CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 1 पद्य साहित्य का विकास Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 1 पद्य साहित्य का विकास Pariksha Adhyayan Hindi 9th

clASS 9TH परीक्षा अध्ययन CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT Pariksha Adhyayan Hindi 9th

अध्याय 1
पद्य साहित्य का विकास
प्रश्न 1. हिन्दी पा साहित्य को कितने कालों में विभाजित किया गया है ? इस काल-विभाजन की समय-सीमा भी निर्धारित कीजिए।
उत्तर-आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के विकास क्रम को संवत् 1050 वि. से शुरू हुआ माना है। आचार्य शुक्ल का यह मत ही प्रामाणिक माना गया है। इस साहित्यिक विकास क्रम को निम्नलिखित चार कालों में विभाजित हुआ माना गया है-
काल-विभाजन
(1) आदिकाल या वीरगाथा काल – सन् 993 ई. से सन् 1318 ई. तक।
(2) भक्तिकाल (पूर्व मध्यकाल)- सन् 1318 ई. से सन् 1643 ई. तक।
(3),रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल)-सन् 1643 ई. से सन् 1843 ई. तक।
(4) आधुनिक काल-सन् 1843 ई. से निरन्तर।

प्रश्न 2. वीरगाथा काल (आदिकाल) की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
अथवा
आदिकाल की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-आदिकाल या वीरगाथा काल की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार है-
(1) आश्रयदाताओं की प्रशंसा।
(2) वीर रस का प्राधान्य।
(3) श्रृंगार रस का भी व्यापक चित्रण।
(4) कल्पना की प्रचुरता।
(5) प्रबन्ध एवं मुक्तक काव्यों की रचना।
(6) रासो ग्रन्थ लिखने की परम्परा।
(7) आल्हा एवं वीर-छन्द का प्रयोग।

प्रश्न 3. आदिकाल को वीरगाथा काल क्यों कहा जाता है ? इस काल के दो कवियों के नाम लिखिए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम बताइए।
उत्तर-हिन्दी साहित्य के आदिकाल में जो काव्य ग्रन्थ प्राप्त होते हैं, वे प्राय: वीरगाथा से सम्बन्ध रखते हैं, इसलिए आदिकाल को ‘वीरगाथा काल’ नाम दिया गया है। आदिकाल के प्रमुख दो कवि एवं उनकी रचनाएँ हैं-चन्दबरदायी (पृथ्वीराज रासो), जगनिक (आल्हाखण्ड)।

प्रश्न 4. वीरगाथा काल (आदिकाल) के चार प्रमुख कवियों के नाम एवं उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर-प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ-
(1) चन्दबरदायी (पृथ्वीराज रासो)
(2) नल्ल सिंह (विजयपाल रासो)
(3) जगनिक (परमाल रासो)
(4) शारंगधर (हमीर रासो)
(5) दलपति विजय (खुमान रासो)।

प्रश्न 5. वीरगाथा काल की दो विशेषताएँ, दो कवि और उनकी एक-एक रचना लिखिए।
उत्तर-प्रश्न 2 व प्रश्न 4 के उत्तर पढ़िए।

प्रश्न 6. भक्तिकाल की काव्यधाराओं विभाजन करते हुए एक-एक कवि का नाम लिखिए।
उत्तर-भक्तिकाल का काव्य चार धाराओं में विभाजित है। इन धाराओं के एक-एक कवि इस प्रकार हैं-
(1) ज्ञानमार्गी काव्यधारा-कबीरदास,
(2) प्रेममार्गी काव्यधारा-जायसी,
(3) कृष्णभक्ति काव्यधारा-सूरदास,
(4) रामभक्ति काव्यधारा-तुलसीदास।

प्रश्न 7. भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा
का
अथवा
भक्तिकाल की चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) भक्ति-भावना की प्रधानता।
2) किसी भी राजा के दरबार में आश्रय प्राप्त न करना।
(3) काव्य राजन का उद्देश्य केवल स्वान्तः सुखाय ही था।
(4) धर्म, जाति, साहित्यिक विधाओं एवं काव्य स्वरूप में समन्वय की
(5) काव्य सौन्दर्य के कला एवं भावपक्ष दोनों का सफलतापूर्वक
(5) आदर्श प्रधान यथार्थता से जोड़ना।
(7) कवि द्वारा अपने इष्ट के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव की अभिव्यक्ति।
8. कृष्णभक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-
(1) कृष्ण को ईश्वर का अवतार माना गया।
(2) उनकी पूजा पर विशेष बल दिया।
(3) कृष्ण के लोकरंजक स्वरूप का चिन्तन व वर्णन किया जाना। (4) सखाभाव की भक्ति की अवधारणा ।
(5) ज्ञान से बढ़कर प्रेम को अधिक महत्व दिया जाना ।
(6) मुक्तक शैली के गेय पदों की रचना।
(7) प्राय: कृष्णभक्ति काव्य की रचना ब्रजभाषा तथा कृष्ण की बाल-लीलाओं के वर्णन की प्रधानता।

प्रश्न 9. भक्तिकाल के काव्य की दो विशेषताएँ लिखकर दो कवियों के नाम लिखिए।
भक्तिकाल के दो कवियों के नाम, दो-दो रचनाएँ लिखकर इस काल की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-(1) भक्तिकाल के कवियों ने साकार एवं निराकार ब्रह्म की उपासना से सम्बन्धित कविताएँ लिखीं।
(2) इस काल की दो कविताओं में समाज को आध्यात्मिकता और सदाचार की प्रेरणा दी गई।
इस काल के दो प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ हैं-तुलसीदास (रामचरितमानस, विनयपत्रिका) तथा मीराबाई (राग गोविन्द, राग सोरठा के पद)।

