NCERT Imp Questions for Class 12 Sociology Indian Society अध्याय 8 संरचनात्मक परिवर्तन [Structural Change]

भाग ‘ब’ : भारत में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास
अध्याय 8 संरचनात्मक परिवर्तन [Structural Change]

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. सामाजिक संरचना का आवश्यक तत्त्व क्या है ?
(A) सामाजिक आदर्श,
(B) सामाजिक स्थिति,
(C) सामाजिक भूमिका,
(D) ये सभी।

2. भारत में सामाजिक संरचनात्मक परिवर्तनों को परिचालित किया है
(A) ब्राह्मणवाद ने,
(B) उपनिवेशवाद ने,
(C) जातिवाद ने,
(D) धार्मिक मान्यताओं ने।

3. उपनिवेशकाल में होने वाला संरचनात्मक परिवर्तन है
(A) अनेक कुरीतियों की समाप्ति,
(B) स्त्रियों की स्थिति में सुधार,
(C) जाति व्यवस्था में परिवर्तन,
(D) ये सभी।

4. वह प्रक्रिया जिसमें ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्रों में रूपान्तरित हो जाता है क्या कहलाती है ?
(A) औद्योगीकरण,
(B) नगरीकरण,
(C) समाजीकरण,
(D) एकीकरण ।

5. औद्योगीकरण के फलस्वरूप नगरों में किस तरह का प्रदूषण उत्पन्न हुआ ?
(A) जल प्रदूषण,
(B) ध्वनि प्रदूषण,
(C) वायु प्रदूषण,
(D) ये सभी।

6. औद्योगिकीकरण की विशेषता है
(A) वैज्ञानिक आविष्कारों में वृद्धि,
(B) प्रौद्योगिकी का विकास,
(C) यातायात के साधनों तथा नगरों की संख्या में वृद्धि,
(D) उपर्युक्त सभी।

7. औद्योगिकीकरण का सामाजिक प्रभाव है
(A) आवास समस्या,
(B) अपराध में वृद्धि,
(C) मनोरंजन का व्यापारीकरण,
(D) ये सभी।

8. नगरों की विशेषता होती है
(A) बड़ा आकार,
(B) जनसंख्या का उच्च घनत्व,
(C) गैर-कृषि व्यवसाय,
(D) ये सभी।

9. निम्नलिखित में से कौन-सी औद्योगीकरण एवं नगरीकरण की समस्या नहीं है ?
(A) गन्दी बस्तियों का विकास,
(B) सामुदायिक जीवन में वृद्धि,
(C) वैयक्तिक विघटन,
(D) बेरोजगारी में वृद्धि।

10. औपनिवेशिक काल में निम्न शहरों का उद्भव और विकास हुआ
(A) बम्बई, कलकत्ता का,
(B) बम्बई, सूरत का,
(C) मसुलीपट्नम, मद्रास का,
(D) बम्बई, ढाका का।

उत्तर – 1. (D). 2. (B), 3. (D), 4. (B), 5. (D), 6. (D), 7. (D) 8. (D), 9. (B). 10. (A).

रिक्त स्थान पूर्ति
1. भारत में सबसे पहले एक सूती मिल की स्थापना हुई।
2. संरचनात्मक परिवर्तनों के साथ-साथ परिवर्तन भी होते हैं।
3. एक स्तर पर, एक देश के द्वारा दूसरे देश पर शासन कहा जाता है।
4. ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने ब्रिटिश पूँजीवाद के प्रसार के लिए छोड़ा। को भी नहीं
5. पूँजीवाद ऐसी आर्थिक व्यवस्था है जिसमें उत्पादन के साधन का स्वामित्व कुछ विशेष के हाथों में होता है।
6. पश्चिम में पूँजीवाद का प्रारम्भ एक प्रक्रिया के फलस्वरूप हुआ।
7. ग्रामीण क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्रों में बदलने की प्रक्रिया का नाम ही है।
8. किसी क्षेत्र विशेष में लोगों के समूह को एवं सम्प्रभुता प्राप्त होती है।
9. ब्रिटेन औद्योगीकरण से गुजरने वाला पहला समाज था जो सबसे पहले ग्रामीण से रूपान्तरित होकर देश बना।
10. पश्चिमीकरण शब्द समाज व संस्कृति में उत्पन्न हुए परिवर्तनों के लिए प्रयोग किया जाता है।
11. नगरीकरण ने शिक्षा का किया है।
12. मूल रूप से औद्योगीकरण विकास की एक प्रक्रिया है।
उत्तर – 1. सन् 1818 में, 2. सांस्कृतिक, 3. उपनिवेश, 4. जंगलों, 5. लोगों, 6. जटिल, 7. नगरीकरण, 8. स्वतन्त्रता, 9. नगरीय, 10. भारतीय, 11. प्रसार, 12. आर्थिक ।

