CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 9  पूरक पाठ्य पुस्तक : कृतिका Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 9  पूरक पाठ्य पुस्तक : कृतिका Pariksha Adhyayan Hindi 9th

अध्याय 9  पूरक पाठ्य पुस्तक : कृतिका

अध्याय 9  पूरक पाठ्य पुस्तक : कृतिका
1. इस जल प्रलय में

-फणीश्वरनाथ रेणु
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक योर्ड परीam 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।

2. मेरे संग की औरतें
मृदुला गर्ग

प्रश्न 1. लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?
उत्तर-लेखिका ने अपनी नानी को कभी नहीं देखा था परन्तु वे उनके बारे में परिवार के रिश्तेदारी के लोगों से सुनती आ रही थीं। उसी आधार पर उन्होंने उनके व्यक्तित्व की रचना कर ली थी। उनकी नानी पारम्परिक अशिक्षित महिला होते हुए भी पारदर्शी व्यक्तित्व की धनी थीं, उनकी शादी होते ही पति वकालत की पढ़ाई करने विलायत चले गए थे फिर भी वे अपने तरीके से रहीं। वे शान्त स्वभाव की थी किन्तु जब उनका बेटी की शादी की बात हुई तो वे चुप न रहीं। अपने पति के मित्र के जरिए उन्होंने अपनी बेटी की शादी आजादी के दीवाने युवक से कराने का वचन ले लिया। सहज जीवन जीते हुए भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी इन्हीं विशेषताओं से लेखिका प्रभावित थीं।

पान 2. लेखिका की नानी की आजादी के आन्दोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?
उत्तर-लेखिका की नानी अनपढ़ तथा पारम्परिक स्वभाव की महिला थीं। उनके पति विलायत से बैरिस्ट्री करके आए थे तथा विलायती ठाठ-वाट से रहते थे किन्तु उनकी नानी पर उनके विलायतीपन का कोई प्रभाव न था। उनके मन में आजादी के आन्दोलन के प्रति गहरा लगाव था। इसीलिए जब उनकी बेटी की शादी की बात आई तो उन्होंने अपनी बेटी के लिए किसी आजादी के दीवाने युवक को चुनने का निश्चय किया। इस तरह वे परोक्ष रूप से आजादी के आन्दोलन में भागीदार बनीं।

प्रश्न 3. लेखिका की माँ परम्परा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थीं। इस कथन के आलोक में-
(क) लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की विशेषताओं पर इस तरह दृष्टिपात किया जा सकता है-
नाजुक सुन्दरी-लेखिका की माँ अनुपम सुन्दरी थीं, किन्तु वे अत्यन्त कोमल शरीर वाली थीं। जब उन्होंने खादी की साड़ी पहनी तो उनकी कमर में लचक खा गई। वे ठोस कार्य नहीं कर पाती थी। प्रभावशाली महिला-बैरिस्टर की बेटी होने के कारण ससुराल में उनका विशेष प्रभाव था। बहू की जो परम्परागत जिम्मेदारियाँ होती हैं उनका वे निर्वाह नहीं कर पाती थीं, फिर भी उनसे कोई कुछ नहीं कहता था। उनकी सास तो यहाँ तक कह देती थीं-हम हाथी से हल न जुतवाया करते, हम पै बैल हैं।
ईमानदार तथा पक्षपात से दूर-लेखिका की माँ पूरी तरह ईमानदार और पक्षपात से मुक्त महिला थीं। इधर से उधर भिड़ाना या चुगली करना उन्हें पसन्द न था। इसीलिए घर-बाहर सभी जगह उनका सम्मान होता था।

शिक्षा तथा संगीत प्रिय… अस्वस्थ रहने के कारण वे लेटकर पुस्तकें पढ़ने तथा संगीत का आनन्द । थी। साहित्य में उनको आनन्य मिलता था।
सच्ची मित्र-लेखिका की माँ पर के अलावा बाहर वालों की मित्र बन जाती थी। वे मित्रता का निक पूरी निष्ठा से करती थीं। अपने बच्चों के साथ भी ये मित्रता का व्यवहार करती थीं। लेखिका की माँ बीमारी के कारण अपने परिवार की जिम्मेदारियों को नहीं निभा पाती थीं। बहू, पथ या माँ के दायित्व होते हैं, वे उन्हें भी नहीं पूरा कर पाती थीं किन्तु परिवार के सभी लोग उनका सम्मान का थे तथा उनका सहयोग करते थे।

