CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 3 पद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्तर Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT अध्याय 3 पद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्तर Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI  MP BOARD NCERT अध्याय 3 पद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्तर  Pariksha Adhyayan Hindi 9th

अध्याय 3
पद्य खण्ड पर आधारित प्रश्नोत्तर

9. साखियाँ एवं सबद

प्रश्न । मानसरोवर से कवि (कबीर) का क्या आशय है ?
उत्तर-मानसरोवर से कवि (कबीर) का आशय मन रूपी सरोवर से है जिसमें परमात्मा का प्रेम कर शुद्ध जल भरा है।

प्रश्न 2. कवि (कबीर) ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?
उत्तर-कवि ने सच्चे प्रेमी की यह कसौटी बताई है कि सच्चे प्रेमी से मिलने पर हृदय के सभी छल-कपट मिट जाते हैं। हृदय पवित्र हो जाता है।

प्रश्न 3. कबीर ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है ?
उत्तर-कबीर नै भेदभाव, छल-कपट, साम्प्रदायिकता से रहित शुद्ध ज्ञान को महत्व दिया है। सांसारिक व्यक्ति अनावश्यक माया-मोह में फंसकर बकवास करते रहते हैं। उनकी ओर ध्यान देना व्यर्थ है।

प्रश्न 4. इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है ?
उत्तर-सच्चा संत वह है जो पक्ष या विपक्ष के चक्कर में नहीं पड़ता है। वह निरपेक्ष भाव से परमात्मा का ध्यान करता है।

प्रश्न 5. किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या उसके कर्मों से। तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर-व्यक्ति की श्रेष्ठता की परख उसके कुल से न होकर उसके कर्मों से होती है। यदि उच्च कुल में पैदा होकर नीच कार्य करेगा तो वह नीच ही कहा जाएगा जबकि साधारण कुल का व्यक्ति महान कार्य कर देगा तो उसे सभी महान कहेंगे।

प्रश्न 6. काव्य सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-
हस्ती चढ़िए ज्ञान की, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, कन देझख मारि॥

उत्तर-भाव पक्ष-इस दोहे में सहज साधना के द्वारा ज्ञान प्राप्ति का संदेश दिया गया है। इसमें यदि संसार की आलोचना सुननी पड़े तो उससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। कला पक्ष-
(1) इसमें मिश्रित भाषा का प्रयोग हुआ है।
(2) अनुप्रास अलंकार एवं दोहा छंद है।
(3) शान्त रस की पुष्टि हुई है।

प्रश्न 7. मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता फिरता है ?
उत्तर-मनुष्य ईश्वर को देवालय, मस्जिद, काबा, कैलाश, योग-वैराग्य एवं विभिन्न प्रकार की धार्मिक पद्धतियों में ढूँढ़ता फिरता है।

प्रश्न 8. कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खण्डन किया है ?
उत्तर-कबीर ने निम्नलिखित विश्वासों का खण्डन किया है-
(1) मन्दिर में पूजा करके तथा मस्जिद में नमाज पढ़कर ईश्वर को प्राप्त करना ।
(2) काबा या कैलाश आदि तीर्थों की यात्रा ईश्वर पाने को करते हैं।
(3) योग साधना करके तथा वैराग्य धारण करके ईश्वर को प्राप्त करना चाहते हैं, कहते हैं कि इनसे ईश्वर नहीं मिलता है।

प्रश्न 9. कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में क्यों कहा है ?
उत्तर-ईश्वर धरती के कण कण में मौजूद हैं। इसीलिए कबीर ने कहा है कि ईश्वर तो प्रत्येक जीव की स्वांसों में विद्यमान हैं। उन्हें बाहर खोजने की जरूरत नहीं है।

प्रश्न 10. कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामान्य हवा से न कर आँधी से क्यों की है ?
उत्तर-सामान्य रूप से हवा धीरे-धीरे चलती है, वह छप्पर आदि को नहीं गिरा पाती है। छप्पर आदि को तो आंधी ही गिराती है। आँधी से पो आदि उड़कर दूर चले जाते हैं। इसी तरह ज्ञान की आँधी से मोह-ममता, भम, स्वार्थ आदि बुराइयाँ जीवात्मा से दूर चली जाती हैं। मन सांसारिक बंधनों से छूटकर ईश्वर स्मरण में रम जोता है।

