CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 5 गद्य की विविध विधाएँ Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 5 गद्य की विविध विधाएँ Pariksha Adhyayan Hindi 9th

अध्याय 5
गद्य की विविध विधाएँ

अध्याय 5 गद्य की विविध विधाएँ
प्रश्न 1. गद्य किसे कहते हैं?
अथवा
गद्य के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए महत्त्व को बताइए।
उत्तर-गद्य हमारी स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। गद्य के माध्यम से ही हम अपने दैनिक जीवन में सभी कार्यों को सम्पन्न करते हैं। निजी जीवन पत्र, डायरी आदि साहित्य में कहानी, उपन्यास, निबन्ध, नाटक, जीवनी आदि लेखन का माध्यम गद्य ही होता है। गद्य का क्रमिक विकास हिन्दी के आधुनिक काल के आरम्भ से हुआ।
गद्य का प्रयोग व्याख्या, तर्क, वर्णन एवं कथा के लिए होता है। गद्य में किसी कथ्य को सहजता से, सरलता से एवं स्पष्टता से व्याख्या करने की क्षमता है। व्याकरण के नियमों का प्रयोग भी आसानी से ग्रहण किया जा सकता है। गद्य प्रयोग और प्रयोजन की दृष्टि से तीन प्रकार की होती है-
(1) दैनिक कार्यकलाप की भाषा,
(2) शास्त्र या तर्क की भाषा,
(3) साहित्यिक भाषा।

प्रश्न 2. हिन्दी गद्य कितने रूपों में उपलब्ध है?
अथवा
गद्य की चार विधाओं के नाम लिखिए।
अथवा
हिन्दी गद्य की विधाओं का उल्लेख कीजिए।
गद्य की विविध विधाएँ
उत्तर-हिन्दी गद्य की अनेक विधाएँ (रूप) हैं जो निम्नलिखित हैं-(1) निबन्ध, (2) नाटक, (3) एकांकी, (4) उपन्यास, (5) कहानी, (6) जीवनी, (7) आत्मकथा, (8) संस्मरण, (9) रेखाचित्र,
(10) रिपोर्ताज, (11) गह्यकाव्य, (12) आलोचना, (13) यात्रावृत्त, (14) डायरी, (15) पत्र, (16) भेंटवार्ता आदि।

प्रश्न 3. निबन्ध किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार होते हैं ?
अथवा
निबन्ध की परिभाषा लिखते हुए किन्हीं दो निबन्धकारों के नाम एवं रचनाएँ लिखिए।
उत्तर-निबन्ध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छन्दता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।
निबन्ध के निम्नलिखित प्रकार हैं-
(1) कथात्मक, (2) वर्णनात्मक, (3) विचारात्मक, (4) भावात्मक।
कथात्मक निबन्धों में काल्पनिक वृत्त, आत्मचरित्रात्मक एवं पौराणिक आख्यानों का प्रयोग किया जाता है। वर्णनात्मक निबन्धों में प्रकृति या मनुष्य जीवन की घटनाओं का वर्णन होता है। विचारात्मक निवन्धों में अपने विचारों को सुसम्बद्धता से व्यक्त किया जाता है। भावात्मक निबन्धों में लेखक के हृदय से निकले भावों को एक वैचारिक सूत्र में नियन्त्रित करके लिखा जाता है। दो निबन्धकार एवं उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं-
(1) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (मिट्टी की ओर),
(2) भगवती शरण सिंह (मानव के मूल में)।

प्रश्न-4. नाटक किसे कहते हैं ? नाटक के तत्व भी लिखिए।
उत्तर-रंगमंच पर प्रस्तुत करने के लिए किसी कथा को जब केवल पात्रों के संवादों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है, तो वह रचना नाटक कहलाती है। नाटक के निम्नलिखित छः तत्व माने जाते हैं-
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र,
(3) कथोपकथन (संवाद),
(4) देशकाल,
(5) उद्देश्य
(6) रंगमंचीयता।

