7. गद्य की विविध विधाएँ for class 10th mp board ncert hindi

7. गद्य की विविध विधाएँ

प्रश्न 1. रीतिकाल के हिन्दी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-रीतिकाल हिन्दी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ इस प्रकार है- (1) शृंगारिकता-रीतिकालीन कविता में श्रृंगार के संयोग तथा वियोग वर्णन की प्रधानता है। इनमें भी संयोग शृंगार के चित्रण में इस युग के कवियों का मन अधिक रमा है। (2) चमत्कार प्रधानता-आश्रयदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस युग के कवियों ने चमत्कारपूर्ण काव्य की रचना को है। (3) लक्ष्य ग्रन्थों की रचना-इस काल में नायक-नायिका भेद, अलंकार-छन्द आदि की परिभाषा, उदाहरण आदि प्रस्तुत करते हुए लक्ष्य-ग्रन्थों की रचना की गयी है। (4) भक्ति-नीति प्रकृति का चित्रण-इस कविता में भक्ति भावना, नीतिपरक उपदेशों तथा प्रकृति के विविध रूपों का अंकन रीतिकालीन कविता में हुआ है। (5) वीर रस-रीतिकाल में यद्यपि शृंगार की प्रधानता रही फिर भी भूषण, लाल आदि के काव्य में वीर रस का श्रेष्ठ अंकन हुआ है। (6) कलात्मकता-रीतिकालीन काव्य में काव्य के कलापक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया। शब्द चयन, अलंकरण, उक्ति वैचित्र्य आदि के द्वारा कविता कामिनी को आकर्षक बनाया गया। प्रबन्ध की अपेक्षा मुक्तक शैली अधिक अपनायी गयी।

प्रश्न 2. रीतिकाल के चार कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए। उत्तर-रीतिकाल के चार कवि एवं उनकी कृतियाँ इस प्रकार हैं- कवि रचना (1) केशवदास रामचन्द्रिका, कविप्रिया (2) बिहारी बिहारी सतसई (3) पद्माकर गंगा लहरी, जगत विनोद (4) भूषण शिवा बावनी, छत्रसाल दशक। प्रश्न 3. रीतिकाल की देन पर संक्षेप में प्रकाश डालिए। उत्तर-रीतिकालीन कवियों ने शृंगार का हृदयस्पर्शी अंकन किया है। अनुभूति की गहनता, भाव प्रबलता, विषम विरह वेदना की जितनी सरस अभिव्यक्ति रीतिकाल में हुई है, उतनी अन्य किसी काल में नहीं हुई है। काव्य का कलापक्ष तो इस काल में धन्य हो उठा है। भाषा की लाक्षणिकता, अलंकारों का चमत्कार, छन्द की लयात्मकता, शैली का सौन्दर्य इस काल में अपने उत्कर्ष पर दिखाई देता है।

प्रश्न 4. आधुनिक काल को कितने युगों में विभाजित किया गया है ? उनके नाम तथा समय बताइए।
उत्तर-आधुनिक काल में हिन्दी गद्य साहित्य का विकास जिन सोपानों में हुआ उनका विभाजन इस प्रकार किया गया है- (1) भारतेन्दु युग-सन् 1843 से 1900 ई. तक। (2) द्विवेदी युग-सन् 1900 से 1920 ई. तक। (3) छायावाद-सन् 1920 से 1936 ई. तक। (4) प्रगतिवाद-सन् 1936 से 1942 ई. तक। (5) प्रयोगवाद एवं नई कविता-सन् 1942 से अब तक। प्रश्न 5. आधुनिक काल की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। उत्तर-स्वतन्त्रता आन्दोलन तथा राष्ट्र की प्रगति से प्रेरित आधुनिक काल की कविता में-(1) राष्ट्रीय चेतना, (2) जन कल्याण की भावना, (3) प्रेम एवं सौन्दर्य, (4) नारी के प्रति सहानुभूति, (5) बौद्धिकता, (6) खड़ी बोली प्रतिष्ठा, (7) प्रकृति प्रेम आदि अनेक विशेषताएँ विद्यमान हैं।