सत्य/असत्य
1. हमारे देश में स्थापित संसदीय, विधि एवं शिक्षा व्यवस्था ब्रिटिश प्रारूप व प्रतिमानों पर आधारित है।
2. औद्योगीकरण के बिना नगरीकरण सम्भव नहीं है।
3. नवीन उद्योगों की स्थापना और उनका विकास औद्योगीकरण कहलाता है।
4. पश्चिमीकरण एक तटस्थ प्रक्रिया है।
5. ब्रिटिश उपनिवेशवाद का प्रभाव अब हमारे जीवन से समाप्त हो चुका है।
6. एक स्तर पर, एक देश के द्वारा दूसरे देश पर शासन उपनिवेश कहलाता है।
7. कमजोर लोगों पर शक्तिशाली लोग शासन नहीं करते।
8. ब्रितानी उपनिवेशवाद पूँजीवादी व्यवस्था पर आधारित था।
9. पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी जनजातीय समुदाय जंगलों से सम्बद्ध होकर प्रकृति के साथ मैत्रीपूर्ण जीवन जीते थे।
10. स्वदेशी आन्दोलन ने भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रति निष्ठा को मजबूत नहीं, बल्कि कमजोर किया।
11. सन् 1938 में राष्ट्रीय योजना समिति का गठन हुआ।
12. सन् 1851 में चाय उद्योगों की भारत में शुरुआत हुई।

उत्तर- 1. सत्य, 2. असत्य, 3. सत्य, 4. सत्य, 5. असत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य, 9. सत्य, 10. असत्य, 11. सत्य, 12. सत्य।

जोड़ी मिलाइए
1. आधुनिकीकरण
2. सूती मिल
3. ग्रामीण क्षेत्र का परिवर्तन नगरीय क्षेत्र
4. सोशल चेन्ज इन मॉडर्न इण्डिया
5. औद्योगिक क्रान्ति का प्रतिफल
6. नगरीकरण की समस्या

(i) नगरीकरण
(ii) औद्योगीकरण
(iii) जनसंख्या वृद्धि
(iv) एम. एन. श्रीनिवासन
(v) सन् 1818
(vi) गतिशीलता में वृद्धि

उत्तर – 1. > (vi), 2. ⇒ (v), 3. → (i), 4. (iv), 5. (ii), 6. → (iii).

एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. प्रत्येक समाज की अनिवार्य विशेषता क्या है?
2. ब्रिटिश साम्राज्य ने किस बहाने से भारत में प्रवेश किया ?
3. औद्योगिक समाज में किस प्रकार के सम्बन्धों की प्रधानता होती है ?
4. उद्योगों के विकास की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
5. औद्योगिक क्रान्ति सर्वप्रथम किस देश में हुई ?
6. नगरीय जनसंख्या में वृद्धि की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
7. कौन-सा नगर भारत का मैनचेस्टर कहलाता है?
8. फोर्ट विलियम की स्थापना किस सन में हुई ?
9. अंग्रेजों द्वारा निरूपित किए गए व्यापार केन्द्रों के नाम लिखिए।
10. ‘मॉर्डनाईजेशन ऑफ इण्डिया ट्रेडिशन’ पुस्तक के लेखक का क्या नाम है ?
उत्तर – 1. परिवर्तन, 2. व्यापार के बहाने से, 3. औपचारिक एवं अवैयक्तिक सम्बन्धों की, 4. औद्योगीकरण, 5. इंग्लैण्ड में, 6. नगरीकरण, 7. अहमदाबाद, 8. 1698 में, 9. बम्बई, कलकत्ता एवं मद्रास. 10. योगेन्द्र सिंह