(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल पर शब्द चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर-लेखिका की दादी के घर का माहौल ऐसा था कि सभी सदस्य साथ रहते हुए भी अपनी मर्ज के मालिक थे। किसी पर किसी तरह का दबाव या जोरजबरदस्ती नहीं थी। घर में महिलाओं का सम्मान था। दादी ने गर्भवती पुत्रवधू के बेटी होने की मनत मन्दिर में जाकर मांगी थी। बहू के पाँच बेटियाँ होने पर भी उन्हें आदर मिलता रहा। बेटियों का लालन-पालन एवं शिक्षा आदि पूरी कराई गई। परिवार में आपसी लगाव तथा प्रेम था। घर का माहौल धार्मिक था। सुशिक्षित तथा सुसंस्कृत सदस्यों को अपनी मर्जी के अनुसार लीक से हटकर चलने की छूट थी।

प्रश्न 4. आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में
लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों मांगी?
उत्तर-लीक से हटकर चलने वाले सदस्यों के परिवार में ही परदादी र्थी। उनके यहाँ स्त्रियों को आदर की दृष्टि से देखा जाता था। वे महिलाओं की पक्षधर रही होंगी। इसीलिए पतोहू के लड़की पैदा होने की मन्नत माँगो होगी। उन्होंने पुराने समय में जो लड़का -लड़की में भेद का व्यवहार देखा था वे उसे समाप्त करने की च्छुक रही होंगी। परिवार में लड़कियों को भी लड़कों के समान मानने की वे पक्षधर रही होंगी।

प्रश्न 5. डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है-पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर-डराना, धमकाना, दवाव डालना मात्र ही सही राह पर लाने का तरीका नहीं है। यदि व्यक्ति में विवेक हो तो वह सहजता से भी किसी भी गलत आदमी को उचित रास्ते पर ला सकता है। ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में इसका सटीक उदाहरण है। शादी के समय जब आदमी बरात में गए हुए थे तब एक चोर परदादी के
कमरे में आ गया। दादी ने उस चोर से पानी लाने को कहा। वह पानी लाया तो उसमें से आधा लोटा उन्होंने पी लिया, आधा उसे पिला दिया। फिर उससे बोली तुमने मेरा बचा पानी पी लिया इसलिए तुम मेरे बेटे हो गए, अब तुम चोरी करो अथवा खेती। चोर ने चोरी छोड़कर खेती करना शुरू कर दिया। यदि परदादी उसे डाँटती, फटकारती तो शायद वह न मानता परन्तु सहज व्यवहार से उसे सही रास्ते पर ले आई।

प्रश्न 6. “शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है”-इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-लेखिका बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक थीं। जब वे कर्नाटक के छोटे कस्बे बागलकोट में पहुँची तो उन्होंने बच्चों के स्कूलों के बारे में जानकारी की। पता लगा कि वहाँ बच्चों के स्कूल हैं ही नहीं। उन्होंने कैथोलिक मिशन से मिलकर स्कूल खोलने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। तब उन्होंने लोगों से मिलकर स्वयं अंग्रेजी-हिन्दी-कन्नड़ तीन भाषाएँ सिखाने वाला स्कूल प्रारम्भ किया। इस तरह उन्होंने बच्चों के शिक्षा के अधिकार को समझा तथा उसे पूरा करने का प्रयास किया।

प्रश्न 7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?
उत्तर-समाज में नैतिक मूल्यों को सम्मान दिया जाता रहा है। ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में भी उन इंसानों को अधिक श्रद्धाभाव से देखा गया है जिनमें ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, स्पष्टता, पारदर्शिता आदि गुण मौजूद रहे। लेखिका की माँ में ये गुण थे इसलिए उनके प्रति घर तथा बाहरवालों का श्रद्धा भाव था। वे इधर की बात उधर नहीं कहती थीं, झूठ नहीं बोलती थीं तथा दोस्ती का सच्चे भाव से निर्वाह करती थीं। वर्षा हो रही थी तो सबने स्कूल जाने को मना किया किन्तु ये महीं मानी।

प्रश्न 8. “सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है” -Tस कथन के आधार पर लेखिका की बहन
उत्तर-लेखिका की बहन रेणु अपने निश्चय की पक्की थीं। ये तससे डिगती नहीं थी। एक दिन तेज आ गई। लेखिका सोचती है कि रेण अकेले ही पानी परे रास्ते से गई होगी तो मार्ग में बड़ा अच्छा लगा होगा। शहर सुनसान था सूने रास्ते में चलने में ही बड़े रोमांच की अनुमति हुई होगी। लेखिका ने भी अकेले प्रपात
पूरी की। लेखिका तथा उनकी बहन रेणु दोनों ही अपने निश्चय की पक्की निकली। उन्होंने अकेले ही अपनी की इच्छा पूरी करने का मजा लिया।

