8. भाषा-बोध for class 10th mp board ncert hindi

8. भाषा-बोध

1.सन्धि
दो वर्णों के मेल को सन्धि कहते हैं। जैसे-विद्या+आलय
-विद्यालय, रमा+ईश = रमेश आदि।
सन्धि के भेद-सन्धि तीन प्रकार की होती हैं-(1) स्वर
सन्धि, (2) व्यंजन सन्धि, (3) विसर्ग सन्धि।
(1) स्वर सन्धि
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल में जो विकार होता है, वह
स्वर सन्धि कहलाता है। जैसे-पुस्तक + आलय = पुस्तकालय,
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी। स्वर सन्धि के पाँच प्रकार होते हैं-
(अ) दीर्घ सन्धि-हस्व या दीर्घ अ, इ, उ, ऋ के बाद
हस्व या दीर्घ समान स्वर आये तो दोनों के मेल से दीर्घ स्वर हो
जाता है।
जैसे-हत + आश = हताश, कवि + ईश = कवीश, भानु
+ उदय = भानूदय आदि।
(आ) गुण सन्धि-अ या आ के बाद इ या ई आये तो दोनों
के स्थान पर ए हो जाता है। अ या आ के बाद उ या ऊ आये तो
ओ हो जाता है और अ या आ के बाद ऋआये तो अर हो जाता है।
जैसे-देव + ईश = देवेश, वीर + उचित = वीरोचित, महा
+ऋषि = महर्षि।
(इ) वृद्धि सन्धि-यदि अ या आ के बाद ए या ऐ हो तो
दोनों के स्थान पर ऐ हो जाते हैं और अ या आ के बाद ओ या औ
हो तो दोनों मिलकर औ हो जाते हैं। जैसे-सदा + एव = सदैव,
महा + औषध = महौषध।
(ई) यण सन्धि-यदि हस्व या दीर्घ इ, उ, ऋ के बाद कोई
असमान स्वर आये तो इ का य, उ का व् एवं ऋ का र् हो जाता
आदेश – पित्रादेश।
है। जैसे-प्रति+एक = प्रत्यक, सु+आगत = स्वागत, पित्र+
(3) अयादि सन्धि-यदि ए, ऐ, ओ, औ के बाद कोई स्वर
आये तो एका अय्, ऐ का आय, ओ का अव् और औ का आव्
हो जाता है। जैसे-ने+अन% नयन, न+अक= नायक, पो+
अन – पवन, पौ+ अक = पावक।
(2) व्यंजन सन्धि
व्यंजन वर्ण के बाद व्यजन या स्वर वर्ण के आने पर जो
परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं। जैसे-जगत + ईश
= जगदीश, जगत + नाथ = जगन्नाथ।
(3) विसर्ग सन्धि
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मिलने से जो परिवर्तन
होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं। जैसे-नि: + आशा –
निराशा, मनः + ताप – मनस्ताप।
विग्रह-शब्द के वर्गों को अलग-अलग करना विग्रह या
विच्छेद कहलाता है। जैसे-रमेश = रमा + ईश, वस्त्रालय =
वस्त्र+आलय।
प्रश्नोत्तर
गुण सन्धि
गुण सन्धि
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कीजिए
तथा सन्धि का नाम लिखिए-
रामावतार, परोपकार, विद्यालय, रमेश, धनादेश, गायक।
उत्तर-शब्द
विच्छेद
सन्धिका नाम
रामावतार राम+अवतार दीर्घ सन्धि
परोपकार पर+उपकार
विद्यालय विद्या + आलय दीर्घ सन्धि
रमेश
रमा + ईश
धनादेश धन + आदेश
दीर्घ सन्धि
गायक
गै+अक
अयादि सन्धि
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करते
हुए
सन्धि का नाम बताइए-
मनोरथ, उच्चारण, सदाचार, शिवालय, महोत्सव।
उत्तर-शब्द विच्छेद
सन्धि का नाम
मनोरथ मनः + रथ
विसर्ग सन्धि
उच्चारण उत् + चारण
व्यंजन सन्धि
सदाचार सत् + आचार व्यंजन सन्धि
शिवालय शिव+ आलय दीर्घ सन्धि
महोत्सव महा+उत्सव
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं दो शब्दों की
सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए-
तथैव, अत्यन्त, जगन्नाथ, नरेश।
गुण सन्धि
सन्धि का नाम
सन्धि का नाम
दीर्घ सन्धि
विसर्ग सन्धि
उत्तर-शब्द
सन्धि-विच्छेद
तथैव
तथा + एव
वृद्धि सन्धि
अत्यन्त
अति + अन्त
यण सन्धि
जगन्नाथ
जगत+नाथ व्यंजन सन्धि
नरेश नर + ईश
गुण सन्धि
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों की
सन्धि विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए-
हिमालय, परमार्थ, मनोरम, निस्सार।
उत्तर-शब्द
सन्धि-विच्छेद
हिमालय हिम+ आलय दीर्घ सन्धि
परमार्थ परम + अर्थ
मनोरम
मनः+ रम
निस्सार निः + सार
विसर्ग सन्धि
2.समास
दो या दो से अधिक पदों के योग से बने शब्द को समास
कहते हैं। समास छ: प्रकार के होते हैं-
(1) अव्ययीभाव समास-जिस समास में प्रथम पद अव्यय
हो तथा वह पद ही प्रधान हो, वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे-प्रतिदिन-प्रत्येक दिन, यथाशक्ति-शक्ति के
अनुसार, आजीवन-जीवनपर्यन्त या जीवनभर।
(2) तत्पुरुष समास-जिस समास में उत्तर पद प्रधान होता
है तथा पूर्व पद के कारक (विभक्ति) का लोप करके दोनों पदों
को मिला दिया जाता है, वहाँ तत्पुरुष समास होता है।
जैसे-मन्त्रीपुत्र-मन्त्री का पुत्र, समुद्रयात्रा-समुद्र की
यात्रा, विद्यालय-विद्या का आलय, व्यायामशाला-व्यायाम
की शाला, पर्वतमाला-पर्वतों की माला, दुर्गपति-दुर्ग का
पति।
विभक्तियों के भेद के आधार पर इसके कर्म तत्पुरुष,
करण तत्पुरुष, सम्प्रदान तत्पुरुष, अपादान तत्पुरुष, सम्बन्ध
तत्पुरुष तथा अधिकरण तत्पुरुष छ: प्रकार के होते हैं।
(3) कर्मधारय समास-विशेषण और विशेष्य अथवा
उपमान और उपमेय के मिलने पर कर्मधारय समास होता है।
जैसे-श्वेताम्बर-श्वेत है जो अम्बर, मधुरस-मधुर रस,
घनश्याम-घन के समान श्याम ।
(4) द्वन्द्व समास-इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं,
परन्तु उसके संयोजक शब्द ‘और’ का लोप रहता है।
जैसे-आदान-प्रदान-आदान और प्रदान, भाई-बहिन-
भाई और बहिन, राम-कृष्ण-राम और कृष्ण, शत्रु-मित्र-शत्रु
और मित्र, पिता-पुत्र-पिता और पुत्र ।
(5) द्विगु समास-जिस समास में पूर्व पद संख्यावाचक हो
वह द्विगु समास कहलाता है।
जैसे-सप्तद्वीप-सात द्वीपों का समूह, त्रिभुवन-तीन
भुवनों का समूह, अष्टकोण-आठ कोण, षडानन-षट् मुख।
(6) बहुब्रीहि समास-जिस समास में पूर्व एवं उत्तर पद
के अतिरिक्त कोई अन्य पद प्रधान होता है, उसे बहुब्रीहि समास
कहते हैं।
जैसे-पंचानन-पाँच मुख वाला = शिव, लम्बोदर-लम्बा
है उदर जिसका = गणेश।