प्रश्न 6. भारतेन्दु युग का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-भारतेन्दु युग का समय सन् 1843 से 1900 तक माना गया है। यह प्राचीन कविता और नवीन कविता का सन्धि युग है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र इस युग के महत्त्वपूर्ण एवं प्रतिभा सम्पन्न कवि थे, जिनमें युग-प्रवर्तन और नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। इसीलिए उनके नाम पर इस काल का नामकरण किया गया। इस काल के साहित्यकार कवि की अपेक्षा समाज-सुधारक, प्रचारक और पत्रकार अधिक थे। उन्होंने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भारतीय समाज की कुरीतियों, धार्मिक मिथ्याओं, भ्रष्टाचारों, छल-कपट, अंग्रेजी शासन के शोषण इत्यादि सम्बन्धी काव्य-रचना की और समाज को उचित मार्ग दिखाया।

प्रश्न 7. भारतेन्दु युग की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। उत्तर-भारतेन्दु युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- (1) समाज में फैली कुरीतियों, आडम्बरों, अंग्रेजों के अत्याचारों आदि का चित्रण कर जन-जागरण करना। (2) भारत के प्राचीन गौरव तथा नवीन आवश्यकताओं का चित्रण, (3) देश-प्रेम तथा राष्ट्रीयता का उद्घोष, (4) प्रेम, सौन्दर्य और प्रकृति के विविध रूपों का अंकन, सरल, सरस एवं सुबोध भाषा में भावों की सहज अभिव्यक्ति। प्रश्न 8. द्विवेदी युग की प्रमुख उत्तर-द्विवेदी युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- (1) अशिक्षा, गरीबी, अनाचार, अत्याचार आदि से छुटकारा दिलाने की कामना, (2) देश-प्रेम एवं राष्ट्रीयता का सन्देश, (3) नारी के प्रति सहानुभूति की भावना, (4) समाज सुधार के प्रयास, (5) नैतिकता एवं आदर्शवाद की पुष्टि, (6) सत्यं, शिवम्, सुन्दरम् का विधान, (7) मनोरम प्रकृति चित्रण, (8) सरल, सुबोध एवं सरस खड़ी बोली में काव्य रचना।

प्रश्न 9. छायावाद के प्रमुख कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए। विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-छायावाद के प्रमुख कवि तथा उनकी प्रकार हैं- कवि (1) जयशंकर प्रसाद रचनाएँ प्रेम-पथिक, आदि। कानन कामायनी, आसू, लहर, करना, (2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ अपरा, कविश्री, आदि। सरोज अनामिका, गाातका, परिपल युगवाणी, ग्राम्या, आदि। (3) सुमित्रानन्दन पन्त’ वीणा, पल्लव, गुजन, युगान्त, लोकायतन नीरजा, (4) महादेवी वर्मा नीहार, रश्मि, दीपशिखा, संधिनी आदि।

प्रश्न 10. प्रमुख प्रगतिवादी कवि तथा उनकी रचना का नाम लिखिए- एक-एक
उत्तर-प्रमुख प्रगतिवादी कवि तथा उनकी एक-एक रचना इस प्रकार हैं- F कवि (1) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (2) सोहनलाल द्विवेदी (3) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (4) नागार्जुन (5) केदारनाथ अग्रवाल रचनाएँ हुँकार जय भारत जय विन्ध्य हिमालय प्यासी पथराई आँखें पंख और पतवार

प्रश्न 11. प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख विशेषताएं बताइए। उत्तर-प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-(1) साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित प्रगतिवादी काव्य में सामाजिक समता का उद्घोष हुआ है। (2) दीन-हीन एवं किसानों के प्रति सहानुभूति का भाव । (3) अशिक्षा, शोषण, नारी संत्रास आदि के प्रति जागरूकता का सन्देश। (4) शोषकों के प्रति घृण तथा शोषियों के प्रति संवेदनशीलता। (5) सरल, सुबोध भाषा में यथार्थ का अंकन।

प्रश्न 12. प्रयोगवाद और नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-प्रयोगवाद और नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-(1) प्रारम्भ में प्रयोगवादी कवियों में प्रयोग के प्रति आग्रह रहा और प्रयोगों के फलस्वरूप नई कविता का जन्म हुआ। (2) अतिवैयक्तिकता, अतिबौद्धिकता एव अतियथार्थवाद । (3) प्राचीन को नकार कर नवीनता का ग्रहण (4) कुण्ठाओं निराशाओं, यौन-भावनाओं आदि का खुला चित्रण (5) असमानताओं, विकृतियों, विसंगतियों का चित्रण। (0) अंग्रेजी, उर्दू आदि के शब्दों से युक्त मिश्रित भाषा तथा नवीन प्रतीक एवं उपमानों का प्रयोग।

