Pariksha Adhyayan Class 9 Social Science अध्याय 8 अपवाह

अध्याय 8
अपवाह

अध्याय 8 अपवाह
अध्याय 8
अपवाह

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. अपवाह तन्त्र शब्द से आशय किसी क्षेत्र के-
(1) वायु तन्त्र से है
(ii) नदी तन्त्र से हैं
(iii) जल तन्त्र से है
(iv) पर्वत तन्त्र से है।

2. अरब सागर में गिरने वाली नदी है-
(i) गगा
(ii) नर्मदा
(iii) महानदी
(iv) ब्रह्मपुत्र।

3. ‘नमामि देवि नर्मदे’ किस राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई ?
(i) मध्य प्रदेश
(ii) महाराष्ट्र
(iii) उत्तराखण्ड
(iv) बिहार।

4. नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से है ?
(i) सतपुड़ा
(ii) अमरकटक
(iii) ब्रह्मागिरी
(iv) पश्चिमी घाट के हाल।

5. निम्नलिखित नदियों में से कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है ?
(i) महानदी
(ii) कृष्णा
(iii) तुंगभद्रा
(iv) तापी।

6. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है?
(1) नर्मदा
(iii) कृष्णा
(ii) गोदावरी
(iv) महानदी।

7. वुलर झील निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है ?
(i) राजस्थान
(ii) पंजाब
(iii) उत्तर प्रदेश
(iv) जम्मू-कश्मीर।

8. निम्नलिखित में से कौन सी लवणीय जल वाली झीन है ?
(1) सांभर
(iii) डल
(ii) खुलर
(iv) गोविन्द सागर।

उत्तर-1. (ii), 2. (ii), 3. (1), 4. (ii), 5. (iv), 6. (ii),
7. (iv), 8. (i).

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. प्रायद्वीपीय भारत की अधिकतर नदियाँ ……..से निकलती हैं।
2. सुन्दरवन डेल्टा का नाम वहाँ पाये जाने वाले ……..से लिया गया है।
3. गोदावरी सबसे बड़ी……… नदी है।
4. नर्मदा नदी जहाँ तीव्र ढाल से गिरती है, वहाँ………का निर्माण करती है।
5. गंगा की मुख्य धारा ‘भागीरथी’ ………. से निकलती है।
6. भारत की अधिकांश जनसंख्या जीविका के लिए………पर निर्भर है।

उत्तर-1. पश्चिमी घाट, 2. सुन्दरी पादप, 3. प्रायद्वीपीय,
4. धुआँधार प्रपात, 5. गंगोत्री हिमान, 6. कृषि।

सत्य/असत्य

1. हिमालय की अधिकतर नदियाँ मौसमी नदियाँ होती हैं।
2. सोदावरी बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
3. 2900 किमी लम्बी सिन्धु नदी विश्व की लम्बी नदियों में से एक है।
4. महानदी का उद्गम मध्य प्रदेश की उच्च भूमि से है।
5. पृथ्वी के धरातल का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से ढका है।
6. झीलों का प्रयोग जलविद्युत उत्पन्न करने में भी किया जा सकता है।

उत्तर-1. असत्य, 2. सत्य, 3. सत्य, 4. असत्य, 5. सत्य,
6. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. भारत की सबसे लम्बी नदी।
2. ब्रह्मपुत्र को बांग्लादेश में क्या कहा जाता है ?
3. पाकिस्तान में चेनाब से मिलने वाली नदी।
5. राष्ट्रीय नदी संरक्षण का पाराम कम हुआ ?
6. किस नदी को दक्षिण भारत की गंगा करते?
7, नदी अपने मार्ग अन्त में क्या निर्मित करती है?