प्रश्न 9. ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ का सारांश लिखिए।
उत्तर- मुदुला गर्ग ने मेरे संग की औरतें’ में अपने साथ रही स्त्रियों के बारे में रोचक जानकारियाँ दी हैं। लेखिका को नानी की शादी विलायती रीति-रिवाज से जीने वाले बैरिस्टर से हुई। उन्होंने अपनी इच्छा-अनिच्छा पति के सामने कभी नहीं रखी किन्तु जब लेखिका की माँ की शादी की बात आई तो अपने पति के मित्र प्यारे लाल शर्मा से स्पष्ट कह दिया कि मेरी बेटी की शादी आप अपनी तरह के किसी आजादी के दीवाने नौजवान से करा दीजिए। उनकी बात मानी गई और लेखिका के पिता को स्वतन्त्रता सेनानी होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने आई. सी. एस. की परीक्षा में बैठने से रोक दिया था। लेखिका को माँ सत्य एवं गोपनीयता के लिए विख्यात थी, इसलिए उनका घर तथा बाहर बहुत सम्मान था। लेखिका को परदादी कतार से हटकर चलती थीं। इसीलिए
उन्होंने अपनी पतोहू अर्थात् लेखिका की माँ के पहली बार गर्भवती होने पर मन्दिर में जाकर बेटी होने की मन्नत
माँगी, उनकी इच्छापूर्ति हुई। परदादी चोर को भी सुधार दिया था। मन्नत मांगी गई संतान मंजुला भगत थी जो हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका हैं। दूसरी सन्तान लेखिका मृदुला गर्ग थीं, तीसरी चित्रा, चौथौ रेणु तथा पाँचवीं अचला हैं। लेखिकाएँ लीक से हटकर चलती हैं किन्तु न लिखने वाली भी कम नहीं है। वे गाड़ी से चलकर पैदल ही स्कूल जाती थीं। इत्र आदि नहीं लगाती हैं। चित्रा स्वयं से अधिक दूसरों के पढ़ाने पर ध्यान देती थी, अपनी पसंद के लड़के से शादी की। अचला को भी लिखने का रोग लग गया। इन सभी ने घरवार सही ढंग से चलाया। लेखिका ने बिहार में पर्दा करने वाली औरतों से नाटक में अभिनय कराया। कर्नाटक में अपनी जिद पूरी करने के लिए स्कूल खोला और चलाया। उनका जीवन भी लीक से हटकर है। इस तरह लेखिका के संग की सभी औरतें लीक से हटकर जीवन जीने वाली रहीं।

3. रीढ़ की हड्डी
जगदीश चन्द्र माथुर

प्रश्न 1. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर एक हमारा जमाना था …’ कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत हैं ?
उत्तर-रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद का बार-बार अपने जमाने की तुलना वर्तमान समय से करना ठीक नहीं है। समय बदलेगा तो स्थितियाँ, मान्यताएँ, व्यवहार आदि सब में बदलाव आना स्वाभाविक है। विकास का सूत्र परिवर्तन ही है। यदि परिवर्तन रुक जाएगा तो विकास की गति भी रुक जाएगी। इसलिए इन दोनों का वर्तमान समय से अपने समय की तुलना करना तर्कसंगत नहीं है।

प्रश्न 2. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है ?
उत्तर-रामस्वरूप जागरूक तथा समझदार लगते हैं क्योंकि जिस समय में लड़कियों को अधिक पढ़ाना ठीक नहीं माना जाता था, उसमें वे अपनी बेटी को कॉलेज से बी.ए. कराते हैं। परन्तु यह विरोधाभासी व्यवहार है कि बेटी के विवाह के समय वे उच्च शिक्षा को छिपाना चाहते हैं। लगता है शिक्षित लड़की के लिए लड़के
वाले तैयार नहीं होते होंगे इसलिए उन्होंने शिक्षा को छिपाना चाहा। चार-छ: जगहों पर शादी की बात की होगी तो वहाँ ज्यादा पढ़ी लड़की को स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए होंगे। इसलिए शिक्षा छिपाना उनकी विवशता रही होगी।

प्रश्न 3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वस्तष उमा से जिस प्रकार के व्यवहार अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?
उत्तर-अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप चाहते हैं कि उमा लड़के वालों के प्रश्नों के उत्तर उन्हीं के अनुकूल दे। वे यह भी चाहते हैं कि ठमा अपनी उच्च शिक्षा के बारे में नयतापासकिय पढ़ी-लिखी होने के कारण उमा लड़के वालों के प्रश्नों के उत्तर अपने विवेक से देती है। यह जड़ सी-41 नहीं है जो चुप रहे। वह सोचती है कि जैसे लड़के वाले लड़की के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी याला है वैसे ही उसे भी लड़के के बारे में जानना चाहिए। शादी जीवनभर का साथ है, उसमें कुछ छिपाना ठाकन है। इसलिए रामस्वरूप जिस प्रकार के व्यवहार को अपेक्षा उमा से कर रहे हैं, वह उचित नहीं है।

