Class 12th Hindi Pre Board Paper Full Solution MP BOARD Pre Board Exam Solution 2022
Mp board class 12 Hindi pre board paper 2022 full solution pdf /12वीं हिंदी प्री बोर्ड सॉल्यूशन 2022
Q.4
1. राष्ट्रभाषा लोगों को जनता में प्रचलित भाषा है जिसका उपयोग संपूर्ण राष्ट्र में होती है ।
2. कविता का पहला उपकरण छंद है ।
3. यशोधर बाबू ने मैट्रिक की परीक्षा अल्मोड़ा के रेम्जे स्कूल में पास की।
4. यह कथन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा ।
5. कविता पंख लगा कर मानव के आंतरिक और बाह्य रूप में उड़ान भरति है।
6. ‘जीते रही बहादुर’ तुमने मिट्टी की लाज रख ली
7 . सोरठा छंद
6. छायावाद की दो प्रवृत्तियाँ लिखिए।
Ans – छायावादी काव्य में सौंदर्य और प्रेम चित्रण, प्रकृति-चित्रण , राष्ट्रप्रेम,रहस्यात्मकता,वेदना और करुणा, वैयक्तिक सुख-दु:ख, अतीत प्रेम, कलावाद,प्रतीकात्मकता और लाक्षणिकता,अभिव्यंजना आदि सभी प्रवृत्तियां मिलती है।
7 बच्चे किस बात की आशा में नीडों से झाँक रहे होंगे ?
Ans – बच्चे इस बात की आशा में नीड़ों (घोंसलों-घरों) से झाँक रहे होंगे कि उनके माँ-बाप लौटकर घर आ रहे होंगे। ये बच्चे भूखे प्यासे होंगे। उन्हें खाने की चीज मिलने की भी प्रतीक्षा होगी। वे सारे दिन अकेले रहकर तंग आ गए होंगे अत: वे अपने माता-पिता से मिलने को उत्सुक होंगे।
8 नाटक एवं एकांकी में कोई दो अन्तर लिखिए।
Ans –
नाटक –
1. नाटक में अनेक अंक होते है।
2. नाटक में अधिकारिक कथा के साथ-साथ सहायक गौण कथाएं भी होती है।
एकांकी –
1. एकांकी में एक अंक होता है।
2. एकांकी में एक ही कथा और घटना होती है।
9 भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी।
Ans – भक्तिन का वास्तविक नाम लक्ष्मी था, हिन्दुओं के अनुसार लक्ष्मी धन की देवी है। चूँकि भक्तिन गरीब थी। उसके वास्तविक नाम के अर्थ और उसके जीवन के यथार्थ में विरोधाभास होने के कारण निर्धन भक्तिन सबको अपना असली नाम लक्ष्मी बताकर उपहास का पात्र नहीं बनना चाहती थी इसलिए वह अपना असली नाम छुपाती थी।
10 जूझ’ कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला जाने में लेखक की क्या सहायता की?
उत्तर: लेखक के पिता उसे पढ़ाना नहीं चाहता था जबकि लेखक व उसकी माँ पिता के रवैये से सहमत नहीं थे। उन्होंने दत्ताजी राव की सहायता से यह कार्य करवाया। लेखक पाठशाला जाना शुरू कर देता है।
11 बिम्ब क्या है ?कविता में बिम्ब का क्या कार्य है ? अथवा फीचर-लेखन से क्या आशय है?
