CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 7 गद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्त Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 7 गद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्त Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI  MP BOARD NCERT अध्याय 7 गद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्त Pariksha Adhyayan Hindi 9th

अध्याय 7
गद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्त

1. दो बैलों की कथा
प्रश्न 1. कांजीहौस में पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर-कांजोहौस में पशुओं की सही संख्या की जानकारी के लिए हाजिरी ली जाती होगी।

प्रश्न 2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ?
उत्तर-सौतेली माँ के मारने से दुखी बच्ची ने जब बैलों पर अत्याचार देखा तो उनके प्रति उसके हृदय में प्रेम उमड़ आया।

प्रश्न 3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं ?
उत्तर-कहानी में बैलों के माध्यम से कई नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं-
(1) भाईचारे का महत्व उभरा है।
(2) संकट में मित्र ही साथ देता है।
(3) नारी के प्रति सम्मान के भाव का संदेश दिया गया है।
(4) गिरे हुए शत्रु पर वार नहीं करना चाहिए।
(5) यदि विरोधी अपना धर्म त्याग दे, तो भी हमें अपने धर्म पर अटल रहना चाहिए।
(6) स्वतन्त्र रहने के लिए चौकसी अति आवश्यक है।

प्रश्न 4. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर-हीरा और मोती आमने-सामने या पास-पास बैठकर मूक भाषा में विचारों का आदान-प्रदान करते थे। एक चारा खाता था तो दूसरा भी खाने लगता, एक खाना बन्द करने पर दूसरा भी बन्द कर देता। हल या गाड़ी में चलते समय हर एक चाहता कि उस पर ज्यादा वजन आए। दोनों साथ रहते, गया के यहाँ से भागे,
दोनों ने सांड़ को घायल किया। काँजीहौस में पशुओं को दोनों ने बचाया। इस तरह अनेक घटनाएँ हैं जिनसे हीरा-मोती की गहरी दोस्ती का पता चलता है।

प्रश्न 5. “लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।” हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-इस कथन में नारी की इज्जत का मान है। प्रेमचंद स्त्री के सम्मान के समर्थक थे। वे मानते थे कि असहाय नारी पर हाथ नहीं उठाना चाहिए उसका आदर, सम्मान करना चाहिए।

प्रश्न 6. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी सम्बन्धों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया है?
उत्तर-किसान और पशुओं का बहुत निकट का सम्बन्ध होता है। बैल खेती के सभी कार्य करते हैं। गाय, भैंस, दूध, दही, घी देती हैं। ये पशु उन्हें अपने परिवारी जैसे लगते हैं। ‘दो बैलों की कथा’ में हीरा-मोती के माध्यम से ये सम्बन्ध स्पष्ट व्यक्त हैं।

प्रश्न 7.”इतना तो हो ही गया कि नौ-दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगे।” मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-मोती बहुत बहादुर और हिम्मत वाला है किन्तु हीरा की बात मानकर वह शान्त भी हो जाता है। उसे निरादार या गलत व्यवहार सहन नहीं है। अन्याय का विरोध करने से वह नहीं घबराता है। मोती सच्चा मित्र है इसीलिए हीरा के साथ हर संकट में जूझता है। कांजीहौस में खुला होने पर भी वह उसे छोड़कर नहीं भागता है। मोती में परोपकार की भावना है इसीलिए कांजीहीस के नौ-दस प्राणियों की जान बचाकर वह सन्तुष्ट होता
है। इस तरह मोती में अनेक विशेषताएं हैं।

प्रश्न 8. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
उत्तर- ‘दो बैलों को कथा’ कहानी में आए हीरा और मोती भावात्मक रूप से बहुत निकट थे। वे एक-दूसरे के मन की बात समत लेते थे। इससे प्रतीत होता है कि उनके पास मन के भाव जान लेने की कोई ऐसी शक्ति थी जो जीवों में स्वयं को श्रेष्ठ मानने वाले आदमी के पास भी नहीं है। आशय यह है कि पशु आपस में भावों का समझ लेते हैं और उनके अनुरूप ही वे व्यवहार करते हैं। इस मामले में वे मनुष्य से आगे हैं।

(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शान्त होती, पर दोनों के हृदय को पानो भोजन मिल गया।
उत्तर-इसमें पशुओं की समझदारी, प्रेमभाव, आत्मीयता को स्पष्ट किया गया है। गया के यहाँ सूखा भूसा खाने वाले बैलों में उस घर की छोटी-सी उस बालिका के प्रति बड़ा लगाव था जो उनको चुपचाप एक-एक रोटी खिलाती थी। उन रोटियों में जो आत्मीयता थी उससे बैल सन्तुष्ट रहते थे। यही कारण है कि दो-दो मुँह सूखा भूसा खाकर भी वे स्वस्थ थे। बालिका का प्रेम उन बैलों को सन्तोष देता था इसीलिए एक-एक रोटी खाकर ही उनको लगता था कि पूरा भोजन मिल गया।

प्रश्न 9. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर-स्वाभिमानी तथा साहसी शोषण तथा अत्याचार का विरोध करता है। उसके लिए चाहे उसे कठोर प्रताड़ना सहनी पड़े। गलत व्यवहार तथा शोषण को सहते रहना कायरता तथा हीनता का लक्षण है। हीरा-मोती के साथ गया का व्यवहार अनुचित था इसलिए उन्होंने उसका विरोध करके अपने मान तथा सम्मान की रक्षा को। वे कायर तथा हीन व्यक्तित्व वाले नहीं थे।