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. संरचनात्मक परिवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर- संरचनात्मक परिवर्तन से समाज की संरचना में ही परिवर्तन आ जाता है, अर्थात् जब समाज में चल रही संस्थाओं अथवा नियमों में परिवर्तन आना शुरू हो जाए, तो उसे संरचनात्मक परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 2. उपनिवेशवाद किसे कहते हैं ?
उत्तर- किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में लाभ कमाने की लालसा से उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना उपनिवेशवाद कहलाता है।

प्रश्न 3. औपनिवेशिक शासन के दौरान होने वाले किन्हीं दो संरचनात्मक परिवर्तनों को बताएँ।
उत्तर- (1) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ।
(2) औपनिवेशिक शासन ने भूमि में स्वामित्व में बदलाव किए तथा भूमि पर फसल उत्पादन का भी निर्धारण किया।

प्रश्न 4. औपनिवेशिक शासन ने स्वतन्त्रता के संघर्ष की नींव कैसे रखी ?
उत्तर- शिक्षित भारतीयों में औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध असंतोष भड़का और वे समानता, उदारता, व्यक्तिगत स्वतन्त्रता एवं स्वतन्त्रता की माँग करने लगे। इस प्रकार से अंग्रेजों के खिलाफ भड़के विद्रोह ने स्वतन्त्रता के संघर्ष की नींव रखी।

प्रश्न 5. अंग्रेजी भाषा का भारतीयों को क्या लाभ हुआ ?
उत्तर- अंग्रेजी एक सर्वव्यापी भाषा होने के कारण वैश्विक जगत् से जुड़ने का मौका मिला। अंग्रेजी के ज्ञान से दलितों हेतु भी अवसरों के द्वार खुल गए। शिक्षित दलितों ने अपने जाति के लोगों को जागरूक कर उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराया।

प्रश्न 6. प्रवासन क्या है ?
उत्तर लोगों का काम के लिए पलायन ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की तरफ होना जिससे उन्हें जीवन स्तर की प्राप्ति हो सके, प्रवासन कहलाता है।

प्रश्न 7. चाय बागानों में श्रमिकों की नियुक्ति कैसे की जाती थी ?
उत्तर- चाय के बागान निर्जन पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित थे। बड़ी संख्या में श्रमिकों को दूसरे प्रान्तों से लाया जाता था। यह काम ठेकेदारों को दिया जाता था। हजारों मजदूरों को ऐसी जगह पर रखा जाता था, जहाँ की आबोहवा स्वास्थ्य के प्रतिकूल थी।

प्रश्न 8. औपनिवेशिक शासन काल में भारत के किन दोनों कi पतन हुआ ?
उत्तर-औपनिवेशिक शासन काल में भारत के परम्परागत तथा ज्यो का बुरी तरह से क्षरण किया गया। रेशम और कपास का उत्पादन भी मेस्टर प्रतियोगिता में पिछड़ता गया तथा हथकरघा उद्योग तो पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सामाजिक संरचना किसे कहते हैं ?
उत्तर- सामाजिक संरचना का तात्पर्य उस व्यवस्था में होता है जिसमें उस संरचना के विभिन्न तत्त्व एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। तत्वों के व्यवस्थित संगठन को सान कहते हैं। सामाजिक संरचना में व्यक्ति को उसकी इकाई मानते हैं। व्यक्ति सामाजिक संरचन में एक स्थान पर बने होते हैं, उनका एक व्यवस्था में स्थान ग्रहण करना एक सामाजिक प्रक्रिया के तहत् होता है। इस प्रकार सामाजिक संरचना व्यक्ति का एक विशेष रूप है जिसमें उनके सामाजिक सम्बन्ध किसी खास संख्यात्मक मूल्यों से नियन्त्रित होते हैं।

