(i) 1956 में (ii) 1955 में
(iii)1953 में (iv) 1949 में

8. प्रदेशों (राज्यों) में राष्ट्रपति शासन कितनी समयावधि तक बढ़ाया जा सकता है?
(1) तीन माह (ii) छः माह
(iii) एक वर्ष (iv) तीन वर्ष।

9. भारतीय संविधान में निम्नांकित में से कौन-सा संघीय तत्व विद्यमान है?
(i) लिखित संविधान (ii) संविधान की सर्वोच्चता
(iii) लिखित संविधान (iv) उक्त सभी।

10. वर्तमान में भारतीय संघ में हैं-
(i)28 राज्य तथा 9 संघीय राज्य क्षेत्र
(ii) 9 राज्य तथा 7 संघीय राज्य क्षेत्र
(iii) 14 राज्य तथा 5 संघीय राज्य क्षेत्र
(iv) 29 राज्य तथा 7 संघीय राज्य क्षेत्र।

उत्तर-1.(i), 2. (iii), 3. (11), 4. (iv), 5.(m), 6.(ii), 7.(iii), 8. (iv),9.(iv),10.(i).

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. केन्द्र तथा राज्य सरकार का स्वतन्त्र रूप से अपने-अपने कार्य करना ही……….है।
2. केन्द्र तथा प्रदेश सरकारों के मध्य उठे विवादों का समाधान ……….द्वारा होता है।
3. भारत ने संघीय व्यवस्था को विशालता, विविधता तथा अत्यधिक……..की वजह से अपनाया।
4. भारतीय संविधान के अनुच्छेद……….के अन्तर्गत अन्तर्राज्य आयोग की स्थापना की जाती है।
5. ……….के बीच जल विवाद का कारण कावेरी नदी का जल है।
6. अभी हाल ही (अगस्त 2019) में जम्मू-कश्मीर तथा………को नया केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया है।

उत्तर-1.संघवाद, 2. सर्वोच्च न्यायालय, 3. जनसंख्या, 4.263,5. तमिलनाडु तथा कर्नाटक, 6. लद्दाख।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. किस सरकार के पास सर्वाधिक आय के संसाधन हैं ?
उत्तर- भारत की केन्द्र (संघीय) सरकार।
2. किस संवैधानिक प्रावधान के द्वारा भारतीय संसद प्रदेशों के नाम तथा अकी सीमाओं में परिवर्तन कर सकती है?
उत्तर-अनुच्छेद 3.
3. किस परिस्थिति में भारतीय संसद राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है?
उत्तर-आपातकालीन स्थिति में।
4. संघवाद हेतु किस प्रकार का संविधान होना परमावश्यक होता है ?
उत्तर-लिखित।

सत्य/असत्य

1. संघवाद अंग्रेजी भाषा के फेडेरलिज्म शब्द का हिन्दी अनुवाद है।
2. संघात्मक शासन में दोहरी सरकारें होती हैं। स
3. अमेरिका तथा स्विट्जरलैण्ड के संघों को कमजोर तथा भारत, कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया ओ के संघों को मजबूत संघात्मक व्यवस्था की श्रेणी में रखा जाता है।
4. संघात्मक शासन की स्थापना सर्वप्रथम यूगोस्लाविया में हुई। स
5. संघात्मक शासन में सम्प्रभुता शक्ति का दोहरा प्रयोग होता है

उत्तर-1.सत्य, 2. सत्य, 3. असत्य,4. असत्य, 5. सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. संघात्मक सरकार की कोई दो परिभाषाएँ दीजिए।
उत्तर- के. सी. व्हीयर के मतानुसार, “संघात्मक शासन शक्तियों के विभाजन की प्रणाली है, जिससे केन्द्रीय एवं क्षेत्रीय सरकारें अपने क्षेत्र में समान तथा स्वतन्त्र रहें।”
डायसी के शब्दों में, “संघात्मक राज्य एक ऐसे राजनीतिक उपाय के अतिरिक्त और कुछ नहीं है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता तथा राज्य के अधिकारों में सामंजस्य स्थापित
करना है।”

