अध्याय 11
जनसख्या

जनसख्या
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में प्रवास, आबादी की संख्या, वितरण एवं संरचना में परिवर्तन लाता है?
(i) प्रस्थान करने वाले क्षेत्र में
(ii) आगमन वाले क्षेत्र में
(iii) प्रस्थान एवं आगमन दोनों क्षेत्रों में
(iv) इनमें से कोई नहीं।
2. जनसंख्या में बच्चों का एक बहुत बड़ा अनुपात निम्नलिखित में से किसका परिणाम है ?
(i) उच्च जन्म दर
(iii) उच्च जीवन दर
(ii) उच्च मृत्यु दर
(iv) अधिक विवाहित जोड़े।
3. निम्नलिखित में से कौन-सा एक जनसंख्या वृद्धि का परिणाम दर्शाता है ?
(i) एक क्षेत्र की कुल जनसंख्या
(ii) प्रत्येक वर्ष लोगों की संख्या में होने वाली वृद्धि
(iii) जनसंख्या वृद्धि की दर
(iv) प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या।
4. 2011 की जनगणना के अनुसार एक साक्षर’ व्यक्ति वह है-
(i) जो अपने नाम को पढ़ एवं लिख सकता है
(ii) जो किसी भी भाषा में पढ़ एवं लिख सकता है
(iii) जिसकी उम्र 7 वर्ष है तथा वह किसी भी भाषा को समझ के साथ पढ़ एवं लिख सकता है
(iv) जो पढ़ना-लिखना एवं अंकगणित तीनों जानता है।
5. जनगणना कितने वर्ष के अन्तराल पर होती है ?
(i) 10 वर्ष
(ii) 15 वर्ष
(iii) 8 वर्ष
(iv) 12 वर्ष।
6. भारत में संसार की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग निवास करता है ?
(1) 12.8 प्रतिशत
(ii) 14.8 प्रतिशत
(iii) 17.5 प्रतिशत
(iv) 19.5 प्रतिशत।
7. भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश है-
(i) अरुणाचल प्रदेश
(ii) महाराष्ट्र
(iii) मिजोरम
(iv) असम।
8. किस राज्य में साक्षरता का प्रतिशत सबसे अधिक है ?
(i) केरल
(ii) उत्तर प्रदेश
(iii) गोवा
(iv) दिल्ली।
उत्तर-1. (iii), 2. (i), 3. (iii), 4. (iii), 5. (i), 6. (iii), 7. (i), 8. (i).
• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. मानव पृथ्वी के संसाधनों का उत्पादन एवं ‘करता है।
2. 2011 की जनगणना के अनुसार देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य ….
3. 2011 में भारत का जनसंख्या घनत्व ” व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था।
4. भारत में हमेशा जन्मदर, से अधिक रहा है।
5. “जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
१. प्रति ।,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को …” कहा जाता है।
उत्तर- 1. उपभोग, 2. उत्तर प्रदेश, 3, 382, 4. मृत्यु दर, 5. प्रवास, 6. लिंग अनुपात ।
. सत्य/असत्य
1. तृतीयक क्रियाकलापों में परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ शामिल हैं।
2. केरल में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 995 है।
3. 2011 की जनगणना के अनुसार देश की साक्षरता दर 73 प्रतिशत है।
4. किशोर प्रायः 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं।
5. भारत में जनसंख्या का वितरण समान है।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. असत्य।
. जोड़ी बनाइए
‘अ’
1. अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या घनत्व (क) 1881
2. उत्तर प्रदेश में देश की जनसंख्या का प्रतिशत (ख) विहार
3. प्रथम पूर्ण जनगणना (ग) 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
4. भारत की प्रथम जनगणना (घ) 16 प्रतिशत
5. सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश (ङ) 1872
उत्तर-1. → (ग), 2. → (घ), 3. → (क),4. → (ङ), 5. → (ख)।
. एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. प्रत्येक व्यक्ति की औसत आयु कहलाती है ?