प्रश्न 11. ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-ज्ञान की आँधी आने से भक्त का जीवन बदल गया है। उसके मन से माया-मोह, सांसारिक आकर्षण आदि समाप्त हो गए हैं। मन शुद्ध तथा निर्मल होकर ईश्वर के ध्यान में रम गया है। ईश्वर प्रेम की वर्षा से भक्त का तन-मन भीग गया है।

प्रश्न 12. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) हिति चित्त की द्वै यूँनी गिरानी, मोह बलिंडा तूटा।
उत्तर-ज्ञान की आँधी आने से जीव के मन से माया ममता के जो खम्भे थे, वे टूट गए और मोह की जो बल्ली छप्पर को रोक रही थी, वह टूट गई और छप्पर धरती पर गिर गया है, भाव यह है कि जीव माया के बन्धनों से मुक्त हो गया है। उसका निर्मल मन ईश्वर भक्ति में लग गया है।

(ख) आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भीना।
उत्तर-ज्ञान की आँधी आने के बाद जो प्रेम-जल की वर्षा हुई है उससे भक्त का तन-मन भीग गया है। उसके मन में ईश्वर भक्ति का आनन्द भर गया है। वह पूर्ण आनंद का अनुभव कर रहा है।

प्रश्न 13. संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और साम्प्रदायिक सद्भाव सम्बन्धी विचारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-सामाजिक सद्भाव के पोषक कबीर निश्छल, उदार तथा निडर संत थे। वे हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्थन तथा आडम्बरों का विरोध करते थे। कबीर के अनुसार प्रत्येक कण में ईश्वर व्याप्त है। साधना द्वारा ज्ञान प्राप्त कर माया-मोह से छुटकारा पाया जा सकता है। निर्मल मन में ईश्वर प्रेम का आनन्द भर जाता है। परमात्मा जीवात्मा में विराजमान है, उसे बाहर खोजने की आवश्यकता नहीं। जब ज्ञान की आँधी आ जाएगी तब अज्ञान नष्ट हो जाएगा। मन परमात्मा के प्रेम जल से पवित्र होकर आनन्द को प्राप्त करेगा। भक्त भगवान के स्मरण में लीन हो जाएगा। उनके लिए हिन्दू-मुस्लिम एक समान थे।

10.वाख
प्रश्न 1. कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों जा रहे हैं ?
उत्तर-कवयित्री के प्रयास परिपक्व नहीं हैं। उनके कच्चे, अधूरे प्रयास हैं। जैसे मिट्टी के कच्चे सकोरे से पानी टपकता है वैसे ही उनके कच्चे प्रयासों से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। साधना के द्वारा ठोस प्रयत्नों से मुक्ति मिलना सम्भव है।

प्रश्न 2. कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-घर जाने की चाह का तात्पर्य है कि कवयित्री इस संसार सागर से मुक्त होकर परमात्मा से मिलने की इच्छुक हैं। वे ईश्वर से साक्षात्कार करने के लिए आतुर हैं।

प्रश्न 3. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
उत्तर-रुपये पैसे जेब में रखे जाते हैं वैसे ही जीवात्मा द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्यों की पूँजी होती है। जब जीवात्मा के सद्कर्म होते हैं तो उसे संसार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। कवयित्री कहती हैं कि जब मैंने अपने कर्मों को झांककर देखा तो मुझे एक भी श्रेष्ठ कर्म नहीं मिला। इसलिए बिना सद्कर्मों के मुक्ति मिलना
असम्भव है। मेरी सद्कर्मों की जेब खाली थी।

(ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं।
नखाकर बनेगा अहंकारी।
उत्तर- यहाँ जीवात्मा को सचेत किया गया है कि यदि खाने में ही जीवन गवा दिया तो कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। और यदि खाना पूरी तरह बंद कर दिया तो निराहारी होने का अहंकार तुझमें भर जाएगा। ये दोनों ही स्थितियाँ अच्छी नहीं हैं। इन दोनों ही आडम्बरों से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। इसलिए जीव जब संयम के द्वारा समभाव वाला हो जाएगा तब माया के बन्धनों से मन छूटेगा तथा मोक्ष प्राप्त कर पाएगा।