प्रश्न 2. एशिया तथा अफ्रीका में उपनिवेश स्थापित करने वाले प्रमुख दर कौन-कौन-से थे ?
उत्तर- साम्राज्यवादी इच्छा के कारण पश्चिम के कुछ देशों ने उपनिवेशों की स्थापन को बढ़ावा दिया। इन देशों में मुख्यत: इंग्लैण्ड, फ्रान्स, पुर्तगाल, स्पेन, जर्मनी तथा इटली आदि थे। साम्राज्यवादी नीति से प्रभावित होकर बाद में रूस, अमेरिका तथा जापन जैसे देशों में भी कुछ उपनिवेश स्थापित किए। अधिकांश उपनिवेश एरिया तथा का में ही स्थापित किए गए।

प्रश्न 3. राष्ट्रवाद किसे कहते हैं ?
उत्तर – राष्ट्रवाद लोगों के किसी समूह की उस आस्था का नाम है जिसके तहद के खुद को साझा इतिहास, परम्परा, भाषा, जातीयता या जातिवाद और संस्कृति के आधार पर एक मानते हैं। समाज में राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव दिखते हैं। इस भाव के अचल होने की दशा में राष्ट्र तथा उससे सम्बन्धित प्रत्येक वस्तु एवं विषय के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता पाई जाती है। राष्ट्र तथा राष्ट्र के हित को सर्वोपरि माना जाता है तथा राष्ट्रहित के लिए बड़े से बड़ा त्यास एक बलिदान करने को तैयार रहता है।

प्रश्न 4. भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं (1) जाति व्यवस्था के प्रति समर्पण भाव
(2) संयुक्त परिवार प्रणाली।
(3) अनेकता में एकता।
(4) धर्म की प्रधानता।
(5) वर्णाश्रम का पालन
(6) समस्त संस्कृतियों का समन्वयीकरण।

प्रश्न 5. नगरीकरण की प्रक्रिया क्या है ?
उत्तर- नगर क्षेत्रों का भौतिक विस्तार या उसके क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि में बेतहाशा वृद्धि नगरीकरण कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरी क्षेत्रों में जाकर रहना और काम करना नगरीकरण कहलाता है। नगरीकरण का मूल उद्गम स्रोत औद्योगीकरण है। नगरीकरण सामाजिक परिवर्तन की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी समाज में विशेषकर नगरों की संख्या में वृद्धि या उन स्थानों द्वारा नगरीय विशेषताओं को ग्रहण करने से लगाया जाता है जो अभी तक नगर नहीं कहे जाते थे। इस प्रकार नगरीकरण नगरीय विशेषताओं को अपनाने की प्रक्रिया है।

प्रश्न 6. औद्योगीकरण से आवास समस्या उत्पन्न होती है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर- औद्योगीकरण के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों एवं मजदूरों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। परन्तु उन क्षेत्रों में आवासीय सुविधाएँ जस की तस रहती हैं या बहुत धीमी गति से बढ़ती हैं। आवासों के मूल्य भी अत्यधिक बढ़ने लगते हैं। अधिक किराया/मूल्य होने के कारण छोटे-छोटे मकानों में अधिक लोग रहते हैं। यहाँ तक कि औद्योगिक क्षेत्रों के आस-पास कच्ची व गन्दी बस्तियों का भी विस्तार होने लगता है। कच्चे मकानों में आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध न होने के कारण गन्दगी फैलती है जो वहाँ रहने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है। ऐसे श्रमिक व मजदूर लाख कोशिशों के बाद भी अपनी आवासीय समस्या को सुलझा नहीं पाते और धीरे-धीरे ये समस्याएँ नई पीढ़ी के व्यक्तित्व विकास पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं।