2. 2011 की जनणगना के अनुसार लिंग अनुपात है।
3. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व कितना था ?
4. भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम किस वर्ष में प्रारम्भ किया गया ?
5. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता थी।
6. नवीन जनसंख्या नीति की घोषणा कब की गई ?
उत्तर-1. प्रत्याशित आयु, 2. 943,3. 382 प्रति वर्ग किमी, 4.1952,5.73 प्रतिशत, 6.15 फरवरी
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जनगणना से क्या आशय है?
उत्तर-एक निश्चित समयान्तराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना जनगणना कहलाती है। भारत में प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना होती है।
प्रश्न 2. जनगणना की प्राकृतिक वृद्धि दर से क्या आशय है ?
उत्तर-प्राकृतिक वृद्धि दर से आशय जन्म दर व मृत्यु दर के अन्तर से है।
प्रश्न 3. किन दो देशों का जनसंख्या घनत्व भारत से अधिक है ?
उत्तर-बांग्लादेश तथा जापान का जनसंख्या घनत्व भारत से अधिक है।
प्रश्न 4. 1981 से भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर क्यों घट रही है ?
उत्तर-1981 से जनसंख्या वृद्धि दर में गिरवट होने का मुख्य कारण जन्म दर में धीरे-धीरे कमी आई है। जनसंख्या वृद्धि दर (1971-81) के दौरान 24.66 प्रतिशत थी जो कि (2001-2011) में कम होती हुई 17.64 प्रतिशत पर पहुँच गई।
प्रश्न 5. क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर- भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवाँ तथा जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा स्थान है।
प्रश्न 6. प्राथमिक क्षेत्र में कौन-कौन सी क्रियाएँ शामिल की जाती हैं ?
उत्तर-इनमें कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएँ शामिल हैं।
प्रश्न 7. भारत में साक्षर किसे कहते हैं?
उत्तर-2011 की जनगणना के अनुसार एक व्यक्ति जिसकी आयु 7 वर्ष या उससे अधिक है जो किसी भी भाषा को समझकर लिख या पढ़ सकता है उसे साक्षर की श्रेणी में रखा जाता है।
प्रश्न 8. जनसंख्या वृद्धि दर से क्या आशय है?
उत्तर-जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है, किसी विशेष समय अंतराल में, जैसे 10 वर्षों के भीतर, किसी देश/राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।
उत्तर-जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटक निम्न प्रकार हैं-
(1) जन्म दर-जन्म दर वृद्धि का एक प्रमुख घटक है क्योंकि भारत में सदैव जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक रही है।
(2) मृत्यु दर-मृत्यु दर में तेज गिरावट भारत की जनसंख्या वृद्धि की दर का मुख्य कारण है।
(3) प्रवास-जनसंख्या वृद्धि का तीसरा घटक है प्रवास। प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक है।
प्रश्न 2. आयु संरचना, जन्म दर एवं मृत्यु दर को परिभाषित करें।
उत्तर-आयु संरचना-किसी राष्ट्र में, जनसंख्या की आयु संरचना वहाँ के विभिन्न आयु समूहों के लोगों की संख्या को बताता है। यह जनसंख्या की मूल विशेषताओं में से एक है। इससे बहुत-सी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी मिलती है; जैसे-स्कूल जाने वाली जनसंख्या, श्रम करने वाली जनसंख्या, विवाह योग्य जनसंख्या, मतदाताओं की जनसंख्या आदि। जन्म दर-जन्म दर से आशय एक वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या के पीछे बच्चों को जन्म से है। यह
जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण है क्योंकि भारत में हमेशा जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक रही है। मृत्यु दर-मृत्यु-दर से अर्थ एक वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या से है। मृत्यु दर में निरन्तर गिरावट भारत की जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।
प्रश्न 3. प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन का एक कारक है, समझाइए।
उत्तर-लोगों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं। प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण घटक है। ये केवल जनसंख्या के आकार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि आयु एवं लिंग के दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की संरचना को भी परिवर्तित करता है। भारत में ग्रामीण-नगरीय
प्रवास के कारण शहरों तथा नगरों की जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि हुई है। 1951 में कुल जनसंख्या का 17:29 प्रतिशत शहरी जनसंख्या थी, जो 2011 में बढ़कर 31.80 प्रतिशत हो गई।
प्रश्न 4. स्वस्थ जनसंख्या कैसे लाभकारी है ?