प्रश्न 4. गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं ? अपने विचार रखें।
उत्तर-विवाह वह पवित्र संस्कार है जो लड़के और लड़की को जीवनभर साथ निभाने के लि पति-पत्नी बना देता है। इस पवित्र रिश्ते को बिजनेस मानना गोपाल प्रसाद की अपराधी प्रवृत्ति का सूचक है। इससे उनका लोभी-लालची रूप झलकता है। अत: वे निश्चय ही अपराधी हैं। किन्तु रामस्वरूप अपनी के को उच्च शिक्षा दिलाते हैं इसलिए वे समझदार हैं। लगता यह है कि योग्य लड़का तथा परिवार न मिल पाने के मजबूरी उन्हें लड़की की शिक्षा छिपाने को मजबूर करती है। यह उनकी भूल ही कही जाएगी।

प्रश्न 5. “आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं …” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है ?
उत्तर-रामस्वरूप ने उमा की शादी के लिए जो लड़का देखा है उसका नाम शंकर है। उसमें स्वाभिमान का भाव नहीं है। उमा को उसके हीन चरित्र के बारे में पूरी जानकारी है। उसे पता है कि वह लड़कियों के छात्रावास में ताक-झांक किया करता था। जब नौकरानी ने डाँटा तो उसके पैर पकड़कर गिड़गिड़ाया था। वह
उमा से आँख नहीं मिला पा रहा था। उसके चरित्र की इस प्रकार की कमियों की ओर संकेत करने के लिए उसके पिता से कहती हैं कि “आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं” पता कीजिए।

प्रश्न 6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर-समाज में उसी की इज्जत तथा प्रतिष्ठा होती है जो चरित्रवान तथा स्वाभिमानी होता है। शंकर के समान हीन तथा गिरे हुए चरित्र के व्यक्ति तो समाज को पतन की ओर ले जाएँगे। जीवन मूल्य तथा सामाजिक आदर्शों की रक्षा के लिए उमा जैसी विवेकशील, स्वाभिमानी तथा चरित्रवान लड़की की आवश्यकता है। वह अपने व्यक्तित्व से परिवार, समाज तथा देश को उत्थान की ओर ले जाएगी।

प्रश्न 7. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-सार्थक शीर्षक की पहचान मानी जाती है कि वह छोटा हो, विषय का आभास देने वाला हो, आकर्षक हो, कौतूहल पैदा करने वाला हो। ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक छोटे आकार का है, एकांकी के विषय का आभास देता है, इसमें कौतूहल जगाने की क्षमता भी है क्योंकि शीर्षक पढ़ते ही यह जानने की इच्छा होती है कि रीढ़ की हड्डी क्या है ? यह शीर्षक आकर्षक भी है। एकांकी के नायक शंकर की रीढ़ की हड्डी कमजोर है क्योंकि वह कायर, हीन चरित्र का है। इसी ओर उमा संकेत करती है। इसलिए मेरे विचार में यह
शीर्षक पूरी तरह सार्थक है।

प्रश्न 8. कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों ?
उत्तर-इस एकांकी में रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद, उमा, शंकर, प्रेमा तथा नौकर पात्र हैं। इनमें नौक प्रेमा तो महत्वहीन पात्र हैं। गोपाल प्रसाद, रामस्वरूप तथा शंकर भी कुछ-कुछ समय के लिए आते हैं तथा पात्र पाठक पर अपनी छाप नहीं छोड़ते हैं। उमा ही ऐसा पात्र है जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समस्त एकांकी कथावस्तु केन्द्र में रहती है। उसके व्यक्तित्व की दृढ़ता, तार्किकता, स्पष्टवादिता तथा निडरता पाठक पर आ छाप छोड़ती हैं। वह विवेकशील युवती है। इसलिए कथा के प्रारम्भ से लेकर अन्त तक विद्यमान रहने उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र है।

प्रश्न 8. एकाकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-रामस्वरूप तथा गोपाल प्रसाद के चरित्रों की विशेषताएँ निम्नांकित है-
रामस्वरूप
(1) जागरूक व्यक्ति-रामस्वरूप जागरुक व्यक्ति है इसीलिए अपनी बेटी उमा को उच्च शिक्षा दिलवाते हैं।
(2) महिलाओं प्रति समान भाव-रामस्वरूप लड़का लड़की में अन्तर नहीं मानते हैं, इसीलिए बेटी को हर सुविधा देते हैं।
(a) विवश व्यक्तित्व-रामस्वरूप जागरूक होते हुए भी समय के प्रभाव से विवश हो जाते हैं और अपनी बेटी की शिक्षा छिपाना चाहते हैं। कहते हैं क्या करूँ मजबूरी है।’

