Pariksha Adhyayan Class 9 Social Science अध्याय 17 पालमपुर गाँव की कहानी

चतुर्थ भाग

अध्याय 17
पालमपुर गाँव की कहानी

अध्याय 17 पालमपुर गाँव की कहानी
अध्याय 17
पालमपुर गाँव की कहानी

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
. बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. पालमपुर गांव में विभिन्न जातियों के लगभग कितने परिवार रहते हैं ?
(i) 450 परिवार
(ii) 400 परिवार
(ii) 350 परिवार
(iv) 300 परिवार।

2. गाँव में कृषि भूमि को नापने की मानक इकाई कौन-सी है ?
(i) गज
(ii) मीटर
(iii) किलोमीटर
(iv) हेक्टेअर।

3. पालमपुर गाँव में कितने प्राथमिक विद्यालय हैं?
(i) 5
(ii)2
(iii)3
(iv)4.
वेतन है-
4. मार्च 2017 में सरकार द्वारा खेतों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए एक दिन का न्यूनतम
(i) ₹150
(ii) ₹250
(iii) ₹300
(iv)₹380.

5. छिपी हुई (अदृश्य) बेरोजगारी कहाँ पायी जाती है-
(i) विनिर्माण क्षेत्र में
(ii) कृषि क्षेत्र में
(iii) सेवा क्षेत्र में
(iv) उपरोक्त में कोई नहीं।

उत्तर-1.(1), 2. (iv), 3.(i), 4. (iii), 5. (ii).

. रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. उत्पादन को बढ़ाने के लिए भूमि और अन्य … संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ा है।
2. खेती की नयी विधियों में कम भूमि परन्तु अधिक की जरूरत पड़ती है।
3. भारत में ग्रामीण क्षेत्र के 100 कामगारों में से केवल ही गैर-कृषि कार्यों में लगे हैं।
4. कृषि एवं मछली पालन क्षेत्र से सम्बन्धित हैं।
5. एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसलें पैदा करने को … प्रणाली कहते हैं।
उत्तर-1. प्राकृतिक संसाधन, 2. पूँजी, 3. 24, 4. प्राथमिक, 5. बहुविध फसल।

सत्य/असत्य

1. पालमपुर गाँव में अधिकांश भूमि के स्वामी उच्च जाति के 80 परिवार हैं।
2. गाँव में पशुपालन मुख्य उत्पादन क्रिया है।
3. औजारों, मशीनों और भवनों का उत्पादन में कई वर्षों तक प्रयोग होता है और इन्हें स्थायी पूँजी कहा जाता है।
4. भूमि के पश्चात्, पूँजी उत्पादन का दूसरा आवश्यक कारक है।
3. रबी
4. खरीफ
5. पालमपुर में ज्यादा लोग व्यापार (वस्तु-विनिमय) नहीं करते।
उत्तर-1. सत्य, 2. असत्य 3. सत्य, 4. असत्य, 5. सत्य

जोड़ी बनाइए
‘अ’
1. कच्चा माल तथा नकद पैसा (क) गेहूँ
2. औजार, मशीन (ख) ज्वार व बाजरा

(ग) एच.वाई.वी
(घ) कार्यशील पूँजी
5. अधिक उपज वाले बीज
(ङ) स्थायी पूँजी
उत्तर-1. → (घ),2. →(ङ), 3. → (क),4. → (ख),5. → (ग)।

. एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. पालमपुर में सिंचाई का मुख्य स्रोत क्या है ?
2. पालमपुर से निकटतम छोटे कस्बे का नाम बताइए।
3. कौन से दशक के अन्त में हरित क्रान्ति शुरू हुई ?
4. देश में रासायनिक खाद का सबसे अधिक प्रयोग किस राज्य में है ?
5. पालमपुर में कितने प्रतिशत लोग कृषि के अतिरिक्त कार्य करते हैं ?
उत्तर-1. नलकूप, 2. शाहपुर, 3. छठे दशक, 4. पंजाब, 5.25 प्रतिशत।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. स्थायी पूँजी किसे कहते हैं ?
उत्तर-औजारों, मशीनों और भवनों का उत्पादन में कई वर्षों तक प्रयोग होता है और इन्हें स्थायी पूँजी कहा जाता है।

प्रश्न 2. कार्यशील पूँजी किसे कहते हैं ?
उत्तर-कच्चा माल तथा नकद पैसों को कार्यशील पूँजी कहते हैं।