प्रश्न 10. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है ?
उत्तर-प्रेमचंद ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया था। कहानी की रचना के समय स्वतन्त्रता आन्दोलन तीव्र गति से चल रहा था। इसलिए यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि प्रेमचंद ने बैलों की आजादी के संघर्ष के माध्यम से आजादी की लड़ाई की ओर संकेत किया हो। जैसे स्वतन्त्रता सेनानी बार-बार जेलों में डाले
जा रहे थे, प्रताड़ित किए जा रहे थे, उसी प्रकार हीरा और मोती आजाद होने के लिए कठोर प्रताड़ना झेलते हैं। यह कहानी स्वतन्त्रता आन्दोलन के अनुकूल परिणाम का भी संकेत करती है।

प्रश्न 11. रचना के आधार पर वाक्य के भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उनके भी भेद लिखिए-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
(ख) सहसा एक दड़ियल आदमी, जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यन्त कठोर, आया।
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक आगे।
(घ) मैं बेचूँगा, तो बिकेगा।
(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
उत्तर-(क) 1. संयुक्त वाक्य
2.संज्ञा उपवाक्य
(ख) 1. मिश्र वावय
2. विशेषण उपवाक्य
(ग) 1, मिश्र वाक्य
2. संज्ञा उपवाक्य
(घ) 1. संयुक्त वाक्य
2. क्रियाविशेषण उपवाक्य
(ङ) 1. संयुक्त वाक्य
2. क्रियाविशेषण उपवाक्य

ल्हासा की ओर

प्रश्न । घोडला के पहले के आखिरी गाँव पहुंचने पर भिखारंगे के वेश में होने के बावजूद लेख को वारने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान का
दिला सका। क्यों?
उत्तर- इस यात्रा में लेखक के साथ सुमति थे। सुमति के परिचित लोगों के कारण भिखमंगे के के में भी अच्छी जगह ठहरे जबकि दूसरी यात्रा में लेखक के साथ सुमति नहीं थे और लेखक टहरने के स्थानों में जानकार नहीं थे।

प्रश्न 2. उस समय के तिव्यत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर-तिब्बत में हथियार का कानून नहीं था इसलिए लोग पिस्तौल आदि लाठी की तरह लिए फिरत थे। वहाँ डाँडे सबसे खतरे की जगह हैं। तिब्बत जाने के लिए डाँडे पार करने पड़ते थे। इसलिए यात्रियों को डाकुओं का भय बना रहता था।

प्रश्न 3. लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस प्रकार बिछड़ गया ?
उत्तर-जब लेखक लङकोट जा रहे थे तो उन्हें धीरे-धीरे चलने वाला घोड़ा मिला, हाँकने पर वह और सुस्त हो जाता था। साथ ही एक स्थान पर दो रास्ते फूट रहे थे। अनजाने में लेखक गलत मार्ग पर चले गए। काफी दूर जाकर उन्हें लौटना पड़ा। इसीलिए लेखक साथियों से पिछड़ गए।

प्रश्न 4. लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया ?
उत्तर-लेखक व्यर्थ में समय खराब नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका। किन्तु दूसरी बार जब वे शेकर में थे तो एक मन्दिर में बुद्धवचन के अनुवाद की हाथ की लिखी पोथियाँ मिल गई। लेखक उनको पढ़ने गए इसलिए सुमति को रोकने की कोशिश नहीं की।

प्रश्न 5. अपनी यात्रा के दौरान लेखकको किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर-अपनी यात्रा में लेखक को जो कठिनाइयाँ हुई वे इस प्रकार हैं-(1) तिब्बत जाने का मार्ग पहाड़ी था अत: चढ़ाई करनी पड़ती थी।
(2) हर जगह घोड़े नहीं मिलते थे।
(3) मार्ग में डाकुओं का भय बना था।
(4) मार्ग में उन्हें धीरे चलने वाला घोड़ा मिला, इसलिए पिछड़ गए।
(5) गलत रास्ते पर जाने के कारण उन्हें लौटना पड़ा।
(6) उन्हें भिखमंगे के वेश में यात्रा करनी पड़ी।

प्रश्न 6. प्रस्तुत यात्रा वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था ?
उत्तर- ल्हासा की ओर’ यात्रा वृत्तांत के आधार पर लगता है कि उस समय के तिब्बती समाज में कई अच्छाइयाँ थीं।
(1) जाति-पाँति का भेदभाव नहीं था।
(2) छुआछूत नाममात्र को भी नहीं थी।
(3) महिलाएं परदा नहीं करती थीं।
(4) अपरिचित लोगों को भी घर के अन्दर जाने की छूट थी।
(5) यात्रियों के चाय आदि पकाकर दे दी जाती थी। इसके साथ ही कुछ बुरी आदतें उस समाज में थी, वे शाम को छङ् पीकर बेहोश हो जाते थे तो यात्रियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते थे।