उत्तर -बिम्ब किसी पदार्थ का मानचित्र या मानसी चित्र होता है। पाश्चात्य काव्यशास्त्रीय में बिंब को कविता का अनिवार्य अंग माना है। बिंब शब्दों द्वारा चित्रित किए जाने वाला वह न्यूनाधिक संविदात्मक चित्र है जो अंश का रुप आत्मक होता है ,कविता में बिंब के प्रयोग से पाठक या श्रोता कविता को इंद्रियबोध और मानसिक वह दोनों ही प्रकार किसे सुगमता से आत्मसात कर लेता है।
12 अथवा संचारी भाव किसे कहते हैं ? किन्हीं चार सचारी भावों के नाम लिखिए।
उत्तर – संचारी भाव – स्थायी भाव को पुष्ट करने के लिए जो भाव उत्पन्न होकर पुनः लुप्त हो जाते हैं उन्हें संचारी भाव कहते हैं। इनकी संख्या 33 मानी गई है। निर्वेद, शंका, ग्लानि, हर्ष, आवेग आदि प्रमुख संचारी भाव हैं।
13 सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – परिभाषा :- यह वार्णिक छन्द है । इसमें कुल 23 वर्ण होते हैं । इसमें सात मगण (ऽ । ।) और अन्त में दो गुरु (ऽ ऽ) होते हैं। वैसे सवैया छन्द 22 वर्णों से लेकर 26 वर्णों तक का हो सकता है।
उदाहरण:
ऽ । । ऽ । । ऽ । । ऽ । । ऽ । । ऽ । । ऽ । । ऽ ऽ
या लकुरी अरू कामरिया पर राज विहु पुट को तजि डारौ ।
आठहु सिद्धि नवौ निधि को सुख नन्द की गाय चराय बिसारौं ।।
रसखान कहै इन नैनन ते ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौ ।
कोटि हूँ कलधोत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं ।।
14 उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर लिखते हुए दोनों के एक-एक उदाहरण लिखिए
उत्तर – उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
उपसर्ग | प्रत्यय |
(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। | (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। |
(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।
उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। |
(b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।
उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है। |
15 निम्निलिखित मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए पर लिखिए
- अपना उल्लू सीधा करना
उत्तर – अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ – अपना हित साधना, अपना काम निकालना।
दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: अपना उल्लू सीधा करने के लिए लोग अपने मित्रों को भी धोखा देने से नहीं चूकते।
- खाक छानना
उत्तर – खाक छानना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- व्यर्थ मारे मारे फिरना।
प्रयोग- हमने सोचा कि पुस्तकालयों की ख़ाक छानने की बजाए क्यो न सर्वज्ञ जी योग्यता का लाभ उठाया जाए। (कन्हैयालाल कपूर)
16 रघुवीर सहाय अथवा कुँवर नारायण की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार
- रचनाएँ-कोई दो
2 भाव पक्ष
- कला पक्ष
उत्तर – रघुवीर सहाय
रघुवीर सहाय की रचनाएं:- 1.आत्महत्या के विरुद्ध 2.सीढ़ियों पर धूप में
भाव पक्ष –
(1) समाज का यथार्थ चित्रण :- रघुवीर सहाय जी ने समकालीन समाज का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया है।
(2) अदम्य जिजीविषा का चित्रण :- रघुवीर सहाय ने अपने काव्य में अदम्य जिजीविषा का चित्रण किया है। इनकी अनेक कविताओं में इस विशेषता का अनूठा चित्रण हुआ है।
(3) मध्यवर्गीय जीवन का चित्रण :- कवि ने समकालीन समाज के मध्यमवर्गीय जीवन का यथार्थ चित्रण कर प्रस्तुत किया है। इन्होंने अपने काव्य में मध्यमवर्गीय जीवन के तनाव और विडंबनाओं का वर्णन किया है।
(4) भ्रष्टाचार का चित्रण :- रघुवीर सहाय जी ने अपने काव्य में समकालीन समाज में फैले भ्रष्टाचार का यथार्थ चित्रण किया है। इन्होंने लोकतंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की प्रत्येक गतिविधि का मार्मिक वर्णन किया है।
कला पक्ष –
रघुवीर सहाय जी कला के प्रति सजग कवि हैं। इनकी भाषा में पैनी व्यंग्यात्मकता, सुगठित भाषा, आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष पहचान रखती है। संवेदनशील कवि होने के साथ इनकी भाषा में भी संवेदनशीलता का अनुपम चित्रण मिलता है । इनकी भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है जिसमें संस्कृत के तत्सम, तद्भव और विदेशी भाषाओं के शब्दों का भी समायोजन हुआ है। इनके काव्य में मुहावरों से अलग सीधी-सादी भाषा का प्रयोग हुआ है। इन्होंने अपने काव्य में व्यंग्यात्मकता भावपूर्ण शैली का प्रयोग किया है।