प्रश्न 5. हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककारों के नाम बताइए।
अथवा
कोई दो प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।
उत्तर- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, जयशंकर प्रसाद, हरिकृष्ण ‘प्रेमी’, उदयशंकर भट्ट, सेठ गोविन्ददास, रामकुमार बर्मा, लक्ष्मीनारायण मिश्र, लक्ष्मीनारायण लाल, उपेन्द्रनाथ अश्क’, विष्णु प्रभाकर, जगदीशचन्द्र माथुर, धर्मवीर ‘भारती’ आदि ने इस नाटक विधा को आगे बढ़ाया।

प्रश्न 6. एकांकी किसे कहते हैं ? दो एकांकियों के नाम उनके लेखक सहित लिखिए।
उत्तर-एकांकी नाटक का ही एक प्रकार है, इसे दृश्य काव्य कहते हैं। एकांकी में जीवन का एक खण्ड दृश्य अंकित किया जाता है। यह स्वयं में पूर्ण होता है। एकांकी का प्रभाव मन के ऊपर बहुत ही सजीव और गम्भीर होता है। एकांकी एक ही उद्देश्य को व्यक्त करता है। इसका एक भाव या विचार होता है। इस भाव को
एकांकी दर्शकों तक पहुँचाता है। एकांकी में एक अंक होता है। यह दृश्यों में विभाजित हो सकता है। कम से कम समय में अधिक से अधिक प्रभाव एकांकी का लक्ष्य हुआ करता है। दो एकांकी निम्न हैं-
(1) दीपदान-डॉ. रामकुमार वर्मा।
(2) बहू की विदा-विनोद रस्तोगी।

प्रश्न 7. एकांकी के कितने तत्व बताये गये हैं ?
उत्तर-एकांकी के तत्व निम्नलिखितं बताये गये हैं-
(1) कथावस्तु,
(2) कथोपकथन या संवाद,
(3) पात्र या चरित्र-चित्रण,
(4) देशकाल-वातावरण,
(5) भाषा-शैली,
(6) उद्देश्य,
(7) रंगमंचीयता।

प्रश्न 8. नाटक और एकांकी में चार अन्तर लिखिए।
अथवा
नाटक और एकांकी में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए।
उत्तर- यदि तत्त्वों की दृष्टि से देखा जाय तो नाटक तथा एकांकी एक समान दृष्टिगोचर होते हैं। पोल दोनों में बहुत अन्तर है। नाटक की कथावस्तु दीर्घ होती है। उसमें आधिकारिक तथा प्रासंगिक कथावस्त । सम्मिलित होती है। दूसरी ओर एकांकी में एक भाव तथा छोटा कथानक होता है। नाटक में अनेक अंकों
समावेश होता है। एकांकी में एक अंक होता है। नाटक में एकांकी की अपेक्षा पात्रों की संख्या अधिक हो। है। एकांकी को नाटक का ‘लघु-संस्करण’ कहकर कदापि सम्बोधित नहीं किया जा सकता।
उदाहरण- नाटक-धुवस्वामिनी (जयशंकर प्रसाद),
एकांकी-बहू की विदा (विनोद रस्तोगी)।

प्रश्न 9. उपन्यास किसे कहते हैं ? प्रसिद्ध उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-उपन्यास कथा का वह रूप है जिसमें जीवन का विशद चित्रण होता है। पात्रों के जीवन के विविधरूपिणी झाँकी देकर उपन्यासकार एक ओर तो मानव चरित्र को व्यक्त करता है और दूसरी ओर वह युग को प्रवृत्तियों का चित्रण करते हुए हमें कुछ सोचने पर विवश कर देता है। उपन्यास तीन प्रकार के होते हैं-
(1) ऐतिहासिक, (2) सामाजिक, (3) मनोवैज्ञानिक।
हिन्दी के उपन्यासों की परम्परा तो भारतेन्दु युग से ही प्रारम्भ हो गई थी। परन्तु आरम्भ के उपन्यास कपोल-कल्पित और चमत्कार प्रधान ही होते थे। जयशंकर प्रसाद और प्रेमचन्द ने उपन्यास में मानव जीवन का यथार्थ चित्रण आरम्भ किया। प्रेमचन्द तो उपन्यास-सम्राट की उपाधि से विभूषित ही हैं। उनके बाद विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’, आचार्य चतुरसेन, जैनेन्द्र, अज्ञेय, इलाचन्द जोशी, भगवतीचरण वर्मा, वृन्दावनलाल वर्मा,
यशपाल, उपेन्द्रनाथ अश्क’, रांगेय राघव, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, मन्नू भण्डारी, शिवानी आदि ने हिन्दी उपन्यास को समृद्ध किया है।