उत्तर-किसी भी राष्ट्र के लिए वहाँ के लोग बहुमूल्य संसाधन होते हैं। एक शिक्षित एव स्वस्थ जनसंख्या ही कार्यक्षम शक्ति प्रदान करती है। समाज एवं अर्थव्यवस्था के विकास में मानव का महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्वस्थ जनसंख्या, संसाधनों का निर्माण एवं उपयोग तो करती हैं, वे स्वयं भी विभिन्न गुणों
वाले मानवीय संसाधन होते हैं। वास्तव में, किसी भी राष्ट्र की उन्नति मानवीय संसाधन संगठित करने की क्षमता
1. पर निर्भर करती है। निःसन्देह किसी भी राष्ट्र की ज़न-शक्ति संसाधन राष्ट्र की पूँजी माने जाते हैं, लेकिन इन संसाधनों का समुचित उपयोग न हो और नये रोजगार के अवसर उपलब्ध न किये जाएँ तो ये साधन देश के लिए भार स्वरूप बन जाते हैं। मानव ही प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग करते हुए राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देता है। अर्थात् राष्ट्र की प्रगति स्वस्थ जनसंख्या पर निर्भर करती है।
प्रश्न 5. जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन के बीच अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या परिवर्तन में अन्तर
जनसंख्या परिवर्तन
जनसंख्या वृद्धि
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है किसी विशेष 1. जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन की तीन मुख्य
समय अन्तराल में, जैसे 10 वर्षों के भीतर किसी | प्रक्रियाएँ हैं-जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास।
देश/राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन। जन्म दर एवं मृत्यु दर के बीच का अन्तर
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि है।
2. इस प्रकार के परिवर्तन को दो प्रकार से व्यक्त 2. प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण
किया जा सकता है। पहला, सापेक्ष वृद्धि तथा घटक है। ये केवल जनसंख्या के आकार को ही
दूसरा, प्रति वर्ष होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के प्रभावित नहीं करता, बल्कि आयु एवं लिंग के
दृष्टिकोण से नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या की
संरचना को भी परिवर्तित करता है।
3. वृद्धि को संख्या के रूप में प्रदर्शित किया जाता | 3. जनसंख्या परिवर्तन सापेक्ष वृद्धि और प्रतिवर्ष है।
प्रश्न 6. भारत की जनसंख्या की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-संसार में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1,21,01,93,422 है। यहाँ संसार की कुल जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत भाग निवास करता है जबकि इसका कुल क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का केवल 2-41 प्रतिशत ही है। इस
प्रकार भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवाँ बड़ा देश है। भारत की जनसंख्या उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की कुल सम्मिलित जनसंख्या से भी अधिक है। अन्य शब्दों में संसार का हर छठवाँ व्यक्ति भारत में निवास करता है।
प्रश्न 7.”भारत में जनसंख्या का वितरण असमान है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-भारत में जनसंख्या का वितरण असमान है। पर्वतीय भागों, वन क्षेत्रों और मरुस्थलों की अपेक्षा मैदानी भागों में अधिक जनसंख्या है। इसी प्रकार नदियों के उपजाऊ मैदानों, समुद्र तटीय क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक है। हिमालयीन छोटे राज्य सिक्किम की जनसंख्या मात्र 6-7 लाख ही है जबकि मैदानी बड़े राज्य उत्तर
प्रदेश की जनसंख्या 19.95 करोड़ है। कुल मिलाकर भारत में 10 ऐसे राज्य हैं जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या 6 करोड़ से अधिक है। कुछ राज्य क्षेत्रफल में बड़े होते हुए भी कम जनसंख्या वाले हैं; जैसे-राजस्थान और मध्य प्रदेश, जबकि ये दोनों ही क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के बड़े राज्य हैं। केवल पाँच राज्यों (उत्तर प्रदेश,
महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आन्ध्र प्रदेश) में देश की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 8. जनसंख्या घनत्व क्या है ? इसे कैसे ज्ञात किया जा सकता है ?
