अध्याय 4 जनन स्वास्थ्य ClASS 12TH परीक्षा अध्ययन

अध्याय 4
जनन स्वास्थ्य

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
1. निम्न में से कौन-सी एक जन्म नियंत्रण विधि है ?
(i) IVF-ET,
(ii) GIFT,
(ii) IUD,
(iv) ICSI.
2. चिकित्सीय सगर्भता समापन (MTP) को कितने सप्ताह की गर्भावस्था तक
सुरक्षित माना जाता है ?
(i) 6 सप्ताह,
(ii) 8 सप्ताह,
(iii) 12 सप्ताह,
(iv) 18 सप्ताह
3. एम्नियोसेंटेसिस विधि द्वारा पहचान की जाती है-
(i) हृदय के रोग की,
(ii) भ्रूण के आनुवंशिक रोग की,
(iii) मस्तिष्क रोग की,
(iv) उपर्युक्त सभी की।
4. ‘सहेली’ है-
(i) मुखीय गर्भनिरोधक,
(ii) डायाफ्राम का प्रकार,
(iii) महिलाओं हेतु बन्ध्यकरण शल्य क्रिया, (iv) अन्तः गर्भाशयी युक्ति।
5. बन्ध्यता के कारण होते हैं-
(i) शारीरिक व जन्मजात,
(ii) रोगजन्य या प्रतिरक्षात्मक,
(iii) मनोवैज्ञानिक,
(iv) उपर्युक्त सभी।
6. पुरुषों के लिए स्थायी गर्भ नियंत्रण उपाय है-
(i) ट्यूबैक्टॉमी,
(ii) डायाफ्राम,
(iii) वैसेक्टॉमी,
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-1. (iii), 2. (iii), 3. (ii), 4. (i), 5. (iv), 6. (iii).

रिक्त स्थान पूर्ति
1. परिवार नियोजन कार्यक्रम को अब “..” नाम से जाना जाता है।
2. एम्नियोसेंटेसिस का दुरुपयोग परीक्षण हेतु भी किया जाता है।
3. मानव जनसंख्या का वैज्ञानिक अध्ययन…………कहा जाता है।
4………..गर्भ-निरोध की विधियाँ विश्वसनीय नहीं होती।

5. ………….” नामक गर्भ निरोधक गोली भारत में निर्मित गैर स्टेरॉइडली सामग्री है।
6. गर्भाशय में IUD से मुक्त हुए …………..” आयन शुक्राणुओं की गतिशीलत तथा निषेचन क्षमता को कम कर देते हैं।
उत्तर-1, परिवार कल्याण, 2. भ्रूण लिंग, 3. डेमोग्राफी, 4. प्राकृतिक, 5. सहेली

– सत्य/असत्य
1. पुरुषों के लिए की जाने वाली बन्थ्यकरण शल्य क्रिया ट्यूबेक्टॉमी कहलाती है।
2. सभी यौन संचरित रोगों या रतिज रोगों का उपचार नहीं किया जा सकता, अर्क
यह असाध्य होते हैं।
3. टेस्ट ट्यूब बेबी का पूर्ण विकास टेस्ट ट्यूब अथवा पेटीप्लेट में होता है।
4. अकुशल नीम-हकीमों द्वारा सम्पन्न कराए जाने वाले गर्भपात जानलेवा हो सकते हैं।
5. डायाफ्राम व गर्भाशयी ग्रीवा रासायनिक गर्भ निरोधक है।
6. मुखीय गर्भ निरोधकों के कुछ सम्भावित दुष्परिणाम भी होते हैं।
7. भारत सरकार ने सन् 1971 में प्रेरित गर्भपात को मान्यता प्रदान की।
8. किसी दम्पत्ति के सन्तान न होने के लिए स्त्री ही जिम्मेदार होती है।
उत्तर-1. असत्य, 2. असत्य, 3. असत्य, 4. सत्य, 5. असत्य, 6. सत्य, 7. सत्य.
8. असत्य।