(4) अनुचित के विरोधी-वे लड़के वालों के अनुचित व्यवहार का विरोध करते हैं। वे कहते हैं
“खुद तो पढ़े-लिखे हैं, वकील हैं, सभा सोसाइटी जाते हैं और लड़की ऐसी चाहते हैं जो ज्यादा पढ़ी-लिखी न हो।”
गोपाल प्रसाद-
(1) रूढ़िवादी-गोपाल प्रसाद वकील हैं, पढ़े-लिखे हैं पर पूरी तरह रूढ़िवादी है इसीलिए अपने बेटे के लिए कम पढ़ी-लिखी लड़की चाहते हैं।
(2) लालची-गोपाल प्रसाद लालची स्वभाव के हैं। इसीलिए विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं।
(३) चालक चतुर-वे बहुत काइयां हैं, इसीलिए एक-एक बात पर चतुराई दिखाते हैं। निरख-परख करने में लगे रहते हैं।
(4) स्त्री शिक्षा के विरोधी-स्त्री शिक्षा के प्रति उनमें नाराजगी है। इसीलिए उमा की शिक्षा पता लगते ही भड़क उठते हैं और कहते हैं ‘बी.ए. पास ? उफ्फोह!’

प्रश्न 10. इस रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का क्या उद्देश्य है ? लिखिए।
उत्तर- भारतीय समाज में विवाह एक महत्वपूर्ण समस्या है। लड़की के विवाह के योग्य होने पर लड़की के पिता को किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लड़के वाले कैसा व्यवहार करते हैं आदि-आदि पर यह एकांकी प्रकाश डालता है। लड़के वाले बेटी के पिता को किस तरह आतंकित करते हैं तथा हीन होते हुए भी स्वयं को श्रेष्ठ मानने में संकोच नहीं करते हैं। लड़की के गुणों को भी अवगुण मानते हैं तथा लड़के के अवगुणों की ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। लड़की वाले को तथा लड़की को कितनी कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ये सब बातें उस एकांकी में उठाई गई हैं। इसलिए इस एकांकी का मूल उद्देश्य ‘विवाह
समस्या’ को उजागर करना है।

प्रश्न 11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?
उत्तर- महिला तथा पुरुष दोनों ही समाज की प्रगति के आधार हैं। इसलिए महिलाओं को उचित गरिमा दिलाना हमारा दायित्व है। इसका प्रारम्भ घर से ही करना चाहिए। हम बेटा-बेटी, भाई-बहन को एक समान महत्व दें। खान-पान, लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सभी में दोनों को समान सुविधाएँ दें। यही बात अपने परिचितों, पड़ौसियों, रिश्तेदारों को बता सकते हैं, उन्हें भी समानता का मन्त्र दे सकते हैं। हम अपने मुहल्ले की अशिक्षित महिलाओं, लड़कियों को नि:शुल्क पढ़ाने का काम करते हैं। अपने साथियों तथा मित्रों को भी यह कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। मैं अपने सम्पर्क के लोगों को यह भी बता सकता हूँ कि लड़का
तो अकेला ही प्रगति करता है लेकिन लड़की स्वयं के साथ-साथ परिवार को तथा सन्तान को आगे बढ़ाने का काम करती है।

