Pariksha Adhyayan Class 9 Social Science अध्याय 13 संविधान निर्माण

अध्याय 13
संविधान निर्माण

अध्याय 13 संविधान निर्माण
अध्याय 13
संविधान निर्माण

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
. बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. दक्षिण अफ्रीका का लोकतान्त्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था?
(i) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
(ii) स्त्रियों और पुरुषों का
(ii) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
(iv) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत बहुसंख्यकों का।

2. लोकतान्त्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता?
(i) शासन प्रमुख के अधिकार
(i) शासन प्रमुख का नाम
(iii) विधायिका के अधिकार
(iv) देश का नाम।

3. संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई थी?
H. दिसम्बर, 1946
(ii) दिसम्बर, 1947
(iii) दिसम्बर, 1948
(iv) दिसम्बर, 1949.

4. नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा कब दी गई थी?
(1) 1972
(ii) 1970
(1) 1964
(iv) 1968,

5. संविधान है-
(i) सरकार का गठन
(ii). नियम व कानूनों का संकलित प्रलेख
(iii) देश का शासन
(iv) मौलिक अधिकार।

6. दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झण्डा किस वर्ष में लहराया?
(i) 26 मार्च, 1988
(ii) 26 मई, 1992
(iii) 26 अप्रैल, 1986
(1926 अप्रैल, 1994.
उत्तर-1. (iii), 2. (ii), 3. (i), 4. (iii), 5. (ii), 6. (iv).

• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. नागरिकों के साथ उनकी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर बद नहीं किया जा सकता।
2. समानता का अधिकार संविधान में वर्णित . में से एक है। माही आघका
1 1928 में ही . और कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा था। मोतीलाल
4. श्यामा प्रसाद मुखर्जी . के संस्थापक थे। भारतीय समर्णय
नेहा
5. डॉ. बी. आर. आम्बेडकर संविधान की …
के अध्यक्ष थे।
6. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष थे। जगणे
उत्तर-1. भेद-भाव, 2. मौलिक अधिकारों, 3. मोतीलाल नेहरू, भारतीय जनसंघ, 5. प्रारूप समिति, 6. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ।

. सत्य/असत्य

1. 1950 से ही अश्वेत रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया।
2. 15 वर्ष तक जेल में कैद रखने के बाद नेल्सन मंडेला को आजाद कर दिया गया। साथ
3. भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे। सत्य
4. दक्षिण अफ्रीका 15 अप्रैल, 1990 को दुनिया का नया लोकतान्त्रिक देश बन गया। 44
5. 1937 के बाद पूरे ब्रिटिश शासन वाले भारत में प्रादेशिक असेंबलियों के लिए चुनाव कराए थे। सत्य
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य,4. असत्य, 5. सत्य।

• जोड़ी बनाइए
‘अ’
‘ब’
1. भारत के प्रथम उप-प्रधानमन्त्री (क) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ५
2. सरोजिनी नायडू (ख) सरदार वल्लभभाई पटेल
3. पहले शिक्षा मन्त्री (ग) 1928 में भारत का संविधान बनाया
4. सोमनाथ लाहिड़ी (घ) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल2.
5. मोतीलाल नेहरू (ङ) अब्दुल कलाम आजाद,
उत्तर-1.→ (ख), 2. → (घ),3. = (ङ),4.→ (क),5.→ (ग)।

.एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष कब से किया था ? 195
२४ाकारी
2. रंगभेद की शासकीय नीति अश्वेतों के लिए खासतौर से किस प्रकार की थीमनकारी
3. अबुल कलाम आजाद का जन्म कहाँ हुआ था जहर बरय
4. 1928 में भारत का संविधान किसने लिखा था? मोतीलाल राय
5. ‘यंग इण्डिया’ पत्रिका का सम्पादन किसने किया
6. स्वतंत्र पार्टी के संस्थापक कौन थे 25 गालात
7. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ? वर नह
मुशी
उत्तर-1. 1950 से, 2. दमनकारी, 3. सऊदी अरब, 4. मोतीलाल नेहरू, 5. महात्मा गांधी, 6. कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी, 7. जवाहरलाल नेहरू ।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. नेहरू जी के अनुसार नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं ?
और बीमारियों तथा अवसर की असमानता का अन्त करना।
उत्तर-नए भारत का सपना है कि दुःखी और परेशानियों में पड़े लोगों की सेवा एवं दरिद्रता, अज्ञान