प्रश्न 4. बन्द द्वार की सांकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है ?
उत्तर-कवयित्री मानती हैं कि हर जीव में ईश्वर विद्यमान है। अहंकार, स्वार्थ आदि मायावी अंधकार के कारण जीव उनके दर्शन नहीं कर पाता है। जब वह मायावी अंधकार पर विजय प्राप्त कर लेगा ज्ञानी होकर अज्ञान को दूर भगा देगा, तब उसमें सभी प्राणियों के प्रति समभाव हो जाएगा। उसके बाद उसके अंत:करण के बन्द दरवाजे को सांकल खुल जाएगी। उसका मन ईश्वर भक्ति में रम जाएगा। इस तरह कवयित्री ने समभावी होने का उपाय सुझाया है जिससे बंद दरवाजे की सांकल खुलेगी।

प्रश्न 5. ‘ज्ञानी’ से कवयित्री का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-सच्चा ज्ञानी आत्मा में झांककर ईश्वर का साक्षात्कार कर लेता है। संसार के प्रत्येक जीव में परमात्मा व्याप्त हैं। अज्ञान के अंधकार के कारण जीव उनका साक्षात्कार नहीं कर पाता है। जब जीव का अज्ञान मिट जाता है तो ज्ञानवान हो जाता है और आत्मावलोकन कर ईश्वर से साक्षात्कार कर लेता है। इस प्रकार
कवयित्री ने अज्ञान से मुक्त जीव को ज्ञानी माना है।

प्रश्न 6. हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है ? आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज की क्या हानि हो रही है ?
उत्तर-हमारे सन्तों, भक्तों तथा महापुरुषों ने समाज के उत्थान के लिए भेदभाव को घातक बताया है। भेदभाव के कारण जातीयता, साम्प्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता आदि को बढ़ावा मिलता है। इससे सामाजिक समरसता समाप्त होती है। इससे पारस्परिक कटुता, द्वेष एवं कलह आदि बढ़ते हैं। इनके कारण उपद्रव भी
हो जाते हैं जिनसे धन, जन आदि की हानि होती है। इस तरह आपसी भेदभाव से समाज की बहुत हानि होती है।

11. सबैये

प्रश्न 1. ब्रजभूमि के प्रति कवि रसखान का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है ?
उत्तर-कवि रसखान को ब्रजभूमि अत्यन्त प्रिय है। यही कारण है कि वे अगले जन्म में भी ग्वाला, गाय, पत्थर आदि किसी भी रूप में यहीं रहना चाहते हैं। ब्रजभूमि के लिए वे तीनों लोकों का राज्य सिंहासन, आठौं सिद्धियाँ, नौ निधियाँ इत्यादि सब कुछ छोड़ने को तैयार हैं। वे ब्रज के मनोहर बाग-बगीचों, करील के कुंजों, तालाबों को देखने के लिए लालायित हैं।

प्रश्न 2. कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब निहारने के पीछे क्या कारण है ?
उत्तर-रसखान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं। वे उन सभी चीजों को प्रेम करते हैं जिनसे श्रीकृष्ण का सम्बन्ध रहा है। ब्रज के वन, बाग और तालाबों से श्रीकृष्ण का सम्बन्ध है इसीलिए कवि उनको निहारने के लिए लालायित हैं।

प्रश्न 3. सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था ? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर-एक सखी गोपी से श्रीकृष्ण के रूप को धारण करने का आग्रह करती है। वह चाहती है कि गोपी श्रीकृष्ण की तरह ही अपने सिर पर मोरमुकुट धारण करे, गले में गुंजाफल की माला पहने, पीताम्बर ओढ़ ले, हाथ में लाठी लेकर गार्यों के पीछे वन में घूमे और अपने होठों पर मन मोहिनी वंशी धारण करक मधुर
स्वर में बजाए।

प्रश्न 4. आपके विचार से कवि पशु, पक्षी और पहाड़ के रूप में भी कृष्णा का सानिध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है?
उत्तर-भक्त शिरोमणि रसखान श्रीकृष्ण के एकनिष्ठ भक्त हैं। उन्हें श्रीकृष्ण के साथ ही उनके सम्पर्क में रही प्रत्येक वस्तु से भी गहरा लगाव है। इसीलिए वे पशु, पक्षी अथवा पहाड़ के रूप में भी श्रीकृष्ण का सानिध्य चाहते हैं। इसमें कवि का दोहरा लाभ है। एक तो वे अपनी प्रिय वस्तु के रूप में होंगे और दूसरे उस
वस्तु के रूप में उन्हें श्रीकृष्ण की निकटता प्राप्त होगी।

