CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT भाषा-बोध Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT भाषा-बोध Pariksha Adhyayan Hindi 9th

CLASS 9TH HINDI  MP BOARD NCERT भाषा-बोध Pariksha Adhyayan Hindi 9th
CLASS 9TH HINDI MP BOARD NCERT भाषा-बोध Pariksha Adhyayan Hindi 9th

भाषा-बोध

2.प्रत्यय
परिभाषा-प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जिन्हें यौगिक शब्द बनाते समय बाद में प्रयुक्त किया जाता है।
ये बाद में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं; जैसे-मूर्ख + ता = मूर्खता, बलि + दान – बलिदान, चतुर
आई = चतुराई।
प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं-(1) कृत् प्रत्यय, (2) तद्धित प्रत्यय।
(1) कृत् प्रत्यय-कृत् प्रत्यय क्रिया के धातु रूप में जुड़ते हैं। जैसे-कृपा + आलु – कृपालु।
इसके पाँच भेद होते हैं-(1) कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय, (2) कर्मवाचक कृत् प्रत्यय, (3) करणवाचक कृत
‘प्रत्यय, (4) भाववाचक कृत् प्रत्यय, (5) क्रियार्थक कृत् प्रत्यय।
(2) तद्धित प्रत्यय-जिन शब्दांशों का प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या अव्यय शब्दों के अन्त में
किया जाता है उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे-लोहा से लोहार, सोना से सुनार, पंजाब से पंजाबी आदि।
तद्धित प्रत्यय के भेद निम्नलिखित हैं-(6) अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय, (i) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यप,
(iii) भाववाचक तद्धित प्रत्यय, (iv) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय, () लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय, (vi) क्रमवाचक |
तद्धित प्रत्यय, (vii) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय, (viii) स्त्रीलिंग वाचक तद्धित प्रत्यय, (ix) बहुवचन तद्धित

प्रश्न 1. उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अन्तर है? 2
उत्तर-उपसर्ग-वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द से पूर्व जोड़ दिए जाते हैं और नये शब्द का निर्माण होता
है। जैसे-सु (उपसर्ग) + गम (शब्द) = सुगम।
प्रत्यय-वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द के अन्त में जोड़े जाने पर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते
हैं; जैसे-मीठा + आई = मिठाई।

प्रश्न 2. निम्नलिखित सारणी में दिए गए उपसर्ग और शब्द के मेल से नया शब्द बनाइए-
उत्तर- उपकार, कुमार्ग, सहपाठी, प्रतिरोध, अनुराग, आकार, पराक्रम, अपराध, निर्मल, प्रहार।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में उपसर्ग और शब्दांश अलग-अलग कीजिए-
प्रतिकार, अपराध, आकृति, प्रयत्न, अचल, अभिमान, दुर्लभ, उपनाम, अधमरा, प्रवचन ।

प्रश्न 4. निनलिखित प्रत्ययों के योग से दो-दो सार्थक शब्द बनाइए-
वान, आई, नी, आव, ईला, वाला, शीला
उत्तर-धनवान, बलवान। लड़ाई, भलाई। चोरनी, लेखनी। पड़ाव, घुमाव। चमकीला, रसी
पानीवाला, गाड़ीवाला। सुशील, दुश्शील ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय पृथक् कीजिए-
उपजाऊ, कमाई, बचपन, सुन्दरता, गवैया, दिखावट, मिठास, कलाकार, दयालु, लिखना।

3. देशज, आगत, रूढ़, यौगिक एवं योगरूढ़ शब्द
प्रश्न 1. देशज शब्द किन शब्दों को कहा जाता है ? कोई तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-देशज शब्द-‘देशज’ शब्द वे कहलाते हैं जो देश की बोलियों में क्षेत्र विशेष में बनते हैं। इन
शब्दों के स्रोत का पता नहीं होता है। जैसे-सोटा, लोटा, लुटिया, पगड़ी, जूता, डिबिया, टोंटा आदि।
प्रश्न 2. ‘विदेशी’शब्द किन्हें कहते हैं ? उदाहरण भी लिखिए।
उत्तर-विदेशी लोगों के सम्पर्क से सीखे गये शब्दों का प्रयोग हिन्दी में होने लगा, उन्हें आगत’ शब्दकहते |
हैं। उदाहरण-निम्नलिखित अन्य भाषाओं से आए शब्द-
अरबी भाषा से आगत शब्द-फकीर, नजर, अदालत, कलम, काजी, कसूर, किताब, किस्सा, ऐनक,
औलाद, बाजार, बेगम, बर्फ, खेत, खजाना आदि।
फारसी भाषा से आगत शब्द-आदमी, कसीदा, खाना, खासी, कारीगरी, चमन, चादर, जिंदा, अनार,
ज़बान, नालायकी आदि।
अंग्रेजी भाषा से आगत शब्द-अफसर, ड्राइवर, ड्रामा, टिफिन, मैनेजर, मिनट,स्टेशन, मोटर, कम्पनी,
कमेटी, चिमटी, एक्स-रे, प्लेटफार्म, मास्टर, सरकस, हाइड्रोजन, हाईकोर्ट, होस्टल, ड्यूटी आदि।
पुर्तगाली भाषा से आगत शब्द-आलू, आलपीन, अचार, अलमारी, काजू, गमला, तौलिया, तम्बाकू,
नीलाम, बाल्टी, फीता आदि।
चीनी भाषा से आगत शब्द-चाय, तूफान, पटाखा, लीची आदि।
यूनानी भाषा से आगत शब्द-टेलीफोन, टेलीग्राम, डेल्टा, ऐटम आदि।
फ्रांसीसी भाषा से आगत शब्द-कार्टून, कयूं, इंजन, बिगुल, पुलिस आदि।
जापानी भाषा से आगत शब्द-रिक्शा आदि।

प्रश्न 3. ‘रूपढ़’ शब्द किनको कहा जाता है?
उत्तर-जिन शब्दों का निर्माण अन्य शब्दों के योग से नहीं हुआ हो और न उन शब्दों का कोई खण्ड हो सकता है, उन्हें ‘रूढ़’ शब्द कहते हैं; जैसे-मुंह, हाथ, रथ, घर, दिन आदि।

प्रश्न 4. ‘यौगिक’ शब्द किन शब्दों को कहते हैं ? उदाहरण भी लिखिए।
उत्तर-‘यौगिक’ शब्द वे शब्द होते हैं जिनका निर्माण अन्य शब्दों के योग से हुआ हो तथा उनके खण्ड सार्थक हो सकते हैं; जैसे-बुढ़ापा, सुन्दरता, नम्रता, हिमालय, अभिनेता आदि ।

प्रश्न 5, ‘योगरूढ़’ शब्द किन शब्दों को कहा जाता है ? सोदाहरण लिखिए।
उत्तर-‘योगरूढ़’ शब्द वे शब्द होते हैं जो अपने खण्डों से प्राप्त अर्थ को छोड़कर, कोई विशेष अर्थ ग्रहण कर लेते हैं; जैसे-पंकज। पंकज के खण्ड पंकज (कीचड़ से जो पैदा हो)-कीचड़ से कमल, मछली,
मच्छर, शंख आदि की उत्पत्ति होती है। परन्तु इसका सामान्य अर्थ ग्रहण नहीं किया गया है। एक विशिष्ट अर्थ ग्रहण करने पर इसका अर्थ ‘कमल’ होगा। अत: ‘पंकज’ योगरूढ़ शब्द है। अन्य उदाहरण-पीताम्बर, नीलाम्बर, श्वेताम्बर, लम्बोदर, वृकोदर आदि।