प्रश्न 2. नेहरू जी संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे ?
उत्तर-नेहरू जी ने कहा कि एक शपथ हम आज भी लेंगे। भारत की सेवा करने का अर्थ है, दुःख और परेशानियों में पड़े लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा करना। इसका अर्थ है दरिद्रता का, अज्ञान और बीमारियाँ का, अवसर की असमानता का अन्त ।

प्रश्न 3. “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।” वे इस कचन में किसका जिक्र कर रहे थे ?
उत्तर- महात्मा गाँधी।

प्रश्न 4. रंगभेद क्या है?
उत्तर-रंगभेद, दक्षिण अफ्रीका की सरकार की 1948 से 1989 के बीच काले लोगों के साथ नस्ली अलगाव और खराब व्यवहार करने वाली शासन व्यवस्था।

प्रश्न 5. संविधान क्या है ?
उत्तर-देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।

प्रश्न 6. संविधान संशोधन क्या है?
उत्तर-देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया जाने वाला बदलाव संविधान संशोधन कहलाता है।

प्रश्न 7. संविधान प्रस्तावना से क्या आशय है?
उत्तर-संविधान का वह पहला कथन जिसमें कोई देश अपने संविधान के बुनियादी मूल्यों और अवधारणाओं को स्पष्ट ढंग से कहता है।

प्रश्न 8. संविधान की प्रस्तावना को किस देश के संविधान से लिया गया है?
उत्तर-अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरणा लेकर।

प्रश्न 9. भारतीय संविधान कब लागू हुआ? इसकी याद में कौन-सा राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं ?
उत्तर-भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। इसी दिन की याद में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है ?
उत्तर-15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि के समय संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, यह भविष्य आराम करने या सुस्ताने का नहीं बल्कि उन वायदों को पूरा करने के लिए निरन्तर प्रयास करने का है जिन्हें हमने अक्सर किया है और एक शपथ हम आज भी लेंगे। भारत की सेवा करने का अर्थ है, दुःख और
परेशानियों में पड़े लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा करना। इसका अर्थ है दरिद्रता का, अज्ञान और बीमारियों का, अवसर की असमानता का अन्त । हमारे युग के महानतम आदमी की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है। सम्भव है यह काम हमारे भर से पूरा न हो, पर जब तक लोगों की आँखों में आँसू हैं, कष्ट हैं तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं ? अपने कारण भी बताइए।
(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
उत्तर-यह कथन ठीक नहीं है। संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यदि संसद या राज्य विधानमंडल का कानून संविधान का उल्लंघन करता है तो सर्वोच्च न्यायालय उस कानून को अवैध घोषित करके रद्द कर सकता है।
(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा?
उत्तर-यह कथन सत्य है। संविधान में उन नियमों का वर्णन किया गया है जिनके अनुसार संसद,कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रपति के चुनाव की विधि, अवधि व शक्तियों का की रचना व शक्तियों का वर्णन संविधान में किया गया है। वर्णन संविधान में किया गया है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति व शक्तियों का वर्णन संविधान में किया गया है। संसद
रूप में है।
(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का ठरलेण भी संविधान में स्पष्ट कर सकता है।
उत्तर-यह कथन सत्य है। संविधान के तीसरे भाग में छ: मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। सरकार मौलिक अधिकारों के विरुद्ध कानून नहीं बना सकती। यदि बनाती है तो सर्वोच्च न्यायालय उसे रद्द
(घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।
उत्तर-यह कथन सही नहीं है। संविधान में केवल संस्थाओं का वर्णन नहीं किया जाता बल्कि मूर्यो पर भी जोर दिया जाता है। भारत के संविधान की प्रस्तावना में संविधान के दर्शन व मूल्यों का वर्णन किया गया है। प्रस्तावना में भारत को प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया
गया है। प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, व्यक्ति के गौरव, राष्ट्र की एकता तथा अखंडता पर जोर दिया गया है।
मिलाकर दोबारा लिखिए-
प्रश्न 3. हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में
(क) सप्रभु
(ख) गणतंत्र
(1) सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
(2) फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ग) बंधुत्व
(3) शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(घ) धर्मनिरपेक्ष (4) लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
उत्तर-(क) संप्रभु-फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ख) गणतंत्र-शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(ग) बंधुत्व-लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
(घ) धर्मनिरपेक्ष-सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।