17 हजारी प्रसाद द्विवेदी अथवा फणीश्वरनाथ रेणु की साहित्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए 3
1 रचनाएँ-कोई दो 2 भाषा-शैली
उत्तर – रचनाएँ- 1. ’चारुचन्द्र लेख’,
- ‘अनामदास का पोथा’,
भाषा-द्विवेदी जी की भाषा-शैली की अपनी विशेषता है। आपने अपनी रचनाओं में प्रसंगानुकूल उपयुक्त तथा सटीक भाषा का प्रयोग किया है। भाषा के अन्तर्गत सरल, तद्भव प्रधान तथा उर्दू संस्कृत शब्दों का प्रयोग किया है। वे अपनी बात को स्वाभाविक रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम थे। बोल-चाल की भाषा सरल तथा स्पष्ट है। इसी भाषा को द्विवेदी जी ने अपनी कृतियों में वरीयता प्रदान की है। भाषा में गति तथा प्रवाह विद्यमान है। मुहावरों के प्रयोग से भाषा में सुधार आ गया है। संस्कृत के शब्दों के प्रयोग से भाषा जटिल और दुरूह हो गयी है। भाषा की चित्रोपमता तथा अलंकारिता के कारण हृदयस्पर्शी और मनोरम बन गई है।
शैली- गवेषणात्मक शैली-शोध तथा पुरातत्त्व से सम्बन्धित निबन्धों में इस शैली का प्रयोग है।
आत्मपरक शैली-इस शैली का प्रयोग द्विवेदी जी ने प्रसंग के साथ-साथ स्वयं को समाहित करने के लिए किया है।
सूत्रात्मक शैली–बौद्धिकता के कारण अनेक स्थान पर सूत्रात्मक शैली का प्रयोग किया है।
विचारात्मक शैली-अधिकांश निबन्धों में इस शैली का प्रयोग है।
वर्णनात्मक शैली-द्विवेदी जी की वर्णनात्मक शैली इतनी स्पष्ट, सरस तथा सरल है कि वह वर्णित विशेष स्थलों का मानव पटल के समक्ष चित्र सा उपस्थित कर देती है।
व्यंग्यात्मक शैली-इस शैली के अन्तर्गत द्विवेदी जी ने कोरे व्यंग्य किये हैं।
भावात्मक शैली-द्विवेदीजी जहाँ भावावेश में आते हैं वहाँ उनकी इस शैली की सरसता दर्शनीय है।
साहित्य में स्थान द्विवेदीयुगीन साहित्यकारों में हजारीप्रसाद द्विवेदी का शीर्ष स्थान है। ललित निबन्ध के सूत्रधार एवं प्रणेता हैं। निबन्धकार,उपन्यासकार, आलोचक के रूप में आपका योगदान अविस्मरणीय हैं। आपने अपनी पारस प्रतिभा से साहित्य के जिस क्षेत्र को भी स्पर्श किया उसे कंचन बना दिया।
18 मेरे सपनों का भारत शीर्षक पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर – मेरे सपनों का भारत एक ऐसा स्थान होगा जहां लोग खुश और सुरक्षित महसूस करते हैं और अच्छे जीवन की गुणवत्ता का आनंद लेते हैं। मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार से मुक्त होगा। यह एक ऐसा देश होगा जहां लोगों की भलाई सरकार का एकमात्र एजेंडा होगी। मेरे सपनों का भारत तकनीकी क्षेत्र के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में तेज़ी से प्रगति करेगा। मेरे सपनों का भारत एक ऐसा भारत होगा जहां लोगों को उनकी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। जाती और धार्मिक मुद्दों को दरकिनार करके कार्य करना राष्ट्र को मजबूत करने में काफी महत्वपूर्ण कदम होगा।
19 अपठित गद्यांश / काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए
जो अनगढ़ है जिसमें कोई आकृति नहीं, ऐसे पत्थरों को आकृति प्रदान करना, उसमें कलात्मक संवेदना जगाना और प्राण प्रतिष्ठा करना ही संस्कृति है। वस्तुतः संस्कृति उन गुणों का समुदाय है, जहाँ अनेक प्रकार की शिक्षा अपने प्रयत्न से मनुष्य प्राप्त करता है। संस्कृति का संबंध मुख्यतः मनुष्य की बुद्धि एवं स्वभाव आदि मनोवृत्ति से है। संक्षेप में सांस्कृतिक विशेषताएँ मनुष्य की मनोवृत्तियों से संबंधित हैं और इन विशेषताओं का अनिवार्य संबंध जीवन के मूल्यों से होता है। ये विशेषताएँ या तो स्वयं में मूल्यवान होती हैं
अथवा मूल्यों के उत्पादन का साधन प्रायः व्यक्तित्व में विशेषताएँ साध्य एवं साधन दोनों ही रूपों में अर्थपूर्ण समझी जाती हैं। वस्तुत संस्कृति सामूहिक उल्लास की कलात्मक अभिव्यक्ति है। संस्कृति व्यक्ति की नहीं समष्टि की अभिव्यक्ति है।
प्रश्न :
- उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
- निष्प्राण पत्थर को कैसे जीवन्त बनाया जा सकता है?