उत्तर-जनसंख्या घनत्व-किसी क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या और उस क्षेत्र के प्रति इकाई ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है- क्षेत्रफल (वर्ग किमी) के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। किसी देश या प्रदेश की जनसंख्या का घनत्व जनसंख्या घनत्व- देश/प्रदेश की जनसंख्या
देश/प्रदेश का क्षेत्रफल (वर्ग किमी में)
प्रश्न 9. भारत में साक्षरता दर में भिन्नताएँ पायी जाती हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-साक्षरता की दर में प्रादेशिक भिन्नताएँ अत्यधिक है। बिहार में साक्षरता की दर 63.82 प्रतिशत है जबकि केरल में यह 93.9 प्रतिशत है। लक्षद्वीप में 92.8 और मिजोरम में 88.4 प्रतिशत साक्षरता है। बिहार में साक्षरता दर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में सबसे कम है। पुरुषों और स्त्रियों की साक्षरता दर में भी आश्चर्यजनक अन्तर है। भारत में पुरुषों की औसत साक्षरता दर 80-9 है जबकि स्त्रियों की साक्षरता दर केवल 64.6 प्रतिशत है। शहरी और ग्रामीण जनसंख्या की साक्षरता
दर में भी बहुत अन्तर है। वर्ष 2011 में शहरी क्षेत्रों की साक्षरता दर 85.7 प्रतिशत थी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह मात्र 68.9 प्रतिशत थी।
प्रश्न 10. लिंग अनुपात से क्या आशय है ? देश में इसके वितरण को समझाइए।
उत्तर-लिंग अनुपात से तात्पर्य किसी क्षेत्र में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या से है। भारतवर्ष में 2001 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार पुरुषों पर 933 स्त्रियाँ थीं अर्थात् भारत में पुरुषों की संख्या से स्त्रियों की संख्या कम है। भारत में लिंगानुपात लगातार घटता जा रहा है। सन् 1901 में यह 972 था, जो घटते-घटते 2011 में 943 रह गया है। भारत में लिंग अनुपात में क्षेत्रीय भिन्नता पायी जाती है। केरल में लिंगानुपात (1084) अनुकूल है जबकि दमन दीव में यह (618) प्रतिकूल है।
प्रश्न 11. देश में लिंग अनुपात प्रायः महिलाओं के पक्ष में नहीं होता है। स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत में लिंगानुपात की दर में गिरावट होने के कारण लिखिए।
उत्तर-भारत में लिंगानुपात की दर कम होने के निम्न कारण हैं-
(1) महिलाओं में साक्षरता का कम होना।
(2) मातृ मृत्यु-दर का ऊँचा होना।
(3) पुरुष प्रधान समाज में पुत्र होने की प्रबल इच्छा होना।
(4) कन्या भ्रूण हत्या में लगातार वृद्धि होना।
(5) समाज में बालिकाओं के प्रति उपेक्षा का भाव व कन्या को बोझ समझना।
(6) समाज में प्रचलित दहेज प्रथा के कारण कन्या भ्रूण हत्या व किशोरियों व युवतियों का आत्महत्या करने के लिए प्रेरित होना।
प्रश्न 12. आश्रित जनसंख्या से क्या आशय है ? भारत में उच्च आश्रित जनसंख्या क्यों है?