प्रश्न 7. सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले, इस आधार पर आप सुमति की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं ?
उत्तर-सुमति की कई विशेषताएँ हैं-
(1) लगभग हर गाँव में उनके परिचित थे इससे स्पष्ट है उनकी यजमानी का क्षेत्र बड़ा था।
(2) वे सरल एवं सद्व्यवहार करते थे इसलिए यजमान उनसे प्रसन्न थे।
(3) सुमति का स्वभाव लालची था, जब लेखक ने रुपये दे दिए तो यजमानों के पास नहीं गए।
(4) सुमति को बहुत तेज गुस्सा आता था और शीघ्र ही शान्त हो जाते थे।

प्रश्न 8. “हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख्याल रखना चाहिए था” उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
प्रस्तुत करें।
उत्तर- व्यक्ति की वेशभूषा का देखने वाले पर प्रभाव पड़ता है। उसी के अनुरूप उसके साथ आचार-व्यवहार भी किया जाता है। सामान्य रूप में यह बात प्रचलित है। किन्तु मेरा मत है कि हमें वेशभूषा के साथ व्यक्ति की अच्छाइयों को अधिक महत्व देना चाहिए और उसके गुण-दोषों के आधार पर उसके साथ आचार-व्यवहार करना चाहिए।

प्रश्न 9. यात्रा वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-तिब्बत की भौगोलिक स्थिति मन को मोह लेने वाली है। ऊँचे-ऊँचे पर्वतों पर जमी सफेद बर्फ, सुन्दर हरियाली, कही पत्थर ही पत्थर दिखाई देते हैं। तिब्बत में डाँडे बहुत खतरे के स्थान हैं। तिब्बत समुद्र तल से लगभग 17-18 हजार फीट की ऊँचाई पर है। हमारे राज्य की अधिकतम भूमि समतल है। कुछ स्थानों
पर पहाड़, वन-जंगल हैं। यहाँ नदी बहती रहती है। फसलों का सौन्दर्य मन को लुभाता है। तिब्बत तथा हमारे राज्य की स्थिति में पर्याप्त अन्तर है।

प्रश्न 10. आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी। यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को
उत्तर-पिछले वर्ष हमारा परिवार सांस्कृतिक नगरी उज्जैन भ्रमण पर गया। इसके लिए हमने रेलगाड़ी में आरक्षण कराया। मार्ग के मनोरम दृश्यों के बारे में पिताजी ने स्थान-स्थान पर जानकारी ली। हमारे आस-पास जो लोग थे वे कई प्रदेशों के थे इसलिए कोई गुजराती तो कोई पंजाबी में बातें कर रहे थे। उज्जैन पहुँचकर
हमने अतिथिगृह में अपना सामान रखवाया और भ्रमण पर निकल पड़े। सबसे पहले हम महाकालेश्वर मन्दिर गए। वहाँ दर्शकों की लम्बी लाइन थी। काफी देर बाद गर्भगृह में दर्शन का लाभ मिला, पूजा की तथा परिक्रमा लगाई। इसके बाद भैरव मन्दिर, भर्तृहरि, संदीपन तथा कालिदास के स्मृति स्थलों पर गए। सभी स्थानों के भ्रमण के बाद शाम को रेल से घर लौट लिए। यह यात्रा मेरे लिए स्मरणीय बन गई।

प्रश्न 11. यात्रा वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्य पुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं। प्रस्तुत विधा इनसे किन मायनों में अलग है।
उत्तर-यात्रा वृत्तांत में यात्रा का सजीव, सरस एवं रोचक वर्णन होता है। हमारी पाठ्य पुस्तक की निबन्ध, कहानी, संस्मरण, व्यंग्य आदि विधाओं से यह विधा अलग है। क्योंकि इसमें कहानी जैसा कथा तत्व, निबन्ध जैसी वैचारिकता, संस्मरण जैसी स्मृति का पुट नहीं होता है।

प्रश्न 12. किसी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे-
सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।
पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे।
तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।
नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए-
जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे चल रहा है या पीछे।
उत्तर-(1) घोड़े की चाल से पता नहीं लग पा रहा था कि वह आगे चल रहा है या पीछे।
(2) यह जान पाना मुश्किल था कि घोड़ा आगे चल रहा है या पीछे।
(3) जान नहीं पड़ रहा था कि घोड़ा पीछे चल रहा है या आगे।
प्रश्न 13. यह यात्रा राहुल जी ने 1930 में की थी। आज के समय यदि तिब्बत की यात्रा की जाए तो राहुल जी की यात्रा से कैसे भिन्न होगी?
उत्तर-सन् 1930 में तिब्बत में आधुनिक साधनों का अभाव था किन्तु अब तिब्बत में यातायात के बस, रेल आदि साधन मिलते हैं। इसलिए आज की तिब्बत यात्रा राहुल जी की यात्रा से बहुत सुगम होगी।