प्रश्न 13. ‘नयी कविता’ के प्रमुख कवियों तथा उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-‘नयी कविता’ के प्रमुख कवि एवं उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- कवि रचनाएँ हरी घास पर क्षण भर, आँगन के द्वार पर (1) ‘अज्ञेय’ (2) भवानी प्रसाद मिश्र गीत फरोश, खुशबू के शिलालेख (3) गिरिजाकुमार ‘माथुर’ धूप के धान (4) धर्मवीर भारती कनुप्रिया, ठण्डा लोहा, सात गीत, वर्ष (5) जगदीश गुप्त शम्बूक, शबरी।

7 गद्य की विविध विधाएँ

प्रश्न 1. आधुनिक हिन्दी गद्य के विकास का काल-विभाजन कीजिए।
उत्तर-आधुनिक काल के आते-आते खड़ी बोली गद्य का सर्वांगीण विकास हुआ, जो इस प्रकार है- 1. भारतेन्दु युग (सन् 1843 से 1900 ई. तक)। 2.द्विवेदी युग (सन् 1900 से 1920 ई. तक)। 3.शुक्ल युग (सन् 1920 से 1936 ई. तक)। 4. शुक्लोत्तर युग (सन् 1936 से अब तक)।

प्रश्न 2. आधुनिक खड़ी बोली गद्य के प्रथम युग का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-आधुनिक खड़ी बोली गद्य का जन्म एवं विकास भारतेन्दु युग (सन् 1843-1900) में हुआ। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नेतृत्व में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, देवकीनन्दन खत्री आदि लेखकों ने धार्मिक, सामाजिक एवं राजनैतिक आदि विषयों पर निबन्ध, नाटक आदि की रचना कर हिन्दी गद्य साहित्य को पुष्ट किया।

प्रश्न 3. भारतेन्दु युग के प्रमुख गद्य लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, देवकीनन्दन खत्री, बालमुकुन्द गुप्त, लाला श्रीनिवासदास, किशोरीलाल गोस्वामी, बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’, बालकृष्ण भट्ट तथा प्रतापनारायण मिश्र आदि भारतेन्दु युग के प्रमुख गद्य लेखक हैं।

प्रश्न 4. भारतेन्दु को हिन्दी गद्य का जनक क्यों कहा गया है ? संक्षेप में बताइए। अथवा हिन्दी गद्य के विकास में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के योगदान का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर-भारतेन्दु जी से पूर्व में हिन्दी गद्य का व्यवस्थित लेखन नहीं मिलता है। विचारों को सुसम्बद्ध रूप में प्रस्तुत करने वाले गद्य का लेखन खड़ी बोली के माध्यम से भारतन्दु जाने हो । प्रारम्भ किया। इसीलिए उन्हें हिन्दी गद्य का जनक माना जाता है।

प्रश्न 5. द्विवेदी युग की गद्य की प्रमुख विशेषता लिखिए।
उत्तर-द्विवेदी युग हिन्दी गद्य के परिमार्जन का काल माना। जाता है। इस युग में भाषा का परिष्कार किया गया तथा विषय | को व्यवस्थित ढंग से प्रभावी शैली में प्रस्तुत करने पर बल दिया गया। नैतिकता, राष्ट्रीयता, समाज सुधार जैसे विषयों पर पर्याप्त गद्य लिखा गया।

प्रश्न 6. शुक्ल युग के गद्य की प्रमुख विशेषताओं का बताइए।
उत्तर-शुक्ल युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- (1) इस युग के निबन्ध विचार-प्रधान एवं सुव्यवस्थित हुए, (2) समीक्षात्मक दृष्टि में स्पष्टता तथा सन्तुलन की प्रधानता रही, (3) पाश्चात्य और भारतीय समीक्षा का समन्वित रूप ग्रहण किया, (4) साहित्य का लक्ष्य लोक मंगल माना गया और (5) विविध प्रकार के लेखन में सामाजिक तथा साहित्यिक परिष्कार हुआ। इसके अतिरिक्त इतिहास लेखन का श्रेष्ठ कार्य इसी युग में हुआ।