प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम, तद्भव, देशज और आगत शब्दों को छाँटिए- कार्य, अफसर, कपास, खिड़की, चैत्र, फागुन, कोष्ठ, गृह, फरवरी, मीनार, चूर्ण, कपड़ा, घी, काजल।
उत्तर-तत्सम-कार्य, चैत्र, कोष्ठ, गृह, चूर्ण । तद्भव-कपड़ा,घी, काजल, फागुन। देशज-कपास, खिड़की।आगत-अफसर, फरवरी, मीनार ।

प्रश्न 7: निम्नलिखित शब्दों में से रूढ़, यौगिक, योगरूढ़ शब्दों को अलग-अलग लिखिए- किताब, जलज, अभिनय, रात, दिन, नम्रता, श्वेताम्बर, बल, विन्ध्याचल, रवि, लम्बोदर।
उत्तर-रूढ़ शब्द-किताब, रात, दिन, बल, रवि।
यौगिक शब्द-अभिनय, विन्ध्याचल, नम्रता, भद्रता।
योगरूढ़ शब्द-जलज, श्वेताम्बर, लम्बोदर।

प्रश्न 8. निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-
रात, मुँह, लोहा, साँप, तेल, दाँत, हाथी, धीरज, छाता, घिन, मोर, कोयल, ऊँट, आज।
उत्तर-रात्रि, मुख, लौह, सर्प, तैल, दन्त, हस्ती, धैर्य, छत्र, घृणा, मयूर, कोकिल, उष्ट्र, अद्य।

प्रश्न 9. निम्नलिखित शब्दों के तद्भव शब्द लिखिए-
आश्रय, आलस्य, ग्राम, सूर्य।
उत्तर-आसरा, आलस, गाँव, सूरज।

प्रश्न 10. देशज व विदेशी शब्दों में क्या अन्तर है ?
उत्तर-आंचलिक भाषाओं व बोलियों से ग्रहण किये गये शब्द ‘देशज’ शब्द कहलाते हैं; जैसे-खिचड़ी, जूता, कटोरा आदि। जबकि विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिन्दी में प्रयोग किए जाते हैं, ‘विदेशी’ शब्द या आगत शब्द कहलाते हैं; जैसे-दिमाग, आदमी, फ़र्क आदि।

प्रश्न 11. रूढ़ एवं यौगिक शब्दों में क्या अन्तर है ?
उत्तर-प्रश्न 3 तथा 4 के उत्तर देखें।

4. वर्तनी परिचय

भाषा का लिखित स्वरूप स्थायी और सशक्त होता है जिसके लिए आवश्यकता है, वर्तनी और लिपि चिह्नों में शुद्धता की।
वर्तनी-शब्दों अथवा वर्णों के मेल को वर्तनी कहते हैं।

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों की मानक वर्तनी के शुद्ध रूप लिखिए-
लक्ष, लड़ायी, पैतिक, स्वास्थ, बारात, सुर्य, माहन, चहिए।
उत्तर-लक्ष्य, लड़ाई, पैत्रिक, स्वास्थ्य, बरात, सूर्य, महान, चाहिए।
प्रश्न 2. ‘र’ के प्रचलित रूप लिखिए।
उत्तर-‘र’ के प्रचलित रूप हैं-
प्रकृति, राष्ट्र, कर्म।