उत्तर-1, गंगा, 2. जमुना, ३, होला, क. कृष्णा नदी,
8, 1985, 6, गोदावरी, 7. हेल्दा या ऐरब्युरी।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-यह उपचाभूमि जो दो पड़ोसी अपनास प्रोता को एक दूसरे से अलग करती है, जलविभाजक कहलाती है। उदाहरण के लिए, अंबाला, सिन्धु और गंगा नदी प्रणाली के बीच जलविभाजक पर स्थित है।

प्रश्न 2. भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है?
उत्तर-गंगा द्रोणी भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी है।

प्रश्न 3. सिन्धु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती है?
उत्तर-सिन्धु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है। गंगा की मुख्य धारा ‘भागीरथी’ गंगोत्री हिमानी से निकलती है।

प्रश्न 4. गंगा की दो मुख्य धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ पर एक-दूसरे से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है?
उत्तर-गंगा की दो मुख्य धाराएँ भागीरथी और अलकनंदा हैं। ये उत्तरांचल राज्य के देवप्रयाग नामक स्थान पर मिलती हैं।

प्रश्न 5. लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है ?
उत्तर-तिब्बत एक शीत एवं शुष्क क्षेत्र है। अत: यहाँ इस नदी में जल एवं गाद (सिल्ट) की मात्रा बहुत कम होती है।

प्रश्न 6. कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ गर्त से होकर बहती हैं समुद्र में प्रवेश करने के पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती हैं?
उत्तर-नर्मदा एवं तापी, दो ही बड़ी नदियाँ हैं जो कि पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 7. अपवाह तन्त्र से क्या आशय है?
उत्तर-अपवाह तन्त्र से आशय किसी क्षेत्र के नदी तन्त्र से है जो विभिन्न दिशाओं से बहकर आती है और मिलकर एक मुख्य नदी का निर्माण करती है।

प्रश्न 8. नदी अपहरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-जब एक नदी दूसरी नदी के जल क्षेत्र को अपने में मिला लेती है तो उसे नदी अपहरण कहते हैं।

प्रश्न 9. गंगा नदी की सहायक नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर-गंगा नदी की सहायक नदियाँ हैं-यमुना, घाघरा, गण्डक और कोसी।

प्रश्न 10. सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर-सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ-झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और व्यास हैं।

प्रश्न 11. ‘नमामि देवि नर्मदे’ क्या है?
उत्तर-नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘नमामि देवि नर्मदे’ नाम की एक योजना प्रारम्भ की गई है।

प्रश्न 12. ‘नमामि गंगे परियोजना’ क्या है ?
उत्तर-‘नमामि गंगे परियोजना’ एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, इसमें राष्ट्रीय नदी गंगा से सम्बन्धित दो उद्देश्यों-प्रदूषण के प्रभाव को कम करना तथा उसके संरक्षण और कायाकल्प को पूरा किया जा सके।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. हिमालय की नदियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-(1) हिमालय की अधिकतर नदियाँ बारहमासी नदियाँ होती हैं। इनमें वर्ष भर पानी रहता है। क्योंकि इन्हें वर्षों के अतिरिक्त ऊँचे पर्वतों से पिपलने वाले हिम द्वारा भी जल प्राप्त होता है।
(2) हिमालय की दो मुख्य नदियाँ सिन्म तथा ब्रह्मपुत्र इस पर्वतीय पंखला के उत्तरी भाग से निकलती
उत्तर हैं। इन नदियों ने पर्वतों को काटकर गॉों का निर्माण किया है।
(3) हिमालय की नदियाँ अपने उत्पत्ति स्थान से लेकर समुद्र तक के लम्बे रास्ते को तय करती। अपने मार्ग के ऊपरी भागों में तीव्र अपरदन क्रिया करती है तथा अपने साथ भारी मात्रा में सिल्ट एवं बालू का संवहन करती हैं।
(4) मध्य एवं निचले भागों में ये नदियाँ विसर्प, गोखुर झील तथा अपने बाढ़ वाले मैदानों में बहुत-सी अन्य निक्षेपण आकृतियों का निर्माण करती हैं। ये पूर्ण विकसित डेल्टाओं का भी निर्माण करती हैं।