प्रश्न 10. उपन्यास की परिभाषा लिखते हुए उसके तत्वों के नाम लिखिए।
अथवा
उपन्यास के प्रमुख तत्व लिखते हुए किन्हीं दो प्रमुख उपन्यासों के नाम लिखिए।
उत्तर-उपन्यास के अन्तर्गत जीवन का विशद् रूप में चित्रण किया जाता है, साथ ही मानव चरित्र के रहस्यों को उजागर किया जाता है। उपन्यास के तत्व निम्नलिखित हैं-
(1) कथावस्तु, (2) पात्र-योजना अथवा चरित्र-चित्रण, (3) भाषा-शैली, (4) संवाद, (5) देशकाल तथा
वातावरण एवं (6) उद्देश्य।
प्रमुख उपन्यास-(1) गोदान, (2) मैला आँचल।

प्रश्न 11. कहानी किसे कहते हैं ? दो कहानीकारों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
अथवा
कहानी किसे कहते हैं ? प्रसिद्ध कहानीकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-कहानी एक कलात्मक छोटी रचना है। यह किसी घटना, भाव, संवेदना आदि की मार्मिक व्यंजना करती है। इसका आरम्भ और अन्त बहुत कलात्मक तथा प्रभावपूर्ण होता है। घटनाएँ परस्पर सम्बद्ध होती हैं। हर घटना लक्ष्य की ओर उन्मुख होती है। लक्ष्य पर पहुँचकर कहानी अपना विशिष्ट प्रभाव छोड़ती हुई समाप्त हो जाती है। दो प्रसिद्ध कहानीकार एवं उनकी रचनाएँ हैं-(1) मुंशी प्रेमचन्द (कफन), (2) जयशंकर प्रसाद
(आकाशदीप)।
जयशंकर प्रसाद, प्रेमचन्द, अज्ञेय, जैनेन्द्र, भगवतीचरण वर्मा, कमलेश्वर, विष्णु प्रभाकर, धर्मवीर ‘भारती’, मोहन राकेश, शैलेश मटियानी, भीष्म साहनी, निर्मल वर्मा, शिवानी आदि प्रसिद्ध कहानीकार हैं।

प्रश्न 12. कहानी के कौन-कौन-से तत्व होते हैं?
उत्तर-कहानी के निम्नलिखित तत्व होते हैं-
(1) कथावस्तु-कथावस्तु के विकास की स्थितियाँ चार होती हैं-(अ) आरम्भ, (ब) आरोह,
(स) चरम स्थिति, (द) अवरोह।
(2) चरित्र-चित्रण।
(3) कथोपकथन अथवा संवाद।
(4) देशकाल और वातावरण।
(5) उद्देश्य।
(6) शैली शिल्प।

प्रश्न 13. कहानी के कितने भेद होते हैं?
उत्तर- कहानी के निम्नलिखित भेद होते हैं-
(1) घटना प्रधान कहानी, (2) चरित्र प्रधान कहानी,
(3) वातावरण प्रधान कहानी, (4) भाव प्रधान कहानी।

प्रश्न 14. कहानी के विकास को कितने भागों में बाँटा जा सकता है ? समय-सीमा भी बताइये।
उत्तर-कहानी के विकास के भागों का विभाजन एवं समय-सीमा-
(1) आरम्भ काल सन् 1900 से 1910 ई. तक।
(2) विकास काल सन् 1911 से सन् 1946 ई. तक।
(3) उत्कर्ष काल सन् 1947 ई. से अब तक।

प्रश्न 15. कहानी एवं उपन्यास में चार अन्तर लिखिए।
उत्तर-कहानी और उपन्यास में चार अन्तर इस प्रकार हैं-(1) कहानी लघु आकार की होती है जबकि उपन्यास का आकार बड़ा होता है।
(2) कहानी में जीवन के किसी एक अंश का चित्रण होता है जबकि उपन्यास में जीवन का वृहद चित्रण होता है।
(3) कहानी में प्रारम्भ से अन्त तक भाव सघनता बनी रहती है जबकि उपन्यास में कई स्थल सघन प्रभावी नहीं होते हैं।
(4) कहानी लगभग आधा घण्टे में पढ़ ली जाती है जबकि
उपन्यास दीर्घकाल में पढ़ पाते हैं।