प्रश्न 14. क्या आपके किसी परिचित को घुमक्कड़ी/यायावरी का शौक है ? उसके इस शौक का उसकी पढ़ाई/काम आदि पर क्या प्रभाव पड़ता होगा, लिखें।
उत्तर-मेरे पड़ोसी युवक को घुमक्कड़ी का बहुत शौक है। वह आए दिन कहीं न कहीं जाता ही रहता है। वह जहाँ जाता है वहाँ के प्रमुख स्थानों, खाद्य पदार्थों आदि के बारे में बताता ही रहता है। उसके बताने से मेरा सामान्य ज्ञान काफी बढ़ गया है। उसके पिताजी ने उसके घूमने के शौक को पूरा करने के लिए उसे
शू कम्पनी के लिए ऑर्डर लाने का काम दे दिया है। वह सेम्पल ले जाता है तथा जूतों के ऑर्डर भिजवाता र है। इस तरह उसका व्यापार बढ़ रहा है और वह घूमने का शौक भी पूरा कर रहा है।

प्रश्न 15, अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
उत्तर-आम दिनों में समुद्र किनारे के इलाके बेहद खूबसूरत लगते हैं। समुद्र लाखों लोगों को भोज देता है और लाखों उससे जुड़े दूसरे कारोबारों में लगे हैं। विसाबर 2004 को सुनामी या समुद्री भूकम्प से छ वाली तूफानी लहरों के प्रकोप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कुदरत की यह येन सबसे बड़े विना
का कारण भी बन सकती है। प्रकृति कब अपने ही ताने-बाने को उलट कर रख देगी, कहना मुश्किल है। हम उसके बदलते मिजा
को उसका कोप कह लें या कुछ और मगर यह अबूझ पहेली अक्सर हमारे विश्वास के चीथड़े कर देती है और हमें यह अहसास करा जाती है कि हम एक कदम आगे नहीं चार कदम पीछे हैं। एशिया के एक बड़े हिस्से। आने वाले उस भूकम्प ने कई द्वीपों को इधर उधर खिसकाकर एशिया का नक्शा ही बदल डाला। प्रकृति । पहले भी अपनी ही दी हुई कई अद्भुत चीजें इंसान से वापस ले ली हैं जिसकी कसक अभी तक है। दुख जीवन को माँजता है, उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है। वह हमारे जीवन में ग्रहण लाता है ताकि हम पूरे प्रकाश की अहमियत जान सकें और रोशनी को बचाए रखने के लिए जतन करें। इस जतन । सभ्यता और संस्कृति का निर्माण होता है। सुनामी के कारण दक्षिण भारत और विश्व के अन्य देशों में जो पछि हम देख रहे हैं, उसे निराशा के चश्मे से न देखें। ऐसे समय में भी मेघना, अरूण और मैगी जैसे बच्चे हमा
जीवन में जोश, उत्साह और शक्ति भर देते हैं। 13 वर्षीय मेघना और अरुण दो दिन अकेले खारे समुद्र में तैरर हुए जीव-जन्तुओं से मुकाबला करते हुए किनारे आ लगें। इंडोनेशिया को रिजा पड़ोसी के दो बच्चों को पौर पर लादकर पानी के बीच तैर रही थी कि एक विशालकाय साँप ने उसे किनारे का रास्ता दिखाया। मछुआरे के
बेटी मैगी ने रविवार को समुद्र का भयंकर शोर सुना, उसकी शरारत को समझा, तुरन्त अपना बेड़ा उठाया और अपने परिजनों को उस पर विठा उतर आई समुद्र में, 41 लोगों को लेकर एक महज 18 साल की यह जलपर चल पड़ी पगलाए सागर से दो दो हाथ करने । दस मीटर से ज्यादा ऊँची सुनामी लहरें जो कोई बाधा, रुकावट मानने को तैयार नहीं थीं, इस लड़की के बुलन्द इरादों के सामने बौनी ही साबित हुई। जिस प्रकृति ने हमारे
सामने भारी तबाही मचाई है, उसी ने हमें ऐसी ताकत और सूझ दे रखी है कि हम फिर से खड़े होते हैं और चुनौतियों से लड़ने का एक रास्ता ढूंढ़ निकालते हैं। इस त्रासदी से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए जिस तार पूरी दुनिया एकजुट हुई है, वह इस बात का सबूत है कि मानवता हार नहीं मानतो।

प्रश्न 16. (1) कौन-सी आपदा को सुनामी कहा जाता है ?
(2) “दुख जीवन को माँगता है, उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है”-आशय स्पष्ट कीजिए।
(3) मैगी, मेघना और अरुण ने सुनामी जैसी आपदा का सामना किस प्रकार किया ?
(4) प्रस्तुत गद्यांश में ‘दृढ़ निश्चय’ और ‘महत्व’ के लिए किन शब्दों का प्रयोग हुआ है ?
(5) इस गद्यांश के लिए एक शीर्षक ‘नाराज समुद्र’ हो सकता है। आप कोई अन्य शीर्षक दीजिए।
उत्तर-(1) “समुद्री भूकम्प से उठने वाली तूफानी लहरों के प्रकोप” को सुनामी कहते हैं।
(2) सुख और दुख जीवन के अंग हैं। देखा यह गया है कि दुख में जीवन अधिक क्रियाशील, सजगता, कर्मठता से युक्त हो जाता है। सुख में जीवन में जो आलस्य क्रियाहीनता आ जाती है, दुःख उसे दूर करता है। वस्तुत: दुख जीवन के विकारों को दूर कर उसे स्वच्छ बनाता और फिर से आगे बढ़ने की कला सिखाता है।
(3) मैगी, मेघना और अरुण ने सुनामी जैसी भयंकर आपदा का साहसपूर्वक सामना किया। मछुआरे की बेटी मैगी ने समुद्र के भयंकर शोर से उसकी शरारत को समझ लिया। वह अपने 41 परिजनों को बचाने हेतु पगलाए सागर के प्रकोप का सामना करने निकल पड़ी। मात्र 13 वर्ष की मेघना तथा अरुण दो दिन तक
खारे पानी के समुद्र में तैरते रहे और किनारे पहुँचे। दस मीटर ऊँची सुनामी लहरें भी उन्हें रोक नहीं सकी।