२ सही जोड़ी बनाइए

1. IUCD   (2020) (i) सहायक जनन प्रौद्योगिकी
2. एम. टी. पी. (ii) पुरुष बन्ध्यकरण
3. पात्रे निषेचन (iii) प्रोटोजोआ जन्य एस. टी. डी.
4. प्रोजेस्टासर्ट (iv) प्रेरित गर्भपात
5. वैसेक्टॉमी (2019) (v) कॉपर-T
6. ट्राइकोमोनिएसिस (vi) हॉर्मोनमोचक आई.यू.डी.
GTR-1. (v), 2. (iv), 3. (i), 4. (vi), 5. (ii), 6. (ii)

३ एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. उस संस्थान का नाम लिखिए जहाँ ‘सहेली’ गर्भ निरोधक विकसित की गयी।
उत्तर–केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (CDRI)।
2. शब्द विस्तार कीजिए-ZIFT.
उत्तर—जाइगोट इण्ट्रा फैलोपियन ट्रांसफर।
3. किन्हीं दो जीवाणुजन्य यौन संचरित रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-(i) सिफलिस, (ii) गोनोरिया।
4. भारत में परिवार नियोजन कार्यक्रम का प्रारम्भ कब हुआ?
उत्तर–सन् 1951 में।

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5. उस सहायक जनन प्रौद्योगिकी का नाम लिखिए जिसमें शुक्राणु को सीधे ही अण्डाणु में निक्षेपित किया जाता है।
उत्तर अन्तः कोशिकाद्रव्यीय शुक्राणु निक्षेपण (ICSI)|

अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. किसी व्यक्ति को यौन संचरित रोगों से बचाव हेतु क्या-क्या उपाय करने चाहिए?
उत्तर- (i) किसी अनजान व्यक्ति से यौन सम्बन्ध न रखें।
(ii) सम्भोग के समय कण्डोम का प्रयोग करें।
(iii) किसी रोग का शक होने पर प्रारम्भिक स्थिति में ही योग्य चिकित्सक से इलाज कराएँ।

प्रश्न 2. यौन जनित रोगों से होने वाली जटिलताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर यौन जनित रोगों का समय से उपचार न कराने पर निम्न जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं- पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिसीज (श्रोणि शोथज रोग), गर्भपात, स्टिल वर्थ (मृत शिशु जन्म), अस्थानिक सगर्भता बन्ध्यता (Infertility) व जनन मार्ग का कैंसर।

प्रश्न 3. जनसंख्या विस्फोट के लिए कौन-से कारण सुझाए गए हैं ?
उत्तर जनसंख्या विस्फोट हेतु उत्तरदायी कारक हैं-
(1) मृत्युदर में आई कमी, मातृ मृत्यु दर (MMR) में आई कमी।
(ii) शिशु मृत्यु दर (IMR) में गिरावट।
(iii) जनन आयु वर्ग के लोगों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी।
(iv) अन्य कारण हैं—अशिक्षा, कम उम्र में विवाह, सामाजिक मान्यताएँ तथा गर्भ-निरोध के साधनों को न अपनाना।

प्रश्न 4. जनदों को हटाना गर्भनिरोधकों का विकल्प नहीं माना जा सकता। क्यों?
उत्तर–जी हाँ, जनदों को हटाना गर्भनिरोधकों का विकल्प नहीं है क्योंकि
(i) जनद (वृषण/अण्डाशय) प्राथमिक लैंगिक अंगों के साथ-साथ महत्वपूर्ण अन्तःस्रावी ग्रन्थि के रूप में भी कार्य करते हैं। इनके हटाने से व्यक्ति की वृद्धि, विकास व कार्यिकी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
(ii) गर्भनिरोधक का कार्य युग्मक स्थानान्तरण, निषेचन अथवा अन्तर्रोपण बाधित करना होता है न कि युग्मक उत्पन्न करने वाले अंग को ही समाप्त कर देना। जनदों को हटाना तो प्रजनन क्षमता को ही समाप्त कर देना है।

प्रश्न 5. शब्द विस्तार कीजिए।
RCH, RTI, ART, IUD.
उत्तर—RCH
रिप्रोडक्टिव एण्ड चाइल्ड हैल्थ केयर प्रोग्राम