उत्तर-आश्रित जनसंख्या से आशय 15 वर्ष तक तथा 59 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों से है। भारत में उच्च आश्रित जनसंख्या है क्योंकि यहाँ बहुत बड़ी संख्या बच्चों (34-4 प्रतिशत) और वृद्ध जनसंख्या 6.9 प्रतिशत जो कि कार्यशील जनसंख्या 58-7% पर निर्भर है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-जनसंख्या घनत्व को प्रोत्साहित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
(1) भौतिक कारक, (2) सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक कारक।
(1) भौतिक कारक-भौतिक कारकों में धरातल, जलवायु, मिट्टी और खनिज आदि प्रमुख हैं। धरातल को बनावट जनसंख्या वितरण को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। गंगा-यमुना तथा समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहीं पर्वतीय प्रदेश अरुणाचल में सबसे कम जनसंख्या घनत्व है। जलवायु दशाएँ भी जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करती हैं। अनुकूल जलवायु मनुष्य के स्वास्थ्य व कार्यक्षमता पर अच्छा प्रभाव डालती है। पश्चिमी राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में विषम जलवायु के कारण कम जनसंख्या पायी जाती है। उपजाऊ मिट्टी कृषि के लिये उपयुक्त होती है इसलिये जनसंख्या का अधिक घनत्व नदियों के उपजाऊ मैदानों में होता है क्योंकि कृषि उपजें ही उनके जीवन-यापन व भरण-पोषण का मुख्य आधार होती हैं। खनिजों की उपलब्धता और इन पर आधारित औद्योगिक विकास ने छोटा नागपुर पठार खनिज क्षेत्र में जनसंख्या को आकर्षित किया है। इस प्रकार छोटा नागपुर के पठार पर जनसंख्या बहुत सघन है।
(2) सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक कारक-सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक कारक भी जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरणार्थ-सांस्कृतिक, सामाजिक,
ऐतिहासिक तथा राजनैतिक कारकों के कारण ही मुम्बई-पुणे के औद्योगिक क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि और घनत्व में तीव्रता से वृद्धि हुई है। प्राचीनकाल में मुम्बई महत्त्वहीन था परन्तु यूरोपियन लोगों के आवागमन के पश्चात् इसका महत्त्व दिनोंदिन बढ़ता गया। आज मुम्बई व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्र बन गया है। परिणामस्वरूप यहाँ जनसंख्या बढ़ती जा रही है।
प्रश्न 2. जनसंख्या वृद्धि की समस्याएँ लिखिए।
उत्तर-भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न प्रमुख समस्याएँ निम्न हैं-
(1) बेरोजगारी की समस्या-जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। सरकार जितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है, उससे अधिक नये लोग बेरोजगारी की लाइन में आ जाते हैं।
(2) प्रति व्यक्ति आय-जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने पर प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि धीमी हो जाती है। ऐसे में निवेश का बड़ा भाग जनसंख्या के भरण-पोषण में लग जाता है तथा आर्थिक विकास के लिये निवेश का एक छोटा-सा भाग ही बचता है।
(3) भूमि पर दबाव-हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप भूमि पर दबाव निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इससे भू-जोतों का आर्थिक विभाजन हुआ है तथा कृषि उत्पादकता में कमी आयी है।
(4) गरीबी-भारत में जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा दुष्परिणाम गरीबी के रूप में सामने आता है। विशाल जनसंख्या और उस पर सीमित संसाधनों के चलते बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे लोगों का जीवन-स्तर सुधारना अत्यन्त दुष्कर कार्य साबित हुआ है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-