प्रश्न 2. संघात्मक शासन वाले प्रमुख देशों के नाम लिखिए।
उत्तर-संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, अर्जेण्टाइना, मैक्सिको, यूगोस्लाविया तथा स्विट्जरलैण्ड इत्यादि देशों में संघात्मक शासन है।

प्रश्न 3. संघात्मक शासन के दो गुणों को समझाइए।
उत्तर-(1) संघात्मक शासन वाले राज्यों में लिखित तथा कठोर संविधान होता है।
(2) संधात्मक शासन वाले राज्यों में आवश्यक रूप से केन्द्रीय विधायिका के दो सदन होते हैं।

प्रश्न 4. संघात्मक शासन प्रणाली के कोई दो दोष लिखिए।
उत्तर-(1) संघात्मक शासन प्रणाली एक खर्चीला शासन है तथा (2) इसमें केन्द्र एवं राज्यों के मध्य विवाद की सम्भावना रहती है।

प्रश्न 5. भारत में संघवाद की आवश्यकता के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर-(1) देश का भौगोलिक क्षेत्रफल विशाल है तथा (2) भारत में विविध धर्मों, समुदायों, भाषाओं तथा रीति-रिवाजों का पालन करने वाले लोग निवास करते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. संक्षेप में स्पष्ट कीजिए कि भारतीय संविधान संघात्मक होने के बावजूद भावना में एकात्मक है।
उत्तर-हालांकि भारतीय संविधान का ढाँचा संघात्मक है, लेकिन भावना में वह एकात्मक है। हमारे संविधान के संघात्मक लक्षणों में लिखित एवं कठोर संविधान, शक्तियों
का विभाजन, संवैधानिक सर्वोच्चता, स्वतन्त्र न्यायपालिका इत्यादि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा, भारतीय संविधान में अनेक एकात्मक तत्व भी हैं जिसकी वजह से उसकी आत्मा को एकात्मक माना जाता है। संवैधानिक रूप से शक्ति विभाजन में केन्द्र को मजबूत स्थिति में रखा गया है तथा वह विभिन्न परिस्थितियों में राज्य सूची के विषयों पर भी कानून निर्मित कर सकती है। सम्पूर्ण देश के लिए एक संविधान तथा इकहरी नागरिकता है। प्रदेशों (राज्यों) के राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा वह सम्बन्धित राज्य में संघीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। आपातकाल के दौरान देश का संघात्मक ढाँचा
एकात्मक में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसके लिए किसी संवैधानिक संशोधन की जरूरत नहीं है। देश में इकहरी न्याय व्यवस्था तथा एक ही चुनाव आयोग है।

प्रश्न 2. संघात्मक शासन के चार प्रमुख दोष (अवगुण) लिखिए।
उत्तर-संघात्मक शासन के चार प्रमुख दोष अथवा अवगुण निम्न प्रकार हैं-
(1) शक्ति विभाजन की वजह से संघात्मक शासन कमजोर माना जाता है। संघीय सरकार प्रत्येक विषय पर न तो कानून बना सकती है तथा उसे न ही प्रदेशों के कार्यों में हस्तक्षेप
की कोई शक्ति ही होती है।
(2) संघात्मक शासन में सदैव यह भय अथवा डर रहता है कि कहीं कोई इकाई अथवा कुछ इकाइयाँ परस्पर मिलकर संघ से अलग होने का प्रयास न करें। चूँकि प्रदेशों की अपनी
सरकारें होती हैं जो अपने कार्यों हेतु पूर्ण स्वतन्त्र हैं। यदि किसी बात पर दोनों में परस्पर मतभेद उत्पन्न होगा, तो सम्बन्धित प्रदेश संघ से अलग होने का प्रयास करेगा।
(3) सामान्यतया संघात्मक शासन में केन्द्र एवं राज्यों में क्षेत्र सम्बन्धी विवाद उत्पन्न
(4) संघात्मक शासन से राष्ट्रीय एकता को खतरा पैदा होता है क्योंकि इस शासन में प्रदेशों को अत्यधिक स्वतन्त्रता होती है जिससे वहाँ नागरिकों में प्रान्तीयता की भावना प्रबल
होने लगती है। प्रान्तीय भावनाओं में बहकर नागरिक राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने लगते हैं तथा वह राष्ट्रीय हितों को एक तरफ रखते हुए अपने हितों को वरीयता देने लगते हैं।