प्रश्न 5. भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।
उत्तर-भाव यह है कि कवि रसखान को सोने-चाँदी के करोड़ों महलों के सुख-साधनों से भी अधिक ब्रज के करीलों के कुंज प्रिय हैं क्योंकि उन करीलों के बीच उनके आराध्य देव श्रीकृष्ण रहे हैं। वे करोड़ों महलों को काँटेदार करीलों पर न्योछावर करने को तैयार हैं।

(ख) माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै।
उत्तर-भाव यह है कि श्रीकृष्ण की अनोखी मुस्कान का इतना तीव्र प्रभाव है कि गोपी उस मुस्कान के प्रभाव को संभाल नहीं पाती वह अपना संयम खो बैठती है तथा उस मुस्कान के प्रभाव के प्रवाह में वह जाती है। उसे संभाल न पाने की असमर्थता को वह अपनी माइ से कह रही है।

प्रश्न 6. ‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर-इस पंक्ति में ‘क’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है इसलिए इसमें अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 7. काव्य सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।
उत्तर-(1) भाषा-इसमें माधुर्य गुण युक्त सुललित ब्रज भाषा का प्रयोग हुआ है।
(2) अलंकार-इस पंक्ति में आए मुरली तथा अधरान शब्दों का दो बार अलग-अलग अर्थों में प्रयोग हुआ है इसलिए यमक अलंकार, वर्ण आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
(3) रस-शृंगार रस।

प्रश्न 8. रसखान के प्रस्तुत सवैये में जिस प्रकार ब्रजभूमि के प्रति प्रेम अभिव्यक्त हुआ है, उसी तरह आप अपनी मातृभूमि के प्रति अपने मनोभावों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर-मेरी जन्मभूमि स्वर्ग से श्रेष्ठ है। यहाँ पर देवता भी जन्म लेना चाहते हैं। मेरी जन्मभूमि भारत धनधान्य, खनिज पदार्थों, फलों, मेवाओं, वनों, नदियों, पर्वतों, झरनों से सम्पन्न है। यहाँ वर्ष में सर्दी, गर्मी एवं वर्षा तीन मौसम मानव तथा प्रकृति को ऊर्जा प्रदान करते हैं। यहाँ की भूमि उपजाऊ है, वृक्ष फलदार हैं, सब्जियाँ पौष्टिक हैं। इस देश में विभिन्न धर्म, जातियाँ तथा सम्प्रदाय हैं किन्तु सभी प्रेम के साथ मिलजुलकर रहते हैं।
अलग-अलग भाषाएँ होते हुए भी सबके विचार एक से हैं। सभी भारत माँ के पुजारी हैं। मेरी कामना है कि मैं
जब जन्म लूँ इस पृथ्वी पर ही रहने का सौभाग्य मिले।

12. कैदी और कोकिला

प्रश्न 1. कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ?
उत्तर-कोयल की कूक सुनकर कवि जानना चाहते थे कि क्या कोयल का कुछ लुट गया है, या पागल हो गई हो अथवा उसने किसी दावानल की भयंकर आग की लपटों को देखा है। कोयल से इसके बारे में ही वे पूछना चाहते हैं।

प्रश्न 2. किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों ?
उत्तर-तम के प्रभाव से ब्रिटिश शासन की तुलना की गई है क्योंकि अंधेरे के प्रभाव के कारण के दिखता नहीं है इसलिए सही-गलत का बोध नहीं हो पाता है। उसी तरह ब्रिटिश शासन में आँख बद कर गलत-सही का विचार किए बिना ही कार्य किए गए हैं। सभी तरफ अंधेरगर्दी मची है। कैदिया का पार कीजिए।

