CLASS 9TH SO. SCIENCE CHAPTER – 1 फ्रांसीसी क्रांति MP BOARD QUESTION BANK SOLUTION

अध्याय – 1
फ्रांसीसी क्रांति

निर्देश- इस अध्याय से एक प्रश्न दीर्घ उत्तरीय 04 अक का होगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – (04 अंक)

प्रश्न 1. फ्रांसीसी क्रांति में दर्शनिको के योगदान को लिखे?
उत्तर. फ्रांसीसी क्रांति में फ्रांस के दार्शनिकों का अहम योगदान है। जॉन लॉक और ज्याँजाक रुसों जैसे दार्शनिकों ने स्वतंत्रता, समान नियमों तथा समान अवसरों के विचार पर आधारित समाज की परिकल्पना की है। वह किसी व्यक्ति की सामाजिक हैसियत का आधार उसकी योग्यता को मानने पर बल देते थे। लॉक में राजा के दैवीय और निरंकुश अधिकारों के सिद्धांत का खंडन किया था। रुसो ने इसी विचार को आगे बढ़ाते हुए जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा। मॉन्टेस्क्यू ने दि स्पिरिट ऑफ द लॉज नामक रचना में सरकार के अंदर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात की। इनके विचारों ने फ्रांस के जनमानस को कांति के लिए प्रेरित किया।

प्रश्न 2. 18वीं सदी में फ्रांसीसी समाज के तीनों स्टेटस के बारे में लिखिए
उत्तर. 18वीं सदी में फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट में बंटा था।
1. प्रथम एस्टेट : इस एस्टेट में पादरी वर्ग आता था उन्हें कुछ विशेषाधिकार प्राप्त थे। जैसे राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट।
2. द्वितीय एस्टेट : इस एस्टेट में कुलीन वर्ग आता था। इस वर्ग के लोगों को भी राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट प्राप्त थी। साथ ही इन्हें कुछ अन्य सामंती विशेषाधिकार भी हासिल थे। वह किसानों से सामंती कर वसूलता था।
3. तृतीय एस्टेट : तृतीय एस्टेट-इस एस्टेट में बड़े व्यावसायी, व्यापारी, अदालती कर्मचारी, वकील, किसान, कारीगर, भूमिहीन मजदूर और नौकर आदि सम्मिलित थे। राज्य के वित्तीय काम काज का सारा बोझ करों के माध्यम से यही वर्ग अर्थात जनसाधारण वहन करता था।

प्रश्न 3. फ्रान्स में दास प्रथा का उन्मूलन कैसे हुआ? समझाइये।
उत्तर. फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मलन जेकोबिन शासन के क्रांतिकारी विचारों में से एक था। 18वीं सदी में फ्रांस में दास प्रथा मुक्ति हेतु नेशनल असेम्बली में लम्बी बहस हुई परन्तु दास व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेम्बली में कोई कानून पारित नहीं किया गया 1794ई. के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। परन्तु यह कानून ज्यादा दिन लागू नहीं रह पाया, 10 वर्ष पश्चात् नेपोलियन ने दास प्रथा पुनः शुरु कर दी। बागान मालिकों को अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी।
अततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रुप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848ई. में किया गया।

प्रश्न 4. फ्रांसीसी क्रांति के परिणाम लिखिए ?
उत्तर. फ्रांसीसी क्रांति ने मानव जाति को स्वतंत्रता, समानता तथा बन्धुत्व का नारा प्रदान किया। … फ्रांस की इस क्रांति ने सदियों से चली आ रही यूरोप की पुरातन व्यवस्था का अंत कर दिया। इस क्रांति के परिणामस्वरूप देश की बहुसंख्यक जनता को सामन्तवाद से छुटकारा मिल गया। व्यापार कर कुलीनों व सामन्तों का एकाधिकार समाप्त हो गया।

प्रश्न 5 फ्रांसीसी क्रांति के राजनैतिक कारण लिखिए।
उत्तर. लुई XVI (1774-1793) फ्रांस के सिंहासन पर चढ़े। उस अवधि के दौरान, फ्रांस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। लुई सोलहवें एक निर्दोष और सरल व्यक्ति थे। लेकिन वह अपनी रानी मैरी एंटोनेट से प्रभावित था, जो हमेशा राज्य के मामलों में हस्तक्षेप करती थी।
हताशा से वह बोला- “ओह! मेरा क्या बोझ है और उन्होंने मुझे कुछ नहीं सिखाया है। ” मैरी एंटोनेट, ऑस्ट्रियन महारानी मैरी थेरेसा की बेटी थीं। ऑस्टिन महारानी की बेटी के रूप में वह हमेशा गर्व महसूस करती थी। उसने हमेशा शानदार और असाधारण जीवन का आनंद लिया। उसने फ्रांसीसी क्रांति का बीज बोया। इस प्रकार, निरंकुश राजशाही, दोषपूर्ण प्रशासन, असाधारण खर्च ने फ्रांसीसी क्रांति के राजनीतिक कारण का गठन किया ।

प्रश्न 6 फ्रांसीसी समाज की महिलाओं का जीवन कैसा था?
उत्तर. फ्रांसीसी समाज में अहम परिवर्तन लाने वाली गतिविधियों में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपने हितों की हिमायत करने फ्रांस के विभिन्न शहरों में लगभग 60 राजनीतिक क्लब शुरु किये थे, उनमें द सोसायटी ऑफ रेबलूशनरी एंड रिपब्लिकन विमेन सबसे मशहूर क्लब था। उनकी एक प्रमुख मांग यह थी कि महिलाओं को पुरुषों के समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए। वहीं तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएं जीवन निर्वाह के लिए काम करती थीं वे सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई, फल-फूल, सब्जीयाँ बेचना अथवा संपन्न घरों में घरेलू काम करती थीं। अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के मौके नहीं थे। केवल कुलीनों की लड़कियाँ अथवा तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियाँ ही कॉन्वेंट में पढ़ पाती थीं। महिलाओं की मजदूरी पुरुषों की तुलना में कम थी।

प्रश्न 7. ओलम्प डे गूंज द्वारा तैयार घोषणा पत्र में उल्लेखित मूलभूत अधिकारी क्या थे?
उत्तर –
1. महिला को पुरूष के समान अधिकार प्राप्त हैं।
2. सभी राजनैतिक संगठनो का लक्ष्य महिला पुरुष के नैसर्गिक अधिकार को संरक्षित करना है।
3. कानून सभी महिला पुरूष के लिए समान है। सभी अपनी योग्यतानुसार सम्मान एवं पद के हकदार है।
4. कोई महिला अपवाद नहीं है। वह अपराधी भी हो सकती है। गिरफ्तार, नजरबंद भी हो सकती है।
5. सभी महिला पुरूष व्यक्तिगत एवं प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि निर्माण में सहयोग तथा हस्तक्षेप कर सकते हैं।


प्रश्न 8 बाटरलू के युद्ध का वर्णन कीजिए?
उत्तर – वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 9 नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है?
उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के द्वीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असधारण प्रतिभा का स्वामी था । उसने पेरिस के फौजी स्कुल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया ।

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