प्रश्न 3. उत्पादन के कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर-उत्पादन भूमि, श्रम और पूँजी को संबोजित करके संगठित होता है, जिन्हें उत्पादन के कारक कहा जाता है।

प्रश्न 4. भारत में पशुओं पर आधारित कोई दो उद्योग लिखिए।
उत्तर-(1) डेयरी, (2) चमड़ा।

प्रश्न 5. भारत में किसानों ने खेती के आधुनिक तरीकों का सबसे पहले प्रयोग कहाँ-कहाँ किया ?
उत्तर- भारत में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने खेती के आधुनिक तरीकों का सबसे पहले प्रयोग किया।

प्रश्न 6. रबी और खरीफ की फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर-रबी की फसलें-गेहूँ, चना, जौ, सरसों आदि रवी की फसलें हैं। खरीफ की फसलें-चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, कपास, मूंगफली आदि खरीफ की फसलें हैं।

प्रश्न 7. पालमपुर में परम्परागत बीजों से गेहूँ की उपज क्या थी जो एच.वाई.वी. बीजों से कितनी
उत्तर-पालमपुर में, परम्परागत बीजों से गेहूँ की उपज, 1,300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। एच.वाई. पहुँच गयी?
बी. बीजों से उपज 3,200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई।

प्रश्न 8. एक हेक्टेयर किसके क्षेत्रफल के बराबर होता है?
उत्तर-एक हेक्टेयर, 100 मीटर की भुजा वाले वर्ग के क्षेत्रफल के बराबर होता है।

प्रश्न 9. सिंचाई के प्रमुख साधन बताइए।
उत्तर-सिंचाई के प्रमुख साधन वर्षा, तालाब, नलकूप, नहर आदि हैं।

प्रश्न 10. पालमपुर गाँव के लोग खरीददारी के लिए कहाँ जाते हैं?
उत्तर- पालमपुर गाँव के लोग खरीददारी के लिए निकट के कस्बे शाहपुर जाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है, क्या आप सहमत हैं?
उत्तर-हाँ यह कथन सही है, क्योंकि खेती की आधुनिक विधियों के लिए कृषि में उर्वरकों, कीटनाशकों, बिजली और ट्रेक्टरों का प्रयोग बढ़ रहा है। ये आगत उद्योगों से प्राप्त होते हैं। दूसरी और उद्योगों के लिए कच्चे माल की आवश्यकता होती है। यह कच्चा माल हमें कृषि से ही प्राप्त होता है। अत: कृषि हमारे उद्योगों का
आधार है। इस प्रकार कृषि और उद्योग एक-दूसरे से अलग नहीं हैं। वास्तव में दोनों में निकट का सम्बन्ध है। इससे स्पष्ट है कि कृषि और उद्योग साथ-साथ बढ़ रहे हैं।

प्रश्न 2. पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की ?
उत्तर- पालमपुर में बिजली जल्दी आ गई थी। उसका मुख्य प्रभाव यह पड़ा कि सिंचाई की पद्धति ही बदल गई। बिजली आने से पहले किसान कुँओं से रहट द्वारा पानी निकालकर छोटे-छोटे खेतों में सिंचाई किया करते थे। गाँव वालों ने देखा कि बिजली से चलने वाले नलकूपों से ज्यादा प्रभावकारी ढंग से अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जा सकती थी। प्रारम्भ में कुछ नलकूप सरकार द्वारा लगाए गए थे पर, जल्दी ही किसानों ने अपनी निजी नलकूप लगाने प्रारम्भ कर दिए। परिणामस्वरूप, 1970 के दशक के मध्य तक 200 हेक्टेयर के पूरे जुते हुए क्षेत्र की सिंचाई होने लगी।

प्रश्न 3. क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है ? क्यों ?
उत्तर-सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सिंचित क्षेत्र महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि आवश्यक भी है। भारत में मानसून अनिश्चित है। कृषि के अन्तर्गत आने वाली भूमि किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। यदि कृषकों को सिंचित भूमि खेती के लिए उपलब्ध हो जाती है तो वे थोड़ी
जमीन पर ही अधिक उत्पादन कर सकते हैं।