प्रश्न 3. कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का या भोजन तक नहीं दिया जा रहा है।
उत्तर-पराधीन भारत की जेलों में स्वतंत्रता सेनानियों को विभिन्न प्रकार की यंत्रणाएँ दी जाती उनको भरपेट भोजन नहीं मिलता था। उनको किसी से मिलने की छूट नहीं थी। उनके ऊपर कड़ा पहरा रहन था। शासन उनके साथ उचित-अनुचित व्यवहार करता था। कैदियों के हाथों में हथकड़ियाँ पहनाई जाती।
उन्हें जुआ में जुतकर मोट खींचकर पानी निकालना होता था। वे कोल्हू खींचते थे।

प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) मृदुल वैभव की रखवाली सी कोकिल बोलो तो?
उत्तर-कोयल माधुर्य की सम्पदा का साकार रूप होती है। उसका स्वभाव, व्यवहार तथा स्वर मधु होता है। वह अपने स्वर और व्यवहार से सभी के मन जीत लेती है। दर्द से चीखना, चिल्लाना उसका स्वभाव नहीं है। वह तो मृदुल वैभव की रखवाली करने वाली है। उसकी टीस भरी कूक सुनकर कवि पूछते हैं कि तुम
इस प्रकार वेदना भरा स्वर क्यों निकाल रही हो, इसका कारण बता दो।

(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जुआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुंआ ?
उत्तर-इसका भाव यह है कि स्वतन्त्रता सेनानी कठोर यातनाओं को भी सहज रूप में सहन कर रहे थे। ब्रिटिश शासक उन्हें परेशान करने के लिए उनसे मोट खिंचवाते थे। किन्तु वे उन कार्यों को सहज एवं सामान्य मानते थे। इस तरह घमण्ड से भरे ब्रिटिश शासकों के गर्व को चूर-चूर कर देते थे। कठोर कार्यों को सहज रूप
में करते हुए देखकर अंग्रेज शासकों का अकड़ का कुँआ खाली हो जाता था। वे शान्त हो जाते थे।

प्रश्नई. कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है ?
उत्तर-कवि जेल काल कोठरी में बन्द है। वहाँ उसे काली टोपी पहनने को मिली है, काला कम्बल ओढ़ने के लिए है, उनके हाथों में काली हथकड़ियाँ हैं। कड़े पहरे में पहरेदार की हुंकार सुननी पड़ती है। जबकि कोयल हरी-भरी डाली पर स्वतन्त्र होकर रहती है। वह सारे आकाश में कहीं भी विचरण कर सकती है, उसके गीतों को वाहवाही मिलती है किन्तु कवि के रोने पर भी बंदिश है। इस असमानता के कारण ही कवि को कोयल से ईर्ष्या हो रही है।

प्रश्न 6. कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की कौन-सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है ?
उत्तर-कवि के स्मृति पटल पर कोयल मृदुल वैभव की रखवाली है। उसका स्वर मीठा है, उसका व्यवहार मधुर तथा कोमल है किन्तु बुरी तरह चीखकर, पागलपन की हरकत करके अपने माधुर्यपूर्ण स्वभाव को नष्ट करने पर तुली है। इसीलिए कवि पीड़ा का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 7. हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है ?
उत्तर-गहने शृंगार, साज-सज्जा के लिए पहने जाते हैं। इनसे पहनने वाले की शोभा बढ़ती है। स्वतन्त्रता। सेनानियों की साज-सज्जा एवं शोभा हथकड़ियों से बढ़ती है। देश की आजादी के लिए हथकड़ियाँ पहनना गौरव की बात होती है। इसीलिए हथकड़ियों को गहना कहा गया है।

प्रश्न 8.’काली तू…………ऐ आली’-इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।
उत्तर-यहाँ पर काली शब्द की आवृत्ति विभिन्न अर्थों में हुई है। कालापन, बुरी नीयत, बुरे कार्य, अंधेरी रात, दुख, अदृश्यता की स्थिति, भविष्य की निराशाजनक स्थिति आदि का प्रतीक है। इस पंक्ति में काली शब्द कोयल की बुरी नीयत, रात्रि की अदृश्यता, ब्रिटिश शासन के बुरे कार्य, देश में व्याप्त दुःख की
लहर, देश का बुरा भविष्य, कैदियों की कष्टदायक कोठरी, टोपी, कंबल, हथकड़ियाँ आदि सभी कष्टदायक हैं। काली शब्द इसी प्रकार की अभिव्यक्ति करता है। पहरेदारों का बुरा व्यवहार और गालियाँ भी उनकी बुरी नीयत का संकेत करती हैं।