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प्रश्न 6. एक अच्छे गर्भनिरोधक के चार गुण लिखिए।
उत्तर—अच्छे गर्भनिरोधक के गुण-
(i) अच्छा गर्भनिरोधक आसानी से उपलब्ध होने वाला होना चाहिए।
(ii) अच्छा गर्भनिरोधक प्रयोग में सहज (User freindly) होना चाहिए।
(ii) एक अच्छे गर्भनिरोधक के कोई भी गम्भीर दुष्परिणाम नहीं होने चाहिए।
(iv) यह कारगर (effective) होना चाहिए तथा प्रयोग करने वाले की यौनेच्छा (मैथुन)
में बाधक नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 7. गर्भनिरोध की शल्य चिकित्सीय विधियों का कोई एक लाभ व कोई.
एक कमी लिखिए।
उत्तर–गर्भनिरोध की शल्य चिकित्सीय विधियों, जैसे ट्यूबेक्टामी व वेसेक्टॉमी का प्रमुख लाभ यह है कि यह विधियाँ अत्यधिक कारगर होती हैं। इनका प्रमुख दोष यह है कि यह आसानी से उत्क्रमणीय (Reversible) नहीं हैं। पुन: संतान प्राप्ति की इच्छा होने पर व्यक्ति
को पुनः शल्य क्रिया की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 8/ टेस्ट ट्यूब बेबी’ किसे कहते हैं ? (2019)
उत्तर-दीर्घ उत्तरीय प्रश्न संख्या । के उत्तर में बिन्दु (3) देखें।

प्रश्न 9. जनसंख्या नियंत्रण हेतु किए गये तीन महत्वपूर्ण राजकीय कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर—जनसंख्या नियंत्रण हेतु सरकार द्वारा किए गये प्रमुख प्रयास निम्न हैं—
(i) लड़कों के लिए शादी की वैधानिक उम्र 21 वर्ष तक तथा लड़कियों के लिए 18 वर्ष करना।
(ii) गर्भ निरोधकों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना, मुफ्त/निशुल्क आपूर्ति।
(iii) छोटा परिवार अपनाने वाले दम्पत्तियों को पुरस्कृत करना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. निम्न वाक्य सही हैं या गलत, व्याख्या सहित बताइए-
(a) गर्भपात स्वतः भी हो सकता है।
(b) बन्ध्यता को जीवनक्षम सन्तति पैदा कर पाने की अक्षमता के रूप में
परिभाषित किया गया है और यह सदैव स्त्री की असमान्यताओं/दोषों के कारण होती है।
(c) एक प्राकृतिक गर्भ-निरोधक उपाय के रूप में शिशु को पूर्ण रूप से स्तनपान
कराना सहायक होता है।
(d) लोगों के जनन स्वास्थ्य के सुधार हेतु यौन सम्बन्धित पहलुओं के बारे में
जागरूकता पैदा करना एक प्रभावी उपाय है।

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उत्तर (a) गर्भपात स्वतः भी हो जाता है’ कथन सही है। स्वतः गर्भपात को अकाल प्रसव या मिसकैरिज (miscarriage) कहा जाता है। गर्भ में पल रहे भ्रूण का जीवनक्षम होने से पहले ही अर्थात् सगर्भता के 28वें सप्ताह से पहले ही स्वत: गिर जाना ही तकनीकी रूप
उपायों के जीवित रहने की क्षमता आ जाती है।) से स्वतः गर्भपात कहलाता है। (28वें सप्ताह के बाद भ्रूण में गर्भाशय के बाहर बिना कृत्रिम
(b) इस वाक्य में बन्ध्यता की परिभाषा सही है लेकिन उसका कारण गलत दिया गया है। यह कहना गलत है कि बन्ध्यता के लिए केवल स्त्री ही उत्तरदायी होती है। बन्ध्यता के
असमान्यताएँ हैं-
आधे केस पुरुषों में पायी जाने वाली असमान्यताओं/दोषों के कारण होते हैं। पुरुषों की प्रमुख शुक्राणुओं की कम संख्या (Oligospermia), शुक्राणुओं का पूर्णतः अभाव (AZoospermia) शुक्राणुओं में निषेचन क्षमता का अभाव, शुक्राणुजनन बाधित, वीर्यसेचन
में अक्षमता।
(c) यह कथन सही है। वास्तव में दुग्ध स्रावण अनार्तव या स्तनपान अनार्तव (Lactational amenorrhoea) गर्भ-निरोध की एक प्राकृतिक विधि है। प्रसव के बाद शिशु को कुछ महीनों तक पूर्ण स्तनपान कराने से ऋतुस्राव चक्र प्रारम्भ ही नहीं होता अत: अण्डोत्सर्ग
रुक जाता है।