(4) प्रस्तुत गद्यांश में ‘दृढ़ निश्चय’ के लिए ‘बुलन्द इरादों’ तथा ‘महत्व’ के लिए ‘अहमियत’ शब्दों का प्रयोग हुआ है।
(5) ‘नाराज समुद्र’ के अलावा ‘शरारती समुद्र’ शीर्षक उचित होगा।

3. उपभोक्तावाद की संस्कृति

विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम,
में से हटा दिया गया है।

4.साँवले सपनों की याद
प्रश्न 1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर-बचपन की एक घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा बदल दी। उनकी एयरगन से एक गौरैया घायल हो गई थी। वे गौरैया के बारे में जानने के प्रयास में लग गए और पक्षी प्रेमी हो गए।

प्रश्न 2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमन्त्री के सामने पर्यावरण से सम्बन्धित किन सम्भावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई होंगी?
उत्तर-पूर्व प्रधानमन्त्री के समक्ष सालिम अली ने केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवाओं के झोंकों से होने वाले पर्यावरण संकट का चित्र खींचा होगा। पर्यावरण के दूषित होने की भयंकरता के कारण उनकी आँखें नम हो गई होंगी।

प्रश्न 3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है।”
उत्तर-लॉरेंस की पत्नी, जानती थी कि लॉरेंस को प्रकृति से बहुत लगाव था। उनकी पक्षियों से अत्यधिक नजदीकी रही होगी। यह ध्यान में रखकर ही उन्होंने कहा होगा कि मेरी छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है।

प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) वे लॉरेंस की तरह नैसर्गिक जिन्दगी का प्रतिरूप बन गए थे।
उत्तर-लॉरेंस प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी रहे हैं। प्रकृति के पेड़, पौधे, पशु, पक्षियों से उनका गहरा लगाव था। वे प्रकृति की ओर लौटने के पक्षधर थे। लॉरस के समान ही सालिम अली पक्षी प्रेमी बन गए। बचपन में उनकी एयरगन से एक गौरैया घायल हो गई थी। उसके बारे में जानने की ललक ने ही उन्हें प्रकृति प्रेमी बना दिया। वे
भी लॉरिस के समान प्रकृति की प्रतिछाया बन गए थे।

(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा?
उत्तर-मृत्यु के बाद व्यवित को जीवित करना असम्भव है। भले ही कोई आदमी अपनी शारीरिक गर्मी और हृदय की धड़कन देना चाहे फिर भी मृतक का जीवित होना सम्भव नहीं है। उसका जीवित होकर पुराने स्वप्नों में खोकर सुमधुर गीत गुनगुनाने का प्रश्न ही नहीं है। मर गया सो गया।

(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर-प्रकृति से गम्भीर प्रेम रखने वाले सालिम अली का प्रकृति प्रेम समुद्र के टापू की तरह उथला नहीं था। उनको सागर की अथाह गहराई के समान प्रकृति प्रिय थी। पेड़, पौधे, पक्षी सभी उनके मन की गहराइयों में रमण करते थे। वे प्रकृतिमय हो गए थे।

प्रश्न 5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-लेखक भाषा-शैली की चार विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(1) लेखक ने इस पाठ में व्यावहारिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है जिसमें अंग्रेजी, उर्दू के शब्दों के आवश्यकतानुसार अपनाया गया है।
(2) पाठ की भाषा-शैली सजीव, जीवंत है।
(3) लेखक के निजीयन तथा आत्मीयता का प्रायः प्रयोग हुआ है।
(ब) भाषा-शैली को संप्रेषण शक्ति के कारण पाठक अंत तक बंधा चला जाता है।
प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली का जो चित्र खींचा है, उसे अपने शब्दों में लिखित
उत्तर-कमजोर शरीर वाले सालिम अली लगातार घूमते रहते थे। उन्हें पक्षियों की तलाश का इतन शौक था कि चाहे जब जंगल को और निकल जाते थे। वे दूरबीन के बिना भी पक्षियों की पहचान कर ले। थे। उनमें प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति कभी शान्स न होने वाली ललक थी। वे पक्षियों की तलाश तथा उनकी हिफाजत में लगे रहते थे। वे प्रकृति से प्रभावित न होकर उसको प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। उनके सभी और प्रकृति को हँसती-खेलती दुनिया आबाद थी जिसमें अनेक रहस्य-रोमांच समाए थे।