- व्यक्तित्व में विशेषताएँ कब अर्थपूर्ण समझी जाती है ?
अथवा दे रहे आह्वान तुझको मस्त होकर मेघ काले उठ रही झझा प्रबलतम जोर इनका आजमा ले। शपथ तुझको जो हटाया एक पग भी आज पीछे। प्राण में भर अटल साहस खेल लें, इनको खिलाले।। नाश की पटभूमिका पर सृष्टि का कर चित्र अंकित । विजय है तेरी सुनिश्चित
प्रश्न :
- उपर्युक्त काव्यांश का शीर्षक लिखिए।
- कवि सृष्टि का चित्र कहाँ अंकित करना चाहता है ? 3. कवि किसको आजमाने की बात कहता है ?
20 निम्निलिखित पद्यांश का सन्दर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए
जोर जबरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई और वह भाषा में बेकार घूमने लगी ।
उत्तर – कुँवर नारायण की कविता ‘‘बात सीधी थी पर’ से अवतरित इन पंक्तियों मे बात के सहज बने रहने में ही उसकी सार्थकता दर्शाई है। जब हम किसी बात को असहज बना देते हैं तब वह उलझकर रह जाती है। जिम प्रकार हम किसी पेंच के कसने में जोर-जबरदस्ती करते हैं तो उसकी चूड़ी मर जाती है और फिर वह ठीक प्रकार से कसा नहीं जाता, ढीला रह जाता हे। यही स्थिति बात की है। जब किसी बात के साथ जोर-जबरदस्ती को जाती है तब बात की धार मारी जाती है। वह अपेक्षित प्रभाव उत्पन्न नहीं कर पाती। ऐसा तब होता है जब हम उसे व्यक्त करने क लिए भाषा के उपयुक्त शब्दों का प्रयोग नहीं करते। सही शब्द-प्रयोग ही बात को प्रभावी बनाता है। बलपूर्वक की गई बात महत्त्वहीन हो जाती है। इसका कोई नतीजा नहीं निकलता।
21 निम्निलिखित गद्यांश की सन्दर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए
अथवा इससे यह तो हो सकता है कि वह चूरन वाला भगत हम लोगों के सामने एकदम नाचीज आदमी हो लेकिन आप पाठकों की विद्वान श्रेणी का सदस्य होकर भी मैं यह स्वीकार नहीं करना चाहता हूँ कि उस अपदार्थ-प्राणी को यह प्राप्त है जो हममें से बहुत कम को शायद प्राप्त है।
उत्तर – सन्दर्भ -प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘सृजन’ से संकलित ‘बाजार दर्शन’ शीर्षक विचारात्मक निबन्ध से उधृत है। इसके लेखक जैनेन्द्र कुमार हैं।
प्रसंग – लेखक के पड़ोस में एक सज्जन रहते हैं। वह चूरन बेचते हैं तथा भगत जी के नाम से प्रसिद्ध हैं। चूरनवाले भगतजी पर बाजार का जादू नहीं चल पाता है।
व्याख्या- पाठक की दृष्टि में चूरन वाला भगत एक मामूली आदमी ही है। लेखक स्वयं को पाठकों की तरह ही विद्वानों के स्तर का व्यक्ति मानता है। लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं कि उस मामूली आदमी भगत को वह प्राप्त है जो लेखक के स्तर के लोगों में से बहुत कम लोगों को प्राप्त होता है।
22 अपने जिले के जिलाधीश महोदय को ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगवाने हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
प्रति,
जिलाधीश महोदय,
कटनी (मध्यप्रदेश)।
विषय-परीक्षा-काल में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु प्रार्थना पत्र ।
महोदय,
विनम्र निवेदन है कि आजकल बोर्ड की परीक्षाएँ चल रही हैं। हम सभी अपनी-अपनी परीक्षा की तैयारी में अध्ययनरत् हैं, परंतु शहर में जोर-जोर की आवाज में लाउडस्पीकर बजते रहते हैं जिससे हम लोगों के अध्ययन में व्यवधान पड़ता है। कृपया शहर में परीक्षा अवधि में लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगाकर हमारी सहायता करने का कष्ट करें। हम आपके बहुत आभारी रहेंगे।
धन्यवाद
प्रार्थीगण
शासकीय उ.मा.वि.