प्रश्न 7. रामचन्द्र शुक्ल की गद्य साहित्य को क्या देन है ? | संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-महान् प्रतिभा के धनी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने द्विवेदी | युग से ही लिखना प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने खड़ी-बोली गद्य में गम्भीर भावों का बीजारोपण किया। आपने भाषा-शैली के परिमार्जित रूप को अपनाया। निबन्ध, समीक्षा, इतिहास लेखन | के क्षेत्र में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने वह कार्य किया, जो आज भी लेखकों के लिए दिशा-निर्देश करने वाला बना हुआ है। मनोविकारों पर निबन्ध लिखकर आपने एक नवीन आयाम प्रदान का इतिहास’ आपकी बहुमूल्य कृतियाँ हैं। किया। ‘चिन्तामणि’ (भाग । व भाग 2) तथा ‘हिन्दी साहित्य

प्रश्न 8. शुक्लोत्तर युग का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-शुक्लोत्तर युग में हिन्दी गद्य की विभिन्न विधाओं का विकास हुआ। इसका समय सन् 1936 से आज तक है। इस निबन्ध, कहानी, उपन्यास आदि सभी के विषय यथार्थपरक हैं। के अधिकांश साहित्यकार मार्क्सवाद से प्रभावित हैं। नाटक, युग साल पर पश्चिमी साहित्य का प्रभाव भी रहा है। रामविलास शर्मा, नगेन्द्र, वृन्दावनलाल वर्मा, चतुरसेन शास्त्री, रांगेय राघव, भगवतीचरण वर्मा आदि इस युग के प्रतिभा सम्पन्न लेखक हैं।

प्रश्न 9. स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी गद्य का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-सन् 1947 से अब तक का समय स्वातन्त्र्योत्तर युग कहलाता है। 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत स्वतन्त्र हुआ। इसके साथ ही मातृभाषा हिन्दी को शासन, समाज सभी ने अपनाया। विज्ञान, शोध, इतिहास, कानून आदि विषयों में हिन्दी के प्रयोग एवं लेखन का सर्वांगीण विकास हुआ। रामधारीसिंह ‘दिनकर’, अमृतलाल नागर, विष्णु प्रभाकर, विद्यानिवास मिश्र, राजेन्द्र यादव आदि इस युग के प्रमुख लेखक हैं।

प्रश्न 10. नाटक किसे कहते हैं ? नाटक और एकांकी में क्या अन्तर है?
उत्तर-नाटक शब्द ‘नट’ से बना है जिसका अर्थ भावों का अभिनय है। इस प्रकार नाटक का सम्बन्ध रंगमंच से है। इसमें रंगमंच और अभिनय का ध्यान रखा जाता है। नाटक का कथानक कुछ अंगों और दृश्यों से विभाजित होता है। नाटक का लघु आकार एकांकी है। इसमें मात्र एक अंक में कथावस्तु प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकार नाटक में जीवन का वृहद् चित्रण होता है और एकांकी में एक अंश चित्रित किया जाता है।

प्रश्न 11. एकांकी किसे कहते हैं ? हिन्दी के दो प्रमुख एकांकीकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। ये आकार में छोटे होते हैं तथा लगभग आधे घण्टे में समाप्त हो जाते हैं। इसमें जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। आधुनिक युग में एकांकी पर्याप्त मात्रा में लिखे गये हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा जा सकते हैं। तथा उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ के नाम प्रमुख दो एकांकीकारों में गिनाये

प्रश्न 12. रेखाचित्र और संस्मरण में क्या अन्तर है?
उत्तर-इनमें लेखक से प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित किसी प्राचीन घटना, व्यक्ति अथवा वस्तु का स्मृति के आधार पर कलात्मक चित्रांकन किया जाता है। संस्मरण एवं रेखाचित्र निकट होते हुए भी दो अलग-अलग गद्य रूप हैं। संस्मरण में किसी महान् व्यक्ति के प्रत्यक्ष संसर्ग के यथार्थ के सहारे अंकित किया जाता है, जबकि रेखाचित्र में किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना का चित्रात्मक प्रस्तुतीकरण होता है। महादेवी वर्मा, रामवृक्ष बेनीपुरी, श्रीराम शर्मा, बनारसीदास चतुर्वेदी, वियोगी हरि, हरिभाऊ उपाध्याय, कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’, श्रीनारायण चतुर्वेदी आदि ने इन विधाओं में पर्याप्त लिखा है।