प्रश्न 4. एक ही भूमि उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन-से तरीके हैं ? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।
उत्तर-एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके निम्नलिखित हैं-
(1) एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल पैदा करने को बहुविध फसल प्रणाली कहते हैं। यह भूमि के किसी एक टुकड़े में उपज बढ़ाने की सबसे सामान्य प्रणाली है।
(2) आधुनिक सिंचाई सुविधाओं का उपयोग करके एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
(3) एच.वाई.वी, बीज का उपयोग करके भी उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
(4) उर्वरकों का प्रयोग करके तथा रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग करके उत्पादन बढ़ाया सकता है।
(5) आधुनिक मशीनरी जैसे ट्रेक्टर, थ्रेसर, ड्रिलिंग मशीन आदि का उपयोग करके उत्पादन बढ़ाया जा जा सकता है।

प्रश्न 5. एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए।
उत्तर-एक हेक्टेयर भूमि का टुकड़ा बहुत कम होता है। इस छोटे टुकड़े पर किसान आधुनिक तकनीकों का प्रयोग नहीं कर सकता। इसलिए उसे या तो बहु फसल उगानी चाहिए या फिर उस टुकड़े पर गैर-कृषि क्रियाएँ करनी चाहिए अर्थात् कुटीर उद्योग की स्थापना करनी चाहिए।

प्रश्न 6. मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं ? ये छोटे किसानों से कैसे भिन्न हैं?
उत्तर-(1) मझोले और बड़े किसान अपनी खुद की बचत से या बैंकों से कृषि के लिए, पूँजी प्राप्त करते हैं। ये वर्ष प्रतिवर्ष की बचत को जोड़कर अपनी स्थिर पूँजी को भी बढ़ाते हैं।
(2) दूसरी ओर, छोटे किसानों को कृषि के लिए पूँजी हेतु बड़े किसानों, गाँव के साहूकार या व्यापारियों से उधार लेना पड़ता है।

प्रश्न 7. सविता को किन शर्तों पर तेजपाल से ऋण मिला है ? क्या व्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती ?
उत्तर-सविता एक लघु किसान है। सविता ने तेजपाल सिंह से ₹3000, 24 प्रतिशत ब्याज की दर पर चार महीने के लिए उधार लिए। उसने साथ में यह भी वायदा किया कि जब भी फसल कटाई का समय होगा तब वह तेजपाल सिंह के खेतों में एक श्रमिक के रूप में ₹ 100 प्रतिदिन पर कार्य करेगी। सविता की स्थिति निश्चित तौर पर अच्छी होती यदि वह बैंक से कम व्याज पर ऋण लेती क्योंकि तेजपाल द्वारा दिए गए उधार की ब्याज दर, बैंक की ब्याज से बहुत अधिक है, वहीं दूसरी ओर तेजपाल
द्वारा उसे मजदूरी बहुत कम दी जा रही है। बैंक से उधार लेने पर वह इस प्रकार के शोषण से बच सकती थी।

प्रश्न 8. भौतिक पूँजी से क्या आशय है ? इसके विभिन्न प्रकार क्या हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-भौतिक पूँजी-उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर भिन्न-भिन्न प्रकार के आगों की आवश्यकता होती है। ये सभी आगत भौतिक पूँजी कहलाते हैं। भौतिक पूँजी के निम्न प्रकार होते हैं-
(i) स्थायी पूँजी-औजार, मशीन, भवन स्थायी पूँजी के अन्तर्गत आते हैं। औजारों तथा मशीनों में अत्यन्त साधारण औजार; जैसे-किसान का हल से लेकर परिष्कृत मशीनें; जैसे-जनरेटर, टरबाइन, कम्प्यूटर आदि आते हैं। औजारों, भवनों व मशीनों का उत्पादन में कई वर्षों तक प्रयोग होता है और इन्हें स्थायी पूँजी कहा जाता है।
(ii) कार्यशील पूँजी-कच्चा माल तथा नकद पैसों को कार्यशील पूँजी कहते हैं। उदाहरण के लिए, उत्पादन में कई प्रकार के कच्चे माल की आवश्यकता होती है; जैसे-बुनकर द्वारा प्रयोग किया जाने वाला सूत और कुम्हारों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली मिट्टी। उत्पादन के दौरान भुगतान करने तथा जरूरी माल खरीदने
के लिए कुछ धनराशि की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9. रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग क्यों हानिकारक है ?
उत्तर-रासायनिक उर्वरक इस प्रकार के खनिज देते हैं, जो जल में घुल जाते हैं और पौधों को तुरन्त उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन मृदा इन्हें बहुत समय तक धारण नहीं कर सकती। वे मृदा से निकलकर कुएँ के जल, नदियों व तालाबों को प्रदूषित करते हैं। रासायनिक उर्वरक मृदा में उपस्थित जीवाणुओं और सूक्ष्म अवयवों को नष्ट कर सकते हैं। अर्थात् रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के कुछ समय पश्चात् मृदा की उर्वरा (उत्पादन) शक्ति कम हो जाएगी।