(d) कथन पूर्णत: सही है। लोगों को जननांगों की संरचना व कार्य, ऋतुनाव चक्र किशोरावस्था की समस्याएँ, यौन संचरित रोग, गर्भनिरोधक आदि के बारे में जागरूक कर जनन स्वास्थ्य के लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता है। यौन सम्बन्धी अनेक समस्याएँ लोगों की
अशिक्षा, अज्ञान, अन्धविश्वास या गलत मान्यताओं के कारण होती है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों को सही कीजिए-
(a) गर्भनिरोध के शल्य क्रियात्मक उपाय युग्मक बनने को रोकते हैं।
(b) सभी तरह के यौन संचरित रोग पूरी तरह से उपचार योग्य हैं।
(c) ग्रामीण महिलाओं के बीच गर्भनिरोधक के रूप में गोलियाँ (पिल्स) बहुत ही
लोकप्रिय हैं।
(d) ई टी तकनीक में भ्रूण को सदैव गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता
है।
उत्तर-(a) गर्भ निरोध के शल्य क्रियात्मक उपाय युग्मक स्थानान्तरण को रोकते हैं, युग्मक निर्माण को नहीं।
(b) एड्स व जेनाइटल हीज तथा हेपेटाइटिस-बी को छोड़कर सभी तरह के यौन संचरित रोग पूरी तरह से उपचार योग्य हैं।
(c) शहरी महिलाओं के बीच गर्भनिरोधक के रूप में गोलियाँ ‘पिल्स’ बहुत लोकप्रिय हैं।
(d) ई टी तकनीक में 8 कोशिकीय भ्रूण को फैलोपियन नलिका (ZIFT) में तथा 8 से अधिक कोशिकाओं वाले भ्रूण को गर्भाशय में TUT” स्थानान्तरित किया जाता है।

प्रश्न 3. क्या गर्भनिरोधकों का प्रयोग उचित है ? कारण दीजिए।
उत्तर-गर्भनिरोधकों के प्रयोग को एक अनावश्यक आवश्यकता (Unnecessary necessity) माना जाता है। गर्भ निरोधक हमारे जनन स्वास्थ्य तथा उसके रख रखाव के लिए