प्रश्न 3. भारतीय संविधान में मुख्य रूप से कौन-से संघीय व्यवस्था सम्बन्धी प्रावधान है?
उत्तर-भारतीय संविधान में संघीय व्यवस्था सम्बन्धी निम्न प्रावधान हैं-
(1) भारतीय संविधान में संघ हेतु ‘यूनियन’ शब्द प्रयुक्त हुआ है। संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि ‘भारत राज्यों का संघ’ (यूनियन) होगा तथा उसके राज्य क्षेत्र पहली
अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
(2) भारत के संविधान में दो सरकारों-केन्द्र तथा राज्य सरकार का उल्लेख है तथा ये दोनों ही संवैधानिक सरकारें हैं।
(3) संविधान द्वारा स्पष्ट रूप से शक्तियों का विभाजन किया गया है। यह विभाजन संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के अन्तर्गत किया गया है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. संघात्मक शासन व्यवस्था की पाँच विशेषताएँ (गुण) लिखिए।
उत्तर- संघात्मक शासन व्यवस्था की विशेषताएँ
संघात्मक सरकार अथवा शासन की प्रमुख विशेषताओं या गुणों को संक्षेप में निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) लिखित, सर्वोच्च एवं कठोर संविधान-संघात्मक सरकार वाले राज्यों में लिखित एवं कठोर संविधान होता है। इस शासन व्यवस्था वाले राज्य का संविधान सर्वोच्च भी.
है, क्योंकि संघ तथा उसके घटक इकाई.राज्यों को संविधान के अनुरूप ही कार्य करने होते हैं तथा दोनों में से कोई भी संविधान के खिलाफ कोई कार्य नहीं कर सकता है।
(2) शक्तियों का स्पष्ट रूप से विभाजन-संघात्मक सरकार वाले राज्यों में शासकीय कार्यों को संघ एवं उसकी घटक इकाइयों के बीच स्पष्ट रूप से विभक्त कर दिया जाता है।
जहाँ राष्ट्रीय महत्त्व के विषय संघीय सरकार के पास होते हैं, वहीं स्थानीय उपयोगिता के विषयों को राज्यों, अर्थात् घटक इकाइयों के अधिकार क्षेत्र में दे दिया जाता है।
(3) द्विसदनीय व्यवस्थापिका-संघात्मक सरकार वाले राज्यों में यह जरूरी है कि केन्द्रीय विधायिका द्विसदनीय हो, अर्थात् उसके दो सदन हों। जहाँ एक सदन में जनसाधारण का प्रतिनिधित्व होता है, वहीं दूसरे सदन में संघीय इकाइयों का प्रतिनिधित्व होता है।
(4) स्वतन्त्र एवं सर्वोच्च न्यायपालिका-संघात्मक सरकार वाले राज्यों की एक विशेषता यह भी है कि ऐसे राज्यों में एक स्वतन्त्र एवं सर्वोच्च न्यायपालिका होती है। संविधान
की व्याख्या एवं सुरक्षा, केन्द्र एवं उसकी इकाइयों के आपसी विवादों के समाधान तथा नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करने का दायित्व इसी न्यायपालिका का ही होता है। यह न्यायालय संविधान का संरक्षक, व्याख्याकार तथा सन्तुलन चक्र है।
(5) दोहरा संविधान तथा दोहरी नागरिकता-संघात्मक सरकार वाले राज्यों में केन्द्र तथा उसकी घटक इकाइयों के अलग-अलग संविधान होते हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि
इकाइयों के संविधान किसी भी रूप में संघीय व्यवस्था के विपरीत नहीं होते। इसी प्रकार, इस सरकार वाले राज्यों में दोहरी नागरिकता का भी प्रावधान होता है। जहाँ व्यक्ति सम्पूर्ण संघ अर्थात् राज्य का नागरिक कहलाता है, वहीं वह उस इकाई का भी नागरिक होता है, जिसमें उसने जन्म लिया है तथा रहता है।

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