प्रश्न 9, काव्य सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) किस दावानल की ज्वालाएँ दीखी ?
उत्तर-भाव पक्ष-(1) दावानल वन में लगने वाली आग कहते हैं। जैसे वन में लगने वाली आग से वन के पशु, पक्षी, जीव, जन्तु आदि को दुख पहुँचता है, उनमें हाहाकार मच जाता है। वैसे ब्रिटिश शासन की यातनाओं से भारतवासी कराह उठे हैं, सभी ओर हाहाकर मचा है। यहाँ दुखों की भयंकरता को दावानल
से व्यक्त किया गया है। (2) कला पक्ष-इसमें रूपक एवं अनुप्रास अलंकार है। साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
(ख) तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह ?
देख विषमता तेरी मेरी, बजा रही जिस पर रणभेरी!
उत्तर-भाव पक्ष-यहाँ पर कवि तथा कोयल की विषम स्थितियों को इंगित किया गया है। कोबल का मधुर स्वर सुनकर सभी वाह-वाही देते हैं, सभी प्रशंसा करते हैं जबकि कैदी का रोना भी अपराध हो जाता है, इसके लिए उन्हें कठोर यातनाएँ दी जाती हैं। इस अन्तर को देखते हुए भी कोयल का कैदी को चुनौती देना
उचित नहीं है। शिल्प सौंदर्य-पद मैत्री तथा अनुप्रास अलंकार का सौन्दर्य दर्शनीय है। तार्किक शैली के कारण कथन में प्रभावोत्पादकता आ गई है। साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 10. कवि जेल के आस-पास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिल की ही बात क्यों की है?
उत्तर-जेल के आस-पास अन्य पक्षी भी चहकते होंगे किन्तु जो माधुर्य और भाव की तीव्रता कोयल के स्वर में होती है, वह औरों के स्वर में नहीं होती। इसलिए भावुक हृदय कवि ने भाव की तीव्र अनुभूति कराने वाली कोयल की ही बात की है।
प्रश्न 11. आपके विचार से स्वतन्त्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा?
उत्तर-स्वतन्त्रता सेनानी ब्रिटिश शासन तथा उनके काले कारनामों का और अन्याय, अत्याचार का विरोध करते थे। परन्तु जो बातें सेनानियों को अनुचित लगती थीं वे ही बातें ब्रिटिश शासन के कानून थे। उनका उल्लंघन ब्रिटिश शासकों की नजर में अपराध था। इसलिए जिन्हें हम स्वतन्त्रता सेनानी मानते थे वे उनके लिए अपराधी थे। यही कारण है कि उनके तथा अपराधियों के साथ एक सा व्यवहार किया जाता होगा।

13. ग्रामश्री
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक/बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।

14. चन्द्र गहना से लौटती बेर

विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक/बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।

15. मेघ आए
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यकर) में से हटा दिया गया है।

16. यमराज की दिशा
विशेष : कोविड परिस्थितियों के चलते यह पाठ वार्षिक बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।

17. बच्चे काम पर जा रहे हैं
प्रश्न 1. कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने पर आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है, उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
उत्तर-कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने पर मेरे मन में यह चित्र उभरता है-कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है, सड़क कोहरे से ढकी है। प्रातः काल की हाड़ कंपाने वाली शीत लहर है। इस तरह की ठण्ड में भी कंपकपाते हुए छोटे-छोटे बच्चे कारखानों आदि में काम करने के लिए जल्दी कदम उठाते हुए चले जा रहे हैं। इनके हाथ में दोपहर के खाने का टिफिन है। आर्थिक तंगी के कारण यह सब हो रहा है। इस तंगी का कारण शोषण है। इन बच्चों का बचपन बरबाद हो रहा है।

प्रश्न 2. कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
उत्तर-कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की घटना बहुत भयानक है। इसका विवरण के रूप में खोलकर लिखना ठीक नहीं है, इसे प्रश्न के रूप में उठाना चाहिए, विवरण के रूप में लिखी गई बात सामान्य होती है, उसका प्रभाव कम पड़ता है जबकि प्रश्न के रूप में उठाई गई बात का वजन होता है, वह
अधिक प्रभावी होती है। इसीलिए कवि ने इस बात को प्रश्न के रूप में उठाने को कहा है।

