CLASS 9TH SO. SCIENCE CHAPTER – 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय MP BOARD QUESTION BANK SOLUTION

अध्याय-3
नात्सीवाद और हिटलर का उदय

लघुउत्तरीय प्रश्न (03 अंक)

प्रश्न 1. न्यूरेमबर्ग नागरिकता अधिकार क्या था? समझाइए।
उत्तर. न्यूरेमबर्ग नागरिकता अधिकार (सितंबर 1935) के अनुसार –
1. जर्मन या उससे संबंधित रक्त वाले व्यक्ति ही जर्मन नागरिक होंगे और उन्हें जर्मन साम्राज्य का संरक्षण मिलेगा।
2. यहूदियों और जर्मनों के बीच विवाह पर पाबंदी।
3. यहूदियों और जर्मनों के बीच विवाहेत्तर संबंधों को अपराध घोषित कर दिया गया।
4. यहूदियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर पाबंदी लगा दी गई।

प्रश्न 2. नात्सी जर्मनी में महिलाओं विशेषकर माताओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तर. नात्सी जर्मनी में महिलाओं विशेषकर माताओं की स्थिति में भिन्नता थी। नस्ली तौर पर वांछित दिखने वाले बच्चे को जन्म देने वाली माताओं को इनाम दिए जाते थे। उन्हें अस्पतालों में विशेष सुविधाऐं, दुकानों में ज्यादा छूट और थियेटर व रेलगाड़ी के टिकट सस्ते में मिलते थे। ज्यादा से ज्यादा बच्चे देने वाली माताओं को कांसा/चांदी/सोने का तमगा दिया जाता था। वहीं जो औरतें नस्ली तौर पर अवांछित बच्चों को जन्म देती थीं उन्हें दण्डित किया जाता था। उनकी सार्वजनिक निंदा की जाती थी।

प्रश्न 3 नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे?
उत्तर. नात्सी सोच के खास पहलू निम्न लिखित थे –
1. नस्ली श्रेष्ठता की भावना
2. यहूदियों का विरोध
3. लेबेन्स्त्राम या जीवन परिधि की भू-राजनीतिक अवधारणा-हिटलर अपने लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने को जरुरी मानता था।
4. यूटोपिया (नस्ली कल्पना लोक)- नात्सी विचारधारा में आदर्श विश्व के निर्माण की कल्पना की गई थी। जो यहूदियों से पूर्णतः मुक्त हो, केवल जर्मन आर्य मूल के लोग रहते हों।
5. युद्धों का समर्थन
6. साम्यवाद और लोकतंत्र का विरोध ।

प्रश्न 4 वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्या थी?
उत्तर. प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय और सम्राट के पद त्याग के बाद वाइमर में राष्ट्रीय सभा की बैठक बुलाई गई और लोकतांत्रिक संविधान पारित किया गया। लेकिन यह नया वाइमर गणराज्य जर्मनी के अधिकांश लोगों को रास नहीं आया। अत: वाइमर गणराज्य की मुख्य समस्याएं निम्न प्रकार थीं –
1. प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत जर्मनी पर थोपी गई वर्साय की कठोर एवं अपमानजनक संधि के लिए अधिकांश जर्मनवासी वाइमर गणराज्य को ही जिम्मेदार मानते थे।
2. रुसी क्रांति की सफलता से जर्मनी के कुछ भागों मे साम्यवादी प्रभाव तेजी से बढ़ा।
3. युद्ध अपराधी के रुप में जर्मनी पर 6 अरब पाउंड का जुर्माना लगाया गया जिसे चुकाने में वाइमर गणराज्य असमर्थ था।
4. जर्मनी द्वारा हर्जाना चुकाने से इंकार करने पर फ्रांस ने जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्र रुर पर कब्जा कर लिया जिसके कारण वाइमर गणराज्य की प्रतिष्ठा को बहुत हनी।
5. 1929 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से बढ़ी मंहगाई को नियंत्रित करने में वाइमर गणराज्य असफल रहा।

प्रश्न 5 नात्सियों ने जनता पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिये कौन-कौन से तरीके अपनाएँ?
उत्तर. सन् 1933 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद हिटलर ने राज्य एवं जनता पर नात्सियों के माध्यम से पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए –
1. विशेषाधिकार अधिनियम, मार्च 1933 द्वारा संसद के समस्त अधिकार हिटलर को देकर राज्य में तानाशाही स्थापित कर दी गई।
2. नात्सी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों और नेयनों पर पाबंदी लगा दी गई।
3. अर्थव्यवस्था, मीडिया, सेना और न्यायपालिका पर राज्य का पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया ।
4. पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रण और व्यवस्थित करने के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किए गए।

प्रश्न 6 नाजीवादी विचारधारा क्या थी समझाए।
उत्तर. नाजीवाद – यह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचारधारा थी। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचारधारा के मूल अंग थे। नाजीवादी विचारधारा मार्क्सवाद लोकतंत्र औद्योगिकीकरण आदि का पूरी तरह विरोध करती थीं। यह विचारधारा तानाशाही में विश्वास करती थी।

प्रश्न 7 वर्साय की संधि पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर. वर्साय की संधि 28 जून, 1919 को हुई। यह संधि प्रथम विश्व युद्ध के अंत में जर्मनी और गठबंधन देशों-ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और रूस आदि के बीच प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की हार हुई और 28 जून, 1919 को “वर्साय की संधि” पर हस्ताक्षर किए।
इस संधि के परिणामस्वरूप, जर्मनी को अपनी भूमि का एक बड़ा हिस्सा भुगतना पड़ा। बाकी राज्यों को इसके कब्जे में लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उनके सेना का आकार सीमित था और भारी मुआवजा लगाया गया था। वर्साय की संधि जर्मनी पर लागू की गई थी। इस कारण से, एडॉल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोगों ने इसे अपमानजनक माना। यही कारण था कि यह संधि द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों में से एक थी।जर्मनी के इतिहास पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।

प्रश्न 8 जर्मनी के इतिहास पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर. प्राचीन रोमन लोग डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले “बर्बर कबीलों” वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द ‘Germany’ पड़ा। ये कबीले ‘पुरानी जर्मन भाषा’ की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया।

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