(i) भारत में स्वास्थ्य,
(ii) भारत में किशोर जनसंख्या और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (2000)।
उत्तर-(i) भारत में स्वास्थ्य-स्वास्थ्य जनसंख्या की संरचना का एक महत्वपूर्ण घटक है जो कि विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। सरकारी कार्यक्रमों के निरन्तर प्रयास के द्वारा भारत की जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर में सुधार हुआ है। मृत्यु दर जो 1951 में (प्रति हजार) 25 थी, “2017 में घटकर प्रति हजार 6.3 रह गई। औसत आयु जो कि 1951 में 36-7 वर्ष थी, बढ़कर 2017 में 69.0 वर्ष हो गई। महत्वपूर्ण सुधार बहुत से कारकों; जैसे-जन स्वास्थ्य, संक्रामक बीमारियों से बचाव एवं रोगों के इलाज में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग के परिणामस्वरूप हुआ है। महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद भारत के लिए स्वास्थ्य का स्तर एक मुख्य चिंता का विषय है। प्रति व्यक्ति कैलोरी की खपत अनुशंसित स्तर से काफी कम है तथा हमारी जनसंख्या का एक बड़ा भाग कुपोषण से प्रभावित है। शुद्ध पीने का जल तथा मूल स्वास्थ्य रक्षा
सुविधाएँ ग्रामीण जनसंख्या के केवल एक-तिहाई लोगों को उपलब्ध हैं।
(ii) भारत में किशोर जनसंख्या- भारत की जनसंख्या का अत्यन्त महत्वपूर्ण लक्षण किशोर जनसंख्या का आकार है। यह हमारे देश की जनसंख्या का पाँचवाँ भाग है। किशोर प्रायः 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। यह भावी मानव संसाधन हैं। किशोरों के लिए पोषक तत्त्वों की आवश्यकताएँ बच्चों तथा वयस्को से अधिक होती हैं। कुपोषण से इनका स्वास्थ्य खराब तथा विकास अवरोधित हो सकता है। परन्तु भारत में किशोरों को प्राप्त भोजन में पोषक तत्व अपर्याप्त होते हैं। बहुत-सी किशोर बालिकाएँ रक्तहीनता से पीड़ित अपनी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए। रहती हैं। विकास की प्रक्रिया में उनकी समस्याओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। किशोर बालिकाओं को
किशोर और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (2000)-राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (2000) ने किशोर किशोरियों की पहचान जनसंख्या के उस प्रमुख भाग के रूप में की जिस पर अत्यन्त ध्यान देने की आवश्यकता है। इस नीति के अन्तर्गत ऐसे कार्यक्रम चलाए गए जिनका उद्देश्य देर से विवाह और देर से संतानोत्पत्ति को प्रोत्साहित करना, किशोर किशोरियों को असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कुप्रभावों के बारे में शिक्षित करना, गर्भ-निरोधक सेवाओं को पहुँच और खरीद के भीतर बनाना, खाद्य सम्पूरक और पोषणिक सेवाएँ उपलब्ध करवाना और बाल-विवाह को रोकने के कानूनों को मजबूत करना है। पौषणिक आवश्यकताओं के अतिरिक्त इस नीति में अवांछित गर्भधारण और यौन सम्बन्धों से प्रसारित बीमारियों से किशोर किशोरियों की संरक्षण जैसी अन्य
महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर भी जोर दिया गया है।
प्रश्न 4. व्यावसायिक संरचना एवं विकास के बीच क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर-जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना से आशय कुल जनसंख्या के उस अनुपात से है जिसमें जनसंख्या विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में लगी है। दूसरे शब्दों में, कुल जनसंख्या विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में किस अनुपात में लगी है इसी को जनसंख्या का व्यावसायिक वितरण कहते हैं। व्यवसायों को सामान्यतः