प्रश्न 4. लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के सन्दर्भ में नेल्सन मंडेला के क्या विचार थे?
उत्तर-लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के विषय में नेल्सन मंडेला का यह कथन महत्वपूर्ण है, “मैंने गोरों के प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष किया है और मैंने ही अश्वेतों के प्रभुत्व का विरोध किया है। मैंने एक ऐसे लोकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज की कामना की है जिसमें सभी लोग पूरे मेल-जोल के साथ रहें और सबको समान अवसर उपलब्ध हों। मैं इसी आदर्श के लिए जीवित रहना और इसे पाना चाहता हूँ और अगर जरूरत पड़ी तो इस आदर्श के लिए मैं जान देने को भी तैयार हूँ।”

प्रश्न 5. स्पष्ट कीजिए रंगभेद से क्या अभिप्राय है ? इसके क्या परिणाम थे ?
अथवा
रंगभेद की परिभाषा लिखिए। दक्षिण अफ्रीका में यह व्यवस्था अश्वेतों के लिए कैसे दमनकारी थी?
उत्तर-रंगभेद का आशय-रंगभेद नस्ली भेदभाव पर आधारित उस व्यवस्था का नाम है जो दक्षिण अफ्रीका में विशिष्ट तौर पर चलाई गई। दक्षिण अफ्रीका पर यह व्यवस्था यूरोप के गोरे लोगों ने ला दी थी।
परिणाम-(1) रंगभेद की शासकीय नीति अश्वेतों के लिए खासतौर से दमनकारी थी। उन्हें गोरों की बस्तियों में रहने-बसने की इजाजत नहीं थी। परमिट होने पर ही वे वहाँ जाकर काम कर सकते थे।
(2) रेलगाड़ी, बस, टैक्सी, होटल, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज, पुस्तकालय, सिनेमाघर, थियेटर, समुद्र तट, तरणताल और सार्वजनिक शौचालयों तक में गोरों और कालों के लिए एकदम अलग-अलग इंतजाम थे।
इसे पृथक्करण या अलग-अलग करने की व्यवस्था कहा जाता था।
(3) काले लोग गोरों के लिए आरक्षित जगह तो क्या उनके गिरजाघर तक में नहीं जा सकते थे।
(4) अश्वेतों को संगठन बनाने और इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करने का भी अधिकार नहीं था।

प्रश्न 6. रंगभेद व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष करने में दक्षिण अफ्रीका के लोगों द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-दक्षिण अफ्रीका के लोगों ने 1950 से ही अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले और भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद प्रणाली के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए और हड़तालें आयोजित की। भेदभाव वाली इस शासन प्रणाली का विरोध करने वाले संगठन अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के झंडे तले एकजुट
हुए। इनमें कई मजदूर संगठन और कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल थी। अनेक समझदार और संवेदनशील गोरे लोग भी रंगभेद समाप्त करने के आन्दोलन में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के साथ आए और उन्होंने इस संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाई।

प्रश्न 7. संविधान का क्या महत्त्व है ? लिखिए।
उत्तर-संविधान का महत्त्व-किसी देश का संविधान, उस राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी डबैंचा निर्धारित करता है। संविधान में शासन के सभी अंगों (व्यवस्थापिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) की रचना, शक्तियों, कार्यों और दायित्वों का उल्लेख होता है। संविधान शासन के अंगों और नागरिकों के मध्य
सम्बन्धों को भी विनियमित करता है। संविधान देश के आदर्शों को भी प्रगट करता है। संविधान जनता की सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक प्रकृति, आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित होता है।

प्रश्न 8. संविधान सभा का परिचय दीजिए।
उत्तर-संविधान सभा-वह सभा जिसे किसी देश का संविधान बनाने का कार्य सौंपा जाए तो उसे संविधान सभा के नाम से जाना जाता है।
भारत का संविधान एक संविधान सभा द्वारा निर्मित किया गया। संविधान सभा का गठन ब्रिटिश शासन तथा भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के नेतृत्वकर्ताओं के मध्य परस्पर सहमति से किया गया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई जिसमें डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसम्बर, 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया। संविधान सभा की 2 वर्ष, 11 माह एवं 18 दिन की कार्य अवधि में कुल 11 अधिवेशनों में 166 बैठकें हुई।

प्रश्न 9. संविधान में प्रस्तावना का क्या महत्त्व है?
उत्तर-संविधान की प्रस्तावना में संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण के लक्ष्यों, मूल्यों एवं विचारों का समावेश किया है। इसे संविधान की आत्मा या कुंजी भी कहा जाता है। प्रस्तावना संविधान निर्माताओं की मनोभावना एवं संकल्प का प्रतीक है।
प्रस्तावना के आरम्भिक शब्दों में ही यह भाव निहित है कि संविधान का निर्माण जनता की इच्छा से ही हुआ है व अन्तिम सत्ता जनता में निहित है। प्रस्तावना में संविधान सभा के इस संकल्प की घोषणा है कि भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न गणराज्य होगा। सन् 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा भारत को समाजवादी एवं पंथ निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करना केवल राज्य का ही नहीं वरन् प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