प्रश्न 12. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का सारांश लिखिए।
उत्तर-‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में स्त्री-शिक्षा तथा स्त्री के स्वाभिमान को दिखाया गया है। कन्या के पिता अपने नौकर के साथ कमरे की साज-सज्जा करने में लगे हैं। वे अपनी पत्नी प्रेमा से नाश्ते की तैयारी के लिए कहते हैं। रामस्वरूप पत्नी को समझाते हैं कि मेहमानों के सामने लड़की की पढ़ाई के बारे में कुछ मत कहना। तभी नौकर बताता है कि मेहमान आ गए है। गोपाल प्रसाद तथा शंकर कमरे में आकर बैठ जाते है।
है। शंकर कमर सकाए है।वमाश्ता करते हैं और उमा को देखने की बात कहत है। पान का प्लटलेकर: आती है। गोपाल प्रसाद उसे ऊपर से नीचे तक तौलती नजर से देखते हैं। उससे सिलाई, कढ़ाई तथा युनाया बार म पूछाहा जब रामस्वरूप बताने लगते है तो गोपाल प्रसाद कहत है कि उमा को भाता कुछ बालम राब
रामस्वरूप उसे चुप करना चाहते हैं तो वह कहती है कि ये महाशय मेरे खरीददार बनकर आए हैं। इनसे पछि कि लड़कियों के दिल नहीं होता है क्या ? ये भेड़-बकरी है क्या जिन्हें कसाई देखभाल कर खरीदता है। का सुनकर गोपाल प्रसाद तिलमिला उतरे हैं। तभी उमा ने शंकर की छात्रावास लड़कियों के ताकने-झाँकने के बात कह कर निकलने का संकेत कर दिया। यह सुनकर गोपाल प्रसाद अपमानित महसूस करते हैं। वे कहते हैं कि हम से धोखा किया गया है। लड़की तो पढ़ी-लिखी है। इस पर उमा बुलंद आवाज में कहती है कि उस कालेज से बी. ए. पास किया है। आपके बेटे की तरह कायरता नहीं दिखाई। गोपाल प्रसाद तथा शकर जान को खड़े होते हैं तभी उमा कहती है कि घर जाकर यह पता कीजिए कि आपके बेटे की रीढ़ की हड्डी है भी
या नहीं?

4. माटी वाली
-विद्यासागर नौटियाल

प्रश्न 1. “शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचाते हैं।”
आपकी समझ से ये कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे ?
उत्तर-माटी वाली का शहर के हर घर में आना-जाना था। वह सभी के यहाँ लाल मिट्टी पहुँचाती थी। यहाँ तक कि टिहरी निवासियों के अलावा जो किरायेदार आदि शहर में रहते थे उनके यहाँ भी यह ही मिट्टी देती थी। वह लाल मिट्टी को कंटर में भरकर लाती थी। इस मिट्टी की हर घर में हर दिन जरूरत पड़ती थी। इसलिए शहरवासी माटी वाली तथा उसके कंटर को अच्छी तरह पहचानते थे।

प्रश्न 2. माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्या नहीं था ?
उत्तर-माटी वाली पर स्वयं का तथा अपने पति के पेट भरने की जिम्मेदारी थी। मिट्टी डालने के अलावा अन्य साधन उसके पास नहीं था। इसलिए वह सुबह ही घर से निकल जाती थी। वह पूरे दिन घरों मेंमिट्टी पहुँचाती थी और रात को घर लौटकर आती थी। घर आकर अपने बुड्ढे की देखभाल करती थी। खाना बनाती थी और उसे देती थी फिर खुद खाना खाकर सो जाती थी। इस तरह उसके पास अपने अच्छे या बुरेभाग्य के बारे में सोचने का समय ही नहीं था। यदि वह भाग्य के बारे में सोचती तो मिट्टी डालना छूट जाताऔर दोनों भूखे मरते रहते।

प्रश्न 3. ‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- भोजन के अच्छे-बुरे होने के बारे में सोचने का समय तब मिलता है जब जोर से भूख नहीं लगी होती है। तब उसके बारे में नुक्ता चीनी करने की नौबत आती है। जब जोरदार भूख होती है तो भोजन कैसा है इस बारे में विचार करने की सम्भावना ही नहीं होती है। भूख के मारे जब प्राण निकलने की हालत हो रही हो तो भोजन के खट्टे-मीठे होने के विचार का समय नहीं होता है। उस समय तो जो भी मिल जाय वह ही मीठा भोजन होता है। इसलिए भूख मीठी कि भोजन मीठा से अभिप्राय है कि भूख में हर भोजन मीठा लगता है।

प्रश्न 4. “पुरखों की गाड़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।” मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त
कीजिए।
उत्तर-यह कथन मालकिन के पुरखों की विरासत के प्रति आदर, सम्मान के भाव को प्रकट करता है। वे मानती हैं कि हमारे बुजुर्गों ने अपने जीभ पर अंकुश लगाकर कुछ पैसे बचाए होंगे और उन्हीं से वे बर्तन खरीदे होंगे। उन बर्तनों के साथ उन्हें अपने पुरखे जुड़े अनुभव होते हैं। मैं मालकिन के विचार से सहमत हूँ।
विरासत के प्रति हमारा आदर का भाव होना चाहिए। ये हमारी जईहै। जड़ों को काटने से वृक्ष सूख जाता है।
करता है? खरीदकर लेते। उसे मिट्टी डालने के बदले परोसेरोटियाँ मिलती है। येही उसकी पूंजी है। इन रोटियों से ही कीजिए।
सलिए विरासत को संभालकर रखना चाहिए ये चीजे अमूल्य होती हैं।