पर्यायवाची, विलोम और अनेकार्थी शब्द
पर्यायवाची शब्द
पर्यायवाची शब्द से तात्पर्य-समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्द एक-दूसरे के पर्यायवाची या
समानार्थक कहलाते हैं।
हवा-वायु, समीर, पवन, अनिल, वात।
मेहमान-अतिथि, पाहुन।
अमृत-मधु, अमिय, सुधा, पीयूष।
बादल-घन, पयोद, जलद, अम्बुद ।
पर्वत-नग, महीधर, भू-धर, पहाड़।
पक्षी-चिड़िया, पतंग, परिंदा, पखेरू।
अश्व-तुरंग, वाजि, घोटक, घोड़ा।
आकाश-अम्बर, नभ, गगन, आसमान, अन्तरिक्ष, शून्य।
वृक्ष-तरु, हुम, विटप, अगम, पेड़, पावप।
नदी-सरिता, तटिनी, तरंगिणी, आपंगा, कूल, कषा।
पत्थर-पाषाण, अश्म, प्रस्तर, पाहन।
समुद-रत्नाकर, नीरधि, सिन्धु, सागर।
अरण्य-विपिन, कानन, जंगल, वन।
संसार-विश्व, लोक, जगत्।
तालाब-जलाशय, पद्माकर, सरोवर, तडाग।
गज-कुंजर, गयंद, करि, हाथी।
कमल-नीरज, पंकज, शतदल, सरोज, जलज, अरविंद।
पुष्प-फूल, सुमन, प्रसून, कुसुम।
राजा-नृप, भूप, नरेश, महीप।
किरण-कर, मरीचि, रश्मि, अंशु, मयूख।
पुत्री-तनया, सुता, दुहिता, तनुजा।
स्वर्ग-देवलोक, सुरलोक, ब्रह्मलोक।
रात्रि-रजनी, निशा, तमी, क्षपा।
चन्द्रमा-राकेश, शशि, हिमकर, शशांक, विधु ।
नीर-जल, अम्बु, पय, वारि ।
अग्नि-आग, पावक, ज्वाला, दहन, ज्वलन।
कपड़ा-चीर, वस्त्र, वसन, पट।
सोना-कंचन, हेमरूप, स्वर्ण, कनक।
शरीर-देह, तन, काया, कलेवर।
झण्डा-केतु, ध्वज, पताका।
पत्नी-गृहणी, बहू, वधू, प्राणप्रिया, जोरू।
आँख-नेत्र, नयन, लोचन, चक्षु, दृग।
पृथ्वी-भू, भूमि, वसुधा, अवनि, क्षिति।
आम-आम्र, रसाल, अतिसौरभ, फल, सहकार।
दास-चाकर, नौकर, अनुचर, किंकर, सेवक।
सूर्य-भास्कर, भानु, दिवाकर, प्रभाकर, अंशु-मालि।
दया-कृपा, रहम, अनुकम्पा।
असुर-दैत्य, दानव, राक्षस, निशिचर, दनुज ।
कृष्ण-ब्रजेश, गोपाल, हरि, वंशीधर, मुरलीधर, कन्हैया।
खल-दुर्जन, दुष्ट, नीच, कुटिल, अधम, पामर, धूर्त।
गंगा-भागीरथी, मन्दाकिनी, सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी।
गाय-धेनु, भद्रा, गौ, सुरभि।
गणेश-लम्बोदर, गणपति, गजानन, विनायक, एकदन्त, गौरीसुत।
चतुर-योग्य, कुशल, निपुण, दक्ष, प्रवीण, पटु, विज्ञ, नागर।
अनुपम-अतुल, अद्भुत, अनूठा, अनोखा, अपूर्व ।
अहंकार-मद, आई, दम्भ, घमण्ड, अभिमान, गर्व ।
इन्व-देवेन्द्र, सुरेश, देवराज, महेना, पुरन्दर, देवेश।
उजाला-प्रकाश, आलोक, तेज, प्रभा, दीप्ति, इति।
कामदेव-मनोज, मदन, रतिपति, अनंत, अम्मथ, मनसिजा।
कोयल-कोकिला, वसन्तदूत, वनप्रिय, काकपाली, परभृत ।
क्रोध-गुस्सा, रोष, अमर्ष, कोप।
कौआ-काक, काग, वायस, पिशुन, अरिष्ठ।
घर-गृह, गेह, निकेतन।
मनुष्य-मानव, आदमी, नर, जन।
सिंह-शेर, केसरी, वनराज, केहरि।
इच्छा-आकांक्षा, मनोरथ, अभिलाषा, स्पृहा, इहा।
ईश्वर-प्रभु, परमेश्वर, जगदीश, परमात्मा, जगत्पिता।
सरस्वती-गिरा, वीणावादिनी, शारदा।
पुत्र-सुत, वत्स, आत्मज, तनय, बेटा।
तलवार-खड्ग, करवाल, असि।
माता-अम्बा, धात्री, जननी।
बुद्धि-प्रज्ञा, मति, मेधा।
विष-जहर, हलाहल, गरल ।
आनन्द-मोद, प्रमोद, उल्लास, प्रसन्नता, हर्ष।
यमुना-सूर्य तनया, अर्कजा, कृष्णा, रविसुता, कालिन्दी, तरणिजा।
बिजली-दामिनी, चपला, विद्युत ।
चाँदनी-कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रिका, चन्द्रमरीचि।
विलोम शब्द
जो शब्द विपरीत अथवा प्रतिकूल अर्थ के परिचायक होते हैं, उनको ‘विलोम’ शब्द अथवा विपरीतार्थक
शब्द के नाम से पुकारा जाता है।
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
आदि अन्त
आकर्षण विकर्षण
अमृत विष
उतार चढ़ाव
अब तब
प्रदान कठिन
सरल स्वतन्त्र
परतन्त्र मुक्ति
बन्धन
अवनति उन्नति
स्वदेश
परदेश
आयात
निर्यात
मिलन
बिछोह
यश
अपयश
उचित
अनुचित
जन्म
मरण
हर्ष
शोक/विषाद
क्षमा
दण्ड
तेजी
मन्दी
एक
अनेक
गौण
प्रमुख
न्याय
अन्याय
ईमानदार बेईमान
जय
पराजय
सदाचार
दुराचार
हिंसा
अहिंसा
सफल
निष्फल
सचय
दान
आदान
89
भाषा-बोध
विलोम
व्यय
निराशा
अनुत्तर
आस्तिक
कपूत
शब्द
सवेरा
ईर्ष्या
अर्थ
उत्कृष्ट
स्वाधीन
कठोर
सज्जन
एकता
गुरु
उच्च
शत्रु
दिन
अनुग्रह
अग्रज
राजा
कायर
माता
मान
सम्मान
प्रभात
सौभाग्य
सुख
धर्म
असभ्य
अस्त
प्राकृतिक
प्रकाश
सौम्य
बहुत
विराग
विलोम
शाम
प्रेम
अनर्थ
निष्कृष्ट
पराधीन
कोमल
दुर्जन
अनेकता
लघु
निम्न
मित्र
रात
विग्रह
अनुज
प्रजा
निडर
पिता
अपमान
अपमान
संध्या
दुर्भाग्य
दुःख
अधर्म
निवृत्ति
आलस्य
अद्वैत
अनुपस्थित
असत्य
शब्द
आय
आशा
उत्तर
नास्तिक
सपूत
सभ्य
उदय
कृत्रिम
अन्धकार
उप्र
अल्प
अनुराग
निकट
आर्द्र
नूतन
उत्थान
गुण
स्थूल
सन्धि
श्रव्य
सजीव
पुत्र
पुन्य
बहुमत
श्रीगणेश
सुमार्ग
आदर
प्रवृत्ति
स्फूर्ति
ज्चार
शुष्क
पुरातन
पतन
दोष
सूक्ष्म
विग्रह
दृश्य
निर्जीव
पुत्री
पाप
अल्पमत
इतिश्री
कुमार्ग
अनादर
भाटा
पुण्य
बासी
नीरस
विघटन
नारी
चेतन
संकल्प
अनावश्यक
भक्षक
परमार्थ
शाश्वत
सनाथ
विदेश
प्रलय
द्वैत
उपस्थित
सत्य
सृष्टि
जीत
वियोग
दण्ड
मितव्ययी
ऐच्छिक
स्तुति
सुलभ
प्रत्यक्ष
कृतज्ञ
भाई
धीर
नैतिक
सुअवसर
पाप
ताजा
सरस
संघटन
नर
हार
संयोग
पुरस्कार
अपव्ययी
अनिवार्य
निन्दा
दुर्लभ
परोक्ष
कृतघ्न
बहन
अधीर
अनैतिक
कुअवसर
विकल्प
आवश्यक
रक्षक
स्वार्थ
नश्वर
अनाथ
देश

अनेकार्थी शब्द
परिभाषा-जो शब्द एक से अधिक अर्थ देते हैं, वे ‘ अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं।
उदाहरण-(0 अंक गोद, अक्षर, (ii) सोम-चन्द्रमा, अमृत, सोमवार
उदाहरण-
अक्षर-जल, सत्य, शिव, वर्ण, गगन, धर्म, तपस्या।
अर्थ-धन, प्रयोजन, ऐश्वर्य, हेतु ।
अनन्त-आकाश, अन्तहीन, ब्रह्म, विष्णु ।
अरुण-सूर्य, लाल रंग, सूर्य का सारथी।
अशोक-एक
सम्राट अशोक, शोकरहित।
अमृत-जल, अन्न, स्वर्ण, दूध।
अलि-भौरा, कोयल, सखी।
उत्तर-हल, जवाब, उत्तर दिशा।
कल-अगला दिन, बीता हुआ दिन, मधुर ध्वनि, मशीन।
काल-मौत, समय, यमराज।
कनक-सोना, धतूरा, गेहूँ।
काम-कार्य, धन्धा, पेशा, कामदेव।
कुल-योग, सब, वंश, केवल, संघ।
कंज-चरण, कमल, ब्रह्मा।
कक्ष-कमरा, श्रेणी, कांख, बंगला, भूमि।
गुण-स्वभाव, कौशल, शील, सत्, धनुष की डोरी।
गुरु-बड़ा, भारी, शिक्षक, दो मात्राओं वाला वर्ण ।
गौ-गाय, पृथ्वी, भूमि, स्वर्ग, दिशा, कण।
घन-हथौड़ा, भारी, बादल।
घट-घड़ा, कम, देह, मन, हृदय।
चन्द्र-चन्द्रमा, मोर पंख की चन्द्रिका, सोना।
जलज-मछली, कमल, मोती, शंख, चन्द्रमा।
ज्येष्ठ-गर्मी का महीना, बड़ा, पति का बड़ा भाई, श्रेष्ठ।
तनु-छोटा, शरीर, कृश।
तात-पिता, भाई, पूज्य, प्यारा, बड़ा, मित्र ।
दल-सेना, समूह, पक्ष, पत्ता।
दक्ष-चतुर, चन्द्र, दाँत, वैश्य, ब्राह्मण।
नग-पर्वत, वृक्ष, नगीना।
नाक-नासिका, इज्जत, स्वर्ग।
पयोधर-बादल, गन्ना, पर्वत।
पानी-जल, कान्ति, इज्जत।
बाल-केश, बालक, बाला, गेहूँ आदि की बाल।
भास्कर-सूर्य, सोना, शिव, अग्नि।
भारत-भारतवर्ष, अर्जुन।
भूत-प्राणी, प्रेत, पंचभूत, अतीत काल, मरा हुआ शरीर।
मधु-शहद, मदिरा, वसन्त, चैत्र का मास।
माधव-श्रीकृष्ण, बसन्त ऋतु, बैसाख, महुआ।
मित्र-दोस्त, सहयोगी, प्रिय।
मान-सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप-तोल, रूठना
रस-अर्क, प्रेम, जल, खाद, स्तर, आनन्द ।
वर्ण-रंग, अक्षर, अन्य जातियाँ।
विधि-तरीका, भाग्य, विधाता, रीति।
सर-बाण, तालाब, चिन्ता।
सधा-अमृत, गंगा, पृथ्वी, जल, दूध, फूलों का रस।
सारंग-भीरा, हिरन, मेघ, साँप, मोर, जल, शंख, फूल।
हरि-हाथी, श्रीकृष्ण, चन्द्र, कामदेव, शिव ।
हार-पराजय, माला।