प्रश्न 10. संविधान बनाने वालों ने भारतीय संविधान में संशोधन का प्रस्ताव कैसे रखा था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-संविधान सिर्फ मूल्यों और दर्शन का बयान भर नहीं है। संविधान मूल्यों को संस्थागत रूप देने की कोशिश है जिसे हम भारत का संविधान कहते हैं उसका अधिकांश हिस्सा इन्हीं व्यवस्थाओं को तय करने वाला है। यह एक बहुत ही लम्बा और विस्तृत दस्तावेज है। इसलिए समय-समय पर इसे नया रूप देने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता पड़ती है। भारतीय संविधान के निर्माताओं को लगा कि इसे लोगों की भावनाओं
के अनुरूप चलना चाहिए और समाज में हो रहे बदलावों से दूर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने इसे पवित्र, स्थायी और न बदले जा सकने वाले कानून के रूप में नहीं देखा था। इसलिए उन्होंने बदलावों को समय-समय पर शामिल करने का भी प्रावधान रखा। इन बदलावों को संविधान संशोधन कहा जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दुनिया के किसी संविधान ने नहीं दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह फैसला भी किया कि मुश्किल मामलों के समाधान
प्रश्न 1. दक्षिणी अफ्रीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-दक्षिण अफ्रीका में दो वर्षों की चर्चा और बहस के बाद जो संविधान बनाया गया वैसा अच्छा संविधान दुनिया में कभी नहीं बना था। इस संविधान में नागरिकों को जितने व्यापक अधिकार दिए गए हैं उतने की कोशिशों में किसी को भी अलग नहीं किया जाएगा और न ही किसी को बुरा या दुष्ट मानकर बर्ताव किया
समाधान में सबकी भागीदारी होगी। जाएगा। इस बात पर भी सहमति बनी कि पहले जिसने चाहे जो कुछ किया हो लेकिन अब से हर समस्या के नेल्सन मंडेला के अनुसार, “दक्षिण अफ्रीका का संविधान इतिहास और भविष्य, दोनों की बातें करता है। एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि दक्षिण अफ्रीकी के रूप में हम, एक-दूसरे से यह वायदा करते हैं कि हम अपने रंगभेदी, क्रूर और दमनकारी इतिहास को फिर से दोहराने की अनुमति नहीं देंगे। पर बात इतनी ही नहीं है। यह अपने देश को इसके सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का घोषणापत्र भी
है-श्वेत और अश्वेत, स्त्री और पुरुष, यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है।”

प्रश्न 2. संविधान क्या है ? देश में संविधान की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
लोकतंत्र में हमें संविधान की आवश्यकता है ? प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-संविधान का अर्थ-संविधान लिखित नियमों की इस प्रकार की किताव है जिसे किसी राष्ट्र में रहने वाले सभी नागरिक सामूहिक रूप से मानते हैं। संविधान सर्वोच्च कानून है जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों के मध्य के आपसी सम्बन्ध तय होने के साथ-साथ लोगों और सरकार के बीच सम्बन्ध भी तय
होते हैं। संविधान की भूमिका निम्न बातों से होती है-
(1) संविधान साथ रह रहे विभिन्न तरह के लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता है।
(2) संविधान यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार होगा।
(3) संविधान सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार हैं।
(4) संविधान अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

प्रश्न 3. दक्षिण अफ्रीकी संविधान की प्रस्तावना किस भावना को व्यक्त करती है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-अपने इतिहास में हुए अन्याय को स्वीकार करते हैं, अपनी भूमि पर आजादी और न्याय के लिए संघर्ष करने में कष्ट उठाने वालों को सलाम करते हैं, अपने देश को बनाने और विकसित करने में मदद करने वालों का आदर करते हैं, और मानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका उन सभी का है जो यहाँ रहते हैं, यहाँ की विविधता से जुड़े हैं, इसलिए स्वतंत्र रूप से चुने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपने गणतंत्र के सर्वोच्च कानून के तौर
पर संविधान को स्वीकार करते हैं जिससे पहले विभाजन मिटे और लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक न्याय और मौलिक मानवाधिकारों पर आधारित एक समाज बन सके, एक ऐसे लोकतांत्रिक और मुक्त समाज की स्थापना हो जिसमें सरकार लोगों की इच्छा के अनुसार बने और चले तथा हर नागरिक को कानून से समान संरक्षण मिले; सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और हर एक व्यक्ति की संभावनाओं को फलने-फूलने की स्वतंत्रता हो और एक संयुक्त और लोकतांत्रिक दक्षिण अफ्रीका का निर्माण हो जो राष्ट्रों के एक संप्रभु राष्ट्र के
तौर पर अपना उचित स्थान प्राप्त कर सके। ईश्वर, हमारे लोगों की रक्षा करे। यह प्रस्तावना दक्षिण अफ्रीकी संविधान की भावना को बहुत खूबसूरत ढंग से व्यक्त करती है।