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एक नियमित आवश्यकता नहीं है। गर्भ निरोधकों का प्रयोग एक प्राकृतिक घटना जनन के पद सगर्भता को रोकने के लिए किया जाता है। अतः तार्किक दृष्टिकोण से गर्भ-निरोधकों का प्रयोग प्रकृति के विरुद्ध है। लेकिन इसी तथ्य का दूसरा पहलू यह है कि किसी व्यक्ति को वैयक्तिक कारणों, जैसे सगर्भता की स्थिति से बचने या दो सगर्भताओं के बीच अन्तर रखने हेतु इनका
प्रयोग करना आवश्यक हो जाता है।
गर्भनिरोधकों के दुष्परिणामों को भी नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है लेकिन यह
भी एक स्थापित सत्य है कि इनके प्रयोग से जनसंख्या वृद्धि की दर पर लगाम लगी है।
संक्षेप में इनको अनावश्यक आवश्यकता कहना ही उचित है।
प्रश्न 4. लिंग निर्धारण के लिए उल्बबेधन का प्रयोग हमारे देश में प्रतिबन्धित है।
क्या यह प्रतिबन्ध आवश्यक है ? टिप्पणी लिखिए।
अथवा
एम्नियोसेन्टेसिस विधि को समझाइए।
(2020)
उत्तर-उल्बबेधन या एम्नियोसेन्टेसिस (Amniocentesis) भ्रूणीय विकार जाँच करने
की एक विधि है। इस विधि में एक सिरिंज की सहायता से भ्रूण के चारों ओर उपस्थित उल्ब
द्रव (एम्नियोटिक फ्लुड) की कुछ मात्रा निकाली जाती है। इसमें उपस्थित कोशिकाओं के
गुणसूत्रीय परीक्षण से भ्रूण के किसी आनुवंशिक विकार का पता लगाया जाता है। चूंकि
गुणसूत्रीय जाँच से भ्रूण के लिंग के बारे में भी सहज जानकारी हो जाती है, अत: कुछ लोगों
ने इस तकनीक का दुरुपयोग प्रारम्भ कर दिया। इसका प्रयोग कन्या भ्रूण हत्या (Female
foeticide) जैसे घृणित कार्य के लिए किया जाने लगा।
भारत में भ्रूण का लिंग ज्ञात करना कानूनी रूप से प्रतिबन्धित है अत: लिंग जाँच करने
के लिए उल्बबेधन तकनीक का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
देश में घटते लिंग अनुपात, बढ़ती कन्या भ्रूण हत्याओं जैसे अमानवीय कृत्यों को
दृष्टिगत रखते हुए लिंग जाँच हेतु उल्बबेधन पर प्रतिबन्ध पूर्णतः आवश्यक है। सभ्य समाज
में इसकी आज्ञा नहीं दी जा सकती है।
प्रश्न 5. क्या आप मानते हैं कि पिछले 50 वर्षों के दौरान हमारे देश के जनन
स्वास्थ्य में सुधार हुआ ? यदि हाँ तो इस प्रकार के सुधार वाले कुछ क्षेत्रों का वर्णन
कीजिए।
उत्तर-जी, हाँ। पिछले 50 वर्षों में हमारे देश के जनन स्वास्थ्य क्षेत्र में अपेक्षित व
व्यापक सुधार हुआ है। निम्नलिखित क्षेत्रों में इन सुधारों को देखा जा सकता है—
(i) मातृ मृत्यु-दर (MMR) कम हुई है।
(ii) शिशु मृत्यु-दर (IMR) में गिरावट आई है।
(ii) सगर्भता की देखभाल बेहतर हुई है। बेहतर प्रसव सुविधा उपलब्ध हुई है तथा
प्रसवोत्तर देखभाल भी बेहतर हुई है। चिकित्सीय देखरेख में होने वाले प्रसवों की संख्या में
वृद्धि हुई है।
(iv) यौन रोगों के सम्बन्ध में जागरूकता विकसित हुई है। यौन संचरित रोगों की शीघ्र
पहचान व उचित उपचार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।
(v) गर्भ निरोधकों का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ है फलस्वरूप जनसंख्या वृद्धि दर
कम हुई है।