प्रश्न 7. ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-‘साँवले सपनों की याद’ संस्मरण पक्षी प्रेमी सालिम की मृत्यु के समय लिखा गया। सालिम अली की मृत्यु से लेखक भी उदास है। यह शीर्षक मृत्यु, उदासी, यमुना के साँवले पानी, श्रीकृष्ण के साँवले रंग आदि को समेटे हुए है। शीर्षक संस्मरण के विषय का स्पष्ट संकेत करता है। आकर्षण, कौतूहल तया संक्षिप्तता भी इसमें है। अत: यह शीर्षक सटीक ही माना जाएगा।

प्रश्न 8. प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिन्ता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
उत्तर-पर्यावरण को बचाने के लिए हम इस प्रकार योगदान कर सकते हैं-
(1) प्रदूषण जल, वायु तथा ध्वनि का होता है। इन्हें बचाने में हम जल की शुद्धता, वायु की स्वच्छता तथा ध्वनि पर नियन्त्रण में सहयोग कर सकते हैं।
(2) धुआँ, कीचड़ तथा कोलाहल को कम करेंगे।
(3) अन्य लोगों को पर्यावरण शुद्धि के प्रति जागरूक करने का काम कर सकते हैं।
(4) वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण को शुद्ध रखने में योगदान किया जा सकता है।

5. नाना साहब की पुत्री दैवी मैना को भस्म कर दिया गया
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक/बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम
में से हटा दिया गया है।

6. प्रेमचंद के फटे जूते
प्रश्न 1. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द-चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभर कर आती हैं ?
उत्तर- हरिशंकर परसाई द्वारा प्रस्तुत प्रेमचंद के शब्द चित्रण से प्रेमचंद के व्यक्तित्व की जो विशेषताएँ उभरती हैं, वे इस प्रकार है-
(1) शरीर एवं वेशभूषा-प्रेमचंद दुबले-पतले शरीर वाले थे। उनके सिर पर टोपी, कुर्ता-धोती तथा कैनवास के जूते पहनते थे। उनकी कनपटी चिपकी थी, गालों में हड्डियाँ उभर रही थी और घनी मूंछे थी। वे मोटा कपड़ा पहनते थे।
(2) निर्धनता-प्रेमचंद की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। वे जूतों के फटने पर बदल नहीं पाते थे।
(3) स्वाभिमानी-प्रेमचंद स्वाभिमानी तथा परिश्रमी व्यक्ति थे। वे किसी से माँगना उचित नहीं मानते थे।
(4) यथार्थवादी-प्रेमचंद बनावटी जीवन की चमक-दमक से दूर सादा जीवन जीते थे।
(5) संघर्षशील-प्रेमचंद समझौतावादी न होकर संघर्षशील स्वभाव के थे।
(6) समाज सुधारक-प्रेमचंद ने समाज की बुराइयों, शोषण, दमन आदि को नष्ट करने का प्रयत्न किया।
(7) प्रेमचंद महान कथाकार, उपन्यास सम्राट तथा युग प्रवर्तक साहित्यकार थे।

प्रश्न 2. ‘ नीचे दी गई पतितयों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पच्चीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
उत्तर- यहाँ पर जूता शक्ति का तथा टोपी इज्जत के प्रतीक हैं। कहने का भाव है कि शक्ति के सामने इज्जत को कोई कीमत नहीं है। शक्ति बल, धन, पद किसी की भी हो सकती है। इसके बल पर इज्जत उतारना बहुत आसान है। वर्तमान समय में तो जूते के सामने पच्चीसों टोपीधारी दुम हिलाते हैं। तथाकथित इज्जतदारों
पर व्यंग्य किया है।

(ख) तुम परदे का महल नहीं जानते, हम परदे पर कुर्वान हो रहे हैं।
उत्तर-परदा छिपाने का काम करता है। प्रेमचंद यथार्थवादी थे, वे छिपाने में विश्वास नहीं करते थे। किन्तु आज के लेखक अपनी कमियों पर परदा डालने वाले हैं। यही अन्तर प्रेमचंद तथा आज के साहित्यकारों में है। साहित्यकारों पर व्यंग्य किया है।

(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ ही नहीं, पाँव की अंगुली से इशारा करते हो।
उत्तर-लेखक कहते हैं कि प्रेमचंद इतने श्रेष्ठ चरित्र वाले थे कि वे जिसको घृणा के योग्य मानते थे उसको और हाथ की अंगुली से इशारा न करके पैर की अंगुली से इशारा करते थे। व्यंग्य यह है कि घृणित व्यक्तियों को तुकराना चाहिए। उन्हें महत्व नहीं देना चाहिए।

प्रश्न 3. पाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि “फोटो खिचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी? लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं इस आदमी की अलग-अलग
पोशाकें नहीं होंगी।” आपके अनुसार इस सन्दर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
उत्तर-मेरी राय से लेखक के विचार बदलने की तीन वजहें हो सकती हैं-
(1) उन्हें ध्यान आ गया कि प्रेमचंद बनावटीपन में विश्वास नहीं करते थे, जैसे हैं वैसे ही दिखना ठीक मानते थे।
(2) प्रेमचंद निर्धन थे इसलिए उन पर ज्यादा पोशाकें थी ही नहीं। (3) प्रेमचंद सादा जीवन उच्च विचार वाले थे।