प्रश्न 16. जीवनी, आत्मकथा, रेखाचित्र, संस्मरण और यात्रावृत्त की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-जीवनी-किसी महापुरुष या प्रसिद्ध व्यक्ति के जीवन की घटनाओं, उनके कार्य-कलापों आदि का आत्मीयता के साथ वर्णन जिस गद्य विधा में किया जाता है, उसे जीवनी कहते हैं।
आत्मकथा-आत्मकथा में लेखक स्वयं अपनी जीवन-यात्रा पूरी आत्मीयता से व्यवस्थित रूप में पाठक के सम्मुख रखता है।
रेखाचित्र-रेखाचित्र में शब्दों की कलात्मक रेखाओं द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के बाहा और आन्तरिक स्वरूप का शब्दचित्र अंकित किया जाता है।
संस्मरण-संस्मरण में लेखक अपने अनुभव की वस्तु, व्यक्ति अथवा घटना का कलात्मक विवरण अपनी स्मृति के आधार पर प्रस्तुत करता है।
यात्रावृत्त-यात्रावृत्त वह विधा है जिसमें लेखक किसी विशेष स्थल की यात्रा का ऐसा सजीव वर्णन करता है कि पाठक पढ़कर ही ऐसा अनुभव करने लगे जैसे वह उसी स्थान के सारे दृश्य स्वयं देख रहा है।

प्रश्न 17. जीवनी और आत्मकथा में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर-जीवनी और आत्मकथा में चार अन्तर इस प्रकार हैं-(1)’जीवनी’ में लेखक किसी अन्य के जीवनवृत्त को प्रस्तुत करता है जबकि आत्मकथा में लेखक स्वयं के जीवनवृत्त को प्रस्तुत करता है।
(2) जीवनी प्राय: महापुरुषों की लिखी जाती हैं जबकि आत्मकथा कोई भी लिख सकता है।
(3) जीवनी में तथ्यों तथा विवरण पर ध्यान रहता है जबकि आत्मकथा में अनुभूति की गहराई होती है
(4) जीवनी वर्णनात्मक शैली में लिखी जाती हैं जबकि आत्मकथा कथात्मक शैली में लिखी जाती है।

प्रश्न 18. गद्यकाव्य विधा के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-यह कवितापूर्ण गद्य रचना होती है। जब किसी गहन भावानुभूति की काव्यमयी भाषा-शैली और अतिशय भावुकता के साथ प्रस्तुत की जाती है, तब हम उस रचना को गद्यकाव्य कहते हैं। गहन भावानुभूति, काव्यमयी, सुललित भाषा, आलंकारिकता, भावात्मक शैली आदि इसकी विशेषताएँ हैं।

प्रश्न 19. ‘रिपोर्ताज’ से आप क्या समझते हैं ? लिखिए।
उत्तर-“रिपोर्ताज’ फ्रांसीसी भाषा का शब्द है। अंग्रेजी शब्द ‘रिपोर्ट’ से इसका निकट का सम्बन्ध है। रिपोर्ट समाचार-पत्र के लिए लिखी जाती है। उसमें साहित्यिक तत्व नहीं होते। रिपोर्ट के कलात्मक और साहित्यिक रूप को ही रिपोर्ताज कहते हैं। आँखों देखी घटनाओं पर ही रिपोर्ताज लिखा जा सकता है। रिपोर्ताज
का विषय कभी कल्पित नहीं होता है। परन्तु तथ्य को रोचकता देने के लिए इसमें कल्पना का सहारा लिया है सकता है। रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार और कलाकार दोनों की ही जिम्मेदारी निभानी पड़ती है।

प्रश्न 20. आलोचना’ की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-‘आलोचना’ विधा के द्वारा किसी साहित्यिक रचना के गुण-दोषों की परख की जाती है जिया सानुभूति की बुद्धि प्रधान व्याख्या की जाती है।