प्रश्न 3. सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?
उत्तर-बच्चों के माता-पिता आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, उनके पास धन का अभाव है इसीलिए वे सुविधा और मनोरंजन के उपकरण नहीं खरीद पाते हैं। वे इतने निर्धन होते हैं कि भोजन, वस्त्र आदि के भी लाले पड़ जाते हैं, इसीलिए वे छोटे बच्चों को काम पर भेजते हैं। इसके लिए समाज की व्यवस्था दोषी है। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं तथा धनवान और धनी होते जा रहे हैं। इसीलिए निम्न वर्ग के बच्चे सुविधाओं और मनोरंजन से वंचित रह जाते हैं।

प्रश्न 4. दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-छोटे-छोटे बच्चों को काम पर जाता देखने पर भी इस उदासीनता के कारणों में सबसे प्रमुख कारण है-आज की स्वार्थपरता। हर आदमी आत्मकेन्द्रित हो गया है। उसके मन में संवेदना का अभाव होता जा रहा है। दूसरों के हित के बारे में कोई नहीं सोचता है। दूसरा कारण यह है कि वर्ग भेद की खाई बहुत बढ़ ई है। उच्च वर्ग निम्न वर्ग के बारे में सोचता ही नहीं है। उच्च वर्ग शोषण करने का आदी हो गया है। इसीलिए उसे बच्चों का काम पर जाना अटपटा नहीं लगता है। वह तो यह सोचता है कि बच्चों को काम पर लगाकर वह उनके परिवार की सहायता कर रहा है। वस्तुतः इसके मूल में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था है।

प्रश्न 5. बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है ?
उत्तर-बच्चों का काम पर जाना एक भयंकर क्रूर कर्म है। खेलने-खाने तथा पढ़ने की उम्र में बच्चों का काम पर जाना अमानवीय कार्य है इसीलिए यह एक हादसे के समान है। यह समाज की निष्ठुरता, कठोरता तथा हृदयहीनता का परिचायक है। इसमें बचपन मर जाता है। इसलिए बच्चों का काम पर जाना हादसा नहीं है तो और क्या हादसा होगा?

प्रश्न 6. काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने आपको रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है, इसे लिखिए।
उत्तर-काम पर जाने वाले बच्चे के स्थान पर मैंने स्वयं को रखा तो मुझे महसूस हुआ कि यह बच्चों के ऊपर बहुत बड़ा अत्याचार, अन्याय है। जब पढ़ने, खेलने, खाने तथा विकसित होने की उम्र है तब काम पर भेज देना बचपन को पीस देना है, मार देना है। इस कल्पना से ही मेरा हृदय काँप उठा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करने
लगा कि ऐसा किसी के साथ मत होने देना। सभी बच्चों को पढ़ने एवं खेलने का अवसर देना।

प्रश्न 7. आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए ? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
उत्तर-मेरा मत है कि बच्चों को काम पर नहीं भेजा जाना चाहिए। क्योंकि यदि वे पढ़ने, खेलने की उम्र में ही काम पर जाने लगेंगे तो उनकी शिक्षा-दीक्षा का क्या होगा। यदि इसी उम्र में वे काम पर जाने लगेंगे तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाएगा। उनके स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव नहीं होगा। देश-विदेश, समाज, व्यवस्था आदि का ज्ञान उन्हें नहीं हो सकेगा। उनके जीवन की नींव कमजोर होगी। शिक्षा के अभाव में वे देश के होनहार नागरिक नहीं हो पाएँगे। इसलिए मेरे विचार से बच्चों को पढ़ने, खेलने तथा मनोरंजन की सुविधाएँ मिलनी चाहिए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. सोने का घड़ा शराब से भरा होगा तो ……. निंदा करेंगे।
(सज्जन/महाजन)
2. सच्चे प्रेमी को यदि प्रेम मिल जाए तो विष भी हो जाता है।
(अमृत/अपेय)
3. पक्ष-विपक्ष के कारण सारा संसार ………….पड़ा है।
(भ्रम में/ रण में)
4. आई सीधी राह थी गई न…….” राह।
(टेढ़ी/सीधी)
5. जल थल में बसता है ………” ही।
(जीव/शिव)
6. रसखान चाहते हैं कि मैं मनुष्य हूँ तो………… गाँव के ग्वालों में रहूँ।
(नंदगाँव/गोकुल)
7. गोपी ………….. के मुख की मुस्कान के प्रभाव को नहीं संभाल पा रही है। (श्रीकृष्ण/बलदाऊ)
8. कोयल आधी …………में कूक पड़ती है।
(रात/राह)
9. कोयल तुम किसका देना चाहती हो।
(उत्तर/संदेश)
10. काली तू रजनी भी ….. शासन की करनी की काली।
(उजाली/काली)
काम पर जा रहे हैं।
(मजदूर/बच्चे)
उत्तर-1. सज्जन, 2. अमृत, 3. भ्रम में, 4. सीधी, 5. शिव, 6. गोकुल, 7. श्रीकृष्ण, 8. रात,9. सन्देश 10. काली, 11. बच्चे।