प्रश्न 7. औद्योगीकरण’ और ‘नगरीकरण’ का परस्पर सम्बन्ध है, विचार कीजिए।
उत्तर- ‘औद्योगीकरण’ और ‘नगरीकरण’ विकास की प्रक्रिया का ही एक अंग है। औद्योगीकरण आधुनिकीकरण का एक अंग है जिसमें उद्योग-धन्धों का बोलबाला होता है। उद्योगों के आस-पास के क्षेत्रों में कच्चा माल /शक्ति के साधन, श्रमिकों के आने-जाने के लिए परिवहन और यातायात के साधनों का विकास होता है। उद्योग लगने से भूमिहीन श्रमिक गाँव से शहर की तरफ जाने लगते हैं और वहाँ पहले बस्तियाँ तथा फिर शहर बन जाते हैं। जिन लोगों को नगर क्षेत्रों में स्थाई रोजगार, ऊँची मजदूरी मिल जाती है वे वहीं बस जाते हैं। इस तरह छोटे-छोटे शहर बड़े-बड़े नगरों में तब्दील हो जाते हैं। अत: नगरीकरण तथा औद्योगीकरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये दोनों ही एक-दूसरे से सम्बन्धित प्रक्रियाएँ हैं।

दीर्घ उत्तरीय/विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. उपनिवेशवाद का हमारे जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ा है ? आप या तो किसी एक पक्ष जैसे संस्कृति या राजनीति को केन्द्र में रखकर या सारे पक्षों को जोड़कर विश्लेषण कर सकते हैं ?
उत्तर- उपनिवेशवाद का हमारे जीवन पर विशिष्ट प्रभाव पड़ा, जिसको हम अग्रलिखित रूप से समझ सकते हैं
(1) ब्रिटिश उपनिवेशवाद पूँजीवादी व्यवस्था पर आधारित था। इसने प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक व्यवसाय में बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप किया इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाना था इसलिए इन्होंने भूमि स्वामित्व में बदलाव किए। वस्तुओं के उत्पादन की प्रणाली, उनके वितरण के तरीकों में परिवर्तन किए, साथ ही जंगल को नियन्त्रित एवं प्रशासित करने के लिए अनेक कानून बनाए।
(2) उपनिवेशवाद ने आवागमन को बढ़ावा दिया जिससे लोगों में जागरूकता आई और ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध असंतोष को बढ़ावा मिला तथा राष्ट्रीयता की भावना मजबूत होने लगी। (3) उपनिवेशवाद ने भारत की सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए। इन परिवर्तनों के कारण लोगों में स्वतन्त्रता तथा मानवाधिकारों के विषय में जागृति आई और स्वतन्त्रता आन्दोलन की नींव तैयार हुई।
(4) उपनिवेशकाल में भारतीयों में एक नए मध्यम वर्ग का भी उद्भव हुआ जो मुख्यतः सरकारी सेवाकर्मियों, व्यवसायियों, दक्ष सेवाकर्मियों के रूप में था।
(5) व्यवस्थित शासन के लिए उपनिवेशवाद ने विभिन्न क्षेत्रों में भारी परिवर्तन किए। ये परिवर्तन वैधानिक, सांस्कृतिक तथा वास्तुकला आदि क्षेत्रों में लाए गए। पश्चिमी शिक्षा पद्धति, औद्योगीकरण, नगरीकरण आदि क्षेत्रों में भी इनका गहरा प्रभाव पड़ा। अत: उपनिवेशवाद ने हमारे समाज पर राष्ट्रीय आन्दोलन, राजनीतिक पद्धति, संसदीय तथा विधिक पद्धति, संविधान, पुलिस, यातायात के नियम इत्यादि में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।