प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्रेणियों में बाँटा जाता है।
प्राथमिक क्षेत्र अन्तर्गत कृषि, पशुपालन, वृक्षारोपण एवं मछली पालन तथा खनन आदि क्रियाएँ शामिल हैं। द्वितीयक क्षेत्र में उत्पादन करने वाले उद्योग, भवन एवं निर्माण कार्य आते हैं। तृतीयक क्षेत्र में परिवहन, संचार, वाणिज्य, प्रशासन तथा सेवाएँ सम्मिलित हैं। यदि किसी देश की कुल जनसंख्या का एक बहुत बड़ा प्रतिशत कृषि पर निर्भर रहता है तो वह देश आर्थिक विकास की निम्न अवस्था में माना जाता है। इसके विपरीत यदि किसी देश में कृषि पर बहुत कम प्रतिशत निर्भर करता है तो वह देश विकसित माना जाता है। इसी प्रकार यदि कोई देश विकास की ओर अग्रसर होता है तो जनसंख्या का कृषि व अन्य प्राथमिक व्यवसायों पर प्रतिशत कम होता जाता है। किन्तु आर्थिक विकास के साथ-साथ दशाएँ बदलने लगती हैं। प्राथमिक क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने लगता है। श्रमिक निर्माण उद्योगों की ओर जाने लगते हैं क्योंकि विकास के साथ-साथ उनकी आय बढ़ती है। इससे
उद्योग-निर्मित वस्तुओं के लिए माँग भी तेजी से बढ़ती है, जिससे उद्योगों का विस्तार होकर वहाँ रोजगार के अवसर बढ़ जाते हैं। निर्माण क्षेत्र की प्रगति के साथ-साथ बैंकिंग, बीमा, परिवहन आदि क्षेत्रों का भी तेजी से विकास होने लगता है, फलस्वरूप इस क्षेत्र में संलग्न कार्यशील जनसंख्या का अनुपात बढ़ने लगता है।
प्रश्न 5. राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर-15 फरवरी, 2000 को नई ‘राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000’ की घोषणा की गई। इस नवीनतम संशोधित जनसंख्या नीति के अनुसार सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये जीवन में गुणात्मक सुधार किया जाना आवश्यक है, ताकि मानव शक्ति समाज के लिये उत्पादक पूँजी में परिवर्तित हो सके। इस नीति के
निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
(1) तात्कालिक उद्देश्य-गर्भ निरोधक उपायों के विस्तार हेतु स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढाँचे का विकास।
(2) मध्यकालीन उद्देश्य-सन् 2010 तक कुल प्रजनन दर को घटाना।
(3) दीर्घकालीन उद्देश्य-सन् 2015 तक स्थायी आर्थिक विकास हेतु स्थिर जनसंख्या के उद्देश्य को प्राप्त करना।
नई नीति में इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये निम्नलिखित सामाजिक जनांकिकी लक्ष्य भी घोषित किये गये हैं-
(1) बुनियादी प्रजनन तथा शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, आपूर्तियों तथा आधारभूत ढाँचे से सम्बन्धित अपूर्ण आवश्यकताओं पर ध्यान देना।
(2) 14 वर्ष तक की उम्र तक विद्यालय शिक्षा को निःशुल्क करना। प्रारम्भिक तथा माध्यमिक स्तर पर छात्र और छात्राओं के विद्यालय छोड़ने की दर में 20% तक की कमी लाना।
(3) शिशु मृत्यु दर को 100 से नीचे लाना (प्रत्येक । लाख जीवित जन्मों पर)।
(4) सार्वभौमिक टीकाकरण द्वारा गम्भीर बीमारियों की रोकथाम करना।
(5) कन्याओं का विवाह 20 वर्ष की उम्र के बाद करने के लिये प्रोत्साहित करना।
(6) सभी प्रसव संस्थाओं में प्रशिक्षित प्रसव नौं का शत-प्रतिशत होना।
(7) गर्भ निरोधक के व्यापक विकल्पों की जानकारी देना।
(8) जन्म, मृत्यु, विवाह तथा गर्भावस्था का शत-प्रतिशत पंजीकरण।
(9) एड्स की खतरनाक बीमारी को फैलने से रोकने के प्रयास करना तथा प्रजनन अंग संक्रमण (आर. टी. आई.) और यौन संचारी रोगों की रोकथाम करना।
(10) प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को घर-घर तक पहुँचाने के लिये भारतीय औषधि पद्धति को एकीकृत करना।
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