प्रश्न 2. सिन्धु नदी-तन्त्र का वर्णन निम्न के आधार पर कीजिए-
(1) उद्गम, (ii) सहायक नदियाँ, (ii) सिन्धु जल समझौता।
उत्तर-(1) उद्गम-सिन्धु नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट तिब्बत में है।
(ii) सहायक नदियाँ-सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाव, रावी, सतलुज और व्यास हैं।
(iii) सिन्धु जल समझौता-सिन्धु जल समझौता सन्धि के अनुच्छेदों (1960) के अनुसार भारत इस नदी प्रक्रम के सम्पूर्ण जल का केवल 20 प्रतिशत जल उपयोग कर सकता है। इस जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भागों में सिंचाई के लिए करते हैं।

प्रश्न 6. कावेरी द्रोणी के बारे में बताइए। इस पर निर्मित जलप्रपात के बारे में बताइए।
उत्तर-(i) कावेरी पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी शृंखला से निकलती है।
(i) यह तमिलनाडु में कुडलूर के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। (iii) इसकी लम्बाई 760 किमी है।
(iv) इसकी द्रोणी तमिलनाडु, केरल तथा कर्नाटक में विस्तृत है।
(v) इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं-अमरावती, भवानी, हेमावती तथा काबिनि ।
जलप्रपात-भारत में दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात कावेरी नदी बनाती है। इसे शिवसमुन्दरम् के नाम से जाना जाता है। प्रपात द्वारा उत्पादित विद्युत् मैसूर, बंगलौर तथा कोलार स्वर्ण-क्षेत्र को प्रदान की जाती है।

प्रश्न 7. राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-भारत में नदी सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ 1985 में गंगा एक्शन प्लान (जीएपी) के साथ आरम्भ हुआ। वर्ष 1995 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत अन्य नदियों को जोड़ने के लिए गंगा कार्य योजना का विस्तार किया गया। नदियाँ देश में जल का प्रमुख स्रोत हैं। एनआरसीपी का उद्देश्य नदियों के जल में प्रदूषण को कम करके जल की गुणवत्ता में सुधार करना है।