प्रश्न 2. औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं ? औद्योगिक समाज में लोगों की जीवन शैली किस प्रकार की होती है ?
उत्तर- औद्योगीकरण का सम्बन्ध यान्त्रिक उत्पादन के उदय से है जो शक्ति के गैर-मानवीय संसाधन, जैसे वाष्प या विद्युत् पर निर्भर होती है। इसमें बड़े पैमाने की ऊर्जा खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि होता है।
औद्योगीकरण का समाज में लोगों पर प्रभाव
(1) औद्योगिक समाज में उत्पादन कृषि के अलावा उद्योगों पर केन्द्रित होता है। यान्त्रिक शक्ति महत्त्वपूर्ण हो जाती है। यह पशु व श्रम शक्ति का स्थान ले लेती है।
(2) औद्योगिक समाज में रोजी और बेरोजगारी की समस्या अधिक होती है।
(3) शिक्षाविदों का प्रमुख लक्ष्य सामाजिक प्रगति हेतु नवीन सम्भावनाओं के सृजन के लिए परम्परागत रूढ़ियों को तोड़ना है। केवल साक्षरता ही नहीं, अपितु यान्त्रिक शिक्षा देना भी एक लक्ष्य होता है।
(4) सामाजिक नेतृत्व एकतन्त्रवादी, सामन्तवादी के स्थान पर बहुतन्त्रवादी समुदाय के हाथ में आ जाता है। इस नेतृत्व की आधारशिला नव अर्जित सम्पत्ति होती है। सघन प्रतियोगिता नेतृत्व की ऊर्जा का उत्प्रेरक व अभिव्यक्ति होती है।
(5) सामाजिक समस्याओं को सुलझाने के लिए अनेक प्रकार की विचारधाराओं का उदय होता है।
(6) भारतीय समाज में औद्योगीकरण के कारण अनेक प्रकार के नवीन उद्योगों तथा व्यवसायों का जन्म हुआ इसके कारण औद्योगिक केन्द्र में देश के प्रत्येक भाग से विभिन्न जातियों के लोग आने से धीरे-धीरे जाति का प्रभाव कम हुआ।

प्रश्न 3. नगरीकरण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ और प्रभाव बताइए।
उत्तर- नगर क्षेत्रों का भौतिक विस्तार या उसके क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि में बेतहाशा वृद्धि नगरीकरण कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। नगर सामाजिक रूप से विषम जातीय व्यक्तियों का एक अपेक्षाकृत वृहद, सघन एवं स्थाई होता है। नगरीकरण का अर्थ-ग्राम से नगर बनने की प्रक्रिया को नगरीकरण कहते हैं। जनसंख्या के घनत्व में वृद्धि ही नगरीकरण का द्योतक नहीं है, अपितु वहाँ के सामाजिक व आर्थिक सम्बन्धों में परिवर्तन प्राथमिक समूहों का द्वितीय समूहों में परिवर्तन भी नगरीकरण का द्योतक है।
नगरीकरण की परिभाषा श्रीनिवास के अनुसार-“नगरीकरण से तात्पर्य केवल सीमित क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि से नहीं है वरन् सामाजिक-आर्थिक सम्बन्धों में परिवर्तन से है। ” संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार-“ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और काम करना ही नगरीकरण है। ”

नगरीकरण की विशेषताएँ
(1) उद्योगों का केन्द्रीयकरण बड़े नगरों में दृष्टिगोचर होता है।
(2) नगरीकरण नगर बनने की प्रक्रिया है।
(3) कम स्थान में अधिक लोग निवास करते हैं।
(4) शिक्षितों की संख्या का अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक होता है।
(5) भिन्न-भिन्न संस्कृतियों, भाषाओं एवं धर्म के
(6) औद्योगीकरण की प्रक्रिया होने लगती है।