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(vi) स्कूलों, कॉलेजों में जनन स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के प्रचार से किशोर व
युवाओं के अन्धविश्वास व गलत धारणाओं को सही किया जा सका है।
कर सके हैं।
(vii) सहायक जनन प्रौद्योगिकी की मदद से अनेकानेक बन्ध्य दम्पत्ति संतान प्राप्त
(viii) व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम से शिशु व जननी दोनों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
प्रश्न 6. समाज में जनन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में अपने विचार प्रकट
कीजिए।
उत्तर “जनन के शारीरिक, भावनात्मक, शरीर क्रियात्मक, व्यवहारगत तथा सामाजिक
पहलुओं की कुशलता की स्थिति ही जनन स्वास्थ्य है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
द्वारा दी गई यह परिभाषा स्वयं जनन स्वास्थ्य के महत्व को स्पष्ट करती है। ऐसा समाज, जिसमें
सभी लोगों के जनन अंग शारीरिक व शरीर क्रियात्मक रूप से स्वस्थ व सामान्य हों, यौन सम्बन्धी
सभी पहलुओं पर लोगों का व्यवहार व भावनाएँ सामान्य हों, जननात्मक रूप से स्वस्थ समाज
कहलाता है। जनन स्वास्थ्य के महत्व को निम्न बिन्दुओं द्वारा और स्पष्ट किया जा सकता है—
(i) किशोर व युवा देश के कर्णधार कहे गए हैं। जनन स्वास्थ्य किशोरावस्था की
समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर, उनका सही मार्गदर्शन कर उनकी समाज के उन्नयन में
भागीदारी सुनिश्चित करता है।
(ii) गर्भ निरोध के तरीकों के प्रचार-प्रसार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण में सहायता करता है।
(iii) मातृ मृत्यु-दर (MMR) शिशु मृत्यु-दर (IMR) में कमी लाता है।
(iv) यौन संचरित रोगों से बचने के बारे में जागरूक कर इन रोगों की रोकथाम करता
है अतः स्वस्थ समाज के बनाने में सहायक है।
(v) सहायक जनन प्रौद्योगिकियाँ बन्ध्य दम्पत्तियों को संतान प्राप्ति के अवसर सुलभ
कराती हैं।
(vi) ऋतुस्राव चक्र, गर्भधारण, सगर्भता, प्रसव आदि से जुड़ी समस्याओं में परामर्श व
चिकित्सीय सुविधा प्रदान कराता है।
(vii) अन्धविश्वास, गलत मान्यताओं का उन्मूलन कर वैज्ञानिक सोच के विकास में
सहायक है।
प्रश्न 7. चिकित्सीय गर्भ समापन क्या है?
(2020)
उत्तर–गर्भावधि पूर्ण होने से पहले ही कराया गया ऐच्छिक गर्भपात ही चिकित्सीय गर्भ
समापन (MTP) कहलाता है। जानबूझकर कराए गये इस गर्भपात को प्रेरित गर्भपात (Induced
abortion) भी कहते हैं। भारत सरकार ने सन् 1971 से इसे वैधानिक मान्यता कुछ कड़ी शर्तों
के साथ प्रदान की है ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। इन नियमों की कड़ाई अवैधानिक
रूप से किए जाने वाली कन्या भ्रूण हत्याओं पर रोक हेतु आवश्यक है। निम्न परिस्थितियों में
चिकित्सीय गर्भ समापन की सशर्त अनुमति दी जा सकती है-
(i) जब गर्भ का बना रहना, माँ या गर्भ में पल रहे शिशु अथवा दोनों के लिये प्राणघातक
हो सकता हो।

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(ii) ऐसी पूर्ण गर्भावधि से बचने हेतु जो गर्भधारण उपायों की असफलता या अनचाहे
गर्भधारण से उत्पन्न हुई हो।
(i) बलात्कार जैसी अनचाही गर्भधारण परिस्थितियों से बचाव हेतु ।
प्रश्न 8. सन्तानों के बीच अन्तर रखने हेतु हॉर्मोन मोचक IUD को एक अच्छा
गर्भ निरोधक माना जाता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-हॉर्मोन मोचक IUD गर्भ-निरोध हेतु एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि-
() इन IUD में प्राकृतिक हॉर्मोन प्रोजेस्टेरॉन अथवा प्रोजेस्टेरॉन-एस्ट्रोजन संयोजन का
प्रयोग किया जाता है। इन हॉर्मोनों का शरीर पर विशेष दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
(ii) हॉर्मोन मोचक IUD एक कारगर (Effective) गर्भ निरोधक है।
(iii) IUD को केवल एक बार कुशल चिकित्सक से लगवाया जाता है फिर यह लम्बे
समय तक कार्य करती रहती है। इस कारण रोजाना गर्भ निरोधक औषधि लेने की अथवा गर्भ
निरोध की चिन्ता नहीं करनी पड़ती है।
(iv) यह उत्क्रमणीय है। अतः जब भी गर्भधारण की इच्छा हो तब इन्हें आसानी से
निकलवाया जा सकता है।
प्रश्न 9. क्या विद्यालयों में यौन शिक्षा आवश्यक है ? यदि हाँ तो क्यों ?
अथवा
शिक्षा विभाग द्वारा आपके विद्यालय को “जनस्वास्थ्य समस्याएँ और पद्धतियाँ”
पर एक अन्तर विद्यालयी गोष्ठी का आयोजन और मेजबानी करने के लिए चुना है।
हालांकि, अनेक माता-पिता अपने बच्चों के इस श्रेणी में भाग लेने के इच्छुक नहीं हैं।
उनका तर्क है कि गोष्ठी का विषय “बहुत संकोचजनक है।” विषय को अति आवश्यक
और सामाजिक बताते हुए चार तर्कों का उपयुक्त कारणों सहित स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर—गोष्ठी का विषय पूर्णतः समयानुकूल व आवश्यक है। इसमें भाग लेने से
संकोच करना किसी दृष्टि से उचित नहीं है। विषय के पक्ष में अर्थात् यौन शिक्षा या जनन
स्वास्थ्य जागरूकता के समर्थन में निम्न तथ्य दिए जा सकते हैं-
(i) किशोरावस्था जिज्ञासा की अवस्था है। किशोरों के आदर्श मन से अपनी जिज्ञासा
का सही व सकारात्मक समाधान उसे एक चरित्रवान व जागरूक नागरिक बनाने में सहायक
है। जिज्ञासा का समाधान न होने पर वह अज्ञान, कुंठा, निराशा का शिकार बन सकता है। वह
इधर-उधर से गलत जानकारी हासिल कर गलत मार्ग का अनुसरण कर सकता है।
(ii) भारत की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम उम्र की है। यह वर्ग
(किशोर व युवा) यौन संचरित रोगों का शिकार होने वाला प्रमुख वर्ग है। किशोरों को इन रोगों
से बचाने के लिए उन्हें यौन/शिक्षा जनन स्वास्थ्य की जानकारी आवश्यक है।
(iii) किशोरों को उनके शरीर में होने वाले द्वितीयक लैंगिक लक्षणों की जानकारी
देना, उनके उचित शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ रखने हेतु
आवश्यक है। एक किशोर बालिका को ऋतुस्राव चक्र व इसकी अनियमितताओं की जानकारी
देना उसके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती है।