प्रश्न 8. नदियों तथा झीलों के कुछ आर्थिक महत्व को बताएं।
उत्तर-नदियों के महत्व-नदियों का जल मूल प्राकृतिक संसाधन है तथा अनेक मानवीय क्रियाकलापों के लिए अनिवार्य है। भारत जैसे देश के लिए जहाँ कि अधिकांश जनसंख्या जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, वहाँ सिंचाई, नौ संचालन, जल विद्युत् निर्माण में नदियों का महत्व बहुत अधिक है। यही नहीं भारत में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या और देश के आर्थिक विकास के सन्दर्भ में हमारे लिए नदियों का विशेष महत्व है। झीलों का महत्व-झीलें पर्यटन को बढ़ावा देती हैं। द्वारा नौकायान, तैराकी एवं अन्य जलीय खेलों से धन का अर्जन होता है। राजस्थान की सांभर झील, जो एक लवण वाली झील है। इसके जल का उपयोग नमक के निर्माण के लिए किया जाता है। झीलों का प्रयोग जल विद्युत् उत्पन्न करने में भी किया जाता है। झीलों में मछली पालन होता है। अत्यधिक वर्षा के समय यह बाढ़ को रोकती हैं तथा सूखे के मौसम में यह पानी के बहाव को सन्तुलित करने में सहायता करती हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3. हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
उत्तर भारत के अपवाह तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।
उत्तर-उत्तरी भारत के अपवाह तन्त्र में हिमालग पर्वत का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि उत्तर भारत की प्रमुख नदियाँ हिमालय पर्वत से ही निकलती है। इसलिए इन नदियों को हिमालय की नदियाँ भी कहते हैं। इस अपवाह तन्त्र की प्रमुख नदियाँ सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र हैं।
(1) सिन्धु नदी तन्त्र-सिन्धु नदी हिमालय पर्वत के पार कैलाश पर्वत के समीप से निकलकर आती है। इसकी कुल लम्बाई 2900 किमी है। यह तिब्बत के मानसरोवर के पास से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुई जम्मू और कश्मीर के लद्दाख जिले में 500 मीटर ऊँचा एक सुन्दर दर्शनीय गार्ज बनाती हुई वहती है। यहाँ से यह दक्षिण-पश्चिम में बहती हुई पाकिस्तान में प्रवेश कर अन्त में अरब सागर में मिल जाती है। सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और व्यास हैं। इसके जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम भागों में सिंचाई के लिये करते हैं।
(2) गंगा नदी तन्त्र-भारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख नदी गंगा है। इसकी लम्बाई 2500 किमी से अधिक है। यह गंगोत्री हिमनद से 4000 मीटर की ऊंचाई से निकलकर शिवालिक श्रेणियों को पार करके हरिद्वार के मैदान में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी प्रमुख हैं। ये नदियाँ उपजाऊ बाढ़ का मैदान बनाती हैं। इसमें नदी मोड़ तथा गोखुर झोलें पायो जाती हैं। आबाला के निकट जल विभाजक द्वारा गंगा एवं सिन्धु नदी के प्रवाह क्षेत्र का विभाजन होता है। प्रायद्वीपीय भारत की कठोर भूमि से निकलने वाली चम्बल, केन, बेतवा, सोन और दामोदर नदियाँ भी गंगा प्रणाली का अंग हैं। इन पर बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण किया गया है जिनसे जल विद्युत् बनाई जाती है और सिंचाई की जाती है। दक्षिण की ओर बहती हुई गंगा डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा की मुख्य धारा बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। ब्रह्मपुत्र नदो से मिलने के बाद यह मेघना कहलाती है।
(3) ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र-ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के पार मानसरोवर झील के समीप से निकलकर आती है। हिमालय पर्वत के समानान्तर प्रवाहित होती हुई यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। भारत में इसका प्रवाह 1400 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, धनश्री, कालांग आदि हैं। अधिक वर्षा के क्षेत्र में बहने के कारण इसमें अवसाद अधिक होते हैं जिनके जमाव से प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। नदियों का प्रवाह बदलता रहता है। नदी द्वीपों का भी निर्माण होता है। तिब्बत में इसे सांगपो, भारत में ब्रह्मपुत्र एवं बांग्लादेश में पद्मा और मेघना नाम से जाना जाता है। यह बहती हुई विशाल डेल्टा का निर्माण करती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

प्रश्न 5. नदी प्रदूषण से क्या आशय है ? नदियों को प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है ?
उत्तर-नदी प्रदूषण से आशय-नदी जल की घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि में बढ़ती माँग के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप नदियों से अधिक जल की निकासी होती है तथा आयतन घटता जाता है। दूसरी ओर उद्योगों का प्रदूषण तथा अपरिष्कृत कचरे नदी में मिलते रहते हैं। यह केवल जल की गुणवत्ता को ही नहीं, बल्कि नदी के स्वत: स्वच्छीकरण की क्षमता को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, दिए गए समुचित जल प्रवाह में गंगा का जल लगभग 20 किमी क्षेत्र में फैले बड़े शहरों को गन्दगी
को तनु करके समाहित कर है। लेकिन निरन्तर बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो पाता तथा अनेक नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
नदी प्रदूषण कम करने के उपाय-
(1) प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सरकार द्वारा कानून बनाये गये हैं।
(2) औद्योगिक कचरे को नदियों में प्रवाहित करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
(3) सीवेज लाइनों के जल को परिष्कृत किया जाए।
(4) सरकार द्वारा समय-समय पर नदियों की सफाई कराई जाए।
(5) लोगों को नदी प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूक किया जाए।