प्रश्न ६. माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट
उत्तर-भाटी वाली साधनहीन निर्धन स्त्री है। शहर के लोगों की लाकरी करके वह अपनी रोटियों का इन्तजाम करती है। न उसके पास रोटी बनाने की मार से न सामथा। उसके पास पैसे भी नहीं है जो बीती वह अपनी और खुएते की उदरपूर्ति करती है। इसीलिए वह रोटियों का हिसाब लगाती है। उसकी साधनहीनता
तथा गरीवी हो इससे प्रकट होती है।

प्रश्न 6, “आज माटी वाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी।” इस कथन के आधार पर माटी वाली के हदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-माटी वाली निर्धन तथा साधनहीन भले ही है किन्तु उसमें पुरुषार्थ है। वह किसी से कुछ माँगती नहीं है, न किसी के सामने गिड़गिड़ाती है। अपनी मेहनत से अपना तथा अपने पति का पेट पालती है। वह भावुक हदय है। पति के प्रति उसमें सहृदयता तथा प्रेम का भाव है। वह रोटियाँ मिलते ही अपने पति के लिए पहले रखती है तब स्वयं खाती है। जब कभी कुछ पैसे मिल जाते हैं तो उसके लिए भाजी खरीदकर उसे प्रेम से खिलाती है। आज माटी वाली पर कुछ पैसे आ गये हैं इसलिए वह बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी, आज तो भाजी लेकर आई तथा बुड्ढे को भाजी से रोटी खिलाएगी। इस कथन से माटी वाली के हृदय का प्रेमभाव प्रकट होता है। वह अपने वुड्ढे को बहुत प्यार करती है।

प्रश्न 7. “गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए।” इस कथन का आशय स्पष्ट
उत्तर-माटी वाली निर्धन स्त्री है। उसके पास रहने को झोंपड़ी भी नहीं है। जिस झोपड़ी में वह रहती थी, वह टिहरी बांध की दो सुरंगें बन्द होने के कारण पानी में बह गई है। पानी इतना अधिक है कि पूरा शहर डूब गया है। श्मशान में भी पानी भर गया है। श्मशान में व्यक्ति समय पर जाता है, वही स्थिति माटी वाली की हो गई है, उसके रहने का जो साधन था वह उजड़ गया। उसका जीवन अन्धकार से भर गया है।
वह असमर्थ हो गई है। “गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए” कथन माटी वाली की इसी असहाय अवस्था का पचिायक है।

प्रश्न 8. ‘विस्थापन की समस्या पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर-नये निर्माण अथवा कोई योजना प्रारम्भ करने के लिए कुछ जगहें खाली करानी होती है। इस समय विस्थापित होने वालों को बड़ी समस्या का सामना करना होता है। प्राय: सरकारी योजनाओं के कारण ऐसा होता है। विस्थापन लोगों के लिए कठिनाइयों का समूह लेकर आता है। जमे हुए लोगों को अपनी पुरानी व्यवस्था छोड़नी होती है तथा नई व्यवस्था बनाने का कार्य करना होता है। जो लोग साधन सम्पन्न होते हैं उनको तो इसमें बहुत अधिक समस्या नहीं होती है किन्तु निम्न तथा गरीब तबके के लिए यह भयंकर विपत्ति के रूप में आता है। जिन पर अपनी भूमि आदि नहीं होती है उनके लिए तो विस्थापन की समस्या मरण से भी बदतर हो जाती है।

प्रश्न 9. ‘माटी वाली’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-माटी वाली एक अभावग्रस्त स्त्री के जीवन की मार्मिक कथा है। वह टिहरी शहर के घरों में लाल मिट्टी पहुँचाती है। मिट्टी और कंटर ही उसकी पहचान बन गए हैं। वह अपने काम में इतनी व्यस्त रहती है कि उसे अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में सोचने का भी समय नहीं मिल पाता है। वह स्वाभिमान के साथ अपने परिवार का पेट पालती है। उसके रहने का आवास भी नहीं है। वह अपने बुड्डे का पूरा ध्यान रखती है। वह व्यवहारकुशल है। वह अपनी गरीबी का दुखड़ा किसी के सामने नहीं रोती है। जीवन के साथ जीने वाली उस औरत का बुड्डा भी चल बसता है। टिहरी बाँध के कारण उसकी झोपड़ी भी चली गई है। वह फिर भी
विचलित नहीं है। कहानी की मार्मिकता पाठक को प्रभावित करती है।

 

5. शमशेर बहादुर
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठवार्षिक/बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यय
में से हटा दिया गया है।

 