प्रश्न 10. पंजाब में खेती की लागत बहुत तेजी से बढ़ रही है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-हमारे देश में रासायनिक खाद का सबसे अधिक प्रयोग पंजाब में हो रहा है। रासायनिक खाद के निरन्तर प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता को कम कर दिया है। पंजाब के किसानों को पहले का उत्पादन स्तर पाने के लिए अब अधिक से अधिक रासायनिक खादों और अन्य आगतों का प्रयोग करना पड़ता है। इसका अर्थ है
कि वहाँ खेती की लागत बहुत तेजी से बढ़ रही है।

प्रश्न 11. बहुविधि फसल प्रणाली क्या है ? पालमपुर में इस प्रणाली को कैसे अपनाया ?
उत्तर-एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल पैदा करने को बहुविध फसल प्रणाली कहते हैं। यह भूमि के किसी एक टुकड़े में उत्पादन बढ़ाने की सबसे सामान्य प्रणाली है। पालमपुर गाँव में सभी किसान कम से कम दो मुख्य फसलें पैदा करते हैं। कई किसान पिछले 15-20 वर्षों से तीसरी फसल के रूप में आलू
पदा कर रहे हैं। इस प्रकार एक ही जमीन के टुकड़े से उत्पादन बढ़ाने का तरीका बहुविध फसल प्रणाली है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. आपके क्षेत्र में कौन-से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं ? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए।
उत्तर-हमारे क्षेत्र में निम्नलिखित गैर कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं-
(1) गन्ना खरीदकर गुड़ बनाना ।
(C) पशुपालन (डेयरी), मछलीपालन, मुर्गीपालन।
(3) दूध संग्रहण एवं शीतलन केन्द्र।
(4) .सागाड़ी व अन्य साधनों द्वारा परिवहन कार्य।
(5) कम्प्यूटर केन्द्र, शिक्षित लोगों द्वारा पाठशाला।
(6) उत्पादित सब्जी व फल को मंडियों में बेचना।

प्रश्न 2. गाँव में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारम्भ करने के लिए क्या किया जा सकता है ?
उत्तर-गाँव में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारम्भ करने के लिए निम्नलिखित प्रयास किये जा सकते
(a) भारत में ग्रामीण क्षेत्र के 100 कामगारों में से केवल 24 ही गैर-कृषि कार्यों में लगे हैं। गैर-कृषि कार्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए।
(2) भविष्य में गाँव में गैर-कृषि उत्पादन क्रियाओं में भी वृद्धि हो। खेती के विपरीत, गैर-कृषि कार्यों
कम भूमि की आवश्यकता होती है।
(3) लोग कम पूँजी से भी गैर-कृषि कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं। इस पूँजी को कैसे प्राप्त किया जाता है? या तो अपनी ही बचत का प्रयोग किया जाता है या फिर कर्ज लिया जाता है। आवश्यकता है कि ऋण ब्याज को कम दर पर उपलब्ध हो, ताकि बिना बचत वाले लोग भी गैर-कृषि कार्य आरम्भ कर सकें।
(4) गैर-कृषि कार्यों के प्रसार के लिए यह भी आवश्यक है कि ऐसे बाजार हों, जहाँ वस्तुएँ और सेवाएँ बेची जा सकें।
(5) जैसे-जैसे ज्यादा गाँव, कस्बों और शहरों से अच्छी सड़कों, परिवहन और टेलीफोन से जुड़ेंगे वैसे-वैसे भविष्य में गाँव में गैर-कृषि उत्पादन क्रियाओं के अवसर बढ़ेंगे।