प्रश्न 6. किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नदियाँ महत्वपूर्ण क्यों हैं ?
उत्तर-नदियों का देश की अर्थव्यवस्था में निम्नलिखित महत्त्व है-
(1) पीने के जल की प्राप्ति-प्राचीनकाल में नदियों से ही पीने के लिए जल प्राप्त किया जाता था। आज भी अनेक गाँवों तथा नगरों में इस आधारभूत आवश्यकता की पूर्ति नदियों द्वारा की जाती है।
(2) सिंचाई सुविधा- भारत की नदियाँ सदावाहिनी हैं। अत: इनसे नहरें निकालकर सिंचाई की सुविधाएँ जुटाई जाती हैं। नहरें भारत में सिंचाई के महत्त्वपूर्ण साधन हैं जिनसे देश की 45% भूमि सींची जाती है।
(3) उपजाऊ मृदा का निर्माण-भारत को नदियाँ पर्वत से उपजाऊ मृदा बहाकर लाती हैं तथा इस मृदा को मैदानी भागों में बिछाकर उपजाऊ काँप मृदा का निर्माण करती हैं। यह उपजाऊ भूमि कृषि के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है।
(4) जल-विद्युत् शक्ति का उत्पादन-उत्तर भारत की नदियों पर बाँध बनाकर तथा दक्षिण भारत की नदियों के प्राकृतिक प्रपातों पर जल विद्युत् बनायी जाती है। जल-विद्युत् ने उद्योग-धन्धों के विकास में बहुत सहयोग दिया है।
(5) बालू की प्राप्ति- नदियों के किनारों पर बालू पायी जाती है। इस बालू का प्रयोग भवन निर्माण व काँच उद्योग में किया जाता है।

प्रश्न 7. प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
दक्षिण भारत में नदी-तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।
उत्तर-दक्षिण भारत नदी-तन्त्र में प्रमुख नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर आती हैं तथा पूर्व की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। इन नदियों में महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी प्रमुख इसके अतिरिक्त पश्चिम की ओर बहने वाली दो नदियाँ नर्मदा तथा ताप्ती अरब सागर में गिरती हैं।
(1) नर्मदा नदी-यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर गहरी भ्रंश घाटी में 1312 किमी बहती हुई अरब सागर में गिरती है। इसका प्रवाह क्षेत्र मध्य प्रदेश और गुजरात में है। यह जबलपुर के निकट संगमरमर के शैलों में भेड़ाघाट पर धुआँधार जलप्रपात बनाती है।
(2) ताप्ती नदी-यह नदी मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत शृंखलाओं में बैतूल जिले के मुल्ताई नामक स्थान से निकलती है। इसकी लम्बाई 724 किमी है। यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
(3) गोदावरी नदी-गोदावरी नदी नासिक के पास पश्चिमी घाट से निकलकर 1500 किमी ओडिशा तथा आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी सहायक नदियाँ वर्धा, मांजरा, वेन गंगा तथा पेन गंगा हैं। बड़े आकार और विस्तार के कारण इसे दक्षिण की गंगा भी कहते हैं।
(4) महानदी नदी- इस नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि में सिहावा नामक स्थान से है। इसको लम्बाई 858 किमी हैं। यह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और ओडिशा में बहती है। हीराकुंड बाँध इसी नदी पर बनाया गया है।
(5) कृष्णा नदी-कृष्णा नदी महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के पास से निकलती है। इसकी लम्बाई 1400 किमी है। कोयना, पचगंगा, मालप्रभा, घाटप्रभा,भीमा, मूसी और तुंगभद्रा इसकी सहायक नदियाँ हैं। अलमाटी और नागार्जुनसागर बाँध इसी नदी पर बनाये गये हैं।
(6) कावेरी नदी-इसका उद्गम कुर्ग की ब्रह्मगिरि पहाड़ी शृंखला से होता है। इसकी लम्बाई 760 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ हेमावती, अमरावती, भवानी आदि हैं। शिवसमुद्रम् इसका प्रमुख प्रपात है। इस नदी से जल विद्युत् बनायी जाती है एवं सिंचाई की जाती है।

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