• सही जोड़ी मिलाइए
1. हिन्दू (क) कच्चे सकोरे
2. पानी टपके (ख) राम
3. रसखान (ग) हिन्दू-मुसलमान
4. भेद न कर (घ) प्रेम हरिजन भीनों
5. आँधी पीछे जो जल बूढ़ा (ङ) सैयद इब्राहीम
उत्तर-1. → (ख),2. → (क), 3. → (ङ),4. → (ग),5. → (घ)।

1. मुरली (क) हंस क्रीड़ा कर रहे हैं
2. मानसरोवर (ख) अधरा न धरोंगी
3. सम खा (ग) काम पर जाते हैं
4. छोटे-छोटे बच्चे (घ) बनेगा समभावी
उत्तर-1.+ (ख), 2. → (क),3. → (घ), 4. → (ग)।

1. बच्चे काम पर जा रहे हैं (क) श्रीकृष्ण
2. पीताम्बर (ख) राजेश जोशी
3. मोहिनी ताननि (ग) ब्रिटिश राज का गहना
4. हथकड़ियाँ (घ) गोधन गैहै
उत्तर-1. → (ख), 2. → (क),3.→ (घ),4.→ (ग)।

• सत्य/असत्य

1. ऊँचे कुल में जन्म लेने वाले के श्रेष्ठ काम होने चाहिए।
2. खा-खा कर कुछ नहीं पाएगा।
3. ईश्वर जो भजन-पूजा से मिल पाते हैं।
4. सम खा लेगा तो विषम भाव वाला हो जाएगा।
5. शिव थल-थल में बसते हैं।
6. रसखान ब्रज में ही जन्म लेना चाहते हैं।
7. गोपी श्रीकृष्ण की तरह मोर पंख का मुकुट धारण करने को तैयार नहीं है।
8. जेब टटोली तो एक कौड़ी भी नहीं मिली।
9. हिन्दू-मुस्लिम में भेद नहीं करना चाहिए।
10. कैदियों को जेल में भरपेट भोजन नहीं मिलता था।
11. कवि को जेल की काली कोठरी मिली थी।
12. छोटे-छोटे बच्चे कोहरे की सड़क से काम पर जा रहे हैं।
उत्तर-1. सत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. सत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य, 9. सत्य, 10. सत्य, 11. सत्य, 12. सत्य।

• एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. श्वान रूप कौन हैं ?
2. निरपेक्ष रहकर ईश्वर का ध्यान करने वाला क्या कहलाता है ?
3. बिना खाए निराहार रहने पर क्या बनेगा ?
4. ऊंचे कुल में जन्म लेकर क्या करना चाहिए ।
5. रसखान कहाँ जन्म लेना चाहते हैं?
6. रसखान किसके भक्त थे?
7. ब्रिटिश राज का गहना क्या है ?
8. कोयल को रहने को मिली है?
9. रसखान अपनी आँखों से क्या देखना चाहते हैं ?
10. बच्चे किससे ढंकी सड़क से काम पर जा रहे हैं ?
उत्तर-1, यह संसार, 2. सच्चा संत, 3. अहंकारी, 4. उच्च (श्रेष्ठ) काम, 5. ब्रज में, 6. श्रीकृष्ण के. 7. हथकड़ियाँ, 8. हरियाली डाली, 9. ब्रज के बाग व तालाब, 10. कोहरे से ढंकी सड़क से।

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