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(iv) जनन स्वारमा यौन शिक्षा किशोरों को सामान्य समस्या की जानकारी
समाधान सुझाने के साथ-साथ पौन दुव्यवसार (Sexual ahasa) वर अपराधी कुटकारा
दीर्थ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न । बय दम्पत्तियों को संतान पाने हेतु सहायता देने वाली कुछ विधियां
उत्तर सहायक जनत प्रौद्योगिकियां (Anisted Reproductive Tickne-
logies) यह तकनीक सय सम्पति को सतार मालकाले । यो प्रमुख
(1) यदि पुरुष वीर्य सेचन (Insemination) मा एमाणे
को संख्या कम है तब कृत्रिय वीर्य सेचन (ADKAndional insemination) साता
इनसेयोनेशन (IUL-Intra Uherine Insemination) कहलाती है।
(2) पुरुष के बीच में शुक्राणुओं का पूर्ण अभाव होने या प्रमाणुओं का निर्माण न होने की
स्थिति में उपयुका पता (donor) से बोर्थ लेकर कृत्रिम निवार को प्रक्रिया अपनायी जारी है।
) पात्रे निषेचन या इन विदो फर्टिलाइजेशार (8 mimilaonom) भी
तकनीक (IVE) में पति या दाता से शुक्राणु प्राप्त करनेत्री के अलास के साथ पेट्रोलेट,
रिचित कराया जाता है। प्रारम्भिक विदलन भी पेट्रोलेट में ही होते है। पूरे कोशिकीय
पूण स्थानान्तरण (ET-Embryo transfer) कहलाती है।
इस पूरी तकनीक को आमजन को भाषा”देड इयूब बेबी वनीक करते है।
पुण्यनज अतः फैलोपियन स्थानान्तरण (Typalesfallopan Transfer)
इस तकनीक को इन्हा देवान सफर (IUT-in-therine Transfer) कहते है।
(0 अतः कोशिकादमी शुक्राणु अन्न क्षेषण (ICS-INGymplaomic
Sperm Injection) गुम अगर चिन में सक्षम नहीं होते तब इन इमान की सहायता
(9 युग्मक अनः फैलोपियन स्थानान्तरण (GIFT-Gamese lamballopian
करने में सक्षम नहीं है लेकिन निषेचन, अन्तरोपण व समर्भता धारक सामान्य रूपी कर सकती
है। इस स्थिति में एक दाता महिला से अण्डाणु लेकर उसी बन्या महिला की फैलोपियन लिया

तथा उसके रख रखाव के लिए

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