प्रश्न 4. आपने यह व्यंग पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बातें आकर्षित करती हैं?
उत्तर-प्रस्तुत व्यंग्य अत्यन्त आकर्षक है इसकी कई बातें ध्यान खींचती हैं-
(1) लेखक गहन अनुभूति के धनी हैं इसीलिए गहरी चोट करने वाले तथ्यों को उभारते हैं।
(2) लेखक की दृष्टि बड़ी पैनी है, यही कारण है अन्यान्य सन्दर्भो में अलग-अलग व्यंग्य करते हैं।
(3) सीधी सपाट भाषा-शैली में सम्प्रेषण की अनूठी क्षमता है।
(4) तीखी बात को भी सहजत: प्रस्तुत करना लेखकी कला का प्रमाण है।

प्रश्न 5. पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन सन्दर्भो को इंगित करने के लिए किया है ?
उत्तर-टीले का सामान्य अर्थ ‘ऊँचा ढेर’। इस व्यंग्य में ‘टीले’ का प्रयोग वर्षों से परत दर परत जमी सामाजिक बुराइयों के लिए किया गया है। निर्धन, दलित, किसान, मजदूर, नारी आदि का शोषण हो रहा है। महाजनी प्रथा, पाखण्ड, ढोंग, पूजा-पाठ आदि विकारों ने समाज को वर्षों से घेर रखा है। उच्च वर्ग शोषण कर
रहा है, निम्न वर्ग कुचला जा रहा है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में इन बुराइयों पर सशक्त प्रहार किए हैं। इसलिए ‘टीले’ शब्द रचनाओं में सामाजिक बुराइयों के ढेर की ओर इंगित करने को किया है।

प्रश्न 6. प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।
उत्तर-मेरा गाँव आदिवासी क्षेत्र में आता है। उसके बगल के गाँव में विद्यालय है। वहाँ सभी बच्चे सादा पोशाक पहनते हैं किन्तु पिछले वर्ष एक छात्रा पंजाब से आ गई। उसके पिताजी बी. एस. एफ. से रिटायर हुए थे। उसकी पोशाक बड़ी अजीब थी। वह लुंगी तथा कुर्ता पहने थी। उसे देखते ही सब छात्र-छात्राएँ चोंक उठे। प्राचार्य जी ने उसे अपने कक्ष में बुलाया तथा उससे कहा कि आप यह क्या पहनकर विद्यालय आ गई हैं। वह बोली मेरे पास तो यह पोशाक है। हमारे यहाँ के विद्यालय में लड़कियाँ तथा लड़के यही पोशाक पहनते थे। उन्होंने उसे समझाया कि पंजाब में यह पोशाक होगी लेकिन यहाँ सलवार कुर्ता पहनना होगा। वह लड़की दो-तीन दिन तक विद्यालय नहीं आई। उसकी पोशाक विद्यालय में कई दिन तक चर्चा का विषय रही।

प्रश्न 7. आपकी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों में आज क्या परिवर्तन आया है?
उत्तर-परिवर्तन जीवन का क्रम है। प्रारम्भ में कपड़े शरीर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पहने जाते। फिर उनमें विभिन्न प्रकार की फैशन डिजाइन का क्रम प्रारम्भ हुआ। आज तो युवावर्ग में पोशाको का कि महत्व हो गया है। कोई अत्यन्त चुस्त पोशाक पहने है तो किसी की हीली पोशाक दिखाई दे रहा है। आर
तो तब होता है जब गई जीन्स,टोप, कुर्ता, पेंट आदि फटे होते हैं। छेदों वाली पोशाक पहनकर ही छात्र-या बाहर आते-जाते हैं। हर कोई अपनी विशेष पहचान दिखाना चाहता है। मैं देखता हूँ कि आज वेशभूषा के लोगों में बहुत बदलाव आया है।

प्रश्न 8. पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
उत्तर-पाठ में आए प्रमुख मुहावरों का वाक्य प्रयोग इस प्रकार है-
(1) एहसास होना-राजीव को अपनी गलती का एहसास हो गया है।
(2) पहाड़ फोड़ना-हर आदमी पहाड़ नहीं फोड़ सकता।
(3) कुर्बान होना-आज के युवक-युवतियाँ फैशन पर कुर्बान हो रहे हैं।
(4) ठोकर मारना-मैंने उस टीले को ठोकर मार-मारकर गिरा दिया।
(5) बाजू से निकलना-राम टकराना नहीं चाहता इसलिए बाजू से निकल जाता है।

प्रश्न 9. प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का प्रयोग किया है,
उनकी सूची बनाइए।
उत्तर-लेखक ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए निम्नलिखित विशेषणों का उपयोग किया है-
(1) साहित्यिक पुरखे,
(2) महान कथाकार,
(3) उपन्यास सम्राट,
(4) युग प्रवर्तक साहित्यकार।

7. मेरे बचपन के दिन
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक/ बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम
में से हटा दिया गया है।

8. एक कुत्ता और एक मैना
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक/बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम
में से हटा दिया गया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
• रिक्त स्थानों की पूर्ति

1………….” भी बहुत गरीब जानवर है। (कुत्ता/बन्दर)