प्रश्न 21. लोक साहित्य किसे कहते हैं ?
उत्तर-अंचल विशेष में रचा गया साहित्य लोक साहित्य कहलाता है। इस साहित्य में उस अंचल की संस्कृति, जीवन पद्धति उस क्षेत्र की बोली में रचित होती है। लोक साहित्य प्रारम्भ से ही रचा जाता रहा है।

प्रश्न 22. मध्य प्रदेश की चार प्रमुख बोलियों के नाम लिखिए।
उत्तर-मध्य प्रदेश की प्रमुख चार बोलियाँ इस प्रकार हैं-
(1) मालवी, (2) निमाड़ी, (3) बुन्देली, (4) वघेली।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
• रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. गद्य का क्रमिक विकास हिन्दी के के आरम्भ से हुआ। (भक्तिकाल/आधुनिक काल)
2. गद्य में व्याकरण के नियमों का प्रयोग भी …………. ग्रहण किया जा सकता है।
(आसानी से/कठिनता से)
3. पात्रों के संवादों से प्रस्तुत रचना कहलाती है। (नाटक/उपन्यास)
4. एकांकी में …………होता है। (एक अंक/कम से कम पाँच अंक)
5. गद्यकाव्य काव्यमय ………..” रचना होती है।
(पद्य/गद्य)
उत्तर-1. आधुनिक काल, 2. आसानी से, 3. नाटक, 4. एक अंक, 5. गद्य।

• सही विकल्प चुनिए

1. गद्य हमारी स्वाभाविक-
(क) अभिव्यक्ति है, (ख) रचना है, (ग) पद्य है, (घ) व्याख्या है।

2. “यदि गद्य कवियों की कसौटी है, तो निबन्ध गद्य की कसौटी है।” यह कथन है-
(क) डॉ. भागीरथी राय का,
(ख) बाबू गुलाबराय का,
(ग) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का,
(घ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का।

3. व्याकरण के नियमों का प्रयोग होता है गद्य में-
(क) कठिनता से, (ख) आसानी से, (ग) बाधा से, (घ) अबाधित रूप से।

4. एकांकी में अंक होता है-
(क) एक,
(ख) तीन, (ग) पाँच,
(घ) एक भी नहीं।

5. ‘रिपोर्ताज’ शब्द किस भाषा का है?
(क) फ्रांसीसी, (ख) इटैलियन, (ग) ग्रीक,
(घ) अंग्रेजी।
उत्तर-1.(क), 2. (घ), 3. (ख), 4.(क), 5. (क)।

1. कहानी में किसी घटना, भाव, संवेदना आदि की मार्मिक व्यंजना की जाती है।
2. उपन्यास में जीवन का विशद् चित्रण नहीं होता है।
3. एक अंक वाला दृश्य काव्य एकांकी कहलाता है।
4. गद्यकाव्य कवितापूर्ण गद्य रचना होती है जिसमें गहन भावानुभूति होती है।
5. आलोचना में रसानुभूति की बुद्धि प्रधान व्याख्या की जाती है।
6. हिन्दी साहित्य के उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द हैं।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य,5. सत्य,6. सत्य।

• एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. अंग्रेजी शब्द ‘रिपोर्ट से किसका निकटता का सम्बन्ध होता है ?
उत्तर-रिपोर्ताज का।
2. आलोचना में किसके गुण-दोषों की परख की जाती है ?
उत्तर-साहित्यिक रचना के।
3. किसी विशेष स्थल की यात्रा का सजीव वर्णन किस विधा में किया जाता है ?
उत्तर-यात्रावृत्त।
4. रेखाचित्र में घटना के बाह्य और आन्तरिक स्वरूप को किस तरह अंकित किया जाता है ?
उत्तर-कलात्मक रेखाओं द्वारा।
5. हिन्दी गद्य साहित्य का इतिहास कब से प्रारम्भ हुआ है ?
उत्तर-आधुनिक काल से।
6. निबन्ध का क्या अर्थ है ?
उत्तर-किसी विषय पर व्यवस्थित ढंग से विचारों तथा भावों की क्रमिक रूप से प्रस्तुत की जाने वाली गद्य रचना निबन्ध कहलाती है।

 

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