3. वाक्य के प्रकार
अव्ययीभाव
वाक्य कहते हैं। अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते
शब्दों का वह समूह जिसका कछ अर्थ निकलता हो, उसे
(1) विधानार्थ वाक्य-साधारणत: जिस वाक्य में किसी
बात का उल्लेख किया जाए, वह विधानार्थक वाक्य कहलाता है।
जैसे-श्याम नित्यप्रति घूमने जाता है।
(2) निषेधात्मक वाक्य-जिन वाक्यों में ना या निषेध का
भाव हो, वे निषेधात्मक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-राम आज पढ़ने
नहीं आयेगा।
(3) प्रश्नवाचक वाक्य-जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए,
वे प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-क्या आप मेला देखने
जायेंगे?
(4) आज्ञार्थक वाक्य-जिन वाक्यों आज्ञा देने का
भाव पाया जाता है, वे आज्ञार्थक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-तुम
विद्यालय जाओ।
(5) उपदेशात्मक वाक्य-उपदेश या परामर्श देने वाले
वाक्य उपदेशात्मक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-गुरु की आज्ञा का
पालन करना चाहिए।
(6) इच्छासूचक वाक्य-इच्छा, आशीष या निवेदन प्रकट
करने वाले वाक्य इच्छासूचक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-ईश्वर
करे, तुम्हारी नौकरी लग जाये।
(7) विस्मयादि बोधक वाक्य-हर्ष, शोक, दर्द, भय,
क्रोध, घृणा आदि प्रकट करने वाले वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य
कहलाते हैं। जैसे-आह! कितना भयानक दृश्य है।
(8) सन्देहसूचक वाक्य-सन्देह या सम्भावना प्रकट करने
वाले वाक्य सन्देहसूचक वाक्य कहलाते हैं। जैसे-सम्भवत: वह
लौट नहीं पायेगा।

4. वाक्य परिवर्तन

एक प्रकार के वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में बदलना
वाक्य परिवर्तन कहलाता है। वाक्य परिवर्तन में अर्थ या भाव का
ध्यान रखना आवश्यक होता है।
विधानार्थ वाक्य से निषेधवाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थ वाक्य
निषेधवाचक वाक्य
1. राम घर में सबसे बड़ा है। घर में राम से बड़ा कोई
नहीं है।
2. ताज सबसे सुन्दर इमारत है। ताज से सुन्दर इमारत
कोई नहीं है।
3. रहीम निर्धन है।
रहीम धनवान नहीं है।
विधानार्थक वाक्य से प्रश्नवाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य
1. श्याम मेरा भाई है। क्या श्याम मेरा भाई नहीं है ?
2. विवेक धनवान है। क्या विवेक धनवान नहीं है ?
3. चिन्मय सो रहा है। क्या चिन्मय सो नहीं रहा है?
विधानार्थक वाक्य से आज्ञावाचक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य आज्ञावाचक वाक्य
1. पिता का आदर करते हैं। पिता का आदर करो।
2. विभोर दूध पीता है। विभोर, दूध पिओ।
3. सुभाष समाज की सेवा सुभाष,समाजकी सेवा करो।
करता है।
विधानार्थक वाक्य से उपदेशात्मक वाक्य में परिवर्तन
विधानार्थक वाक्य
उपदेशात्मक वाक्य
1. राजीव खाना खाता है। राजीव को खाना खाना
चाहिए।
2. मोहन पानी पीता है।
मोहन को पानी पीना चाहिए।
3. सिद्धार्थ सोता है। सिद्धार्थ को सोना चाहिए।

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