प्रश्न 10. भक्तिकाल के चार कवियों के नाम लिखिए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम
बताइए।
उत्तर- भक्तिकाल में अनेक कवि हुए हैं जिनमें से चार प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं-

सूरदास – सूरसागर
कबीरदास -बीजक
तुलसीदास – रामचरितमानस
मलिक मोहम्मद जायसी – पद्मावत

प्रश्न 11. भक्तिकाल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग क्यों कहते हैं ?
उत्तर-भक्तिकाल में समाज के कल्याण के लिए साहित्य रचना हुई। कबीर, जायसी, सूर, तुलसी आदि
सभी कवियों ने लोकमंगलकारी साहित्य लिखा। इसीलिए उस काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग कहते हैं।

प्रश्न 12. आदिकाल को किन-किन नामों से पुकारा जाता है ?
उत्तर-आदिकाल को वीरगाथा काल, चारणकाल, अपभ्रंश काल आदि नामों से पुकारा जाता है।

प्रश्न 13. निर्गुण भक्ति की दो धाराओं के नाम तथा दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर-निर्गुण भक्ति की दो धाराएँ हैं-(1) ज्ञानमार्गी, तथा (2) प्रेममार्गी। कवि कबीरदास एवं जायसी हैं।

प्रश्न 14. सगुण भक्ति की दो धाराओं के नाम लिखिए तथा उनके एक-एक कवि का नाम लिखिए।
उत्तर-सगुण भक्ति की दो धाराएँ हैं-(1) रामभक्ति (कवि-तुलसीदास), (2) कृष्णभक्ति (कवि- सूरदास)।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. भाषा के प्रवाह में उतार-चढ़ाव तथा विराम के योग से ……….की उत्पत्ति होती है। (लय/ताल)
2. आदिकाल में ……….” रस की प्रधानता रही है। (क्रोध/वीर)
3. भाषा की चित्रात्मकता से …………..अभिव्यक्ति होती है। (भाव की/आलंकारिकता की)

4. काव्य में विशेष अर्थ की अभिव्यंजना ……… सम्भव है। (शब्द-योजना से अलंकार प्रयोग से)
5. शब्द और अर्थ …………..” होता है। (काव्य का शरीर/काव्य की आत्मा)

उत्तर-1. लय, 2. वीर, 3. भाव की, 4. शब्द-योजना से, 5, काव्य का शरीर।

• सही विकल्प चुनिए

1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के विकास क्रम को शुरू हुआ माना है-
(क) संवत् 940 वि. से,
(ख) संवत् 1150 वि. से,
(ग) संवत् 1050 वि. से,
(घ) संवत् 1260 वि. से।

2. वीरगाथा काल की समय-सीमा निर्धारित की गई है-
(क) सन् 993 ई. से सन् 1318 ई. तक,
(ख) सन् 1050 ई. से सन् 1210 ई. तक,
(ग) सन् 715 ई. से सन् 1310 ई. तक,
(घ) सन् 810 ई.से सन् 1250 ई. तक।

3. रीतिकाल की समय-सीमा निर्धारित की गई है-
(क) सन् 1643 ई. से सन् 1843 ई. तक,
(ख) सन् 1540 ई. से सन् 1750 ई. तक,
(ग) सन् 1610 ई. से सन् 1840 ई. तक,
(घ) सन् 1460 ई. से सन् 1560 ई. तक।

4. कविता का सम्बन्ध होता है-
गररांगांजा
(क) बुद्धि से, (ख) हृदय से, (ग) मौन से, (घ) पाठक से।

उत्तर-1. (ग), 2. (क),3. (क), 4. (ख)।

• सही जोड़ी मिलाइए

(1) कविता में लय, तुक तथा गति देता है -(क) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का

(ii) काव्य में विशेष अर्थ सम्भव होता है – (ख) हृदय से
(iii) भाषा की चित्रात्मकता से भाव की अभिव्यक्ति होती है – (ग) अभिव्यंजना से
(iv) कविता का सम्बन्ध होता है – (घ) काव्य में
(v) पद्य-साहित्य का काल विभाजन प्रामाणिक माना गया है – (ङ) छन्द
उत्तर-(i)→ (ङ), (ii)→ (ग), (iii)→ (घ), (iv)→ (ख), (v)→ (क)।

. सत्य/असत्य
1. लय की उत्पत्ति होती है भाषा के प्रवाह में उतार-चढ़ाव से।
2. ‘कामायनी’ के रचयिता तुलसीदास हैं।
3. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को बाधित करता है।
4. रसपूर्ण वाक्य काव्य नहीं सकता।
5. प्रत्येक छन्द में मात्राओं और वर्णों का क्रम निश्चित होता है।
6. मीराबाई रीतिकाल की कवयित्री हैं।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, असत्य, 5. सत्य, 6, असत्य।

• एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. मात्राओं और वर्णों का क्रम किसमें निश्चित होता है?
उत्तर-छन्द में।
2. काव्य में विशेष अर्थ की अभिव्यंजना किससे सम्भव है ?
उत्तर-शब्द-योजना से।
3. भाव की अभिव्यक्ति किससे होती है ?
उत्तर-भाषा की चित्रात्मकता से।
4. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग किसको बाधित करता है ?
उत्तर-काव्य के सौन्दर्य को।

5. रसपूर्ण वाक्य को क्या कहते हैं?
उत्तर-काव्य।
6. मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित महाकाव्य का नाम लिखिए।
उत्तर-साकेत।
7. भक्तिकाल की रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि कौन हैं ?
उत्तर-तुलसीदास।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*