CLASS 9TH SO. SCIENCE CHAPTER – 4 वन्य- समाज और उपनिवेशवाद MP BOARD QUESTION BANK SOLUTION

अध्याय-4
वन्य- समाज और उपनिवेशवाद

अति लघुउत्तरीय प्रश्न (02 अंक )

प्रश्न 1. औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए दो परिवर्तनो को लिखिए?
Ans – औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए परिवर्तनों ने इन समूहों को कैसे प्रभावित किया : झूम खेती करने वालों को। झूम खेती करने वालों को झूम कृषि पद्धति में वनों के कुछ भागों को बारी-बारी से काटा जाता है और जलाया जाता था। मानसून की पहली बारिश के बाद इस राख में बीज बो दिए जाते हैं और अक्टूबर-नवम्बर तक फसल काटी जाती है।

प्रश्न 2 बस्तर में औपनिवेशिक वन प्रबंधन क्या था?
Ans – बस्तर में वन प्रबन्धन का उत्तरदायित्व अंग्रेजों के और जावा में डचों के हाथ में था। लेकिन अंग्रेज व डच दोनों सरकारों के उद्देश्य समान थे। दोनों ही सरकारें अपनी जरूरतों के लिए लकड़ी चाहती थीं और उन्होंने अपने एकाधिकार के लिए काम किया। दोनों ने ही ग्रामीणों को घुमंतू खेती करने से रोका। दोनों ही औपनिवेशिक सरकारों ने स्थानीय समुदायों को विस्थापित करके वन्य उत्पादों का पूर्ण उपयोग कर उनको पारंपरिक आजीविका कमाने से रोका।
बस्तर के लोगों को आरक्षित वनों में इस शर्त पर रहने दिया या कि वे लकड़ी का काम करने वाली कंपनियों के लिए काम मुफ्त में किया करेंगे।

प्रश्न 3 युद्ध से जंगल क्यो प्रभावित होते है?
Ans –
(i) युद्धों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लकड़ी की बहुत आवश्यता होती है। जिसके कारण वनों को काटा जाता है।
(ii) विरोधी सैन्य बल सबसे पहले भोजन संसाधन तथा छुपने की जगहों को नष्ट करते है। इन दोनों की आपूर्ति में वन काफी सहायक होता है।

प्रश्न 4 झूम खेती पर टिप्पणी लिखिए ?
Ans – झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। फसल पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर होती है और उत्पादन बहुत कम हो पाता है। कुछ वर्षों तक (प्रायः दो या तीन वर्ष तक) जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् इस भूमि को छोड़ दिया जाता है जिस पर पुनः पेड़-पौधें उग आते हैं। अब अन्यत्र जंगली भूमि को साफ करके कृषि के लिए नई भूमि प्राप्त की जाती है और उस पर भी कुछ ही वर्ष तक खेती की जाती है। इस प्रकार यह एक स्थानानंतरणशील कृषि (shifting cultivation) है जिसमें थोड़े-थोड़े समय के अंतर पर खेत बदलते रहते हैं। भारत की पूर्वोत्तर पहाड़ियों में आदिम जातियों द्वारा की जाने वाली इस प्रकार की कृषि को झूम कृषि कहते हैं। इस प्रकार की स्थानांतरणशील कृषि को श्रीलंका में चेना, हिन्देसिया में लदांग और रोडेशिया में मिल्पा कहते हैं।

प्रश्न 5 वैज्ञनिक वानिकी क्या है?
Ans – वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग के द्वारा जंगलों के संसाधनों का प्रबंधन और संरक्षण करने को वैज्ञानिक वानिकी कहते हैं| संसाधन में केवल पेड़ ही नहीं आते बल्कि इसमें जल, जानवर, पौधे, मृदा व चट्टान भी आते हैं जो की जंगलों में पाए जाते हैं|

प्रश्न 6 स्लीपर क्या होते है?
Ans – रेल के इंजन चलाने के लिए इंधन के तौर पर एवं रेलवे लाइन बिछाने के लिए स्लीपर (लकड़ी के बने हुए) जो कि पटरियों को उनकी जगह पर बनाए रखने के लिए आवश्यक थे, सभी के लिए लकड़ी चाहिए थी। 1860 के दशक के बाद से रेलवे के जाल में तेजी से विस्तार हुआ।

प्रश्न 7 वन्य इलाके में रहने वाले लोगों के जीविको पार्जन के दो साधन कौन-कौन से है?
Ans –
1. लकड़ियां काटकर बेचना।
2. वनस्पतियों से दवाई बनाना।

प्रश्न 8 औपनिवेशिक शासन काल में रहने वाली दो वन्य जातियों के नाम व निवास स्थान लिखिए।
Ans –
1. नोमड ।


प्रश्न 9 अपराधी कबीले से क्या तात्पर्य है?
Ans – नोमड एवं चरवाहा समुदाय के लोगों को अपराधी कबीले कहा जाता था जिन्हें लकड़ी चुराते हुए पकड़ा जाता था। वन प्रबंधन द्वारा लाए गए बदलावों के कारण नोमड एवं चरवाहा समुदाय लकड़ी काटने, अपने पशुओं को चराने, कंद-मूल एकत्र करने, शिकार एवं मछली पकड़ने से वंचित हो गए। ये सभी गैरकानूनी घोषित कर दिए गए।

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