• प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नांकित शब्दों के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
कमल, पानी, आकाश, अमृत, घर, बादल, चन्द्रमा ।
उत्तर-कमल – पंकज, जलज। पानी = जल, नीर। आकाश – गगन, व्योम। अमृत – सुधा, अमिय,
पीयूष। घर = गृह, सदन । बादल – घन, मेघ। चन्द्रमा – मयंक, शशि।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
(क) सदाचार, (ख) आदान, (ग) पतिव्रता, (घ) आशा, (ङ) सरस।
उत्तर-(क) कदाचार, (ख) प्रदान, (ग) कुलटा, (घ) निराशा, (ङ) विरस या नीरस ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ बताइए-
(क) अशोक, (ख) कनक, (ग) जलज, (घ) दल, (ङ) पय, (च) भाग, (छ) लाल, (ज) सूर।
उत्तर-(क) अशोक-एक प्रकार का वृक्ष, एक राजा का नाम ।
(ख) कनक-स्वर्ण, धतूरा।
(ग) जलज-कमल, मछली।
(घ) दल-समूह, सेना।
(ङ) पय-दूध, जल।
(च) भाग-हिस्सा, भोग्य।
(छ) लाल-पुत्र, प्यार का सम्बोधन।
(ज) सूर-सूर्य, अंधा।
प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यों के उत्तर एक शब्द में लिखिए-
(1) जिसे जीता न जा सके, (2) प्रेरणा देने वाला, (3) जो बीत चुका हो ऐसा समय।
उत्तर-(1) अजेय, (2) प्रेरक, (3) भूतकाल।

6. समास

समास की परिभाषा-जब दो या दो से अधिक पदों के मिलने से एक नए शब्द की रचना होती है तो
इस मिलने की क्रिया को समास कहते हैं। जैसे-प्रतिदिन, यथाशक्ति ।
समास के प्रकार-समास छ: प्रकार के होते हैं-
(1) अव्ययीभाव समास-इसमें प्रथम पद की प्रधानता होती है जो अधिकतर अव्यय होता है। यह
सम्पूर्ण पद क्रिया विशेषण का कार्य करता है।
“जैसे-
प्रतिदिन
दिन दिन
यथाविधि
यथा विधिम्
यथाशक्ति
यथा शक्तिम्

(2) तत्पुरुष समास-इसमें दूसरा पद प्रधान होता है। इसके अन्तर पद में प्रथमा विभक्ति होती है पूर्व पद जिस विभक्ति का होगा, वा समस्त पद पर लागू होता है, जैसे-
देववाणी
देव की वाणी.
रसोईघर
रसोई का घर

(3) द्वन्द्व समास-इस समास में दोनों पद प्रधान होते है, परन्तु उसके संयोजक शब्द’आर’ कारो
माता और पिता
राजा और रानी
होता है, जैसे-
माता-पिता
भाई-बहन
भाई और बहन
राजा-रानी

(4) द्विगु समास-द्विगु समास में प्रथम पद संख्यावाचक होता है, जैसे-
सप्तद्वीप
सात द्वीपों का समूह
त्रिभुवन
तीन भुवनों का समूह

(5) कर्मधारय समास-इस समास में विशेषण और विशेष्य दोनों होते हैं। पहला पद विशेषण और
दूसरा विशेष्य होता है। दूसरा पद प्रधान होता है, जैसे-
वीर पुरुष
नौलकण्ठ

(6) बहुब्रीहि समास-दोनों पदों में कोई पद प्रधान नहीं होता। अपने पदों से हटकर अन्य अर्थ का
बोध कराता है, जैसे-
दशानन = दस हैं आनन जिसके (रावण)
लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका (गणेश)
• प्रश्नोत्तर
वीर पुरुष
नीला कण्ठ
नौ ग्रहों का समूह

प्रश्न 1. निम्नलिखित के समास विग्रह कर समास का नाम बताइए-
राजपुरुष, दशानन, भाई बहन, चन्द्रमुख, नवग्रह, रातोंरात।
उत्तर-शब्द
विग्रह
समास का नाम
राजपुरुष
राजा का पुरुष
तत्पुरुष समास
दशानन
दस हैं आनन जिसके-रावण बहुब्रीहि समास
भाई-बहन भाई और बहन
द्वन्द्व समास
चन्द्रमुख
चन्द्र के समान मुख
कर्मधारय समास
नवग्रह
द्विगु समास
रातोंरात
रात ही रात में
अव्ययीभाव समास

प्रश्न 2. निम्नलिखित के समास विग्रह कर समास का नाम लिखिए-
वंशधर, विद्यालय, कलनाद, यथानियम, प्राण पक्षी, स्नेह पालिता, लाभ-हानि, पंचामृत,
नीलाकाश, चतुर्भुज।
उत्तर-शब्द
विग्रह
समास का नाम
वंशधर
वंश को धारण करने वाला
तत्पुरुष समास
विद्यालय विद्या का आलय
तत्पुरुष समास
कलनाद
कल-कल का नाद
कर्मधारय समास
यथानियम
अव्ययीभाव समास
प्राण पक्षी
प्राण रूपी पक्षी
कर्मधारय समास
स्नेह पालिता स्नेह से पली हुई
तत्पुरुष समास
नियम के अनुसार
भाषा-बोध
93
लाभ और हानि
पाँच अमृती का समूह
नीला आकाश
चार भुजाओं वाला (विष्णु)
निपात शब्द
लाभ-हानि
पंचामृत
द्वन्द्व समास
नीलाकाश
द्विगु समास
कर्मधारय समास
चतुर्भुज
बहुव्रीहि समास
7
निपात परिचय-वे अव्यय जो किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष बल देते हैं, निपात कहलाते हैं। जैसे-रमेश केवल पढ़ रहा है; मैंने उसे देखा तक नहीं; राम तो गया; मानव मात्र राम भी
गया था; तुम ही नहीं आए; आपको ही जाना होगा।
निपात शब्द-महत्वपूर्ण निपात शब्द निम्नांकित है-
(1) मात्र-नाममात्र, मानवमात्र, शिक्षामात्र, धनमात्र ।
(i) तक-आपने फोन तक नहीं किया; तुम घर तक नहीं आ सके; दीपावली तक भुगतान करना है;
बेटी के विवाह तक में आना नहीं हुआ।
(ii) भी-राम भी आया था; तुम पढोगे भी; हम भी आये थे; वह भी जाएगा; तुम खाना खाकर दूध भी
पोओगे; मैं वहाँ गया भी और काम भी नहीं बना।
(iv) ही-राम वहाँ जाता ही है; श्याम ही आया था; मैं पढ़ता ही तो हूँ; नेता ही बोल रहा था; आप मेरे
पास ही क्यों आते हो; तुम ही जाते हो।
(v) तो-मोहन तो आया था; राम तो सो रहा है; उनको आने तो दो; हम तो गए थे; तुम तो आये थे;
श्याम मेरे पास तो आता है।
(vi) भर-वह रातभर जागता रहा; तुम्हें दिनभर काम करना पड़ेगा; घण्टेभर की बात है; वह दिनभर
पड़ा रहा है।
(vii) न-पुस्तक अच्छी है न; तुम इस काम को कर दोगे न; मेरा काम बन जाएगा न; उसने अपना
उल्लू सीधा कर लिया न।
(viii) जी-आप कुछ सोच रहे हैं जी; तुम्हें यह कार्य करना है जी।
(ix) नहीं-गलत काम कभी नहीं करें; काम नहीं करोगे; वह काम नहीं बना।