प्रश्न 4. भारतीय संविधान की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारतीय संविधान की विशेषताएँ
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) लिखित और निर्मित संविधान-भारत का संविधान लिखित और निर्मित है। यह ब्रिटेन के संविधान की भाँति अलिखित नहीं है।
(2) सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न लोकतान्त्रिक गणराज्य-सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न का अर्थ है कि भारत अपने आन्तरिक एवं बाहा मामलों में सर्वोच्च शक्ति रखता है। लोकतन्त्रात्मक का आशय है कि भारत में
राजसत्ता का स्रोत जनता है। भारत गणराज्य भी है, क्योंकि राज्य का प्रधान जनता के प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित व्यक्ति होता है।
(3) संसदीय शासन प्रणाली-भारतीय संविधान में शासन की संसदीय प्रणाली अपनायी गयी है। देश का संवैधानिक प्रधान राष्ट्रपति होता है जबकि वास्तविक सत्ता मन्त्रिपरिषद् के अधीन होती है।
(4) अंशत: लचीला एवं अंशतः कठोर- भारतीय संविधान न तो पूर्ण रूप से लचीला है न पूर्ण रूप से कठोर। यह अंशतः लचीला तथा अंशत: कठोर है।
(5) मूल अधिकारों की व्यवस्था-मूल अधिकार नागरिकों के व्यक्तित्व के विकास के लिए अनिवार्य होते हैं। अत: भारतीय संविधान में नागरिकों के लिए मूल अधिकारों की व्यवस्था की गयी है। सरकार इनमें हस्तक्षेप नहीं करती।
(6) संघात्मक शासन व्यवस्था- भारतीय संविधान के प्रथम अनुच्छेद के अनुसार भारत राज्यों का एक संघ है। इस प्रकार भारत में संघात्मक शासन की स्थापना की गई है। संविधान ने शासन की शक्ति को एक स्थान पर केन्द्रित न कर केन्द्र और राज्य सरकारों में विभाजित किया है।
(7) स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका-नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा और संविधान की व्याख्या करने का अधिकार होने के कारण न्यायपालिका को स्वतन्त्र घोषित किया गया है। संविधान न्यायपालिका को न्यायिक पुनर्वलोकन का अधिकार देता है। संविधान द्वारा न्यायपालिका को निष्पक्ष बनाये रखने के लिए समुचित प्रावधान किये गये हैं।
(8) राज्य के नीति निर्देशक तत्व-भारतीय संविधान के चौथे भाग में शासन संचालन के लिए मूलभूत सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है, इन्हें राज्य के नीति निर्धारण करने वाले निर्देशक तत्व कहा गया है। ये तत्व आधुनिक प्रजातन्त्र के लिए राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। नीति-निर्देशक तत्वों को किसी न्यायालय द्वारा परिवर्तित नहीं कराया जा सकता किन्तु ये तत्व देश के शासन में मूलभूत स्थान रखते हैं। इन तत्वों के माध्यम से भारत में एक लोककल्याणकारी राज्य की स्थापना का प्रयास किया गया है।
(9) सार्वभौम वयस्क मताधिकार-संविधान द्वारा भारतीय नागरिकों को सार्वभौम वयस्क मताधिकार प्रदान किया गया है। हमारे संविधान में यह मताधिकार 18 वर्ष की आयु प्राप्त सभी नागरिकों को किसी धर्म, वश, जाति, वर्ण, लिंग, जन्मस्थान के भेदभाव के बिना समान रूप से दिया गया है।
(10) इकहरी नागरिकता-भारतीय संविधान ने इकहरी नागरिकता को अपनाया है अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक है चाहे वह किसी भी स्थान पर निवास करता हो। भारत के सभी नागरिक देश में कहीं भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं तथा देश के सभी भागों में समान अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं।

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