प्रश्न 3. आप किस प्रकार कह सकते हैं कि पालमपुर एक अच्छा विकसित गाँव है ? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
अथवा
पालमपुर में आधारभूत संरचनाओं के विकास का वर्णन कीजिए। ये विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में किस प्रकार सहायता करते हैं ?
उत्तर-निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है कि पालमपुर एक विकसित गाँव है-
(1) बिजली-पालमपुर गाँव के अधिकांश घरों में बिजली है। खेतों में सभी नलकूप बिजली से ही चलते हैं और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के छोटे कार्यों के लिए भी किया जाता है।
(2) शिक्षा-पालमपुर में दो प्राथमिक विद्यालय और एक हाईस्कूल है।
(3) स्वास्थ्य केन्द्र-गाँव में एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और एक निजी औषधालय भी है, जहाँ रोगियों का उपचार किया जाता है।
(4) डेयरी व अन्य प्रचलित क्रिया-पालमपुर गाँव में कई परिवारों में डेयरी एक प्रचलित क्रिया है।
लोग अपनी भैंसों को कई तरह की घास और बरसात के मौसम में उगने वाली चरी खिलाते हैं। दूध को निकट के बड़े गाँव रायगंज में बेचा जाता है। रायगंज में दूध संग्रहण एवं शीतलन केन्द्र खुला हुआ है, जहाँ से दूध दूर-दराज के शहरों और कस्बों में भेजा जाता है।
(5) पालमपुर में लघुस्तरीय विनिर्माण-पालमपुर में विनिर्माण में बहुत सरल उत्पादन विधियों का अधिकतर घरों या खेतों में किया जाता है। प्रयोग होता है और उसे छोटे पैमाने पर ही किया जाता है। विनिर्माण कार्य पारिवारिक श्रम की सहायता से संसाधन के रूप में लोग वस्तुएँ मिल जाती हैं।
(6) दुकानदार-पालमपुर के व्यापारी वे दुकानदार है, जो शहरी के चोक बाजारों से कई प्रकार की वस्तुएं खरीदते हैं और उन्हें गाँव में लाकर बेचते हैं। गाँव में छोटे जनरल स्टोरी म दैनिक उपयोग की अधिकांश
(7) परिवहन के साधन-पालमपुर और रायगंज के बीच सड़क पर कई प्रकार के वाहन चलते है। रिक्शेवाले, तांगेवाले, भैंसागाड़ी, जीप, ट्रेक्टर, ट्रक ड्राइवर तथा परम्परागत बैलगाड़ी और दूसरी गाड़ियों चलने वाले वे लोग हैं जो परिवहन सेवाओं में शामिल हैं।

प्रश्न 4. भारत में हरित क्रान्ति’ पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
हरित क्रान्ति
भारत में कृषि कार्य में आधुनिक नवीन वैज्ञानिक तकनीक के उपयोग द्वारा कृषि उत्पादन म अभूतपूर्व वृद्धि करना ही ‘हरित क्रान्ति’ है। 1960 के दशक के अन्त में भारतीय कृषि के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया गया जिसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इसे हरित क्रान्ति का नाम दिया गया।
हरित क्रान्ति की मुख्य विशेषताएँ-हरित क्रान्ति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है-
करने के तरीके सिखाए।
भारतीय किसानों को अधिक उपज वाले बीजों (एच. वाई. वी.) के द्वारा गेहूँ और चावल की खेती
(2) रासायनिक खादों व उर्वरकों का प्रयोग करना।
(3) अधिक कृषि-उपज देने वाली फसलों का बोया जाना।
(4) पौध तथा भू-संरक्षण के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करना।
(5) कृषि सम्बन्धी अनुसंधानों तथा शिक्षा की व्यवस्था करना।
(6) सघन खेती के कार्यक्रम को अपनाना।

हरित क्रान्ति के प्रभाव
-(1) हरित क्रान्ति के फलस्वरूप सिंचाई का क्षेत्र काफी व्यापक हो गया है।
(2) हरित क्रान्ति के फलस्वरूप प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है।
(3) इससे कृषि मात्र जीवन-यापन का साधन न रहकर एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुकी है।
(4) इससे खाद्यान्न के उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है और अब गेहूँ के उत्पादन में देश आत्मनिर्भर
हो गया है तथा निर्यात करने की स्थिति में आ गया है।
(5) कृषि कार्य में आधुनिक कृषि-यन्त्रों का प्रयोग सम्भव हुआ है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*