• प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. तीन निपात शब्द लिखिए।
उत्तर-‘जी’, ‘जी हाँ’, ‘भी’ तीन निपात शब्द हैं।

प्रश्न 2. ‘भी’, ‘ही’ तथा ‘भर’ निपात, शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
उत्तर-भी-मोहन भी आज आ रहा है।
ही-तुमको पाठ पढ़ना ही होगा।
भर-वह जीवनभर संघर्ष करता रहा।

8. मुहावरे/लोकोक्तियाँ
(i) मुहावरे
परिभाषा-मुहावरे वे वाक्यांश होते हैं जिनके प्रयोग से भाषा प्रवाह, सरसता, क्षमता एवं रोचकता से परिपूर्ण
हो जाती है। मुहावरों से भाषा में विस्तृत भाव व्यक्त करने की क्षमता आ जाती है।
1. आकाश पाताल एक करना-(कठिन परिश्रम करना)
प्रयोग-दिनेश जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए आकाश पाताल एक कर देता है।

2. अपना उल्लू सीधा करना-(स्वार्थ सिद्ध करना)
प्रयोग-राजनीति में प्रत्येक व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने में लगा है।

3. अन्धे की लाठी-(एकमात्र सहारा)
प्रयोग-श्रवण कुमार अपने माता-पिता के लिए अन्धे की लाठी थे।

4. नौ दो ग्यारह होना-(भाग जाना)
प्रयोग-पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

5. गागर में सागर भरना-(अल्प में अधिक)
प्रयोग-बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया।

6. श्रीगणेश करना-(प्रारम्भ करना)
प्रयोग-राहुल ने अपने कार्यालय का श्रीगणेश कर दिया है।

7. कमर कसना-(तैयार करना)
प्रयोग-भारत ने पाकिस्तान को पराजित करने के लिए कमर कस ली है।

8. ईंट से ईंट बजाना-(यथासम्भव बदला लेना)
प्रयोग-भारत के सैनिकों ने पाकिस्तान की ईट से ईंट बजा दी।

9. गले का हार होना-(अत्यधिक प्रिय होना)
प्रयोग-राशि चंचल होने के कारण सबके गले का हार बनी हुई है।

10. आस्तीन का साँप-(विश्वासघाती मित्र)
प्रयोग-मेरे शत्रु को अपने घर में स्थान देकर मेरे पड़ोसी ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वह मेरे लिए आस्तीन का साँप है।

11. कलई खुलना-(पोल खुलना)
प्रयोग-रीना की काली करतूतों की कलई खुल गई तब उसकी सूरत देखने लायक थी।

12. जले पर नमक छिड़कना-(दु:खी व्यक्ति को और दुःख देना)
प्रयोग-श्याम की कार चोरी हो जाने पर उसका मित्र उसकी हँसी उड़ाकर जले पर नमक छिड़क रहा था।

13. चार चाँद लगाना-(सौन्दर्य में वृद्धि करना)
प्रयोग-माला पहले ही सुन्दर थी, ऊपर से हीरे का हार पहन लिया तो उसकी सुन्दरता में चार चाँद लग गये।

14. गुदड़ी का लाल-(अभावों में पला प्रतिभाशाली व्यक्ति)
प्रयोग-भारत में ऐसे अनेक गुदड़ी के लाल जन्मे हैं जिन्होंने इस देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

15. अपनी करनी पार उतरनी-(प्रत्येक व्यक्ति अपनी मेहनत से ही सफलता प्राप्त करता है)
प्रयोग-हाथ पर हाथ रखकर बैठने से काम नहीं चलेगा क्योंकि अपनी करनी से ही पार उतर सकोगे।

16. ओखली में सिर डालना-(हर विपत्ति सहने के लिए तत्पर)
प्रयोग-जब नौकरी करने निकले हो तो ओखली में सिर डालकर मूसलों से क्यों डरते हो।

17. ऊँट के मुँह में जीरा-(आवश्यकता से कम सामग्री)
प्रयोग-भूकम्प में घायलों को 2000 रुपये की सहायता देना ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।

18. आड़े हाथों लेना-(फटकारना)
प्रयोग-राकेश के निरन्तर ऑफिस देर से पहुँचने पर उसके बॉस ने उसे आड़े हाथों लिया।

19. कुत्ते की मौत मरना-(अत्यधिक कष्टों से मरना)
प्रयोग-कुकर्मी मानव कुत्ते की मौत मरते हैं।

20. खून-पसीना एक करना-(अधिक परिश्रम करना)
प्रयोग-दिनेश ने खून-पसीना एक करके बच्चों को पढ़ाया है।

21. तूती बोलना-(धाक जमाना)
प्रयोग-मोहन की प्रत्येक क्षेत्र में तूती बोलती है।

22. कान में तेल डालना-(किसी की बात न मानना)
प्रयोग-रोहन ने अपने छोटे भाई को अनेक बार समझाया लेकिन उसने तो कान में तेल डाल कर रखा था।

23. हाथ मारना-(लाभ की एकाएक प्राप्ति)
प्रयोग-इस बार मोहन ने सरसों महँगी होने पर व्यापार में खूब हाथ मारा है।

24. चिकना घड़ा-(अप्रभावी)
प्रयोग-मोहन को कितना ही डाँटो-फटकारो वह तो चिकना घड़ा है।

25. अड्डा जमाना-(स्थायी हो जाना)
प्रयोग-रोहित मुम्बई इंजीनियर बनने गया था लेकिन उसने वहीं पर अड्डा जमा लिया।

26. थूक कर चाटना-(कहकर मुकर जाना)
प्रयोग-राजेश जो कहता है वही करता है, वह थूककर चाटने वाले इन्सानों में से नहीं है।

27. अपनी खिचड़ी अलग पकाना-(सबसे अलग रहना)
प्रयोग-कुछ स्वार्थी लोग निजी हितों को साधने के उद्देश्य से अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं।

28. दूध का दूध पानी का पानी-(सच्चा न्याय)
प्रयोग-न्यायाधीश ने जब फैसला सुनाया तो सब कहने लगे कि यह हुआ है दूध का दूध और पानी का पानी।

29.29. सौ सुनार की एक लुहार की-(मौका मिलने पर सशक्त बदला लेना)
प्रयोग-कुख्यात डाकू भूरा अनगिनत अपराधों के पश्चात् अन्तत: पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। किसी ने ठीक ही कहा है सौ सुनार की एक लुहार की।

30. घी के दीये जलाना-(खुशियाँ मनाना)
प्रयोग-हाईस्कूल की परीक्षा में प्रथम श्रेणी अर्जित करने पर राजीव के घर-पड़ोस में घी के दीये जलाये गये।

31. अंग-अंग टूटना-(पूरे शरीर में पीड़ा होना)
प्रयोग-मलेरिया में अंग-अंग टूटने लगता है।

32. अक्ल का दुश्मन-(मूर्ख व्यक्ति)
प्रयोग-उसने तो समस्या को उलझा दिया है, तुम अभी नहीं समझ सके कि वह अक्ल कादुश्मन है।

33. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना-(अपनी प्रशंसा स्वयं करना)
प्रयोग-अपने मुँह मियाँ मिठू बनना अच्छी बात नहीं ।

34. आवाज बुलन्द करना-(विरोध जताना)
प्रयोग-अन्याय सहना पाप है अत: उसके विरुद्ध आवाज बुलन्द करनी चाहिए।

35. आग लगाना-(झगड़ा कराना)
प्रयोग-दो दलों में अपने-अपने पक्ष को भारी रखने के लिए अध्यक्ष ने आग लगा दी।

36. ईंट का जवाब पत्थर से देना-(करारा (कठोर) जवाब देना)
प्रयोग-उग्रवादियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा।

37. उल्टी गंगा बहाना-(अनहोनी बात करना)
प्रयोग-बहादुर लड़ाके युद्ध में हारकर उल्टी गंगा बहाते हैं।

38. कलेजे घर साँप लोटना-(ईया से जलना)
प्रयोग-रामू ने पी. सी. एस. में पाँचीं रैंक प्राप्त की, उसे सुनकर उसके पड़ोसियों के कलेजे पर साँप लोटने लगा।

39. डूबते को तिनके का सहारा-(विपत्ति में थोड़ी भी सहायता बहुत मूल्यवान होती है)
प्रयोग-घायल को स्वास्थ्य केन्द्र पर दी गई औषधियाँ डूबते को तिनके के सहारे के समान थीं।

40. धूप में बाल सफेद करना-(अनुभवहीन होना)
प्रयोग-घर की समस्याओं का समाधान धूप में बाल सफेद करने से नहीं होता।

41. पहाड़ टूटना-(बहुत बड़ा कष्ट आ जाना)
प्रयोग-असमय उसके पिता का न रहना पहाड़ टूटने के समान है।

42. बहती गंगा में हाथ धोना-(अवसर का लाभ लेना)
प्रयोग-श्रमदान से विद्यालय की इमारत के लिए सामान ढोया जा रहा था, मैंने भी थोड़ा सहयोग देकर बहती गंगा में हाथ धो लिए।

43. आँख खुलना-(होशियार हो जाना)
प्रयोग-कारखाने में लापरवाही के कारण नुकसान हो जाने पर मोहन की आँख खुल गई।

44. उल्लू बनाना-(बेवकूफ बनाना)
प्रयोग-सोहन इतना चतुर चालाक है कि लोगों को बात-बात में उल्लू बना देता है।

45. खाक में मिलाना-(नष्ट कर देना)
प्रयोग-राकेश और मोहन की शत्रुता में उनकी दुकानदारी खाक में मिल गई।

46. घुटने टेकना-(आत्मसमर्पण कर देना)
प्रयोग-पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो घंटे में ही डाकुओं ने घुटने टेक दिए।

47. टक्कर लेना-(मुकाबला करना)
प्रयोग-जंगली भैंसे ने शेर से दो घण्टे तक टक्कर ली पर वह जीत न सका।

48. टेड़ी खीर-(मुश्किल काम)
प्रयोग-माउण्ट एवरेस्ट पर चढ़ना टेड़ी खीर है।

49. तारे गिनना-(कठिन समय)
प्रयोग-एम. बी. ए. के एक छात्र ने परीक्षाफल की चिन्ता में तारे गिन-गिनकर रात काटी।

50. छक्के छुड़ाना-(घबराहट पैदा कर देना)
प्रयोग-पुलिस के शौर्य की प्रशंसा हुई जब उन्होंने मुठभेड़ में डकैतों के छक्के दिये।

51. शूल की नोंक पर चलना-(कठिन काम)
प्रयोग-‘परीक्षा-संचालन’ शूल की नोंक पर चलना है।

52. रोआँ-रोआँ फड़कना-(अधिक उत्तेजित होना)
प्रयोग-युद्ध क्षेत्र में सैनिकों का रोआँ-रोआँ फड़क रहा था।

53. चकमा देना-(धोखा देना)
प्रयोग-पकड़ा गया चोर पहरेदार को चकमा देकर भाग गया।

54. अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना-(स्वयं अपना नुकसान करना)
कुल्हाड़ी मार ली।
प्रयोग- भारत ने विदेशी कम्पनियों को भारत में व्यापार करने की अनुमति देकर अपने पैर पर

55. दाँतों तले उंगली दबाना (आश्चर्यचकित होना)
प्रयोग अध्ययनशील राम को परीan in an होने पर सभी हाँसी (सले रगली दबाने लगे।

56. नाक ऊँची करना-(पणत पढ़ाना)
प्रयोग-सौरभ ने प्रथा प्रयास में ही आई. आई. टी. की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करके अपने माता-पिता की नाक ऊँची कर दी।

(11) लोकोक्तियाँ

परिभाषा-लोकोक्तियों में लोक जीवन को व्यापक अनुभवों की एक वाक्य के रूप में स्वतन्त्र रूप से व्यक्त करने की सामर्थ्य होती है। उदाहरण-दूध का दूध, पानी का पानी ।
1. अंधों में काना राजा-गों में अल्पज्ञ भी ज्ञानी होता है।
प्रयोग-मोहन पूरे गाँव में दसवीं पास व्यक्ति है। उसे ही अंधा में काना राजा माना जाता है।

2. एक पंथ दो काज-एक काम से दोहरा लाभ लेना।
प्रयोग-वह बनारस में गया ज्योतिष सीखने, वहाँ उसने अपनी मेहनत से धन कमाया, इस तरह उसने एक पंथ दो काज किए।

3. ऊँची दुकान फीका पकवान-अधिक दि खावा।
प्रयोग-उस सेठ की दुकान की सजावट से आकर्षित होकर सामान खरीद लेने के बाद लोग कहते हैं कि ऊँची दुकान परन्तु फीका पकवान।

4. खग जाने खग ही की भाषा-समानता रखने वाले परस्पर अच्छी पहचान रखते हैं।
प्रयोग-समान उम्र के बालकों को आपस में खेलने और बातें करते देखकर मैंने समझ लिया कि
खग जाने खग ही की भाषा।

5. चोर की दाढ़ी में तिनका-अपराधी स्वयं भयभीत रहता है।
प्रयोग-मेरे पेन के खो जाने पर तुम्हारे बिना पूछे ही अपनी सफाई देना, स्पष्ट कर रहा है कि चोर
की दादी में तिनका होता है।

6. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे-समान रूप से बुरे आचरण वाले।
ही एक थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
प्रयोग-रहीमखाँ और साहिदखाँ में अन्तर ही क्या है ? एक जुआरी है, तो दूसरा जेवकट। वे दोनों

7. खोदा पहाड़ निकली चुहिया-अधिक परिश्रम करने पर तुच्छ लाभ।
प्रयोग-उसने रात-दिन पढ़ाई की, अपनी पढ़ाई पर खर्च भी किया परन्तु साधारण श्रेणी में पास हुआ, इससे तो यही लगता है कि तुमने खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।

8. निर्बल के बल राम-कमजोर का सहारा ईश्वर होता है।
प्रयोग-शीत ऋतु में खुले में रहने वाले पशु पक्षियों का आश्रय कहाँ ? उन निर्बलों के बल तो राम ही होते हैं।

9. भागते भूत की लँगोटी ही भली-कुछ भी न मिलने से तो जो भी कुछ मिल जाए, वही भला।
प्रयोग-सेठ हजारीमल दिवालिया घोषित हैं। उनसे मैंने दस हजार में दो हजार प्राप्त कर उचित ही किया, क्योंकि भागते भूत की तो लंगोटी ही भली होती है।

