5. उत्साह/अट नहीं रही है MP Board हिन्दी क्षितिज Hindi Class-10 क्षितिज-हिंदी class 10 Hindi NCERT Madhya Pradesh Board Books Solutions पाठों के अभ्यास एवं अन्य परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न

5.उत्साह /अट नहीं रही है

पाठ -सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’


अभ्यास प्रश्न उत्साह

प्रश्न 1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों ?
उत्तर-कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि बादल के गर्जन से प्राणियों में फुहार, वर्षा आदि की आशा जाग जाती है तथा उनमें उत्साह भर जाता है।

प्रश्न 2. कविता का शीर्षक उत्साह’ क्यों रखा गया है ?
उत्तर-कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा गया है कि उत्साह, उमंग या जोश का पर्याय है। बादलों को उमड़ता तथा गर्जन करता हुआ देखकर प्राणियों में उत्साह भर जाता है।

प्रश्न 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर-कविता में बादल प्यासी धरती की प्यास बुझाने, नवीन अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव तथा क्रान्ति चेतना को सम्भव करने वाले अर्थों की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौन्दर्य कहलाता है। ‘उत्साह’ कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौन्दर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर-‘उत्साह’ कविता में नाद-सौन्दर्य वाले शब्द निम्न प्रकार हैं- (1) घेर घेर घोर गगन धाराधर ओ! ललित ललित, काले घुघराले, (2) विकल विकल, उन्मन थे उन्मन (3) आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अन्तर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौन्दर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।
उत्तर-चारुचंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बर तल में। पुलक-प्रकट करती है धरती हरित तृणों के झोकों से मानो झूम रहे हैं तरु भी मंद पवन के झोंकों से।

पाठेतर सक्रियता

1. बादलों पर अनेक कविताएँ हैं। कुछ संकलन करें और उनका चित्रांकन भी कीजिए।
उत्तर-कविताओं का संकलन और उनका चित्राकन विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है ? लिखिए।
उत्तर-कविता की निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है- कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो, उड़ने को नभ में तुम पर-पर कर देते हो, आँख हटाता हूँ तो हट नहीं रही है।

प्रश्न 2. कवि की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर-कवि की आँख फागुन की सुन्दरता से इसलिए नहीं हट रही है कि फागुन मास में बसंत का सौन्दर्य छा जाता है। इस ऋतु का प्राकृतिक सौन्दर्य अनुपम होता है। प्रकृति में चारों ओर सुन्दरता ही सुन्दरता दिखलाई देती है। अत: कवि का मन फागुन की सुन्दरता को देखने में लगा हुआ है।

प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है ?
उत्तर-प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन फागुन मास की अलौकिक शोभा के माध्यम से अनेक रूपों फूल खिलकर में किया है। इस मास में पेड़-पौधों पर रंग-बिरंगे सुगन्ध फैलाने लगते हैं। इस सुगन्ध से हमारा तन-मन पुलकित होने लगता है। पेड़ों पर हरे पत्ते एवं लालिमा लिए हुए नवीन कोपलें आने लगती हैं जिनकी शोभा निराली होती है। अत: चारों ओर प्रकृति की व्यापकता फैल जाती है।

प्रश्न 4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है ?
उत्तर-फागुन में बसंत ऋतु का आगमन होता है जिसे सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है। इस माह में पेड़-पौधों पर नए-नए फूल-पत्ते आने लगते हैं। हवा भी खुशबू लिए हुए शीतल मन्द रूप में चलती है। इस माह में न अधिक गर्मी होती है और न अधिक सर्दी होती है। ये सब बाकी ऋतुओं से भिन्न है।

प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं- (1) इन कविताओं में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। (2) भाषा समास युक्त एवं तत्सम तद्भव शब्दों से युक्त है। (3) पुनरुक्तिप्रकाश, मानवीकरण तथा अनुप्रास अलंकार की प्रधानता है। (4) सम्बोधन शैली का प्रयोग किया गया है। (5) पंक्तियों में लयात्मकता विद्यमान है। (6) भाषा सरल, सहज तथा प्रसंगानुकूल है। (7) फागुन मास तथा बादलों का प्राकृतिक चित्रण है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6. होली के आस-पास प्रकृति में परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर- होली के आस-पास प्रकृति में अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं; जैसे- (1) बसन्त त्रातु का मौसम छ जाने से पेड़ों के पुराने पत्ते गिरने लगते हैं तथा नवीन पल्लव विकसित होने लगते हैं। (C) चारों ओर का प्राकृतिक वातावरण सुहावना लगने (3) होली के आस-पास धूप अच्छी निकलने लगती है तथा पेड़ों पर फूल फल आने लगते हैं। (4) पशु पक्षी भी प्रसन्नता का भाव अनुभव करते हुए से पतीत होते हैं। (5) इस काल में दिन न तो अधिक बड़े होते हैं न अधिक लेटे। (0) आस मज्जरी से आम के बाग महकने लगते हैं।

पाठेतर सक्रियता

1. फागुन में गाए जाने वाले गीत जैसे होरी, फाग आदि गीतों के बारे में जानिए।
उत्तर-फागुन में होली तथा फाग जैसे गीतों को गाने की परम्परा वैदिक काल से ही चली आ रही है। वर्तमान में ब्रज में एक प्रसिद्ध होली गाई जाती है जो इस प्रकार है- आज बिरज में होरी रे रसिया। होरी रे रसिया बरजोरी रे रसिया। कौन के हाथ कनक पिचकारी। कौन के हाथ कमोरी रे रसिया।। कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी। राधा के हाथ कमोरी रे रसिया॥ अपने-अपने घर ते निकसी। कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया॥ उड़त गुलाल लाल भए बदरा। केसर रंग में घोरी रे रसिया॥ चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि। जुग जुग जीवो यह जोरी रे रसिया॥

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