प्रश्न 13. गद्य काव्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-किसी अनुभूति का कलात्मक लय से गद्य में प्रस्तुत किया जाना गद्य काव्य है। गद्य काव्य को प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-भावात्मक-भावना की गहनता ही इस रचना का स्रोत है। अनुभूति की प्रबलता से प्रेरित लेखक ही सफल गद्य काव्यकार हो सकते हैं। प्रवाहपूर्णता-गद्य काव्य में कविता की सी प्रवाहपूर्णता अपेक्षित है, यह प्रवाहात्मकता भाव तथा भाषा दोनों में ही होती है। लयात्मकता-गद्य युक्त होती है। सघनता-इसमें लेखक की तन्मयता तथा भाव सघनता के सर्वत्र दर्शन होते हैं। इसके अतिरिक्त गद्य-काव्य में व्यक्त अनुभूति विचारों से युक्त होती है।

प्रश्न 14. ‘आत्मकथा’ और ‘जीवनी’ विधा में तीन अन्तर बताइए।
उत्तर-‘आत्मकथा’ और ‘जीवनी’ में तीन अन्तर इस प्रकार हैं-(1) आत्मकथा’ में लेखक अपने ही जीवन-वृत्त को स्वयं लिखता है, जबकि ‘जीवनी’ में लेखक किसी अन्य के जीवन-वृत्त को प्रस्तुत करता है। (2) ‘आत्मकथा’ में अनुभूति की गहराई होती है, जबकि ‘जीवनी’ में विवरण और तथ्यों पर ध्यान रहता है। (3) आत्मकथा’ कथात्मक शैली में लिखी जाती है, जबकि ‘जीवनी’ वर्णनात्मक शैली में लिखी जाती है।

 

महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थान पूर्ति
1. लय, ताल, छन्द आदि से मुक्त रचना…………कहलाती है।
2. एक अंक वाली रचना ………….कहलाती है।
3. हिन्दी का प्रथम उपन्यास……….माना गया है।
4. ………… में लेखक अपने ही जीवन-वृत्त को प्रस्तु करता है।
5. ………… में स्वयं से जुड़े व्यक्ति, घटना आदि का
स्मृतिपरक सत्य कथन होता है।
उत्तर-1. गद्य, 2. एकांकी, 3. परीक्षा गुरु, 4. आत्मकथा,
5. संस्मरण।
सही विकल्प चुनिए
1. गद्य का प्रारम्भ किस रूप में हुआ?
(क) लिखित रूप में
(ख) बोल-चाल के रूप में
(ग) कविता के रूप में
(घ) इनमें से किसी रूप में नहीं।
2. खड़ी बोली गद्य में बहुमुखी लेखन प्रारम्भ हुआ-
(क) द्विवेदी युग से (ख) छायावाद से
(ग) भारतेन्दु युग से (घ) स्वतन्त्रता के पश्चात्।
3. भारतेन्दु युग के निबन्धकार हैं-
(क) प्रतापनारायण मिश्र (ख) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(ग) विद्यानिवास मिश्र
(घ) रामचन्द्र शुक्ल।
4. प्रसिद्ध संस्मरण लेखक हैं-
(क) महादेवी वर्मा
(ख) शान्तिप्रिय द्विवेदी
(ग) लक्ष्मीनारायण मिश्र
(घ) गुलाबराय।
5. ‘सरस्वती’ के विख्यात सम्पादक का नाम है-
(क) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(ख) महावीरप्रसाद द्विवेदी
(ग) किशोरीलाल गोस्वामी
(घ) महादेवी वर्मा।
उत्तर-1. (ख),2. (ग), 3. (क),4.(क),5. (ख)।

सत्य/असत्य
1. प्रेमचन्द उपन्यास सम्राट माने जाते हैं।
2. हजारीप्रसाद द्विवेदी, द्विवेदी युग के लेखक हैं।
3. यदि गद्य कवियों की कसौटी है तो निबन्ध गद्य की
कसौटी है।
4. रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार हैं।
5. वियोगी हरि हिन्दी के प्रसिद्ध गद्य गीतकार हैं।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. असत्य,
5. सत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. भारतेन्दु युग का प्रारम्भ किस वर्ष में हुआ?
उत्तर- सन् 1943 ई. में।
2. हजारीप्रसाद द्विवेदी किस युग के लेखक हैं?
उत्तर-छायावाद।
3. हिन्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा कौन-सी है?
उत्तर-कहानी।
4. सरदार पूर्णसिंह ने किस प्रकार के निबन्ध लिखे
हैं?
उत्तर-भावात्मक।
5. हिन्दी की प्रथम कहानी कौन-सी मानी गई है?
उत्तर-इन्दुमती।

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