10. पंच जहाँ परमेश्वर वहाँ-पंचायत में न्याय होता है।
प्रयोग-पंचों ने जो फैसला दिया है, वही मानना पड़ेगा क्योंकि पंच जहाँ परमेश्वर वहाँ होते हैं।

11. जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं-किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर करने वाला व्यक्ति उसके अनुसार काम नहीं करता।
प्रयोग-अच्छे अंक प्राप्त न कर सकने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश न देने की घोषणा करने वाले प्राचार्य जी ने सभी उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश देकर यह सिद्ध कर दिया कि जो गरजते हैं,
वे बरसते नहीं हैं।

12. अपना हाथ जगन्नाथ-अपने आप किया गया कार्य अच्छा होता है।
प्रयोग-हमें अपना गृह-कार्य स्वयं ही करना चाहिए, क्योंकि अपना हाथ जगन्नाथ होता है।

13, आप भला तो जग भला-अच्छे को सभी अच्छे लगते हैं।
प्रयोग-मुझे अपने सहपाठियों में कोई भी खराब नहीं लगा, क्योंकि यह कहावत ठीक ही है कि
आप भला तो जग भला।

14. जैसा देश वैसा भेष-जहाँ रहो, वहाँ वैसी रीति का पालन करो।
प्रयोग-मोहन तो एकदम शहरी बाबू बन गया है। वह तो अब जैसा देश वैसा भेष रखने लगा है।

15. लेना एक न देना दो-किसी से कोई मतलब न रखना।
प्रयोग-हमारे विज्ञान के आचार्य कॉलेज में किसी से भी लेना एक न देना दो-का व्यवहार रखते हैं।

16. अधजल गगरी छलकत जाए-अल्प अथवा छोटी हैसियत का व्यक्ति बहुत इठलाता है।
प्रयोग-जब किसी गरीब देश का राष्ट्रपति किसी दूसरे देश को अनुदान देने की बात करता है,
तो ऐसा लगता है कि अधजल गगरी छलकत जाए।

. प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए-
(1) ईद का चाँद होना, (2) हाँसला पस्त होना,
(3) सिर आँखों पर बिठाना, (4) हाथ मलना।
उत्तर-(1) ईद का चाँद होना-बहुत दिन बाद दिखाई देना।
प्रयोग-तुम अपने व्यवसाय में इतने लगे रहते हो कि हमारे लिए तो ईद के चाँद हो चुके हो।

(2) हाँसला पस्त होना-उत्साह न रह जाना।
प्रयोग-व्यापार में घाटे की खबर से सेठ जी के हौसले पस्त हो गए हैं।

(3) सिर आँखों पर बिठाना-बहुत आदर देना।
प्रयोग-विद्यालय की क्रिकेट टीम ने मैच जीता, तो छात्रों ने टीम के सदस्यों को सिर आँखों पर बिठा
लिया।

(4) हाथ मलना-पछताना।
प्रयोग-नौकरी के मिले अवसर को खोकर वह अब हाथ मल रहा है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कहावतों का अर्थ बताइए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस, (2) एक अनार सौ बीमार,
(3) घर का भेदी लंका ढावे, (4) मुँह में राम बगल में छुरी या ईंट।
उत्तर-(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस-ताकतवर सब-कुछ कर सकता है।
प्रयोग-अराजकता में तो जिसकी लाठी होती है, भैंस भी उसी की होगी।

(2) एक अनार सौ बीमार-एक वस्तु की माँग अनेक लोगों द्वारा किया जाना।
प्रयोग-विद्यालय में अध्यापक का एक पद रिक्त है, प्रार्थना-पत्र अनेक लोगों के आये हैं। किसकी नियुक्ति होगी, यह तो कहा नहीं जा सकता क्योंकि यहाँ तो एक अनार है तो बीमार सौ हैं।

(3) घर का भेदी लंका ढावे-आपसी फूट से बड़ी हानि होती है।
प्रयोग-घर के सदस्यों में तालमेल की कमी से सेठजी की कम्पनी में कर्मचारी आजादी से काम करते हैं। वे लाभ की जगह हानि पहुँचा रहे हैं। इस तरह घर का भेदी लंका ढाने का काम कर रहा है।

(4) मुँह में राम बगल में छुरी या ईंट-दिखावटीपन या दोगलापन।
प्रयोग-हमें मित्रता करने में सावधान रहना चाहिए क्योंकि आजकल मित्र भी मुँह में राम बगल में छुरी
या ईंट रखने वाले हो गए हैं।

प्रश्न 3. मुहावरे और लोकोक्ति में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर-मुहावरे और लोकोक्ति में दो अनन्तकाली महावरा किसी वाक्य का अंश होता है
जबकि लोकोक्ति स्वतंत्र वाक्य खण्ड होती है।
(2) मुहावरा किसी वाक्य के साथ जुड़कर अर्थ व्यक्त करता है
जबकि लोकोक्ति स्वयं ही पूरा अर्थ प्रकट करती है।

9. क्रिया व उसके भेद

क्रिया की परिभाषा-क्रिया का अर्थ काम करना या होना होता है। अत: जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, वे क्रिया शब्द कहलाते हैं। जैसे-पढ़ना, लिखना, हैंसना, जागना, सोना, उठना, बैठना, दौड़ना, खाना, पीना, आना, जाना आदि।
किया के भेद-क्रिया के मुख्यतया निम्नलिखित भेद हैं-
(1) अकर्मक क्रिया-जिस क्रिया का सीधा सम्बन्ध कां से होता है, वह अकर्मक क्रिया होती है। अकर्मक क्रिया को वाक्य में कर्म की आवश्यकता नहीं होती है।
जैसे-वह जाता है, तुम जागते हो; वह सोती
है: राम दौड़ता है; मोहन आता है; मैं गाता हूँ; वह चला; हम बैठे; तुम उठे।

(2) सकर्मक क्रिया-जिस क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ता है, वह सकर्मक क्रिया कही जाती है।
वाक्य में कर्म के बिना इसका अर्थ पूरा नहीं हो सकता है। जैसे-वह रोटी खाता है; मैं पत्र लिखता हूँ; राधा पुस्तक पढ़ती है; वह चित्र देखता है; राकेश ने शत्रु को पीटा; तुमने वृक्ष काटा; मैंने गीत गाया; तुमने

(3) द्विकर्मक क्रिया-जिस क्रिया के साथ वाक्य में दो कर्म आते हैं, वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे-माँ ने बच्चे को दूध पिलाया; राम ने श्याम से एक बात कही; राधा ने मोहन से एक प्रश्न पूछा; मैं राकेश को पुस्तक देता हूँ; उसने अपने मित्र से एक बात कही; रीता ने सीता को एक फल दिया; सोहन ने रोहन को कलम दी। इन सभी वाक्यों में दो कर्म आए हैं इसलिए इन वाक्यों की क्रिया द्विकर्मक लाठी मारी।
कहलाएगी।

(4) प्रेरणार्थक क्रिया-वाक्य में कर्ता स्वयं किसी काम को न करके किसी अन्य को क्रिया करने की प्रेरणा देकर उससे काम कराये तो वह प्रेरणार्थक क्रिया कही जाती है।
जैसे-मोहन ने मजदूरों से घर बनवाया है। किसान ने नौकर से खेत कटवाया; उसने बैंक से कर्ज दिलवाया/दिलाया; राजीव ने गुण्डों से पड़ौसी को पिटवाया। इन वाक्यों में प्रयोग की गई बनवाया, कटवाया, दिलवाया/दिलाया, पिटवाया क्रियाएँ प्रेरणार्थक है।