कटनी के छात्र
दिनांक-16-06-20…
23 निम्निलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में निबन्ध लिखिए
- कोविड- 19
उत्तर – कोविड- 19
प्रस्तावना – कोरोना वायरस या Covid-19 संक्रमण ऐसी बीमारी है जिसे वैश्विक संगठन द्वारा महामारी घोषित किया गया है। नवंबर 2019 में यह चीन की लैब से निकला था, धीरे- धीरे यह वायरस इंसान से इंसान में फैलने लगा। देखते ही देखते इस वायरस ने पूरे दुनिया में पैर पसार लिए। अंटार्कटिका जैसे क्षेत्र में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। जनवरी 2020 में यह वायरस भारत में पाया गया। 21 मार्च 2020 को पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया था, 1 साल बाद यानि 2021 में फिर से कोरोना वायरस लगातार बढ रहा है।
कोरोना वायरस बीमारी क्या है
कोरोना वायरस यह एक ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से ट्रांसफर होता है। वर्तमान में इस वायरस के लक्षण सर्दी, जुकाम,बुखार, सुगंध नहीं आना, स्वाद नहीं आना, सांस लेने में तकलीफ होना और गले दुखना है। पूरी दुनिया में इस वायरस पर शोध जारी है।
कैसे फैलता है यह वायरस और बचाव के उपाय
जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटीव है उसके संपर्क में आने से सबसे पहले यह फैलता है। साथ ही किसी व्यक्ति द्वारा खांसने के बाद जो बारीक पार्टीकल आपके शरीर में प्रवेश करते हैं इससे संक्रमित होने का खतरा है। इसलिए सरकार द्वार जारी निर्देश में कहा गया है कि बातचीत के दारौन कम से कम 3 फीट की दूरी बनाकर रखें। इसी के साथ मास्क भी लगाकर रखें। जब किसी दूसरे व्यक्ति के पार्टिकल आपके संपर्क में आते हैं तब संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बार बार हाथ धोएं।
कोविड-19 से बचाव के लिए ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन
कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद से पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन पर शोध जारी है।
वर्तमान में भारत, रूस समेत अन्य देशों ने वैक्सीन जारी की है। भारत द्वारा 2 वैक्सीन का निर्माण किया गया है। कोविशील्ड वैक्सीन, इस वैक्सीन का उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया जा रहा है। कोवैक्सीन, इस वैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक द्वारा किया जा रहा।
भारत ने 65 देशों में पहुंचाई कोरोना वैक्सीन
भारत ने वैक्सीन के उत्पादन के बाद इसे अभी 65 देशों में उपलब्ध कराया है। भारत सरकार द्वारा यह वैक्सीन कुछ देशों को ग्रांट बेसिस पर दी जा रही है। किसी देश में भारतीय वैक्सीन की कीमत चुकाने पर उपलब्ध कराई जा रही है। भारत ने श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार,मालदीव सहित अन्य कुछ देशों में 56 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराए हैं।
कोरोन वायरस केस ताजा अपडेट
17 मार्च 2021 के ताजा अपडेट के अनुसार पूरी दुनिया में कुल कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 1,21,370,336 पहुंच गया है। इस वायरस से मौत का आंकड़ा 26,84,236 तक पहुंच गया है। पूरी दुनिया में एक्टिव केस का आंकड़ा 20,735,000 है। भारत में कोरोना वायरस का कुल आंकड़ा 1,14,38,734 तक पहुंच गया है। अब तक 1,59,079 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में एक्टिव केस की संख्या 2,34,371 है।
उपसंहार : एक साल बाद फिर से पूरी दुनिया में कोरोनावायरस लगातार फैलता जा रहा है। 21 मार्च 2020 को भारत में जनता कर्फ्यू लगाया गया था, आज एक साल बाद फिर वही स्थिति बन रही है। भारत के कई क्षेत्रों में दोबारा नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, तो कई क्षेत्रों में पूर्ण लॉकडाउन लगाना पड़ा
है। वैज्ञानिकों द्वारा इस पर लगातार शोध जारी है। वर्तमान में इस बीमारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क लगाएं।
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