नगरीकरण के प्रभाव
भारत में नगरीकरण के प्रभाव इस प्रकार से हैं
(1) ग्रामीण जीवन पर प्रभाव-नगरीकरण ने ग्रामीण जीवन को प्रभावित किया है। ग्रामीण लोग शहर की और उद्योगोन्मुखी व्यवसायों, शिक्षा आदि सुविधाओं के लिए नगर की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।
(2) जीवन में कृत्रिमता-नगरीकरण के कारण आज जीवन में वास्तविकता नहीं रही है। नगरीकरण से पूर्व मानव सादा जीवन उच्च विचारों में विश्वास रखता था, लेकिन उसका झुकाव कृत्रिमता की ओर होता जा रहा है। मानव जीवन में अब कृत्रिमता आ गई है। अब वह दिखावे एवं शान-शौकत में अधिक विश्वास रखने लगा है।
(3) सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन नगरीकरण के फलस्वरूप अब सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन होने लगा है। यह नगरीकरण का एक सामाजिक प्रभाव है। व्यक्तिवादी जीवन में नैतिकता और विश्वास का अभाव होने लगा है और स्वार्थ की भावना बढ़ती जा रही है। लोग एक साथ रहने लगते हैं।
(4) मनोरंजन के साधनों में परिवर्तन– ग्रामीण समाज में मनोरंजन का उद्देश्य धन कमाना कभी नहीं रहा है। ग्रामीण समाज में मनोरंजन, तनावमुक्ति एवं साथ मिल-जुलकर बैठने के लिए किया जाता है। लेकिन नगरीकरण में मनोरंजन का उद्देश्य धन कमाना रहा है।
(5) महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन-नगरीकरण के प्रभाव से महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन आने लगे हैं। अब वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रहने लगी हैं। शिक्षा एवं राजनीति जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
(6) सामाजिक संस्थाओं में परिवर्तन-नगरीकरण के प्रभाव से परिवार और विवाह में निरन्तर परिवर्तन बढ़ता जा रहा है। संयुक्त परिवार एकल परिवार प्रणाली में बदलते जा रहे हैं। नगरीकरण के प्रभाव से व्यक्तिवादी सोच पनपने लगी है।
प्रश्न 4. नगरीकरण से होने वाली विभिन्न समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर- नगरीकरण से उत्पन्न होने वाली समस्याएँ निम्नलिखित हैं
(1) पर्यावरणीय समस्या-नगरीकरण में वृद्धि होने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या दिखाई देने लगती है। नगरों में कूड़े-कचरे और गंदगी के ढेर हर जगह देखने को मिलते हैं। सीवर लाइनों की सही व्याख्या न होने के कारण दूषित और विषाक्त पानी सड़कों पर फैलता रहता है।
(2) आवास की समस्या-गाँवों से शहरों की तरफ पलायन जिस गति से होता है, उस गति से आवास का निर्माण नहीं होता। मजबूरन एक कमरे में कई लोगों को एक साथ रहना पड़ता है। इसके अलावा धीरे-धीरे गंदी बस्तियों का भी निर्माण हो जाता है जहाँ पर रहना अपने आप में एक समस्या है।
(3) बुनियादी सुविधाओं की कमी-अधिकांश राज्यों के नगरों में लोगों को कुछ घण्टे ही पानी और बिजली की सुविधा मिल जाती है। नगरों की भीड़-भाड़ से स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे गिरता है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्वच्छता के प्रति पूरी तरह उदासीन हैं।
(4) जनसंख्या का बढ़ना-ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की तरफ जिस अनुपात में जनसंख्या की वृद्धि हो रही है, उस अनुपात में शहरों में सुविधाओं में वृद्धि नहीं हो रही है। गाँव से शहरों में आने वाले लोगों की अधिक संख्या के कारण उन्हें शहरों में कम मजदूरी पर कार्य करना पड़ता है जिससे सामाजिक अव्यवस्था बढ़ती चली जाती है।
(5) अपराधों में वृद्धि-नगरों में बढ़ते हुए संगठित अपराधों के कारण सामान्य लोग अपना जीवन बहुत असुरक्षित मानने लगे हैं। अपहरण, चोरियाँ, बलात्कार और लूट जैसी घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। बड़े-बड़े भू-माफिया जबरदस्ती लोगों की सम्पत्ति को हड़प रहे हैं। जालसाजी, शराबखोरी और मादक पदार्थों का सेवन नगरीकरण के घातक परिणाम हैं।
(6) मानसिक तनाव-नगरों में भीड़-भाड़ भरे माहौल से वैयक्तिक चिन्ता, कार्य सम्बन्धी असुरक्षा, अकेलापन व्यक्ति में मानसिक तनाव पैदा करता है। आपसी प्रतिस्पर्धा, संघर्षपूर्ण दशाओं और आर्थिक कठिनाइयों से परेशान होकर व्यक्ति मानसिक अवसाद का शिकार हो जाता है।

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