(5) अपूर्ण क्रिया-जिन अकर्मक या सकर्मक क्रियाओं को भाव की पूर्णता के लिए विधेयात्मक (सामान्यत: संज्ञा अथवा सर्वनाम) शब्द को आवश्यकता पड़ती है, वे अपूर्ण क्रियाएँ कहलाती हैं। जैसे-राम चतुर है; बह एक लड़की है; उसका बेटा अनुपस्थित है; रामेश्वर ने बनवारी को मित्र बनाया। इन वाक्यों में ‘चतुर’, ‘लड़की’, ‘अनुपस्थित’ तथा ‘मित्र’ कर्म न होकर विधेय में प्रयुक्त होने वाले पूरक शब्द हैं।

(6) संयुक्त क्रिया-मुख्य क्रिया तथा सहायक क्रिया के मेल से बनने वाली क्रियाएँ संयुक्त क्रिया कही जाती हैं। संयुक्त क्रियाएँ इन क्रियाओं के मेल से बनाई जाती हैं-जाना, होना, सकना, डालना, लेना, बैठना, देना, उठना, आना, करना, देना, पड़ना, पाना, चाहना, चुकना, चलना। जैसे-पहुँच जाना, कर सकना, तोड़ डालना, कर लेना, उठ बैठना, मेज देना, देख सकना, उछल पड़ना, सो जाना, खा लेना, रो पड़ना।

. प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. क्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर-जिन शब्दों से कार्य के करने या होने का बोध होता है, वे शब्द क्रिया कहलाते हैं। उदाहरण- जगना, रोना, पीना, लिखना।
प्रश्न 2. अकर्मक क्रिया तथा सकर्मक क्रिया में क्या अन्तर है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-अकर्मक क्रिया को वाक्य में कर्म की आवश्यकता नहीं होती है जबकि वाक्य में कर्म के बिना सकर्मक क्रिया का अर्थ पूरा नहीं होता है।

प्रश्न 3. प्रेरणार्थक क्रियाओं का प्रयोग करते हुए दो वाक्य लिखिए।
उत्तर-(i) मालिक ने नौकरों से सामान उठवाया।
(ii) शिक्षक ने विद्यार्थी से लेख लिखवाया।

प्रश्न 4. जिन वाक्यों में दो कर्म आते हैं उनकी क्रिया क्या कहलाती है?
उत्तर-द्विकर्मक क्रिया।

प्रश्न 5. संयुक्त क्रिया के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-(1) सो जाना, (ii) बोल पड़ना।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
• रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. वे शब्दांश जो शब्द बनाते समय अंत में लगते हैं कहलाते हैं। (उपसर्ग/प्रत्यय)
2. भरपेट में ‘भर’ का अर्थ ………..’ है।
(पूरा/खाली
3. ‘कमाई’ में ……….. प्रत्यय है।
(आई/माई)
4. ‘लिखाई’ में ……….” प्रत्यय जोड़ा गया है।
(आइ/आई)
5. ‘तूती बोलना’ का अर्थ ………… है।
(धाक होना/बैंड बजाना)
6. ‘कलई खुलना’ का अर्थ
(पोल खुलना/अच्छा लगना)
7. ‘लड़ायी’ शब्द का मानक रूप
(लड़ई/लड़ाई
8. कमल का पर्यायवाची शब्द है।
(पवन/पंकज)
9. रेलगाड़ी…” शब्द है।
(योगरूढ़/यौगिक)
उत्तर-1. प्रत्यय, 2. पूरा, 3. आई, 4. आई, 5. धाक होना, 6. पोल खुलना, 7. लड़ाई, 8. पंकज, 9. यौगिक।

• सही विकल्प चुनिए

1. ‘राजीव रोजाना पत्र लिखता है’ में कौन-सा शब्द क्रिया है ?
(क) राजीव,
(ख) रोजाना,
(ग) पत्र,
(घ) लिखता है।

2. किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं
(क) द्विगु,
(ख) तत्पुरुष,
(ग) द्वन्द्व,
(घ) कर्मधारय।

3. कार्य के करने या होने का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं-
(क) क्रिया,
(ख) संज्ञा,
(ग) विशेषण,
(घ) सर्वनाम।

-4. ‘श्याम भी जाएगा’ में ‘भी’ क्या है ?
(क) क्रिया,
(ख) निपात,
(ग) विशेषण,
(घ) संज्ञा।

5. जिस क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ता है उसे कहते हैं-
(क) अकर्मक क्रिया,
(ख) संयुक्त क्रिया,
(ग) सकर्मक क्रिया,
(घ) इनमें से कोई नहीं।

6. ‘नेत्र’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) कान,
(ख) नाक,
(ग) आँख,
(घ) गला।

7. ‘मुंह की खाना’ का अर्थ है-
(क) प्रसन्न होना,
(ख) हारना,
(ग) खाना खाना,
(घ) मस्ती करना।

8. ‘हवा से बातें करना’ का अर्थ है-
(क) बाहरी दिखावा करना,
(ख) मतलब पूरा करना,
(ग) अपनी प्रशंसा करना,
(घ) तेज गति से भागना।

9. जो पढ़ा-लिखा न हो, उसे कहते हैं-
(क) अनपढ़,
(ख) गँवार,
(ग) मूर्ख,
(घ) साक्षर।

10. ‘अभिनेता’ किस प्रकार का शब्द है ?
(क) यौगिक,
(ख) रूढ़यौगिक,
(ग) तत्सम,
(घ) रूढ़।

11. ‘शत्रु’ शब्द का विलोम शब्द है-
(क) भाई,
(ख) मित्र,
(ग) दुश्मन,
(घ) पिता।

12. ‘वह रातभर रोता रहा।’ में निपात शब्द का प्रयोग है-
(क) रातभर,
(ख) वह,
(ग) रहा,
(घ) रोता।

उत्तर-1. (घ), 2. (ग), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग), 6. (ग), 7. (ख), 8. (घ), 9. (क) 10. (क), 11. (ख), 12. (क)।

• सही जोड़ी मिलाइए

1. दोपहर में समास (क) वाचाल
2. अधिक बोलने वाला (ख) द्विगु
3. जागना (ग) विशेषण
4. भी, ही, भर (घ) क्रिया
5. संज्ञा की विशेषता बताने वाले (च) सुरपति
6. रात का तत्सम (ङ) निपात
7. ‘इन्द्र’ का पर्यायवाची (छ) रात्रि

उत्तर-1. → (ख), 2. → (क), 3. → (घ), 4. → (ङ), 5. – (ग), 6. → (छ), 7.→ (च)।

.सत्य/असत्य
1. ‘मुँह की खाना’ का अर्थ मुँह से खाना है।
2. ‘आँख का तारा’ का अर्थ आँख में तारा होना है।
3. ‘खाना’ क्रिया शब्द है।
4. प्रत्यय का अर्थ झूठ बोलने वाला होता है।
5. ‘गले का हार होना’ का अर्थ है-बहुत प्रिय होना।
6. ‘मोटाई’ शब्द में ‘ई’ उपसर्ग जुड़ा है।
7. भूपति में ‘ति’ उपसर्ग है।
8. शब्द के आगे जुड़ने वाले शब्दांश उपसर्ग कहलाते हैं।
9, पका आम लेकर आओ में ‘पका’ निपात है।

‘प्रश्न 7. हिन्दी के प्रसिद्ध महाकाव्य और उनके रचयिताओं के नाम लिखिए।
उत्तर- हिन्दी के प्रसिद्ध महाकाव्य और उनके रचयिता

महाकाव्य रचयिता

(1) रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास
(2) पद्मावत मलिक मुहम्मद जायसी

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