2. प्रात:काल दोनों मित्र ……..में बन्द कर दिए गए। (कमरे/कांजीहौस)
3. एक दिन बाड़े के सामने…………बजने लगी। ( हारमोनियम डुग्गी)
4. डाँडे तिब्बत में सबसे की जगहें हैं। (सुविधा/खतरे)
5. हम वहाँ ………..” के लिए ठहरे। (सोने/चाय पीने)
6. सालिम अली जैसा ” शायद ही कोई हुआ हो। (बर्ड वाचर/संगीतकार)
7. सालिम अली का यह…………..पलायन है।
(दूसरा/आखिरी)
8. लोग तो …………चुपड़कर फोटो खिचाते हैं।
(इत्र/पाउडर)
9. जूता ………” से हमेशा कीमती रहा है।
(कुर्ता/टोपी)

उत्तर-1, कुत्ता, 2. कांजीहौस, 3. बुगी, 4. खतरे, 5. चाय पीने, 6, बर्ड वाचर, 7. आखिरी, 8. इत्र,9. टोपी।

• सही विकल्प चुनिए
1. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था,
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी,
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था,
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।

2. किस जानवर को कभी क्रोध नहीं आता ?
(क) गधा,
(ख) बैल,
(ग) गाय,
(घ) कुत्ता।

3. बैलों को एक-एक रोटी कौन खिलाने आता था ?
(क) गया की पत्नी,
(ख) छोटी सी लड़की,
(ग) झूरी की पत्नी,
(घ) गया।

4. ‘ल्हासा की ओर’ में यात्रा की गई है-
(क) जापान को,
(ख) नेपाल को,
(ग) अफगानिस्तान को,
(घ) तिब्बत को।

5. तिब्बत में अधिकतर जमीन किनको बाँट दी जाती है?
(क) जमीदारों को,
(ख) जागीरदारों को,
(ग) किसानों को,
(घ) पशुपालकों को।

6. हुजूम के आगे कौन चल रहा था ?
(क) फ्रीडा,
(ख) तहमीना,
(ग) लॉरेंस,
(घ) सालिम अली।

7. “मैं अब पुस्तकों के भीतर था।” नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बताता
है?
(क) लेखक पुस्तक पढ़ने में रम गया,
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ के भीतर चला गया,
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं,
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।

8. तिब्बत में डाँड़े किसकी जगहें हैं ?
(क) खतरे की,
(ख) सुविधा की,
(ग) घूमने-फिरने की,
(घ) नहाने-धोने की।

9. सही कथन का चयन कीजिए-
(क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निक
आई है,
(ख) लोग तो इन चुपड़कर फोटो खिचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए,
(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुस्कान मेरे हौसले बढ़ाती है,
(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अंगूठे से इशारा करते हो।

10. कुंभनदास का जूता घिस गया था-
(ख) जंगल में पूमने मैं,
(क) मंदिरों के दर्शन करने में,
(ग) फतेहपुर सीकरी आने-जाने में,
(घ) हलजीतने में।
उत्तर-1 (क), 2. (क), 3. (ख), 4. (घ), 5. (ख), 6. (घ), 7. (क), 8. (क), 9.6
10. (1)

. सही जोड़ी बनाइए
1. सूरी का साला (क) उपन्यास सम्राट
2. प्रेमचंद (ख) गया
3. टोपी (ग) जूता
उत्तर-1.→ (ख), 2. → (क),3. → (ग)।

(II)

1. प्रेमचंद (क) पूर्व प्रधानमन्त्री
2. चौधरी चरण सिंह (ख) दो बैलों की कथा
3. डाँड़े (ग) होरी
4. गोदान (घ) तिब्बत
उत्तर-1.→ (ख),2. →(क), 3. → (घ), 4. → (ग)।

सत्य/असत्य
1. होरा और मोती गया के बैल थे।
2. तिब्बत में जाति-पाँति तथा छुआछूत मानी जाती है।
3. नीलामी में दोनों बैलों को दढ़ियल ले गया।
4. सुमति अपने यजमानों में बहुत लोकप्रिय था।
5. सालिम अली चिड़ियों को मारने के लिए जंगल जाते थे।
6. लॉरस दुनिया के महान प्रकृति प्रेमी थे।
7. एक टोपी पर पच्चीसों जूते न्योछावर होते हैं।
8. प्रेमचंद यथार्थवादी रचनाकार थे।
9. लेखक राहुल जी का घोड़ा धीरे-धीरे चल रहा था।
उत्तर-1. असत्य, 2. असत्य, 3. सत्य,4.सत्य, 5. असत्य,6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य, 9. सत्य।

• एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. साँड़ को देखते ही कौन भयभीत हो गए ?
2. झूरी काछी के साले का क्या नाम था ?
3. सबसे बुद्धिहीन जानवर किसे माना जाता है ?
4. तिब्बत में खतरे की जगहें कौन-सी हैं ?
5. सालिम अली की पत्नी का नाम क्या था ?
6. आज परदे पर कौन कुर्बान हो रहे हैं ?
7. ल्हासा की ओर जाते समय लेखक के साथी कौन थे?
8. ‘साँवले सपनों की याद’ के लेखक का क्या नाम है ?
9. फटे जूते पहनकर किसने फोटो खिचवाया ?
उत्तर-1.हीरा और मोती, 2. गया, गधेको,4.डॉ.राहमीना, 6. आज के रचनाकार,7. मुमति, 8. जाबिर हुसैन, 9. प्रेमचंद ने।

 

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