 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. हम हाथी पै ………. न जुतवाया करते, हम पै बैल हैं।(गाड़ी/इल
2. पतोहू की पहली सन्तान ……….” की मन्नत मांगी गई।(लड़की/लड़के
3. उमा ने ………… की परीक्षा पास कर ली थी।(बी. ए./एम. ए.)
4. गोपाल प्रसाद के लड़के का नाम ……” था।(शंकर/रमन)
5. रामस्वरूप विवाह के लिए बेटी की(कंटर/बंडल)
छिपाते हैं।
(उच्च शिक्षा/विधि शिक्षा
6. शहरवासी माटी वाली तथा उसके ………..” को पहचानते थे।
7. माटी वाली हर घर में ………..” पहुँचाती थी।
(पीली मिट्टी/लाल मिट्टी
उत्तर-1. हल, 2. लड़की, 3. बी. ए., 4. शंकर, 5. उच्च शिक्षा, 6. कंटर, 7. लाल मिट्टी।

• सही विकल्प चुनिए

1. परदादी चोर को सही रास्ते पर कैसे लाई?
(क) पुलिस से पकड़वाकर,
(ख) डाँट, फटकार लगाकर,
(ग) घरवालों को इकट्ठा करके,
(घ) सहजता से बात कहकर।

2. लेखिका की नानी के पति क्या थे?
(क) बैरिस्टर,
(ख) जज,
(ग) प्रोफेसर,
(घ) मैनेजर।

3. रामस्वरूप की बेटी का क्या नाम है?
(क) रमा,
(ख) उमा,
(ग) प्रेमा,
(घ) सारा।

4. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी किस समस्या पर आधारित है ?
(क) राजनैतिक समस्या पर,
(ख) विवाह समस्या पर,
(ग) साम्प्रदायिक समस्या पर,
(घ) छात्र समस्या पर ।

5. माटी वाली किसमें भरकर मिट्टी लाती है ?
(क) परात में,
(ख) डलिया में,
(ग) कटर में,
(घ) बाल्टी में।

6. माटी वाली रोटियाँ किसके लिए बचाकर रखती है ?
(क) रात को खाने के लिए,
(ख) अपनी बेटी के लिए,
(ग) अपने बेटे के लिए,
(घ) अपने बुड्ढे पति के लिए।

उत्तर-1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ख), 5. (ग), 6. (घ)।

• सही जोड़ी मिलाइए

1. अचला (क) परदादी ने मन्नत मांगी
2. पतोहू के पहली सन्तान लड़की हो (ख) अंग्रेजी की लेखिका
3. गोपाल प्रसाद (ग) वकील
उत्तर-1,→ (ख).2.→ (क),3.→ (ग)।

1. रामस्वरूप (क) कंटर
2. माटी वाली (ख) उमा
3. किसी का श्मशान (ग) नहीं उजड़ना चाहिए.
4. ठकुराइन को ध्यान था (घ) पुरखों की पुरानी चीजों का
उत्तर-1.→ (ख).2. → (क), 3. → (ग),4. → (घ)।

. सत्य/असत्य
1. लेखिका को परदादी लीक पर चलती थीं।
2. लेखिका माँ परम्परागत बहू के दायित्वों को निभा पाती थीं।
3. गोपाल प्रसाद स्त्री शिक्षा के विरोधी थे।
4. रामस्वरूप की बेटी का नाम उमा था।
5. शंकर लड़कियों के छात्रावास में चोरी करते पकड़ा गया था।
6. माटी वाली टिहरी शहर के घरों में मिट्टी पहुँचाती थी।
7. माटी वाली पर अपना घर था।
8. माटी वाली के साथ बुड्ढा भी रहता था।
उत्तर-1. असत्य, 2. सत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. असत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य।

• एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. मंजुल भगत किसकी बड़ी बहन हैं ?
2. जनरल थिमैया का चित्र किसने मंगवाया था ?
3. परदादी ने आधा लोटा पानी किसे पिलाया ?
4. गोपाल प्रसाद रामस्वरूप के यहाँ किसलिए आए ?
5. विवाह को ‘बिजनेस’ कौन कहता है ?
6. टिहरी बांध की दो सुरंगें बन्द होने का क्या नतीजा हुआ?
7. माटी वाली रोटियाँ किसके लिए बचाती है ?
8. टिहरी शहर के हर घर में लाल मिट्टी पहुँचाने वाली कौन है ?
उत्तर-1. मृदुला गर्ग की, 2. लेखिका की बहन रेणु ने, 3. चोर को, 4. अपने बेटे के लिए लड़की देखने को, 5. गोपाल प्रसाद, 6. टिहरी शहर पानी में डूब गया, 7. बुड्ढे के लिए, 8. माटी वाली।

 

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